भारत का संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि राष्ट्र के आदर्शों और उद्देश्यों का प्रतीक भी है – राज्यपाल, बिहार

बिहार के राज्यपाल, श्री आरिफ मोहम्मद खान ने आज पटना में 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (AIPOC) के समापन सत्र को संबोधित किया।

भारतीय लोकतंत्र की प्राचीन विरासत का उल्लेख करते हुए, श्री खान ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था की उत्पत्ति प्राचीन भारतीय गणराज्यों से हुई है, जहाँ शासन प्रणाली लोकतांत्रिक सिद्धांतों पर आधारित थी। श्री खान ने कहा कि प्राचीन भारत में राजतंत्र के बजाय लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ प्रचलित थीं, जैसे वैशाली में, जहाँ शासकों को जनता द्वारा चुना जाता था। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारतीय संविधान के निर्माण के दौरान भारतीय लोकतंत्र की प्राचीन धरोहर को उद्धृत किया था। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम और संविधान निर्माण में बिहार के योगदान की भी सराहना की, जिसकी 75वीं वर्षगांठ देशभर में मनाई जा रही है।

यह उल्लेख करते हुए कि भारतीय संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, बल्कि देश के आदर्शों और उद्देश्यों का प्रतीक भी है, श्री खान ने कहा कि यह प्राचीन भारतीय मूल्यों और आदर्शों को दर्शाता है, जो आज भी प्रासंगिक और प्रेरणादायक हैं। उन्होंने मानवतावाद और समानता जैसे भारतीय मूल्यों की चर्चा की, जो प्राचीन गुरुओं जैसे आदि शंकराचार्य के कार्यों में निहित हैं, जिन्होंने देशभर में आध्यात्मिक एकता का प्रसार किया। उन्होंने कहा कि “विविधता में एकता” और “बंधुत्व, समानता, न्याय” जैसे मूल्य भारत के सभ्यतागत मूल्यों में समाहित है। आत्मा का उदाहरण देते हुए श्री खान ने कहा कि भारतीय सभ्यता, आत्मा की भाँति शाश्वत और अपरिवर्तनीय है जो उसे विश्व में एक अनुपम स्थान प्रदान करता है। उन्होंने विधायी निकायों से अपील की कि वे 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहे।

85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन ने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि, संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान, विधानमंडलों में बाधा-मुक्त और व्यवस्थित बहस, संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव और डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग पर पांच संकल्प अंगीकार किए – लोक सभा अध्यक्ष


सभी विधायी निकायों को 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में प्रभावी भूमिका निभानी चाहिए – लोक सभा अध्यक्ष


भारत की संसद प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में अग्रणी है – लोक सभा अध्यक्ष


भारत की संसद और सभी राज्यों के विधानमंडलों को स्थानीय निकायों की सक्रिय भागीदारी से संविधान की 75वीं वर्षगांठ मनानी चाहिए – लोकसभा अध्यक्ष


प्राइड सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए पूरे वर्ष विधायी प्रारूपण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करेगा – लोकसभा अध्यक्ष


लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला ने आज कहा कि विधानमंडलों में बाधा रहित एवं व्यवस्थित चर्चा तथा श्रेष्ठ संवाद की परंपरा बनाये रखना चाहिए। बैठकों की कम होती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने कहा कि यह सभी पीठासीन अधिकारियों का प्रयास होना चाहिए कि सदनों में व्यवधान ना हो, सहमति असहमति के बावजूद हमारे सदन बेहतर वातावरण में व्यापक जनहित में कार्य निष्पादन करें ताकि हम अपने सदनों के माध्यम से अपने संवैधानिक दायित्वों का बेहतर निर्वहन कर जनसेवा एवं सुशासन में बेहतर योगदान दे पाए। उन्होंने बताया कि 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन ने संविधान निर्माताओं को श्रद्धांजलि, संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान, विधानमंडलों में बाधा-मुक्त और व्यवस्थित बहस, संविधान के 75वें वर्ष के उत्सव और डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग पर पांच संकल्प अंगीकार किए हैं। श्री बिरला ने यह विचार पटना में आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन के समापन सत्र में व्यक्त किये ।

श्री बिरला ने कहा कि संविधान की 75वीं वर्षगांठ को उत्सव के रूप में मनाने को लेकर सभी पीठासीन अधिकारियों ने creative ideas दिए हैं। उन्होंने कहा कि भारत की संसद और सभी राज्यों के विधानमंडल स्थानीय निकायों की सक्रिय भागीदारी से संविधान की 75वीं वर्षगांठ मनाएंगी और इसके लिए पूरे वर्ष देश के हर कोने में हमारे महान लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे ।


विधि निर्माताओं के लिए उत्कृष्ट रिसर्च सपोर्ट पर जोर देते हुए श्री बिरला ने कहा कि सदस्यों के क्षमता निर्माण और सहायता के लिए विधायी संस्थाओं में उत्कृष्ट रिसर्च और reference विंग होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि हमारी योजना है कि राज्‍यों की विधान सभाओं/विधान परिषदों के लिए हम लोक सभा में एक RESEARCH POOL स्‍थापित करें जिससे विधायिकाओं को संसद द्वारा RESEARCH SUPPORT की सुविधा भी उपलब्‍ध करवायी जा सके।

विधानमंडलों में समिति व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने पर जोर देते हुए श्री बिरला ने उल्लेख किया कि हमने संसदीय समितियों की कार्य प्रणाली को मजबूत करने के लिए सार्थक पहल की है। देश के विभिन्‍न राज्‍यों की विधायिकाओं में PUBLIC ACCOUNTS COMMITTEE, ESTIMATE COMMITTEE व अन्‍य समितियां कार्यरत हैं। उन्होंने आगे बताया कि इस वर्ष AIPOC के बैनर के तहत सभी राज्‍य विधायिकाओं की समितियों के लिए भी TRAINING व CAPACITY BUILDING के कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे ।

प्रधान मंत्री नरेन्‍द्र मोदी जी के विज़न – “ONE NATION ONE LEGISLATIVE PLATFORM” का उल्लेख करते हुए श्री बिरला ने कहा कि इस दिशा में पिछले वर्ष में अभूतपूर्व प्रगति हुई है। जहां संसद की DEBATES को हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में TRANSLATE कर ONLINE उपलब्ध करवाया जा रहा है, वहीं राज्यों की विधायिकाओं द्वारा भी अपनी वर्तमान व पूर्व की DEBATES के DIGITIZATION के कार्य में उल्‍लेखनीय प्रगति हासिल की गयी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि वर्ष 2025 में हम माननीय प्रधानमंत्री जी के विज़न के अनुसार भारत के नागरिकों को एक ऐसा अद्वितीय PLATFORM उपलब्‍ध करवा पाएंगे जहां वे KEY WORD, META DATA व AI EMPOWERED SEARCH के माध्‍यम से किसी भी विषय पर न केवल संसद की DEBATES अपितु विधायिकाओं में होने वाली DEBATES को भी ACCESS कर पाएंगे।

