नशा मुक्ति दिवस पर अनुमंडल कार्यालय में एसडीओ बा टीएसपी नशा मुक्ति बनाने की शपथ ली

न्यूज़ डेस्क –  “नशा नाश का जड़ है भाई, घर-घर में है आग लगाई “ जैसे नारों के साथ अनुमंडल कार्यालय में नशामुक्ति की शपथ ली . इस दौरान एसडीओ व डीएसपी ने आह्वान किया कि एकदम नशा का सेवन नहीं करे और करने दें . समाजसेवी सह ज़िला ब्रांड ऐंबेसडर डा. आशुतोष कुमार मानव ने नशा को हर तरह के अपराध की जननी बताया. उन्होंने कहा कि शराब, गुटखा, खैनी आदि के सेवन से स्वास्थ्य तो ख़राब होता ही है साथ – साथ पूरे परिवार में तवाही मच जाती है . नशा करने से कई गम्भीर बीमारियाँ हो जाती हैं जिसका इलाज सही से नहीं हो पाता और अंततः व्यक्ति की जान असमय चली जाती है। डीएसपी कृष्ण मुरारी शरण ने कहा कि लगातार इस तरह का अभियान शिक्षण संस्थानों के साथ साथ विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में भी चलाया जाएगा ताकि आम जन नशे से होने वाली हानियों के प्रति जागरुक हो सकें . उन्होंने कहा कि केवल भय दिखाकर नशे का ख़ात्मा जड़ से नहीं सम्भव है. लोगों का दिल परिवर्तन करके ही इसे पूरी तरह समाप्त किया जा सकेगा. इस जन अभियान में सबकी भागीदारी होनी चाहिए . नशामुक्ति अभियान को सफल बनाने के लिए सामूहिक संकल्प लिया . इस अवसर पर पर अनुमंडल पदाधिकारी शशांक कुमार कल्याण पदाधिकारी अविनाश कुमार रवि कुमार ओम प्रकाश राय उमाशंकर प्रसाद समेत पुलिस कर्मी शिक्षक व कर्मचारियों उपस्थित थे .

नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, नशा मुक्ति को लेकर दिलायी शपथ

 न्यूज़ डेस्क – मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार आज सम्राट अशोक कंवेन्शन केंद्र के ज्ञान भवन में नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम के शुरुआत के पूर्व सम्राट अशोक कंवेन्शन केंद्र परिसर में मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध प्रचार-प्रसार अभियान हेतु मद्य निषेध रथ एवं प्रचार बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मुख्यमंत्री ने ज्ञान भवन के निचले तल्ले में नशा मुक्ति पर पेंटिंग, कोलॉर्ज एवं टेराकोटा प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा अवलोकन किया। अवलोकन के पश्चात मुख्यमंत्री के समक्ष ‘नशा मुक्त परिवार खुशहाल परिवार’ पर आधारित शैडो डांस लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने नशा मुक्ति को लेकर खुद शपथ लेते हुए वहां उपस्थित लोगों को शपथ दिलाई कि सत्य निष्ठा के साथ यह शपथ लेता हूं कि मैं आजीवन शराब का सेवन नहीं करुंगा। मैं कर्तव्य पर उपस्थित रहूं या न रहूं, अपने दैनिक जीवन में भी शराब से संबंधित गतिविधियों में किसी प्रकार से शामिल नहीं होऊंगा। शराबबंदी को लागू करने के लिए जो भी विधि सम्मत कार्रवाई अपेक्षित है उसे करुंगा। यदि शराब से संबंधित किसी भी गतिविधि में शामिल पाया जाऊंगा तो नियमानुसार कठोर कार्रवाई का भागीदार बनूंगा। कार्यक्रम के दौरान नशा मुक्ति पर आधारित गीत की प्रस्तुति की गई। साथ ही नशा मुक्ति के प्रचार-प्रसार हेतु जिंगल्स, वीडियो, ऑडियो संदेश का प्रदर्शन तथा जीविका द्वारा नशा मुक्ति पर तैयार की गई लघु फिल्म, जहरीली शराब के नुकसान पर आधारित लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया। मुख्यमंत्री ने मोबाइल पर जनता के नाम संदेश का लोकार्पण किया तथा नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर सभी नगर निकाय प्रतिनिधियों को भेजे जानेवाले संदेश का अनावरण किया।


कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने मद्य निषेध को लेकर उत्कृष्ट कार्य करने वाले किशनगंज के पुलिस अधीक्षक श्री कुमार आशीष सहित अन्य पुलिस पदाधिकारियों, मद्य निषेध एवं उत्पाद विभाग के पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशस्ति पत्र एवं मेडल प्रदान कर सम्मानित किया।इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर मैं सभी का अभिनंदन और स्वागत करता हूं। पूर्व के वक्ताओं ने सभी बातों की चर्चा विस्तार से कर दी है। 9 जुलाई 2015 को पटना के एक कार्यक्रम में मैं जब संबोधन समाप्त करके वापस गया तो वहां बैठी महिलाओं ने शराबबंदी की मांग की। मैंने उस वक्त ही वापस लौटकर कह दिया था कि अगर लोगों ने मुझे अगली बार फिर से काम करने का मौका दिया तो हम बिहार में शराबबंदी लागू कर देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार आने के बाद 1 अप्रैल 2016 को हमने नगर निगम और नगर परिषद को छोड़कर सभी जगहों  पर शराबबंदी लागू कर दी। नगर निगम और नगर परिषद में विदेशी शराब बिक्री करने की अनुमति थी। उस समय शहरों में विदेशी शराब की दुकान को खोलने का लोगों ने भारी विरोध करना शुरू किया तो हमलोगों ने 5 अप्रैल से पूरे बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी। उन्होंने कहा कि बिहार में वर्ष 2011 से हमने 26 नवम्बर को मद्य निषेध दिवस मनाना शुरू किया और शराबबंदी के बाद वर्ष 2017 में इसका नाम नशा मुक्ति दिवस कर दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी काम कीजियेगा तो चंद लोग गड़बड़ करने वाले हमेशा रहते हैं, शत प्रतिशत लोग किसी भी चीज को स्वीकार नहीं करते हैं। शराबबंदी को लेकर हमने 9 बार समीक्षा बैठक की है। हाल ही में शराबबंदी को लेकर 7 घंटे लगातार समीक्षा बैठक की गयी थी और उसमें एक-एक बिंदुओं पर चर्चा हुयी थी। इस बैठक में सभी चीजों की समीक्षा की गई थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2016 में जहरीली शराब से हुई मौत के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई भी की गई। हाल ही में जहरीली शराब पीने से हुई मौत के दोषियों पर भी
कार्रवाई की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब पीने से होने वाली हानि को लेकर डब्लू०एच0ओ0 ने वर्ष 2016 में दुनिया भर में एक सर्वे कराया था जिसकी रिपोर्ट वर्ष 2018 में प्रकाशित की गयी। भर में होने वाली कुल मौतों में 6.3 प्रतिशत मृत्यु यानि करीब 30 लाख लोगों की मौत शराब पीने से हुई। 20 से 30 आयु वर्ग के युवक/युवतियों में होने वाली मृत्यु का 13.5 प्रतिशत शराब पीने से होती है। 18 प्रतिशत लोग शराब पीने के कारण आत्महत्या करते हैं।


