प्रशासन का शहर के सौन्दर्यीकरण एवं नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता पर विशेष फोकस: जिलाधिकारी

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जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज वरीय पदाधिकारियों के साथ पटना सदर एवं पटना सिटी अनुमंडल में विभिन्न क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने स्थानीय निवासियों से फीडबैक भी लिया। जिलाधिकारी द्वारा अधिकारियों को जन-सुविधाओं को उत्तरोत्तर बेहतर बनाने का निदेश दिया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार जनता की आवश्यकताओं एवं आकांक्षाओं के प्रति सजग एवं संवेदनशील है। सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र इसके लिए तत्पर है। जिला प्रशासन, पटना द्वारा सरकार के उद्देश्यों तथा निदेशों के अनुरूप विकासात्मक एवं लोक-कल्याणकारी योजनाओं का सफल क्रियान्वयन किया जा रहा है। पदाधिकारियों को जनहित के दृष्टिकोण से नियमित तौर पर अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान संचालित करने, यातायात प्रबंधन एवं शहर के सौन्दर्यीकरण पर विशेष ध्यान देने का निदेश दिया गया है।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि नागरिक सुविधाओं का विशेष ध्यान रखना ज़रूरी है। इसके लिए पार्किंग विकास, हरित विकास तथा अतिक्रमण मुक्ति की योजना चल रही है। इस कार्य योजना में आवश्यकता के अनुसार यू टर्न, पार्किंग, हरित क्षेत्र विकास किया जाएगा। दीर्घकालीन एवं अल्पकालीन योजना का निर्माण किया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने कहा कि आज उन्होंने दीघा से लेकर कंगन घाट तक निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि गंगा नदी क्षेत्र के असर्वेक्षित भूमि में कई जगहों पर अतिक्रमण कर लिया गया है एवं असामाजिक तत्वों द्वारा निहित स्वार्थों से प्रेरित हो कर अवैध ढंग से संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। निरीक्षण में देखा गया कि दीघा में गंगा नदी के क्षेत्र में गेट 88 के पास जेपी गंगापथ के दक्षिण तरफ अतिक्रमण कर अवैध संरचनाओं का निर्माण किया जा रहा है। आईटीआई के जमीन पर भी अतिक्रमण कर लिया गया है। यही स्थिति अन्य जगहों पर भी पायी गई है। जिलाधिकारी ने कहा कि यह खेदजनक है। नदी क्षेत्र का असर्वेक्षित भूमि सरकारी भूमि माना जाता है। अनुमंडल पदाधिकारियों को इन क्षेत्रों में दिनांक 23.01.2025 से ही प्रभावी ढंग से अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान चलाने का निदेश दिया गया ताकि जन-सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा सके। अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) को समुचित संख्या में दंडाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति कर अवैध संरचनाओं को हटाने का निदेश दिया गया। अंचल अधिकारी, पटना सदर तथा नगर कार्यपालक पदाधिकारियों को विधिवत अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान संचालित करने के लिए निदेशित किया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि आदतन अतिक्रमणकारियों के विरूद्ध विधि-सम्मत दंडात्मक कार्रवाई करने का भी निदेश अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को दिया गया है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के बाद संबंधित सरकारी विभागों एवं एजेंसियों के पदाधिकारियों को फेंसिंग एवं वृक्षारोपण कार्य करने का निदेश दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि अतिक्रमण हटाना जनहित के लिए आवश्यक है। कुछ लोगों द्वारा सरकारी भूमि पर अवैध ढंग से संरचनाओं का निर्माण किए जाने से समाज के एक बहुत बड़े वर्ग को दिनानुदिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह स्वीकार्य नहीं है। अतिक्रमण हटाकर उन क्षेत्रों में वन, नगर विकास एवं आवास, पथ निर्माण एवं अन्य विभागों द्वारा सौन्दर्यीकरण तथा विकास का कार्य कराया जाएगा। इससे लोगों को बेहतर सुविधा प्राप्त होगी तथा अपना कार्य करने में काफी सहूलियत होगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि आज उन्होंने कंगन घाट से पटना साहिब गुरूद्वारा एवं आस-पास भी निरीक्षण किया है। यहाँ देश-विदेश से हजारों की संख्या में संगत, श्रद्धालु एवं पर्यटक आते हैं। जन-सुविधाओं को बेहतर बनाने हेतु यहाँ मल्टि-लेवल पार्किंग एवं डेडिकेटेड कोरिडोर का निर्माण विचाराधीन है। इसके लिए सभी आवश्यक कार्य किया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने कहा कि बड़े नालों को ढक कर उनके ऊपर सड़क बनाने के लिए स्थिति का जायजा लेने हेतु आज उन्होंने राजीव नगर नाला एवं आनन्दपुरी नाला का भी निरीक्षण किया। दीघा आईटीआई के पास एवं पुराने गंगापथ का भी निरीक्षण किया गया। लोगों से फीडबैक भी लिया गया। इन क्षेत्रों के आगे विकास के लिए कार्य योजना का निर्माण किया जा रहा है।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि पटना का वृहत स्तर पर विकास हो रहा है। काफ़ी संख्या में पथ, सेतु, फ़्लाई ओवर बनाया गया है। मेट्रो का कार्य तीव्र गति से चल रहा है। सरकार की विभिन्न योजनाओं के सफल क्रियान्वयन ने आम जनता की जीवन शैली में सकारात्मक परिवर्तन लाया है।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार नागरिकों को सर्वाेत्तम सुविधा प्रदान उपलब्ध कराने की दिशा में तत्पर है। पटना जिला में शहरी व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए जिला प्रशासन के प्रस्ताव पर सरकार द्वारा डेडिकेटेड संगठनीय ढांचा की पूर्व में ही स्वीकृति दी गई है। जिला पदाधिकारी, पटना के नियंत्रणाधीन जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं संबंधित नगर निकायों की एकीकृत शहरी प्रबंधन इकाई के गठन की स्वीकृति दी गई है। सामान्य प्रशासन विभाग के तहत अपर जिला दंडाधिकारी (नगर-व्यवस्था) सहित लगभग 42 पदों का सृजन किया गया है। गृह विभाग के तहत पुलिस उपाधीक्षक के 3 पद, पुलिस निरीक्षक के 3 पद, पुलिस अवर निरीक्षक के 9 पद, सहायक पुलिस अवर निरीक्षक के 18 पद एवं सिपाही के 120 पदों सहित 153 पदों के सृजन की स्वीकृति दी गई है। नगर विकास एवं आवास विभाग के तहत अपर नगर आयुक्त के 2 पदों एवं कार्यपालक पदाधिकारी के 3 पदों का सृजन किया गया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि अपर जिला दंडाधिकारी (नगर व्यवस्था) को निर्देशित किया गया है कि शहरी प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए नियमित तौर पर अतिक्रमण उन्मूलन अभियान संचालित करें ताकि आम जनता को ट्रैफिक जाम इत्यादि समस्या का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि जनहित में सड़कों, फुटपाथ एवं सर्विस रोड सहित सभी सरकारी भूमि को अतिक्रमणमुक्त रखना आवश्यक है। इस उद्देश्य से समय-समय पर अतिक्रमण-उन्मूलन अभियान चलाया जाता है।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप प्रशासन का शहर के सौन्दर्यीकरण एवं नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता दोनों पर विशेष फोकस है। लोगों से भी नियमित फ़ीडबैक एवं सुझाव लिया जाता है। उन्होंने कहा कि सौन्दर्यीकरण के लिए हरित क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। यातायात के दृष्टिकोण से मानकों के अनुसार यू-टर्न, वन-वे, ट्रैफिक डायवर्सन, यातायात नियमों का अनुपालन, साईनेजेज का जगह-जगह प्रदर्शन इत्यादि का क्रियान्वयन किया जा रहा है। अवैध पार्किंग पर रोक लगाने से यातायात सुगम रखने में आसानी होगी। सुचारू यातायात व्यवस्था जनहित में अत्यावश्यक है। यह हमारे कार्यशैली एवं जीवन-शैली पर भी काफी प्रभाव डालता है।