लोकसभा अध्यक्ष ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत की संसद प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने में अग्रणी है । उन्होंने बताया कि AI के उपयोग से भारत की संसद में 22 आधिकारिक भाषाओं में से दस में एक साथ अनुवाद किया जा रहा है और जल्द ही यह सुविधा सभी बाईस भाषाओं में सदस्यों के लिए उपलब्ध होगी। यह बताते हुए कि भारत की संसद में सदस्यों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से सभी प्रकार के संसदीय कागजात दस क्षेत्रीय भाषाओं में उपलब्ध कराए जा रहे हैं, श्री बिरला ने खुशी व्यक्त की कि भारत दुनिया का एकमात्र लोकतंत्र है जिसमें हम सभी बहसों का अनुवाद करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। श्री बिरला ने पीठासीन अधिकारियों को सूचित किया कि भारत की संसद उनकी दक्षता और उत्पादकता में सुधार के लिए राज्य विधानमंडलों के साथ तकनीक साझा करेगी।

श्री बिरला ने आगे कहा कि यह पीठासीन अधिकारियों का संकल्प है कि भारत की संसद, राज्यों की विधायिकाएं, पंचायती राज संस्थाएं, नगरीय निकाय, सहकारी संस्थाएं व समस्त लोकतान्त्रिक संस्थाओं के सशक्तीकरण के लिए हम निरंतर कार्य करते रहें। उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतान्त्रिक संस्थाएं जितनीं सशक्त होंगी – उतना ही राष्ट्र के विकास एवं जनकल्याण में भारत के नागरिकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित हो पाएगी।

श्री बिरला ने कहा कि ये हमारा संकल्प होना चाहिए कि ये विधायी संस्थाएं देश में चर्चा, संवाद, सहमति, असहमति के साथ देश को आगे बढ़ाते हुए 2047 तक विकसित भारत का सपना पूरा करें।

सम्पूर्ण विश्व में विधि निर्माताओं और संसदीय अधिकारियों के प्रशिक्षण में लोक सभा सचिवालय की PRIDE संस्था की भूमिका की प्रशंसा करते हुए, श्री बिरला ने कहा कि PRIDE के माध्यम से हम 100 से अधिक विभिन्न राष्ट्रों की संसदों एवं लगभग सभी राज्य विधायिकाओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं। हमने 25 राज्य विधायिकाओं के लिए Legislative Drafting पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए हैं। अब हम PRIDE के माध्यम से पंचायती राज संस्थाओं , नगरीय निकाय, सहकारी संस्थाओं व समस्त लोकतान्त्रिक संस्थाओं के सशक्तीकरण के लिए भी प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं। श्री बिरला ने कहा प्राइड सभी लोकतांत्रिक संस्थाओं के सशक्तिकरण के लिए पूरे वर्ष विधायी प्रारूपण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करेगा ।

श्री बिरला ने बताया कि 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में सभी पीठासीन अधिकारियों ने व्यापक विचार विमर्श कर 5 महत्वपूर्ण संकल्प लिए हैं:

• संविधान निर्माताओं के प्रति कृतज्ञता और श्रद्धांजलि
• संविधान में निहित मूल्यों और आदर्शों के अनुरूप सदन का संचालन करने का संकल्प।
• विधायी संस्थाओं में बाधा रहित एवं व्यवस्थित चर्चा श्रेष्ठ संवाद का संकल्प
• संविधान के 75 वर्ष पूरे होने पर वर्ष भर अभियान व कार्यक्रम चलाने का संकल्प
• टेक्नॉलजी व AI के उपयोग से प्रभावी सेवाएं सुनिश्चित करने का संकल्प

पीठासीन अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी और उनके बीच सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने की सराहना करते हुए श्री बिरला ने कहा कि पटना में 85वां अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) पीठासीन अधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियों को और अधिक प्रभावी ढंग से निर्वहन करने में मार्गदर्शन करने में निर्णायक होगा तथा लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करेगा। श्री बिरला ने कहा कि सम्मेलन में सूचनाओं और अनुभवों को साझा करने से पीठासीन अधिकारियों को अपने-अपने सदनों में नवाचारों के लिए प्रेरणा मिलेगी जिससे शासन में अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही आएगी।

राज्यसभा के उपसभापति ने 85वें एआईपीओसी के समापन सत्र को संबोधित किया


अपने संबोधन में, राज्य सभा के उपसभापति श्री हरिवंश ने विधायकों को सदन में अपने आचरण पर आत्मचिंतन करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि पुराने समय में भारी बहुमत वाली सरकारें हुआ करती थीं, फिर भी विपक्ष में चुने हुए सदस्य अपने विचार प्रभावी ढंग से रखने और अपनी असहमति को गरिमापूर्ण तरीके से प्रस्तुत करने में सक्षम थे। आज व्यवधान की प्रकृति दर्शाती है कि हम सम्मानपूर्वक असहमति जताना भूल गए हैं। उपसभापति ने लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने में संविधान सभा के काम और इस प्रक्रिया में बिहार के सदस्यों द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका को याद किया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का संविधान लचीला रहा है और समय की जरूरतों के अनुकूल बना हुआ है। उन्होंने कहा कि विधानमंडलों को संविधान के इस विकास को एक सतत प्रक्रिया के रूप में देखना चाहिए और भविष्य के लिए कानूनों पर भी विचार-विमर्श करना चाहिए।


बिहार विधान परिषद के सभापति ने स्वागत भाषण दिया


स्वागत भाषण देते हुए बिहार विधान परिषद के सभापति श्री अवधेश नारायण सिंह ने लोकसभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला को उनके मार्गदर्शन और प्रेरणादायक उपस्थिति के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और श्री ओम बिरला का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने हाल ही में आयोजित 10वें संविधान दिवस समारोह में संसद के केन्द्रीय कक्ष में भारतीय संविधान के संस्कृत और मैथिली संस्करण जारी किए। AIPOC के विषय पर, श्री सिंह ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों के संदर्भ में केंद्र और राज्यों के आपसी संबंधों पर चर्चा होनी चाहिए है, विशेषतः राज्यों के विधान मंडलों की स्वायत्तता विषय में। यह कहते हुए कि विधानमंडल का मूल्यवान समय जनकल्याण और विधायी कार्यों में उपयोग किया जाना चाहिए, न कि राजनीतिक दबाव बनाने के लिए, श्री सिंह ने कहा कि सदन की कार्यवाही में जनहित को प्राथमिकता देना सार्वजनिक सेवा के लिए आवश्यक है। उन्होंने विधायी और राजनीतिक प्रक्रियाओं में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रयोग पर भी जोर दिया। उन्होंने प्रधान मंत्री द्वारा लॉन्च किए गए राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (NeVA) की सराहना की, जिसने संसदीय प्रक्रियाओं को अधिक पारदर्शी और डिजिटल बना दिया है। उन्होंने इसका उपयोग स्थानीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में विस्तार करने का सुझाव दिया।