आपसी झगड़े का 18 प्रतिशत कारण शराब पीना होता है। विश्व में जितनी सड़क दुर्घटनायें होती है उसमें 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनायें शराब पीने की वजह से होती है। शराब पीने की वजह से होने वाली गंभीर बीमारियों में से लीवर की गंभीर बीमारी 48 प्रतिशत, मुंह के कैंसर का 26 प्रतिशत, पैनक्रियाज की गंभीर बीमारी 26 प्रतिशत तथा टी0बी0 की गंभीर बीमारी 20 के आस-पास शराब पीने के कारण होती है। यह रिपोर्ट बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद आयी है। डब्लू0एच0ओ0 की इस रिपोर्ट में शराब के सेवन के दुष्परिणामों को लेकर व्यापक चर्चा की गई है। हमें खुशी है कि जिस कारण से हमलोगों ने राज्य में शराबबंदी लागू किया डब्लू०एच०ओ० की यह रिपोर्ट इसकी पुष्टि करती है। इस रिपोर्ट में शराब से होने वाली हानियों के बारे में लोगों को सचेत करने के लिए पर्याप्त आंकड़ें दिये गये हैं। लोगों को हमेशा सचेत करने के लिए हम इस रिपोर्ट के बारे में बताते रहते हैं। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट का लोगों के बीच में और प्रचार-प्रसार करायें ताकि वे शराब सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में जागरुक रहें। इसका प्रचार प्रसार करना जरूरी है ताकि लोग समझ सकें कि शराब कितनी बुरी चीज है। लोगों के हित में बिहार में शराबबंदी लागू की गयी है। बापू ने भी कहा था कि शराब बुरी चीज है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विधान सभा और विधान परिषद् में सर्व सम्मति से शराबबंदी का प्रस्ताव पास किया गया। उस समय सरकार में जो थे और जो विपक्ष में थे, सभी ने शराबबंदी
का समर्थन किया। शराबबंदी के खिलाफ बोलने वाले कुछ लोग भूल जाते हैं कि शराबबंदी लागू करने के वक्त मद्य निषेध विभाग के मंत्री किस पार्टी के थे। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी का अध्ययन करने कई राज्यों के लोग आये हैं। कई राज्यों ने इसको लेकर मुझे अपने राज्यों में बुलाया भी था। केरल के लोग पिछले 22 साल से शराबबंदी के लिये अभियानचला रहे है। शराबबंदी लागू होने से पर्यटकों की संख्या घट जाती है, यह एक भ्रम है। बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद पर्यटकों की संख्या और बढ़ी है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी कानून को मजबूती से लागू करने के लिये एक बार फिर से शपथ दिलायी जा रही है। शपथ लेने से मन फिर से मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि बाएं-दाएं करने वालों पर सख्ती से कार्रवाई करें। सरकारी तंत्र में भी जो गड़बड़ करने वाले हैं उन पर भी नियमानुसार कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि पटना शहर पर विशेष नजर रखें। पटना के कंट्रोल होने से पूरा बिहार कंट्रोल हो जायेगा। उन्होंने कहा कि शराब की सूचना मिलने पर पुलिस का छापेमारी करने जाना कोई गुनाह नहीं है। शादी समारोह हो या और कोई समारोह जब भी सूचना मिलेगी तो पुलिस जायेगी। नियमानुसार कार्रवाई हो, इसका ख्याल रखना जरूरी है। कुछ लोग ऐसे बयान दे रहे हैं कि बाहर से आने वालों को शराब पीने की छूट देनी चाहिये। ऐसे बयान देने वालों के मन में जरूर कोई गड़बड़ करने वाली बात है। पहले लोग कहते थे कि शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार की आमदनी घट गयी है लेकिन ऐसी कोई बात नहीं है। पहले वर्ष 5000 करोड़ रूपये के राजस्व का घाटा हुआ था। उसके अगले वर्ष 1200 करोड़ रुपये के राजस्व का घाटा हुआ लेकिन अगले साल से शराबबंदी से कोई राजस्व की हानि नहीं होने लगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद बिहार में फल, सब्जी और दूध की खपत बढ़ गयी है। फल, सब्जी और दूध का उत्पादन भी बढ़ा है और बिक्री भी बढ़ी है।
शराबबंदी के बाद शराब का सेवन नहीं करने के कारण बचे पैसे से लोग फल, सब्जी और दूध खरीद रहे हैं। शहरों में वातावरण बेहतर हुआ है।  बिहार में शराबबंदी के सफल होने से दूसरे राज्य भी इसे लागू करने को लेकर प्रेरित होंगे। वर्ष 2017 में 21 जनवरी को शराबबंदी को लेकर मानव श्रृंखला बनायी गयी थी। इसमें अन्य लोगों के साथ-साथ पत्रकारों ने भी शराबबंदी की शपथ ली थी। शराबबंदी को लेकर सभी लोगों ने
अपना सहयोग और समर्थन दिया है। हमें भरोसा है कि आगे भी सभी लोग इस अभियान को अपना समर्थन देंगे। आज सभी लोगों ने शपथ ली है। मुख्य सचिव और डी0जी0पी0 सभी सरकारी तंत्र के लोगों की शपथ लेने की पुष्टि कर लें।

पारिवारिक पार्टियां देश को नुकसान पहुंचा रही हैं – नीतीश कुमार

नशा मुक्ति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के बाद पारिवारिक पार्टियों पर उठे सवाल पर पत्रकारों द्वारा पूछे गये प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पारिवारिक पार्टियां देश को नुकसान पहुंचा रही हैं ये बिल्कुल सही है। हमलोग तो शुरू ये मानकर चल रहे हैं कि पारिवारिक पार्टियों का कोई मतलब नहीं है। आजकल लोग खुद को, अपने परिवार को, बाल बच्चे को राजनीति में जगह देना चाहते हैं। राजनीति में परिवारवाद का कोई मतलब नहीं होना चहिये लेकिन आजकल कई दल इसी राह पर चल रहे हैं। कुछ दिनों के लिये भले ही परिवारवाद चल जाये लेकिन कुछ समय के बाद उनका सर्वाइवल संभव नहीं होगा।

