मुख्यमंत्री ने वाल्मीकिनगर के पुरानी त्रिवेणी नहर में विकसित किये गए बोट सफारी का किया लोकार्पण
न्यूज़ डेस्क:- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज वाल्मीकिनगर (पश्चिमी चंपारण) में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत पुरानी त्रिवेणी नहर में विकसित किये गए बोट सफारी का फीता काटकर लोकार्पण किया।
पर्यटकों को बोट सफारी समर्पित करने के पश्चात् मुख्यमंत्री ने बोट सफारी के अंतर्गत नौकायान कर पुरानी त्रिवेणी नहर का मुआयना भी किया। मुआयना के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पुरानी त्रिवेणी नहर में बोट सफारी की शुरुआत हुई है इसलिए इसके पानी के फ्लो को भी ध्यान में रखना होगा। मुख्यमंत्री ने डेड कैनाल के आखिरी छोर (एंड पॉइंट) को दोन कैनाल से जोड़ने का निर्देश दिया ताकि बोट सफारी हेतु डेड कैनाल में जलस्तर मेंटेन रहे। वही डेड कैनाल के प्रारंभिक छोर (स्टार्ट पॉइंट) को सड़क के नीचे से गंडक नदी से जोड़ दें ताकि पानी का फ्लो होता रहे।
मुख्यमंत्री ने वाल्मीकिनगर में गंडक नदी के तट पर प्रस्तावित वाल्मीकि सभागार के लिए चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह स्थल महर्षि वाल्मीकि के नाम पर है, जिस प्रकार गया में भगवान बुद्ध के नाम पर महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण कराया गया है, ठीक उसी प्रकार यहां निर्मित होनेवाले 102 कमरों के सभागार का नामकरण वाल्मिकी सभागार किया गया है। इसके खुले हिस्से में वृक्षारोपण भी किया जाएगा।
निरीक्षण के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गंडक नदी के जिस प्वाइंट पर त्रिवेणी नहर निकलती है और जहां इसका इण्ड प्वाइंट है वहां भी जाएंगे। 50 वर्ष पहले से इसका इरिगेशन के लिये उपयोग होता था, बाद में यह बंद हो गया। अधिक वर्षापात के कारण इसमें पानी रहता है, इसे देखते हुए इसकी शुरुआत कराई गयी है, यह ठीक है। पर्यटक भी इसका लाभ उठायेंगे। हमलोगों ने यहां ईको टूरिज्म की शुरुआत कराई है। ईको टूरिज्म को बढावा देने के लिये यह भी एक कदम है। कुछ लोग यहां घूमने आयेंगे और चले जायेंगे, कुछ लोग रूकेंगे भी, सभी लोगों के लिये सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। ईको टूरिज्म से रोजगार भी बढ़ेगा।
रिपोर्ट :- प्रतिमा