बिहार विधान सभा के अध्यक्ष ने समापन सत्र को संबोधित किया


इस अवसर पर बिहार विधान सभा के अध्यक्ष श्री नंद किशोर यादव ने कहा कि इस सम्मेलन का उद्देश्य न केवल हमारी संसदीय प्रक्रियाओं को अधिक प्रभावी और उत्तरदायी बनाना है, बल्कि हमारी संसदीय प्रणाली की पारदर्शिता और दक्षता को बढ़ावा देना भी है। उन्होंने आगे कहा कि पूर्व में इस सम्मलेन में विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों, जैसे कि विधाायी कार्यों की गुणवत्ता में सुधाार, संसदीय आचार संहिता का पालन, और विधायिकाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने, पर चर्चा होती रही हैं और यह सम्मेलन निश्चित रूप से पीठासीन अधिकारियों को सदन की कार्यवाही को अधिक सुचारू रूप से संचालित करने के लिए मार्गदर्शन प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन हमें इस बात की याद दिलाता है कि हम सभी, चाहे किसी भी स्तर पर हों, एक ही लक्ष्य की ओर कार्य कर रहे हैं और वह है एक सशक्त, पारदर्शी, और न्यायपूर्ण लोकतंत्र का निर्माण। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे सामने जो चुनौतियाँ हैं, वे किसी एक व्यक्ति या संगठन की नहीं हैं, बल्कि हम सभी को मिलकर इनका समाधाान निकालना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हमारे कार्य संविधान के मूल्यों और आदर्शों के अनुरूप हों, और हम जनता का विश्वास बनाए रखें।

इस अवसर पर बिहार के उपमुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा ने भी अपने विचार रखे।

बिहार विधान परिषद के उपसभापति श्री रामवचन राय ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

सम्मेलन का एजेंडा था:

‘संविधान की 75वीं वर्षगांठ: संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने में संसद और राज्य विधान निकायों का योगदान’।

दो दिवसीय चर्चा के दौरान 23 विधान निकायों के 41 पीठासीन अधिकारियों ने चर्चा में भाग लिया।

नेवा सेवा केंद्र (NeVA) का उद्घाटन

इस अवसर पर, श्री बिरला ने बिहार विधानमंडल परिसर में नेवा सेवा केंद्र (NeVA) का उद्घाटन भी किया।


भारत में लोकतंत्र की गौरवशाली यात्रा पर प्रदर्शनी

85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारियों के सम्मेलन (एआईपीओसी) के अवसर पर, संसद संग्रहालय और अभिलेखागार, लोकसभा सचिवालय द्वारा भारत में लोकतंत्र की गौरवशाली यात्रा पर एक प्रदर्शनी लगाई गई।

गया-पटना-गया और गया से डीडीयू के लिए चलेगी स्पेशल ट्रेन

रेलयात्रियों की सुविधा के मद्देनजर पूर्व मध्य रेल द्वारा गया और पटना के मध्य 23.01.2025 से 06.03.2025 तक तथा गया से पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तक दिनांक 22.01.2025 से 05.03.2025 तक स्पेशल ट्रेन का परिचालन किया जाएगा ।

गाड़ी संख्या 03668/03667 गया-पटना-गया स्पेशल का परिचालन दिनांक 23.01.2025 से 06.03.2025 तक प्रत्येक सोमवार, मंगलवार, गुरूवार एवं शनिवार को किया जाएगा । इसी तरह गाड़ी संख्या 03699 गया-पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन स्पेशल का परिचालन दिनांक 22.01.2025 से 05.03.2025 तक प्रत्येक बुधवार, शुक्रवार एवं रविवार को किया जाएगा । इन ट्रेनों का परिचालन पूर्व निर्धारित मार्ग, ठहराव एवं समय पर किया जाएगा ।

यात्रीगण रेल परिचालन से जुड़ी किसी भी प्रकार की जानकारी रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 डायल कर अथवा नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एन.टी.ई.एस.) वेब पोर्टल या मोबाइल एप पर प्राप्त कर सकते हैं।

कर्तव्य पथ पर आकर्षण का केंद्र रहेगी बिहार की झांकी

प्राचीन काल से बिहार ज्ञान, मोक्ष एवं शांति की भूमि रही है। बिहार की झांकी के माध्यम से ज्ञानभूमि नालन्दा की प्राचीन विरासत एवं उसके संरक्षण हेतु किए जा रहे प्रयासों के साथ ही नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना के माध्यम से बिहार को पुनः शिक्षा के मानचित्र पर वैश्विक रूप में स्थापित करने के प्रयास को दर्शाया गया है। इसके अतिरिक्त भगवान बुद्ध की अलौकिक एवं भव्य मूर्ति के साथ घोड़ा कटोरा झील को इको टूरिज्म स्थल के रूप में विकसित करने के अनूठे प्रयास को भी दर्शाया गया है।
झांकी के अग्र भाग में बोधिवृक्ष इस बात का संदेश दे रही है कि इसी धरती से ज्ञान का प्रकाश सम्पूर्ण विश्व में फैला है।

बिहार राज्य की झांकी में बिहार की समृद्ध ज्ञान एवं शांति की परंपरा को प्रदर्शित किया गया है। झांकी में शांति का संदेश देते भगवान बुद्ध को प्रदर्शित किया गया है। भगवान बुद्ध की यह अलौकिक मूर्ति राजगीर स्थित घोड़ा कटोरा जलाशय में अवस्थित है, जहाँ प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं। वर्ष 2018 में स्थापित एक ही पत्थर से बनी 70 फीट की भगवान बुद्ध की इस अलौकिक एवं भव्य मूर्ति के साथ घोड़ा कटोरा झील का विकास इको टूरिज्म के क्षेत्र में बिहार सरकार का अनूठा प्रयास है।