बिहार के मुख्यमंत्री करेंगे एनटीपीसी बरौनी और बाढ़ की पावर युनिट्स का लोकार्पण

न्यूज़ डेस्क –  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 27 नवम्बर 2021 को केन्द्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा मंत्री  आर.के. सिंह की गरिमामय उपस्थिति में एनटीपीसी बाढ़ सुपर थर्मल पावर स्टेशन, पटना की युनिट-1 (660 मेगावॉट) और एनटीपीसी बरौनी थर्मल पावर स्टेशन की स्टेज-2 (500 मेगावॉट) का लोकार्पण करेंगे।
गिरीराज सिंह, केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री, श्री राजीव रंजन, विधायक, लोकसभा, मुंगेर, श्री नीरज कुमार, विधान परिषद के सदस्य, बिहार, श्री राम रतन सिंह, विधानसभा सदस्य, तेघरा, बिहार, श्री राज कुमार सिंह, विधानसभा सदस्य, मटीहानी, बिहार, श्री ज्ञानेन्द्र कुमार सिंह, विधानसभा सदस्य, बाढ़ तथा बाढ़ एवं बरौनी क्षेत्र के अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि भी इस अवसर पर मौजूद रहेंगे। बिहार के नागरिकों, राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों तथा विद्युत मंत्रालय के अधिकारियों को भी समारोह में हिस्सा लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।


श्री गुरदीप सिंह, सीएमडी, एनटीपीसी लिमिटेड, एनटीपीसी के निदेशक एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी दोनों कार्यक्रमों में मौजूद रहेंगे।
एनटीपीसी समूह ने बिहार राज्य में 7970 मेगावॉट क्षमता स्थापित की है और 1980 मेगावॉट अतिरिक्त क्षमता निर्माणाधीन है।
एनटीपीसी द्वारा बाढ़ में 3300 मेगावॉट क्षमता स्थापित की गई है, जिसमें से 1320 मेगावॉट का वाणिज्यिक संचालन मार्च 2106 से जारी है।
विद्युत क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देने तथा बिहार राज्य में विद्युत की उपलब्धता बढ़ाने, इसकी लागत को कम करने के लिए राज्य सरकार ने 15 दिसम्बर 2018 को बरौनी थर्मल पावर स्टशन, बरौनी को एनटीपीसी लिमिटेड को हस्तांतरित किया था।


अपनी सीएसआर पहल के तहत एनटीपीसी द्वारा बिहार राज्य में सामुदायिक विकास की कई गतिविधियां चलाई जा रही हैं। ये गतिविधियां मुख्य रूप से शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी सुविधाओं के विकास, पेयजल, सेनिटेशन, कौशल विकास/ व्यवसायिक प्रशिक्षण प्रोग्रामों को बढ़ावा देने तथा दिव्यांगजनों को सहयोग प्रदान करने के लिए की गई हैं। साथ ही एनटीपीसी की स्थापित परियाजाओं द्वारा विभिन्न सामुदायिक विकास गतिविधियां आस-पास के गांवों में कार्यान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं। एनटीपीसी एम्स पटना में विशेष बर्न युनिट की स्थापना भी कर रही है और औरंगाबाद ज़िले में आईटीआई का निर्माण कर रही है।
एनटीपीसी भारत सरकार की एक महारत्न कंपनी है, वर्तमान में इसकी स्थापित क्षमता 67,907 मेगावॉट है (संयुक्त उद्यम सब्सिडरियों सहित) और 2032 तक एनटीपीसी ने 130 गीगावॉट की कंपनी का बनने का लक्ष्य तय किया है।

