शोषित समाधान केंद्र का 17वां फाउंडर्स डे मनाया गया
राजधानी पटना में शोषित समाधान केंद्र का 17वां फाउंडर्स डे मनाया गया | इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों के द्वारा कई शैक्षिक व सांस्कृतिक मनोहारी कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए जिनमें शेक्सपियर का प्रसिद्द नाटक ‘मर्चेंट ऑफ़ वेनिस’, चन्द्रगुप्त की वीर यात्रा, माइम एक्ट, देशभक्ति डांस, गिव मी आयल इन माय लैंप इत्यादि के अलावे कुछ वैज्ञानिक प्रदर्शो को भी शामिल किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि के रूप में पधारे पारस हेल्थ के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. धरमिंदर नागर, विशिष्ट अतिथि के रूप में आये आर्यावर्त सहोदया के संस्थापक डॉ. सी. बी. सिंह, शोषित सेवा संघ के अध्यक्ष, श्री श्रीवर्धन सिन्हा, प्रख्यात सर्जन व शोषित सेवा संघ के ट्रस्टी, डॉ. ए.ए. हई, विद्यालय के निदेशक व पूर्व आईपीएस, श्री बी.सी. वर्मा व डॉ. स्निग्धा प्रसाद, शोषित सेवा संघ के ट्रस्टी, श्री परेश परासनिस, विद्यालय के प्राचार्य डॉ. हिमांशु पांडेय व अन्य गणमान्य अतिथियों आदि ने दीप प्रज्वलन के साथ की।
शोषित सेवा संघ के अध्यक्ष, श्री श्रीवर्धन सिन्हा ने अपने स्वागत भाषण में अतिथियों का स्वागत करते हुए कहां कि “शोषित सेवा संघ (एस.एस.एस.) एक गैर सरकारी संस्था है जो मुसहर समुदाय के बच्चों के लिए एक संपूर्ण निःशुल्क आवासीय विद्यालय शोषित समाधान केंद्र संचालित करता है। यह विद्यालय सीबीएसई (+2) से सम्बद्धता प्राप्त है और वर्तमान में यहाँ पुरे बिहार के सभी ज़िलों से महादलित शोषित व वंचित मुसहर समुदाय के बच्चें अध्ययनरत है जिन्हे इस विदयालय में पूर्णतः निःशुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा,आवास, भोजन, वस्त्र, पाठ्यपुस्तक, चिकित्सा आदि सुविधाएं उपलब्ध है। इस विद्यालय से उत्तीर्ण छात्र मुसहर समाज के इतिहास में पहले वकील, इंजीनियर, शिक्षक, एंटरप्रेन्योर बने। साथ ही कई छात्र देश-विदेश के शीर्ष कॉलेजो जैसे – लफायेत कॉलेज-अमेरिका, अशोका यूनिवर्सिटी, अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद यूनिवर्सिटी, विद्याशिल्प यूनिवर्सिटी, साई यूनिवर्सिटी आदि में अध्ययनरत है”।
शोषित सेवा संघ के ट्रस्टी, डॉ. ए.ए. हई ने कहा कि “यह वाकई पीड़ादायक हैं कि इस शांतिपूर्ण क्रांति जिसकी शुरुवात मेरे मित्र श्री जे.के. सिन्हा ने कई वर्षों पहले की थी, हाल की सफलता की कहानियों को देखने के लिए अब वो हमारे बीच नहीं हैं। वे मुसहर समुदाय के सैकड़ो बच्चों के लिए पितातुल्य थे और कइयों के लिए प्रेरणास्रोत थे। डा. हई ने कहां कि यद्पि उनके आकस्मिक निधन से एक ऐसा स्थान रिक्त हो गया है जिसकी पूर्ति असंभव है। पर शोषित सेवा संघ परिवार न सिर्फ उनके इस धरोहर को संरक्षित करेगा बल्कि उनके उद्देश्य के प्राप्ति के लिए दिन-दूनी रात-चौगुनी प्रयास कर इसे और आगे बढ़ाएगा जिसके द्वारा मुसहर समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर, उन्हे उनके समाज का प्रतिनिधि बनाकर मुसहर समुदाय के दशा एवं दिशा में परिवर्तन लाया जा सके”।
मुख्य अतिथि पारस हेल्थ के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. धरमिंदर नागर ने अपने संबोधन में कहा कि “शोषित समाधान केंद्र के संस्थापक स्व. श्री ज्योतिनिवास कुमार सिन्हा सेवानिवृति के उपरांत मुसहर समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए इस विद्यालय की शुरूआत की। जब ये बच्चे इस विद्यालय से उत्तीर्ण होकर निकलेंगे तो इनका दाखिला न सिर्फ देश – विदेश के शीर्ष कॉलेजों में होगा बल्कि ये समाज में बदलाव के प्रतिनिधि होंगे। आज भी जब मैं उनके उस वक़्त के विचारों के बारे में सोचता हूँ तो काफी प्रेरित होता हूँ। समाज सेवा के क्षेत्र में श्री जे.के.सिन्हा के इस उत्कृष्ट कार्य के लिए भारत के राष्ट्रपति ने 2019 में उन्हें पद्म श्री से सम्मानित किया था। हमें उनके बताये हुए मार्ग पर चलने का संकल्प लेना चाहिए और उनके द्वारा स्थापित इस धरोहर को न केवल संजो कर रखने का प्रयास करना है अपितु इसे और आगे बढ़ाना है। मुझे ख़ुशी है कि इस दिशा में शोषित सेवा संघ लड़कियों के लिए भी एक विद्यालय खोलने के दिशा में कदम बढ़ा चुका है”।
विशिष्ट अतिथि एवं प्रसिद्द शिक्षाविद डा. सी. बी. सिंह ने कहा कि श्री जे के सिन्हा साहब द्वारा स्थापित यह विद्यालय समाजकल्याण का अप्रतिम उदाहरण है, इस विद्यालय के विद्यार्थियों की सफलता और इसके माध्यम से मुसहर समुदाय में जो युंगांतकारी परिवर्तन हुआ है वह निसंदेह उनकी दूरदर्शिता का परिचायक है। कार्यक्रम का समापन सभी आगंतुक अतिथियों, अभिभावकों, प्राचार्यों, उपस्थित मीडिया कर्मियों , विद्यालय परिवार के होनहार छात्रों, विद्वान शिक्षकों व परिश्रमी विद्यालय कर्मियों को धन्यवाद् ज्ञापन के साथ विद्यालय के प्राचार्य डा. हिमांशु कुमार पांडेय द्वारा किया गया।