झांकी में प्राचीन नालन्दा महाविहार (विश्वविद्यालय) के भग्नावशेषों को भी दर्शाया गया है, जो इस बात के साक्षी हैं कि चीन, जापान एवं मध्य एशिया के सुदूरवर्ती देशों से छात्र यहाँ ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते थे। नालन्दा विश्वविद्यालय के भग्नावशेष प्राचीन भारत की ज्ञान परंपरा के प्रतीक हैं। इन भग्नावशेषों का संरक्षण एवं संवर्द्धन भारतीय सांस्कृति की धरोहर को संजोने के लिए अत्यन्त महत्वपूर्ण है। बिहार सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों से नालन्दा का प्राचीन गौरव पुर्नस्थापित हो रहा है। झांकी में बिहार की प्राचीन एवं संमृद्ध विरासत को भित्ति चित्रों के माध्यम से भी उकेरा गया है।

प्राचीन नालन्दा को ज्ञान केन्द्र के रूप में पुर्नस्थापित करने की दृष्टि से राजगीर में ही अन्तर्राष्ट्रीय नालन्दा विश्वविद्यालय की स्थापना की गयी है। नवनिर्मित नालन्दा विश्वविद्यालय का लोकार्पण माननीय मुख्यमंत्री बिहार की उपस्थिति में भारत के माननीय प्रधानमंत्री द्वारा दिनांक-19.06.2024 को किया गया है। प्राचीन नालन्दा विश्वविद्यालय की वास्तुकला पर आधारित इस आधुनिक संरचना में सारिपुत्र स्तूप, गोपुरम प्रवेश द्वार तथा पारम्परिक बरामदे की अवधारणा को दर्शाया गया है। पर्यावरण संरक्षण के दृष्टिकोण से निर्मित इन संरचनाओं से यह विश्वविद्यालय कार्बन न्यूट्रल तथा Net Zero कैम्पस के रूप में स्थापित हुआ है।

जिलाधिकारी ने धार्मिक स्थानों में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति का किया समीक्षा

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज प्राचीन विरासत स्थल माँ बड़ी पटनदेवी मंदिर, शीतला माता मंदिर, श्री छोटी पटनदेवी मंदिर, खानकाह तकिया शरीफ, पटना सिटी एवं खानकाह मुजीबिया, फुलवारीशरीफ में पर्यटकीय सुविधाओं के विकास तथा सौन्दर्यीकरण कार्यों में प्रगति की समीक्षा की गई। समाहरणालय में आयोजित इस बैठक में जिलाधिकारी ने कार्यों में अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों तथा अभियंताओं को तेजी से कार्य करने का निदेश दिया।

• जिलाधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के निदेश पर प्राचीन विरासत स्थलों को अक्षुण्ण रखने के लिए विकास तथा सौन्दर्यीकरण का कार्य किया जा रहा है। पर्यटकों की सुविधा के लिए अनेक कार्य किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वे स्वयं समय-समय पर इन स्थलों का निरीक्षण कर विकास कार्यों में प्रगति का जायजा लेते हैं।

1. जिलाधिकारी ने कहा कि माँ बड़ी पटनदेवी मंदिर जाने के रास्ते का चौड़ीकरण किया जाएगा। साथ ही अतिक्रमण को भी चिन्हित कर हटाने का निदेश दिया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सिटी को इसके लिए कार्रवाई करने का निदेश दिया गया है। माँ बड़ी पटन देवी मंदिर परिसर के विकास हेतु 14 स्वीकृत योजनाओं में 9 योजनाएँ पूर्ण है। 5 योजनाएँ विभिन्न तकनीकी कारणों से लंबित है। मुख्य भवन के लिए आकर्षक दरवाजा का निर्माण, मुख्य भवन में चबूतरा/मंडप का निर्माण, सामुदायिक भवन के ऊपर प्रथम तल का निर्माण, मुख्य भवन में इनले कार्य, विभिन्न प्रकार का स्ट्रेंदेनिंग कार्य, पॉलिशिंग, कलाकृतियों का निर्माण, कलश अधिष्ठापन इत्यादि कार्य पूर्ण है। कार्यपालक अभियंता, स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन-1 को श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सुविधा हेतु निर्माणाधीन शेष कार्यों को प्रावधानों के अनुसार शीघ्र पूरा करने का निदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी विकासात्मक कार्यों का किया जाना प्रस्तावित है।

2. जिलाधिकारी ने कहा कि श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों की सुविधा हेतु अशोक राजपथ मुख्य सड़क के निकट श्री छोटी पटनदेवी मंदिर के प्रवेश द्वार का निर्माण किया जाना है। इसके लिए सरकार द्वारा स्वीकृति दी गई है। स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन-1 को यह बनाना है। इसके कार्यपालक अभियंता को नगर निगम के तकनीकी पदाधिकारी के साथ समन्वय कर इस कार्य को शीघ्र करने का निदेश दिया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सिटी को सभी स्टेकहोल्डर्स (हितधारकों) के साथ बैठक कर गेट के निर्माण हेतु आवश्यक कार्यवाही करने का निदेश दिया गया है।

3. जिलाधिकारी ने कहा कि प्राचीन विरासत स्थल शीतला माता मंदिर के विकास हेतु सरकार द्वारा छः योजना की स्वीकृति दी गई हैः-

$. मंदिर के आगे घेराबंदी का कार्य
$. घेराबंदी के आगे नाला का निर्माण
$. श्रद्धालुओं की निकासी हेतु निकास द्वार का निर्माण
$. मंदिर के बायीं ओर फर्श में कोटा स्टोन का कार्य
$. मंदिर के दायीं ओर फर्श में कोटा स्टोन का कार्य
$. सामुदायिक भवन की मरम्मति एवं पीछे भाग की चहारदीवारी पर बार्ब्ड तार लगाने का कार्य।

• जिलाधिकारी ने कहा कि इन 6 योजनाओं में 5 योजनाएँ पूर्ण हैं। मंदिर के बायीं ओर फर्श में कोटा स्टोन फ्लोरिंग का कार्य, मंदिर के बाहर प्रांगण के पुराने नाला का जीर्णोद्धार एवं मंदिर के आगे नए नाला का निर्माण कार्य, मंदिर के दायीं ओर फर्श में कोटा स्टोन फ्लोरिंग का कार्य, मंदिर के प्रांगण में मंदिर के बाहर स्थित धर्मशाला एवं चहारदीवारी का जीर्णोद्धार कार्य तथा मंदिर के प्रांगण में मंदिर के बाहर प्रांगण के आगे नए चहारदीवारी का निर्माण कार्य पूर्ण है। कार्यपालक अभियंता, एलएईओ-1 द्वारा बताया गया कि मंदिर के बाहर प्रांगण के आगे भव्य निकास द्वार निर्माण के साथ मुख्य द्वार में स्टेनलेस स्टील गेट का निर्माण कार्य प्रगति पर है। स्टेनलेस स्टील गेट का कार्य पूरा हो गया है। निकास द्वार के प्लास्टर का कार्य चल रहा है। जिलाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता को इस महीना में निर्माणाधीन कार्य पूरा करने का निदेश दिया गया।