लोकतंत्र की बुनियाद है भारतीय संविधान – ओम बिरला, लोक सभा अध्यक्ष

न्यूज़ डेस्क –  भारत विश्व का महानतम कार्यशील लोकतंत्र है। ऐसा न केवल इसके विशाल आकार अपितु इसके बहुलतावादी स्वरूप और समय की कसौटी पर खरे उतरने के कारण है। लोकतांत्रिक परंपराएं और सिद्धांत भारतीय सभ्यता की विरासत के अभिन्न अंग रहे हैं। हमारे समाज में समता, सहिष्णुता, शांतिपूर्ण सहअस्तित्व और लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित जीवन शैली जैसे गुण सदियों से विद्यमान रहे हैं। वास्तव में लोकतंत्र की जड़ें हमारी राजनीतिक चेतना में बहुत गहराई तक समाई हुई हैं। इसलिए हमारे देश में विभिन्न कालखंडों में चाहे कोई भी शासन व्यवस्था रही हो, लेकिन आत्मा लोकतंत्र की ही रही।
विदेशी दासता से हमारी मुक्ति का संघर्ष सत्य, अहिंसा और व्यापक जन भागीदारी पर आधारित था। अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों ने आजाद और समृद्ध भारत का सपना देखा था; सामाजिक, आर्थिक न्याय पर आधारित समतामूलक समाज के निर्माण का सपना देखा था। इसके लिए कष्ट सहे और बलिदान दिया। एक लंबे संघर्ष के बाद हमें आजादी मिली। दुनिया के अनेक देशों ने आजादी पाई, परंतु भारत की आजादी दुनिया भर में मिसाल बनी।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जब देश की आजादी के नायकों और हमारे मनीषियों ने देश के लिए संविधान की रचना की, तब हमारे संविधान में स्वतंत्रता, समानता, बंधुता और न्याय के आधारभूत मूल्यों को सहज ही शामिल कर लिया गया। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत जैसे विशाल एवं विविधतापूर्ण देश के लिए यह एक बड़ी चुनौती थी कि लोकतांत्रिक व्यवस्था को कायम रखते हुए किस प्रकार अपने देशवासियों के सामाजिक-आर्थिक जीवन में समृद्धि लाई जा सके। संविधान निर्माण के समय हमारे संविधान निर्माताओं के समक्ष तीन मुख्य उद्देश्य थे – राष्ट्र की एकता और स्थिरता को सुरक्षित रखना, व्यक्तियों की निजी स्वतंत्रता और कानून के शासन को सुनिश्चित करना तथा ऐसी संस्थाओं के विकास के लिए जमीन तैयार करना जो आर्थिक और सामाजिक समानता के दायरे को व्यापकतर बनाए। हमारे संविधान निर्माताओं ने अपने अनुभव, ज्ञान, अपनी सोच तथा देश की जनता से जुड़ाव के चलते न केवल इन लक्ष्यों को सिद्ध किया बल्कि हमें एक ऐसा संविधान दिया जो अपने समय का सबसे प्रगतिशील एवं विकास उन्मुखी संविधान है।
हमारा देश विशाल एवं विविधतापूर्ण देश है। यह तेजी से संक्रमणकाल से गुजर रहा है। देश के समक्ष नई-नई चुनौतियां हैं। परंतु हमारा संविधान हमें इन चुनौतियों से निपटने की शक्ति देता है। साथ ही, इसमें देश की जनता की आशाओं और आकांक्षाओं को पूरा करने का भी पर्याप्त सामर्थ्य है। यही कारण है कि यह संविधान आज भी हमारा सबसे बड़ा मार्गदर्शक है। यह देश में न सिर्फ कानून का शासन स्थापित करता है बल्कि यह केंद्र और राज्य सहित देश की सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं को प्रदत्त शक्तियों का स्रोत भी है। भारत के संसदीय लोकतंत्र की सफलता भारत के संविधान की सुदृढ़ संरचना और इसके द्वारा विहित संस्थागत ढांचे पर आधारित है। 26 नवम्बर का दिन हमारे लिए इसलिए महत्वपूर्ण है कि वर्ष 1949 में इसी दिन हमारे देश की संविधान सभा ने 90 हजार शब्दों से तैयार किए गए संविधान को अपनाया था।
संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. अम्बेडकर की 125वीं जयंती के मौके पर वर्ष 2015 में केन्द्र सरकार ने घोषणा की थी कि 26 नवम्बर का दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाए।
भारत के संविधान की सर्वाधिक उल्लेखनीय विशेषता यह है कि इसका विचारदर्शन चिरस्थायी है, लेकिन इसका खाका लचीला है। हमारा संविधान केवल अमूर्त आदर्श नहीं है, बल्कि यह एक सजीव दस्तावेज है। भारतीय संविधान के बल पर हम राजनीतिक लोकतंत्र के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक लोकतंत्र की स्थापना कर पाए हैं। भारतीय संविधान सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन लाने में सबसे मजबूत साधन सिद्ध हुआ है। हमारा संविधान समय के साथ-साथ नई आशाओं, आकांक्षाओं और परिस्थितियों पर खरा उतरता रहा है और वस्तुत: यह निरंतर विकसित हो रहा है ।