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि प्रशासन द्वारा आम जनता की सुविधा हेतु यातायात, परिवहन तथा पार्किंग के लिए बेहतर-से-बेहतर व्यवस्था करने का प्रयास किया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक (यातायात); अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर तथा अपर जिला दंडाधिकारी (विधि-व्यवस्था) की सदस्यता वाली एक त्रि-सदस्यीय उप समिति लगातार क्रियाशील है जो नगर निगम के अधिकारियों के साथ शहरी क्षेत्रों का लगातार भ्रमण कर नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता हेतु आवश्यक कार्रवाई करती है।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि यातायात नियंत्रण में साईन बोर्ड, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, वाहन गति उल्लंघन संसूचन, स्वचालित नम्बर प्लेट पहचान तंत्र काफ़ी सहायक होता है। उन्होंने कहा कि लोक-सुरक्षा सुनिश्चित करना हमसब का महत्वपूर्ण दायित्व है। सीसीटीवी-आधारित निगरानी (सर्वेलेन्स) तंत्र सुदृढ़ करने से इसमें काफी सहायता मिल सकती है। पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा नगर निगम क्षेत्रों में सीसीटीवी-आधारित सर्विलेंस सिस्टम (निगरानी केन्द्र) विकसित की गयी है। एडेप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम (एटीसीएस), वैरिएवल मैसेज साईन बोर्ड (वीएमडी), पब्लिक एड्रेस सिस्टम एवं इमर्जेन्सी कॉल बॉक्सेज (ईसीबी), स्पीड व्यालेशन डिटेक्शन (एसवीडी), ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) तथा इन्व्यारनमेंटल सेन्सर लोकेशन (ईएसएल) प्रणाली का क्रियान्वयन विभिन्न स्थानों पर किया जा रहा है। इंटेलीजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया जा रहा है।

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विदित हो कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लगभग 415 स्थानों पर 3300 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। इसमें सीसीटीवी सर्विलांस कैमरा 2,602; रेड लाइट वायलेशन डिटेक्शन (आरएलवीडी) कैमरा 473; ऑटोमेटिक नम्बर प्लेट रिकॉग्निशन (एएनपीआर) कैमरा 150; स्पीड व्यालेशन डिटेक्शन (एसवीडी) कैमरा 12 तथा व्हीकल डिटेक्शन एंड क्लासिफिकेशन (वीडीसी) कैमरा 120 लगाया गया है। 69 स्थलों पर पब्लिक एड्रेसल सिस्टम द्वारा नियमित तौर पर उद्घोषणा की जाती है।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा यातायात प्रबंधन एवं निगरानी में काफी अच्छी भूमिका निभाई जा रही है। उन्होंने अधिकारियों को निदेश दिया कि पटना स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) का प्रभावी ढंग से अनुश्रवण करें। सीसीटीवी कैमरों, पब्लिक एड्रेस सिस्टम, ईसीबी, आरएलवीडी, वीएमडी, एएनपीआर आदि का अधिष्ठापन/क्रियाशीलता सुनिश्चित करें।

ज़िलाधिकारी ने कहा कि नागरिकों के लिए संवेदनशील व्यवस्था का निर्माण; ज़िला में सर्वाेत्तम नागरिक सुविधाओं की उपलब्धता एवं शहर का सौन्दर्यीकरण प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसके लिए सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) को सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना होगा। उन्होंने कहा कि पटना पूर्वी एवं उत्तर-पूर्वी भारत के लिए द्वार (गेटवे) की भूमिका निभाता है। यहाँ उत्कृष्ट यातायात जीवन-सुरक्षा, आर्थिक वृद्धि, विकास एवं लोगों के जीवन-स्तर में सुधार लाने में उत्प्रेरक का काम करेगा। अतः उच्च तकनीकों पर आधारित यातायात-प्रबंधन पटना जैसे महत्वूर्ण शहर के लिए अत्यावश्यक है।

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