• जिलाधिकारी ने कहा कि कार्यपालक अभियंता को टाइमलाईन के अनुसार सभी कार्यों को ससमय पूरा करने का निदेश दिया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सिटी को निर्माण कार्यों में प्रगति का नियमित पर्यवेक्षण करने का निदेश दिया गया है।

• डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मंदिर परिसर के आस-पास के स्थलों को पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किया जाएगा। श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को हर तरह की सुविधा मिलेगी।

4. जिलाधिकारी द्वारा ख़ानकाह मुजीबिया, फुलवारीशरीफ़ में पर्यटकीय सुविधाओं के विकास कार्यों में प्रगति की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि यह एक विश्व-प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। हर साल यहाँ उर्स मेला का आयोजन होता है जिसमें हजारों की संख्या में दूर-दूर से लोग आते हैं। इसके विकास हेतु माननीय मुख्यमंत्री के निदेश पर यहाँ अनेक कार्य किया जा रहा है। ग्रामीण कार्य विभाग, दानापुर प्रमंडल द्वारा यहाँ पर्यटकीय आधारभूत संरचना विकास एवं निर्माण कार्य किया जा रहा है। कार्यों में काफी अच्छी प्रगति है। लंगरखाना भवन का फिनिशिंग कार्य चल रहा है। सेकेण्ड जेंट्स गेस्ट हाउस के प्रथम तल में ब्रिक वर्क हो रहा है। कार्यपालक अभियंता को लंगरखाना का निर्माण कार्य 15 दिन में पूरा करने तथा सेकेण्ड जेंट्स गेस्ट हाउस का निर्माणाधीन कार्य इस वर्ष 31 मार्च तक पूरा करने का निदेश दिया गया है। कार्यपालक अभियंता, ग्रामीण कार्य विभाग, दानापुर को समय-सीमा का पालन करते हुए गुणवत्तापूर्ण ढंग से कार्य कराने का निदेश दिया गया है। अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर को कार्यों में प्रगति का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया है।

• डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि उन्होंने पूर्व में ख़ानकाह मुजीबिया, फुलवारीशरीफ में विकास एवं निर्माण कार्यों में प्रगति का निरीक्षण किया था। खानकाह मुजीबिया के प्रबंधन से जुड़े सदस्यों से भी विमर्श किया गया था। जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार के निर्णय के अनुसार लगभग सवा दस करोड़ की राशि (प्रशासनिक स्वीकृति की राशि 1022.23 लाख) से यहाँ निर्माण कार्य चल रहा है। लंगरखाना भवन दो मंजिला बन रहा है जिसमें ग्राउण्ड फ्लोर का डायमेंशन 3,915 वर्ग फीट तथा प्रथम तल का आयाम 3,542 वर्ग फीट है। द्वितीय पुरूष गेस्ट हाउस भवन भी दो मंजिला बनाया जा रहा है जिसमें ग्राउण्ड फ्लोर का डायमेंशन 11,745 वर्ग फीट है तथा प्रथम तल का भी आयाम 11,745 वर्ग फीट है।

• जिलाधिकारी ने कहा कि कार्य इस प्रकार किया जा रहा है कि भविष्य में भी इसका विस्तार किया जा सके।

5. जिलाधिकारी द्वारा खानकाह तकिया शरीफ, पटना सिटी के निर्माणाधीन कार्यों की समीक्षा की गई। कार्यपालक अभियंता, एलएईओ-1 द्वारा बताया गया कि दो योजनाओं में एक योजना महिला सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य पूर्ण है। पुरूष सामुदायिक भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। प्रथम तल के छत का ढलाई चल रहा है। जिलाधिकारी द्वारा कार्यपालक अभियंता को एक माह में कार्य पूरा कराने तथा अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सिटी को कार्य का अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया है।

• जिलाधिकारी ने कहा कि माँ बड़ी पटनदेवी मंदिर, शीतला माता मंदिर, श्री छोटी पटनदेवी मंदिर, खानकाह तकिया शरीफ एवं खानकाह मुजीबिया, फुलवारीशरीफ प्राचीन विरासत स्थल है। इस सब प्रसिद्ध स्थलों के पर्यटकीय दृष्टिकोण से विकास के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला पहुंचे पटना , अखिल भारतीय पीठासीन पदाधिकारी के 85 वां सम्मेलन में लेगें भाग

अखिल भारतीय पीठासीन पदाधिकारी के 85 वां सम्मेलन में भाग लेने हेतु लोक सभा  अध्यक्ष  ओम बिरला नई दिल्ली से शाम 06:45 बजे में पटना पहुंचे। पटना पहुंचने पर बिहार विधान सभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव एवं बिहार विधान परिषद के सभापति  अवधेश नारायण सिंह ने हवाई अड्डे पर उनकी आगवानी की। इस सम्मेलन में भाग लेने हेतु देश के विभिन्न विधान मंडलों के पीठासीन पदाधिकारियों एवं सचिवों का आगमन सुबह से ही होता रहा ।

लोक सभा अध्यक्ष पटना, बिहार में 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) का उद्घाटन करेंगे

लोक सभा अध्यक्ष श्री ओम बिरला सोमवार, 20 जनवरी, 2025 को पटना, बिहार में 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (एआईपीओसी) का उद्घाटन करेंगे।

राज्य सभा के उपसभापति, श्री हरिवंश; बिहार के उप मुख्य मंत्री, श्री सम्राट चौधरी और श्री विजय कुमार सिन्हा; बिहार सरकार के संसदीय कार्य मंत्री, श्री विजय कुमार चौधरी; बिहार विधान सभा में विपक्ष के नेता, श्री तेजस्वी प्रसाद यादव; बिहार विधान सभा के अध्यक्ष, श्री नंद किशोर यादव; बिहार विधान सभा के उपाध्यक्ष, श्री नरेन्द्र नारायण यादव; राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी; बिहार सरकार के मंत्री, बिहार विधानमंडल के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर की शोभा बढ़ाएंगे ।

इस दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान, गणमान्य व्यक्ति ‘संविधान की 75वीं वर्षगांठ: संवैधानिक मूल्यों को सुदृढ़ करने में संसद और राज्य विधान निकायों का योगदान’ विषय पर विचार-विमर्श करेंगे।

मंगलवार, 21 जनवरी 2025 को बिहार के राज्यपाल, श्री आरिफ मोहम्मद खान और लोक सभा अध्यक्ष, श्री ओम बिरला समापन सत्र को संबोधित करेंगे। राज्य सभा के उपसभापति, श्री हरिवंश; बिहार विधान सभा के अध्यक्ष, श्री नंद किशोर यादव; बिहार विधान परिषद के सभापति, श्री अवधेश नारायण सिंह; बिहार विधान परिषद के उपसभापति, प्रो. (डॉ.) रामवचन राय; राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के विधानमंडलों के पीठासीन अधिकारी; बिहार सरकार के मंत्री; बिहार विधानमंडल के सदस्य और अन्य गणमान्य व्यक्ति समापन सत्र की शोभा बढ़ाएंगे।