पिछले 72 वर्षों में हमारा लोकतांत्रिक अनुभव सकारात्मक रहा है। सात दशकों की अपनी यात्रा में हमें अत्यंत गौरव के साथ पीछे मुड़ कर देखना चाहिए कि हमारे देश ने, न केवल अपने लोकतांत्रिक संविधान का पालन किया है, बल्कि इस दस्तावेज में नए प्राण फूंकने और लोकतांत्रिक चरित्र को मजबूत करने में भी अत्यधिक प्रगति की है। हमने ‘जन’ को अपने ‘जनतंत्र’ के केंद्र में रखा है और हमारा देश न केवल सबसे बड़े जनतंत्र के रूप में, बल्कि एक ऐसे देश के रूप में उभर कर सामने आया है, जो निरंतर पल्लवित होने वाली संसदीय प्रणाली के साथ जीवंत और बहुलतावादी संस्कृति का उज्ज्वल प्रतीक है। हमने संविधान की प्रस्तावना के अनुरूप एक समावेशी और विकसित भारत के निर्माण के लिए न केवल अपनी नीतियों एवं कार्यक्रमों को साकार करने पर ध्यान केंद्रित किया है, बल्कि हम शासन-प्रणाली में भी रूपांतरण कर रहे हैं। यह वास्तव में एक आदर्श परिवर्तन है, जिसमें लोग अब निष्क्रिय और मूकदर्शक या ‘लाभार्थी’ नहीं रह गए हैं, बल्कि परिवर्तन लाने वाले सक्रिय अभिकर्ता हैं।
भारतीय लोकतंत्र की विकास-यात्रा में अब तक सत्रह आम चुनावों और राज्यों की विधानसभाओं के लिए भी कई सफल चुनावों का आयोजन किया जा चुका है। प्रत्येक चुनाव से भारतीय लोकतंत्र समृद्ध हुआ है। एक राजनीतिक दल से दूसरे राजनीतिक दल को सत्ता का निर्बाध हस्तातंरण हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली की सफलता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है ।
हमारा संविधान हमारे राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को दिशा प्रदान करता है। परंतु विकास के स्वरूप और उसकी गति को निर्धारित करना हमारा काम है। हमारी प्रमुख निष्ठा हमारे संविधान के मूल्यों तथा हमारे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास के फायदों को समाज के निचले पायदान पर ले जाने की होनी चाहिए। इसके लिए हमें संविधान प्रदत्त अधिकारों के साथ-साथ अपने दायित्वों के निर्वहन के महत्व को भी समझना होगा। हमारे संविधान में नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का अद्भुत संतुलन है। आजादी के 75 वर्षों में अब वह समय आ गया है कि राष्ट्रहित में नागरिक कर्तव्यों को समान महत्व दिया जाए। यदि हम राष्ट्रीय उद्देश्यों और संवैधानिक मूल्यों के प्रति अपने कर्तव्यों का पालन पूरी निष्ठा एवं प्रतिबद्धता के साथ करेंगे तो हमारा देश विकास पथ पर तीव्र गति से अग्रसर होगा तथा हमारा लोकतंत्र और अधिक समृद्ध एवं परिपक्व बनेगा।
आज हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। हम एक प्रमुख विश्व अर्थव्यवस्था के रूप में निरंतर विकास कर रहे हैं। परंतु हमारे विकास की धारा एकध्रुवीय न होकर सर्वसमावेशी और समतावादी है। ऐसा इसलिए संभव हो सका है कि क्योंकि हमारा संविधान हमें ऐसी राह दिखाता है और यह सुनिश्चित करता है कि विकास यात्रा में समाज का कोई भी हिस्सा पीछे न रह जाए। हमारी लोकतांत्रिक प्रणाली स्थानीय स्वशासन तथा पंचायती राज जैसी संस्थाओं के माध्यम से महिलाओं तथा समाज के कमजोर वर्गों की सामाजिक आर्थिक प्रगति में भागीदारी पर बल देती है।
संविधान वह मूलभूत विधि है जिस पर उस देश के अन्य सभी कानून आधारित होते हैं। यह एक पवित्र दस्तावेज है और सभी को इसके आदर्शों के प्रति पूरी तरह निष्ठावान होना चाहिए। संविधान के अंतर्गत राष्ट्र के सभी अंगों को उन लोगों की आशाओं और आकांक्षाओं के प्रति संवेदनशील होने का अधिदेश सौंपा गया है जिनके हितों की रक्षा के लिए वे बनाए गए हैं। हमारी संसदीय प्रणाली के सुचारू संचालन के लिए लोकतंत्र की तीनों शाखाओं न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका को अपनी स्वतंत्रता के प्रति जागरूक रहते हुए आपसी समन्वय से कार्य करना चाहिए।
आज संविधान दिवस के इस पावन अवसर पर हम सभी स्वतंत्रता आंदोलन के आदर्शों और अपने संविधान निर्माताओं की आशाओं और अपेक्षाओं का श्रद्धापूर्वक स्मरण करें और उन्हें पूरा करने का संकल्प लें।

कोरोना योद्धओं को किया गया सम्मानित

 

 

न्यूज़ डेस्क:- सहयोगी संस्था इंडिया के सौजन्य से कोरोना योद्धा सम्मान समारोह का आयोजन अम्बेडकर शोध संस्था, दरोगा राय पथ में किया गया | इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ. विनोद यादव, पूर्व विधायक एवं विशिष्ट अतिथि दिनेश कुमार अरोड़ा यूवा प्रदेश अध्यक्ष, जदयू डॉ. कमल प्रसाद बौध, महासचिव बुद्ध मिशन ऑफ़ इंडिया, अभय कुमार एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे | इस कार्यक्रम में लगभग १५० कोरोना योद्धाओं को मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अतिथि के कर कमलों द्वारा प्रशसित प्रत्र एवं मेडल देकर सम्मानित किया गया | कार्यक्रम में यारपुर स्लम क्षेत्र के बालक एवं बालिकाओं के द्वारा संस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत की गई |

कार्यक्रम की शुरुआत में श्री सतीश कुमार, क्षेत्रीय निदेशक, एशियन सहयोगी संस्था इंडिया ने कहा की बिहार सर्कार के कोविड टीकाकरण के अभियान छ: माह ने छ: करोड़ को टिका दिए जाने के लक्ष्य में शामिल गोकर संस्था द्वारा प्रशिक्षित लगभग 150 कोरोना योद्धाओ के माध्यम से विहार के 14 जिला में लगभग 25 लाख लोगों को जागरूक किया गया |

कार्यक्रम के परियोजना समन्वयक प्रदीप लिमा ने  संस्था के प्रेसिडेंट श्री विक्टर जॉन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा की उन्हीं के मार्गदर्शन में आज इस कोविड महामारी से बचाव हेतु टीकाकरण कार्यक्रम लोगों को उत्साहित कार्य हुए सफल बनाया गया|

कार्यक्रम के संस्था में कई गणमान्य लोग भी उपस्थित थे |

खनन मंत्री जनक राम के ओएसडी मृत्युंजय कुमार के महिला मित्र रत्ना चटर्जी के आवास पर निगरानी विभाग इकाई का पड़ा छापा

न्यूज़ डेस्क:- बिहार विशेष निगरानी विभाग की टीम कटिहार के अफसर कॉलोनी स्थित बिहार सरकार के खनन विभाग के ओएसडी मृत्युंजय कुमार के रिश्तेदार धनंजय कुमार और महिला मित्र रत्ना चटर्जी के आवास पर आय से अधिक सम्पत्ति मामले में छापेमारी कर रही है। छापेमारी सुबह से ही शुरू हो गई थी।


खान एवं भूतत्व विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री जनक राम के ओएसडी मृत्युंजय कुमार के कटिहार स्थित ऑफिसर कॉलोनी में निगरानी विशेष शाखा इकाई की टीम ने छापेमारी की।
खनन विभाग के मंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में पटना, कटिहार एवं अररिया में एक साथ छापेमारी की जा रही है।


विशेष निगरानी शाखा के एएसपी सुधीर कुमार के नेतृत्व में ये छापेमारी जारी है बड़े मात्रा में नगदी और सोने के आभूषण सोने की बिस्किट एवम कई कागजात की भी बरामदगी की खबर आ रही है ।


साथ ही साथ रत्ना चटर्जी जो ओएसडी धनंजय कुमार की महिला मित्र है , उनके आवास पर ही अहले सुबह से छापेमारी में सोने की बिस्किट , 30 लाख नगद सहित कई प्रॉपटी के कागजात बरामदगी की पुष्टि विजिलेंस डीएसपी ने की है।

मध्य विद्यालय पचरुखा में शिक्षक एवं विद्यार्थियों ने आकृति बनाकर दिया नशा मुक्त बिहार का संदेश

न्यूज़ डेस्क :- बगहा पश्चिमी चंपारण संविधान दिवस और नशा मुक्ति दिवस के अवसर पर शुक्रवार 26 नवम्बर को राजकीय उत्क्रमित मध्य सह माध्यमिक विद्यालय पचरुखा में शिक्षक एवं विद्यार्थियों ने नशा नही करने/ शराब नही पीने एवं उससे जुड़ी गतिविधि में शामिल नही होने का संकल्प दुहराते हुए शपथ लिया। वहीं इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों ने शिक्षक के मार्गदर्शन में आकृति बनाकर नशा मुक्त बिहार का संदेश दिया। वहीं शिक्षक सुनिल कुमार ने सभी को शपथ दिलाया। विद्यालय के प्रभारी शिक्षक धर्मेंद्र भारती ने कहा कि संविधान दिवस एवं नशा मुक्ति दिवस हमारे देश, गांव, समाज, परिवार के लिए अत्यावश्यक है। वहीं वरीय शिक्षक सुनिल कुमार ने कहा कि भारतीय संविधान दिवस हमारे लिए ऐतिहासिक है। नशा मुक्त बिहार के लिए सभी को मिलकर सहयोग करना होगा तथा इसके लिए किए जा रहे सरकार के प्रयास में सहभागी बनना होगा। नशा मुक्त बिहार की परिकल्पना हमारे देश, राज्य, समाज, परिवार एवं आने वाली पीढ़ी के विकास, उत्थान लिए जरुरी है। बिहार के ऐतिहासिक व गौरवशाली अतीत एवं भविष्य को सुरक्षित रखना हम सब की जिम्मेवारी है। इस मौके पर महेश कुमार, नरेंद्र कुमार पाण्डेय, शक्ति प्रकाश आदि उपस्थित रहे।