सम्मेलन के दौरान, श्री बिरला ‘संसदीय पद्धति एवं प्रक्रिया’ के 8वें संस्करण का विमोचन करेंगे।

श्री बिरला 21 जनवरी 2025 को बिहार विधानमंडल परिसर में नेवा सेवा केंद्र का उद्घाटन भी करेंगे ।

85 वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन से पहले 19 जनवरी 2025 को पटना, बिहार में भारत के विधायी निकायों के सचिवों का 61वां सम्मेलन होगा। इस सम्मेलन के दौरान, प्रतिनिधि “ हमारे विधायी निकायों में अधिक दक्षता, कार्यकुशलता और कार्योत्पादकता के लिए आधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाया जाना “ विषय पर विचार-विमर्श करेंगे। लोक सभा के महासचिव, श्री उत्पल कुमार सिंह इस सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे और उसे संबोधित करेंगे।

दीपक तंवर ने देवली विधानसभा क्षेत्र से एनडीए समर्थित लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया

लोजपा (रामविलास) दिल्ली स्थित प्रधान कार्यालय मे पार्टी के केंद्रीय संसदीय बोर्ड की बैठक हुई। बैठक में दिल्ली विधानसभा चुनाव में देवली (अ.जा) विधानसभा से एनडीए समर्पित लोजपा (रामविलास) के प्रत्याशी दीपक तंवर के नाम पर गहन मंथन किया गया एवं बैठक में उपस्थित बोर्ड के सदस्यों के द्वारा पार्टी के संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष को अपने स्तर से निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया। इसके तत्पश्चात लोजपा रा के प्रत्याशी के रूप में देवली (अ.जा.) विधानसभा से प्रत्याशी होने का संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान द्वारा दीपक तंवर के नाम पर अंतिम मोहर लगी एवं पार्टी का उन्हें सिंबल दिया गया ।


आगे श्री चिराग ने कहा कि दीपक तंवर लम्बे समय तक बिना किसी स्वार्थ के अपने क्षेत्र मे लोगों के बीच काम किया है। दीपक तंवर दशकों से मेरे और मेरे पिता आदरणीय रामविलास पासवान जी के विचारों और सिद्धांतों के साथ जुड़े रहें। मुझे उम्मीद है कि वे बड़े अंतराल से जीतेंगे और लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास का हर नेता ,हर कार्यकर्ता पूरी मेहनत के साथ एनडीए के हर प्रत्याशी को विजयी बनाने का काम करेगी।
आगे श्री चिराग ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि अभी दिल्ली मे जिस तरीके से मौजूदा सरकार के खिलाफ लोगों में आक्रोश है । पूर्व मुख्यमंत्री केजरीवाल जी के नीतियों एवं उनके झूठे वादों से जिस तरीके से दिल्ली की जनता लगभग पिछले एक दशक से परेशान है, इस बार दिल्ली की जनता बदलाव का मन बना ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सोच वाली सरकार इस बार दिल्ली में बनेगी। आगे श्री चिराग ने कहा कि मैं मानता हूं कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एक मजबूत एनडीए की सरकार 8 तारीख को परिणाम के बाद बनने जा रही है।


पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुंदन कुमार ने बताया कि उक्त अवसर पर पार्टी के जमुई सांसद सह प्रदेश संगठन प्रभारी अरुण भारती, राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल खालिक, दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष शंकर मिश्रा मौजूद थे।
पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी कुंदन कुमार ने बताया कि वहीं सिंबल मिलने के बाद दीपक तंवर ने देवली विधानसभा क्षेत्र से एनडीए समर्थित लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास के प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान पार्टी के जमुई सांसद सह बिहार प्रदेश संगठन प्रभारी अरुण भारती मौजूद थे।

भाजपा का एजेंडा सुशासन और विकास, राजद का एजेंडा झूठ और नकारात्मकता

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने विपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) पर करारा हमला करते हुए कहा कि ये दल केवल झूठ, भ्रांति और नकारात्मक राजनीति की नींव पर टिके हुए हैं। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता ने इन दलों की विफलताओं को बार-बार नकारा है, लेकिन फिर भी ये जनता को गुमराह करने की कोशिश करते रहते हैं।

डॉ. जायसवाल ने कहा, “राजद और उसके सहयोगी दलों का एकमात्र एजेंडा विकास में बाधा डालना और बिहार को पीछे धकेलना है। जबकि भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध है।”


राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता द्वारा भारतीय जनता पार्टी पर लगाए गए ‘दोहरा चरित्र’ के आरोपों को खारिज करते हुए बिहार भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि राजद के नेताओं पास न तो बिहार के विकास के लिए कोई दृष्टिकोण है और न ही अपने शासनकाल की विफलताओं का जवाब। ऐसे में भाजपा पर इस प्रकार के झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाना उनकी हताशा और राजनीतिक दिवालियापन को दर्शाता है।

डॉ. जायसवाल ने कहा, राजद नेता को पहले अपने गिरेबान में झांककर देखना चाहिए। जिन्होंने बिहार को भ्रष्टाचार, अपराध और जंगलराज में झोंक दिया, वे आज भाजपा पर सवाल उठाने की स्थिति में नहीं हैं। भाजपा के कार्यकर्ता और नेता जनसेवा और सुशासन के लिए समर्पित हैं, जबकि राजद की राजनीति केवल परिवारवाद और भ्रष्टाचार के इर्द-गिर्द घूमती है।”

उन्होंने आगे कहा, “दोहरा चरित्र तो उस राजद का है, जो एक तरफ सामाजिक न्याय की बात करता है, लेकिन अपने ही शासनकाल में दलितों, पिछड़ों और गरीबों पर अत्याचार की अनगिनत कहानियां लिखता है। भाजपा ने हमेशा समाज के हर वर्ग के विकास के लिए काम किया है और यह हमारी सरकार की प्राथमिकता है।”

डॉ जायसवाल ने कहा कि भाजपा की राजनीति पारदर्शिता, सुशासन और विकास पर आधारित है। उन्होंने जोर देकर कहा कि राजद के नेताओं के झूठे आरोपों का बिहार की जनता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।”

डॉ जायसवाल ने कहा,राजद के लोगों को चाहिए कि वे अपनी असफलताओं का ठीकरा भाजपा पर फोड़ने की बजाय राज्य की जनता से माफी मांगें, जिनका उन्होंने और उनकी पार्टी ने वर्षों तक शोषण किया है। भाजपा हर हाल में जनता के हित में काम करती रहेगी और विकास की इस यात्रा को तेज गति से आगे बढ़ाएगी।”

प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने समस्तीपुर जिले को दी 937 करोड़ रुपये से अधिक की सौगात, 198 योजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में समस्तीपुर जिले को 937 करोड़ रुपये से अधिक की सौगात दी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने 198 विकासात्मक योजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इसमें 500.82 करोड़ रुपये की 51 योजनाओं का उ‌द्घाटन तथा 436.64 करोड़ रुपये की 147 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने समस्तीपुर जिला के उजियारपुर प्रखंड के रायपुर ग्राम में 100 शैय्यावाले डॉ० भीमराव अंबेडकर राजकीय कल्याण छात्रावास का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित छात्रावास भवन का निरीक्षण भी किया। इस दौरान भोजनालय, रसोईघर आदि का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रावास बहुत अच्छा बना है। यहां सारी व्यवस्था बेहतर ढंग से संचालित करते रहें ताकि छात्रों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने आपातकालीन प्रतिक्रिया सुविधा सह प्रशिक्षण केंद्र के भवन का फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित आपातकालीन प्रतिक्रिया सुविधा सह प्रशिक्षण केंद्र के भवन का निरीक्षण किया और अधिकारियों से वहां की व्यवस्थाओं एवं कार्य प्रणाली की विस्तृत जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आपातकालीन प्रतिक्रिया सुविधा सह प्रशिक्षण केंद्र के यहां उद्घाटन होने से आपातकालीन परिस्थितियों में लोगों को काफी सुविधा होगी और यहां पर प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने आपातकालीन प्रतिक्रिया सुविधा सह प्रशिक्षण केंद्र के भवन परिसर से ही समस्तीपुर जिले के विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का रिमोट के माध्यम से उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने इस परिसर में वृक्षारोपण भी किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने उजियारपुर प्रखण्ड के रायपुर में आपातकालीन प्रतिक्रिया सुविधा सह प्रशिक्षण केंद्र परिसर के बाहर लगाए गए विभिन्न विभागों, स्वयं सहायता समूह, जिला उद्योग केंद्र, शिक्षा विभाग, जिला निबंधन एवं परामर्श केंद्र, जिला परिवहन कार्यालय आदि के स्टॉलों का निरीक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से बातचीत भी की।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब हम केंद्र सरकार में मंत्री थे तो बाहर कई जगहों पर स्वयं सहायता समूहों का काम देखा लेकिन उस समय बिहार में ऐसा कुछ नहीं था। जब मुझे बिहार में काम करने का मौका मिला तो वर्ष 2006 में हमने विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूह का गठन करवाया और इसका नाम ‘जीविका’ दिया। इससे जुड़नेवाली महिलाओं को हमने ‘जीविका दीदी’ नाम दिया। उस समय की केंद्र सरकार ने इसके कार्यों को सराहा और पूरे देश में इसे आजीविका नाम से चलाया। जीविका दीदियों में काफी आत्मविश्वास आया है और उनकी बोलचाल रहन-सहन और जीवन शैली में काफी बदलाव आया है। बिहार में अब जीविका स्वयं सहायता समूह की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है, जिससे 1 करोड़ 31 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। बिहार में अब शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू करवाया गया है। शहरों में अबतक 26 हजार जीविका स्वयं सहायता समूह का गठन कराया गया है जिससे 3 लाख जीविका दीदियां जुड़ चुकी हैं। इस दौरान जीविका दीदियों ने भी मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि स्वयं स्वयं सहायता समूहों के गठन से हमलोगों को काफी फायदा हो रहा है, यह सब आपकी देन है। हमलोगों के जीविकोपार्जन के लिए आपने काफी कुछ किया है। इसके लिए हमलोग सदा आपके आभारी रहेंगे। मुख्यमंत्री ने स्टॉल निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के 217 लाभुकों को 4 करोड़ 34 लाख रुपये तथा बिहार लघु उद्यमी योजना के 331 लाभुकों को 3 करोड़ 31 लाख रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया।

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने समस्तीपुर जिला के कल्याणपुर प्रखंड स्थित मुक्तापुर मोईन का पर्यटन विभाग द्वारा प्रस्तावित सौंदर्गीकरण एवं जीर्णोद्धार कार्य का स्थल निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में अधिकारियों ने मुक्तापुर मोईन के संबंध में मुख्यमंत्री को जानकारी देते हुए बताया कि यह करीब 50 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है, जो बूढ़ी गंडक नदी से जुड़ा है। इस दौरान अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुक्तापुर मोईन के दोनों तरफ आवागमन हेतु सुगम रास्ते का निर्माण करवाएं। इसके तल की गहराई को और अधिक कराएं ताकि ज्यादा से ज्यादा जल संरक्षित रहे। मुक्तापुर मोईन के दोनों तरफ रास्ते का निर्माण हो जाने से लोगों को आने-जाने में सहूलियत होगी और यह देखने में भी बहुत अच्छा लगेगा। इसके आस-पास पर्याप्त लाइटिंग की व्यवस्था भी सुनिश्चित कराएं। मुक्तापुर रेलवे गुमटी पहुंचकर मुख्यमंत्री ने 99.23 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय उच्च पथ संख्या-322 के दरभंगा-समस्तीपुर रेल खंड अंतर्गत मुक्तापुर-किशनपुर सेक्शन के बीच एल०सी० नंबर 02 पर आर०ओ०बी० का निर्माण कार्य तथा समस्तीपुर-पूसा पथ एवं समस्तीपुर-कर्पूरी ग्राम स्टेशनों के बीच अवस्थित लेवल क्रॉसिंग संख्या 63 ए के बदले कास्ट शेयरिंग के आधार पर 11951.90 लाख रुपये की लागत से आर०ओ०बी० के निर्माण कार्य का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास किया। शिलान्यास के पश्चात् मुख्यमंत्री ने मुक्तापुर रेलवे गुमटी का स्थल निरीक्षण कर अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए।

इसके बाद मुख्यमंत्री ने वारिसनगर प्रखंड के ग्राम शेखोपुर में जल-जीवन हरियाली अभियान के अंतर्गत सौंदर्गीकृत कराए गए तालाब का जायजा लिया। जायजा के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तालाब का काफी अच्छे ढंग से सौंदर्गीकरण हुआ है। इसके चारों तरफ सीढ़ी बन जाने से यहां का दृश्य काफी अच्छा लग रहा है। हमलोग वर्ष 2019 से जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत पूरे बिहार में सभी सार्वजनिक कुओं, तालाबों एवं पोखरों का सौंदर्गीकरण एवं जीर्णोद्धार करा रहे हैं। तालाब के समीप मुख्यमंत्री ने पौधारोपण भी किया तथा तालाब में मछली का जीरा एवं बत्तख भी छोड़े। मुख्यमंत्री ने ग्राम शेखोपुर की वार्ड संख्या 3 का भ्रमण कर विभिन्न विभागों द्वारा कराए गए विकासात्मक कार्यों का मुआयना किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, शेखोपुर के शिलापट्ट का अनावरण कर शिलान्यास किया। ग्राम शेखोपुर की वार्ड संख्या 3 में जीविका दीदियों एवं विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने आयुष्मान वय वंदना कार्ड, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत बने घरों की चाबी, 23 हजार 585 समूहों को बैंक ऋण के तहत 276 करोड़ 25 लाख रुपये का सांकेतिक चेक, परिक्रमी निधि एवं सामुदायिक निवेश निधि अंतर्गत 680 ग्राम संगठनों के 8 हजार 750 समूहों को 47 करोड़ 24 लाख रुपये का सांकेतिक चेक, सतत् जीविकोपार्जन योजना अंतर्गत समस्तीपुर जिले के कुल 2982 लाभार्थियों को 11 करोड़ 45 लाख रुपये का सांकेतिक चेक वितरित किया। साथ ही मुख्यमंत्री ने दीप नारायण साह कृषक हितार्थ समूह को 8 लाख रुपये का सांकेतिक चेक, किसान विकास उन्नत सब्जी उत्पादक कृत हित समूह को 8 लाख रुपये का सांकेतिक चेक, 80 प्रतिशत अनुदान प्राप्त कर स्थापित किए गए कृषि यंत्र बैंक की चाबी, देशी गो-पालन प्रोत्साहन योजना का सांकेतिक चेक, मुख्यमंत्री अंतरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना का सांकेतिक चेक, मुख्यमंत्री निःशक्तजन विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना का सांकेतिक चेक लाभुकों को प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी केंद्र, शेखोपुर का निरीक्षण कर वहां उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं के संबंध में शिक्षिका एवं बच्चों से बातचीत कर जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने समस्तीपुर जिला अंतर्गत मगरदडी घाट पुल के समानांतर पुराने स्कू पाइल पुल के स्थान पर 45 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्तावित नया उच्च स्तरीय आर०सी०सी० पुल के निर्माण कार्य के संदर्भ में स्थल निरीक्षण किया। अधिकारियों ने बूढ़ी गंडक नदी पर स्थित मगरवही घाट पुल के प्रस्तावित समानांतर पुल के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस काम को यथाशीघ्र शुरू कराकर समानांतर पुल का जल्द से जल्द निर्माण कराएं। इस समानांतर पुल के बन जाने से जाम की समस्या से लोगों को निजात मिलेगी और साथ ही सुचारू रूप से वाहनों का परिचालन होता रहेगा।

कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय, केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री रामनाथ ठाकुर, उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री सह समस्तीपुर जिला के प्रभारी मंत्री श्री श्रवण कुमार, सूचना एवं जन-संपर्क मंत्री श्री महेश्वर हजारी, सांसद श्रीमती शांभवी चौधरी, विधायक श्री राजेश कुमार सिंह, विधायक श्री अशोक कुमार, पूर्व मंत्री श्रीमती अश्वमेघ देवी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेशक श्री विनय कुमार, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, ग्रामीण विकास विभाग सह पर्यटन विभाग के सचिव श्री लोकेश कुमार सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, सुरक्षा श्री अमृत राज, दरभंगा प्रमंडल के आयुक्त श्री मनीष कुमार, बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष श्री शीर्षत कपिल अशोक दरभंगा प्रक्षेत्र की पुलिस उपमहानिरीक्षक श्रीमती स्वपना गौतम मेश्राम, समस्तीपुर के जिलाधिकारी श्री रोशन कुशवाहा, पुलिस अधीक्षक श्री अशोक मिश्रा सहित अन्य वरीय अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

‘मिशन कर्मयोगी कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन

बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (BIPARD), गया ने 7 जनवरी 2025 को एक दिवसीय ‘मिशन कर्मयोगी कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह कार्यशाला क्षमता निर्माण आयोग (CBC) के तत्वाधान में आयोजित की गई, जिसमें केंद्रीय सरकार, केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों, राज्य प्रशिक्षण संस्थानों और 17 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कुल 57 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यशाला का उ‌द्घाटन और अध्यक्षता क्षमता निर्माण आयोग के अध्यक्ष श्री अदिल जैनुलभाई ने की। प्रमुख अतिथियों में डॉ. आर. बालासुब्रमण्यम, सदस्य, CBC, और डॉ. अलका मित्तल, सदस्य, CBC शामिल थे। तमिलनाडु के अपर मुख्य सचिव श्री विक्रम कपूर, बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव और BIPARD के महानिदेशक श्री के. के. पाठक, और बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव श्री बी. राजेन्द्र सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यशाला में उपस्थित थे।

कार्यशाला में विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें राज्यों और प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए मिशन कर्मयोगी, क्षमता निर्माण और नीतिगत योजना, शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों के साथ काम करना, कर्मयोगी दक्षता मॉडल, IGOT और डिजिटल लर्निंग के लिए पाठ्यक्रम निर्माण, और बड़े पैमाने पर नागरिक उन्मुख प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना जैसे विषय शामिल थे। इसके अतिरिक्त, कई प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों ने अपने अनुभव, फीडबैंक और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने में आने वाली चुनौतियों को साझा किया।

मिशन कर्मयोगी, जो माननीय प्रधानमंत्री द्वारा कल्पित एक दूरदर्शी पहल है, का उद्देश्य सिविल सेवकों को नियम-आधारित से भूमिका आधारित सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के दृष्टिकोण में परिवर्तन करना है। यह कुशल, नागरिक केंद्रित शासन सुनिश्चित करने और निस्तर सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कौशल निर्माण पर जोर देता है।

यह कार्यशाला आपसी सीख, अनुभव साझा करने, और प्रशिक्षण और विकास की बेहतर रणनीतियों की योजना बनाने के लिए एक अमूल्य मंच साबित हुई। इसने बिहार की उस प्रगति को भी उजागर किया, जिसने हाल ही में IGOT मिशन कर्मयोगी पंजीकरण में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि क्षमता निर्माण और नवाचारी प्रशिक्षण पहलों के माध्यम से शासन को मजबूत करने की राज्य की प्रतिबद्ध‌ता को दर्शाती है।

इस कार्यशाला के आयोजन में BIPARD की भूमिका राज्यों और प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग और ज्ञान आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।