खगड़िया में शराब माफियाओं ने खोल दी पुलिस की पोल

न्यूज़ डेस्क:- बिहार सरकार लाख दावा कर ले कि बिहार में शराब बंद हो गया है. साथ ही साथ सुबे के सरकार मुख्यमंत्री नितीश कुमार बैठक पर बैठक कर ले और आदेश दे कि बिहार में पूर्ण शराब बंदी हो गयी है लेकिन, खगड़िया में अभी भी महुआ शराब धड़ल्ले से चल रहा है|

यह फोटो खगड़िया जिले के नगर परिषद क्षेत्र अंतर्गत अघोरी स्थान के पास की है जहाँ कि पुलिस प्रशासन को चुनौती देते हुए शराबी ने कहा कि पुलिस को उसका कमिशन भी समय पर भेज दिया जाता है और वो अब कुछ नहीं कर सकता है|
इधर बताते चले कि, बिहार में दारू की तस्करी जोरों पर है वहीं, पुलिस लगातार छापेमारी कर तस्करों पर नकेल कसने का दावा कर रही है। पुलिस के इस दावों की पोल खोलने वाला वीडियो खगड़िया से सामने आया है। शराब माफियाओं को न पुलिस का खौफ है और न प्रशासन का डर  हालांकि,फोटो वायरल होने के बाद उत्पाद विभाग की टीम ने महिला को अरेस्ट कर लिया है।

पुलिस पर लगाए गंभीर आरोप

नगर थाना क्षेत्र के अघोरी स्थान के इस फोटो में साफ दिख रहा है कि 15 से 20 लोग लाइन में बैठककर शराब पी रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है, अघोरी स्थान घाट पर शराब की महफिल एक दिन की नहीं, बल्कि 2 वर्षों से सज रही है। यह बात नगर थाना पुलिस को भी पता है  उसके  बावजूद भी इस धंधे को यहां फलने फूलने दिया गया। पुलिस को शराब माफिया की तरफ से मोटी रकम दी जाती है। जिसके बदले पुलिस इनको प्रोटेक्ट करती है।

अन्तर्राष्ट्रीय नशामुक्ति दिवस पर सुपौल के एसपी ने पुलिसकर्मियों को नशा नहीं करने की दिलायी शपथ

 न्यूज़ डेस्क – अन्तर्राष्ट्रीय नशामुक्ति दिवस के अवसर पर शुक्रवार को पुलिस लाइन में शपथ ग्रहण कार्यक्रम का आयोजन किया गया कार्यक्रम में सुपौल एसपी मनोज कुमार ने सभी पुलिस पदाधिकारियों एवं सिपाहियों को नशा मुक्ति के लिए शपथ दिलाया।

एसपी मनोज कुमार ने कहा कि आज का समाज नशा मुक्त होकर एक बेहतर जीवन बीता रहा है। बिहार में शराब पर प्रतिबंध लगने के बाद कई उजड़े हुए घर बस गए हैं। नशा के कारण दुर्घटनाएं होती है जिसपर काफी हद तक अंकुश लगा है।

नशा पुरे परिवार को बर्बाद कर देता है। हमसबों को नशा से परहेज करते हुए नशा नहीं करने की शपथ लेनी चाहिए ,साथ ही समाज के सभी लोगों को इसके लिए प्रेरित भी करनी चाहिए । इस मौके पर कई पुलिस पदाधिकारी मौजूद थे।

नीतीश कुमार को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए- लालू यादव

न्यूज़ डेस्क –  आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पटना से दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए नीतीश सरकार पर हमला बोला  है  लालू ने कहा है शराबबंदी कानून को लेकर सरकार एक बार फिर सरकारी कर्मचारी अधिकारियों को कल शपथ ग्रहण दिलाने वाली है , लालू यादव ने सरकार के फैसले पर निशाना साधते हुए कहा है कि बिहार में संघ की सरकार चल रही है शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य व्यवस्था सब चौपट है.

वही नीति आयोग की रिपोर्ट पर बोलते हुए कहा कि  नीति आयोग रिपोर्ट के अनुसार बिहार एक बार फिर सबसे फिसड्डी राज्य साबित हुआ है लालू प्रसाद यादव ने कहा है कि नीति आयोग की जो रिपोर्ट आई है इसके अनुसार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए.