बिहार के 18 जिलों के लिए 7 ‘कोविड-जागरूकता रथों’ को सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने किया रवाना

न्यूज़ डेस्क –  कोविड 19 टीकाकरण और जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रति आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से आज सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के रीजनल आउटरीच ब्यूरो (आरओबी), पटना द्वारा राज्य के 18 जिलों के लिए 7 जागरूकता रथों को रवाना किया गया। बिहार सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क तथा जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने हरी झंडी दिखा कर इन रथों को रवाना किया।

उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सूचना एवं जनसंपर्क तथा जन संसाधन मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि टीकाकरण की दिशा में बिहार ने उल्लेखनीय कार्य किया है। यहां अभी तक कुल 7.5 करोड़ लोगों का टीकाकरण हुआ है। उन्होंने कहा कि आज की तारीख तक बिहार में कोविड 19 के एक्टिव केस मात्र 38 हैं, जो देश भर में सबसे कम है। उन्होंने पूर्वी चंपारण के बनकटवा प्रखंड का उल्लेख करते हुए कहा कि यह प्रखंड 18 साल से ऊपर के लोगों को सौ फीसदी टीकाकरण वाला देश का पहला प्रखंड बन गया है। उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ने बाढ़ के दौरान कोसी, दरभंगा के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में नाव से जा-जाकर और राहत शिविरों में टीकाकरण किया है। उन्होंने आरओबी के जागरूकता रथ कार्यक्रम की सराहना करते हुए कहा कि जिन जिलों में अभी भी लोग या तो टीके के प्रति जागरूक नहीं हैं या फिर टीके के प्रति भ्रांतियां हैं, वहां इस इस प्रकार के कार्यक्रम दूरगामी साबित होंगे। खासकर तीसरी लहर की आशंका के बीच इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम निःसंदेह लाभदायक सिद्ध होंगे। यह जागरूकता कैंपेन सभी के जीवन से जुड़ा है। इस स्तर का कैंपेन चलाकर विभाग ने सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मनिर्भर भारत का मुख्य उद्देश्य लोकल यानी स्थानीय वस्तुओं व उत्पादों पर फोकस करना है।

पीआईबी एवं आरओबी के अपर महानिदेशक एसके मालवीय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि कोविड 19 टीकाकरण एवं अन्य जन-कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार हेतु चलाए जा रहे जागरूकता रथ को मुख्य रूप से अल्पसंख्यक, नक्सल प्रभावित, सीमावर्ती, एस्पीरेशनल जिलों में तथा जहां कम टीकाकरण हुए हैं, वहां चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन जागरूकता रथों के माध्यम से 18 जिलों में कुल 20 दिनों तक लोगों को टीके के दोनों डोज लेने तथा अन्य केंद्रीय योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के पंजीकृत सांस्कृतिक दलों के द्वारा लगभग 140 जगहों पर जागरूकता कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जन-कल्याणकारी योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार के विभाग इस दिशा में बेहतर समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं।


जिन 18 जिलों में जागरूकता रथ और सांस्कृतिक दलों के कार्यक्रम होने हैं उनमें औरंगाबाद, अरवल, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, सुपौल, अररिया, कैमुर, रोहतास, खगड़िया, कटिहार, किशनगंज, लक्खीसराय, शेखपुरा और जमुई शामिल हैं।

मौके पर आरओबी, पटना के निदेशक विजय कुमार, पीआईबी के निदेशक दिनेश कुमार, सहायक निदेशक संजय कुमार, दूरदर्शन समाचार पटना के सहायक निदेशक सलमान हैदर व अजय कुमार, छपरा एफओबी के क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी पवन कुमार व सहायक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी सर्वजीत सिंह, आरओबी पटना के सहायक क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी नवल किशोर झा व अमरेंद्र मोहन मौजूद थे।

19 दिसंबर को नई दिल्ली में कायस्थों का महाकुंभ होगा निर्णायक

 न्यूज़ डेस्क – ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के ग्लोबल अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने कहा है कि देश एवं विदेश में फैले भारी संख्या में कायस्थों को एकजुट कर सामाजिक, शैक्षणिक और राजनीतिक क्षेत्र में एक बार फिर शिखर पर पहुंचने की जोरदार पहल की गई है। इसी क्रम में आगामी 19 दिसंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में विश्व कायस्थ महासम्मेलन का आयोजन कर अपनी चट्टानी एकता के साथ-साथ मजबूती का प्रदर्शन किया जाएगा।

श्री प्रसाद ने आज स्थानीय तारामंडल में जीकेसी के शंखनाद यात्रा के तहत कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए कहा कि देश के विभिन्न राज्यों में फैले कायस्थ अपनी सामाजिक, शैक्षणिक व्यासायिक और राजनीतिक क्षेत्र में वाजिब हिस्सेदारी के लिए तेजी से एकजुट हो रहे हैं और इसी क्रम में विभिन्न कायस्थ संगठनों ने विश्व कायस्थ महासम्मेलन को अपना समर्थन देकर एकजुटता को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भगवान चित्रगुप्त के वंशजों के लिए अभी का समय पूरी तरह निर्णायक है क्योंकि राजनीतिक तथा रोजगार के क्षेत्र में हमारे हितों को नजरअंदाज किए जाने के स्पष्ट संकेत हाल के महीनों में मिले हैं । ऐसी स्थिति में हम एक बार पुनः अपने गौरवशाली अतीत के अनुरूप कायस्थों को हर क्षेत्र में शिखर पर लाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं।

ग्लोबल अध्यक्ष ने कहा कि विश्व और देश पर कायस्थों द्वारा नेतृत्व करने का इतिहास किसी से छुपा नहीं है। इतना ही नहीं विश्व गुरू स्वामी विवेकानंद, स्वतंत्रता आन्दोलन के नायक सुभाष चन्द्र बोस या फिर देश में संपूर्ण क्रान्ति के अगुआ जयप्रकाश नारायण, राजेन्द्र प्रसाद, लाल बहादुर शास्त्री सहित अन्य कई विभूतियों ने विश्व एवं देश का न सिर्फ नेतृत्व किया बल्कि अध्याय बदलने का काम किया है। ऐसे में एक बार फिर संसदीय व्यवस्था में कायस्थों का शिखर पर आना बेहद आवश्यक हो गया है। उन्होंने 19 दिसंबर को महासम्मेलन में सभी से जोरदार भागीदारी की अपील की।

जीकेसी की प्रबंध न्यासी रागिनी रंजन ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में कायस्थ कहीं न कहीं तंत्र की एक बड़ीआवश्यकता है, जिस तरह से मूल्यों का क्षरण हुआ है। लगातार जो हमारी विरासत, हमारी परंपराएं और हमारा स्वर्णिम और गौरवशाली इतिहास है,
आज वह कहीं-न-कही धूल धूसरित हुए हैं। आज संसदीय मूल्यों में गिरावट, बिगड़ता सामाजिक तानाबाना,समाज में असंतोष की भावना को देखते हुए एक बार फिर समय की आवश्यकता है कि हमें सामने आकर तंत्र के शिखर पर काबिज होना होगा।

प्रदेश अध्यक्ष डॉ नम्रता आनंद ने कहा कि पूरे राज्य में कायस्थों का यह संगठन तेजी से न केवल सक्रिय हुआ है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में उपेक्षित हो रहे भगवान चित्रगुप्त के वंशज जीकेसी के बैनर तले अपने भविष्य के हितों को देख रहे हैं।
उन्होंने कहा कायस्‍थ समाज का गौरवशाली इतिहास रहा है। मौजूदा राजनीतिक और समाजिक परिदृश्‍य में कायस्थ समाज की उपेक्षा की जा रही है। कायस्थ राजाओ, साम्राज्योँ और उनके साहसिक शासनकाल का अविष्मरणीय योगदान रहा है, जिसे कायस्‍थ समाज एक बार फिर दोहराएगा। हम सभी को फिर से एकजुट होने की जरूरत है।

जीकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर ने कहा कि कायस्थों के लिए पूरे देश में एक अलग प्रकार से उत्पन्न संकट की इस घड़ी में सभी कायस्थ संगठनों को एकजुट होकर एक मंच पर आने की आवश्यकता है और इसका व्यापक समर्थन सभी को करना चाहिए।उन्होंने कहा कि विश्व कायस्थ महासम्मेलन कायस्थ जाति के उज्ज्वल भविष्य के लिए.हर दृष्टिकोण से निर्णायक साबित होगा।अतः हमें तन-मन-धन से इसे ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने के लिए प्रयास करने की जरूरत है।
जीकेसी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दीपक कुमार अभिषेक ने कहा, कायस्थ समाज के पुरोधाओं ने देश के सामाजिक, राजनैतिक उत्थान के साथ, आजादी की लड़ाई में अपनी अहम भूमिका अदा की है, लेकिन आज कायस्थ समाज हाशिये पर चल गया है जिसे संगठित करते हुए मजबूत करने की जरूरत है।

जीकेसी पटना जिलाध्यक्ष सुशील श्रीवास्तव ने कहा, आज के दौर में कायस्थ जाति संगठित नही होने से अपने हक को सही तरीके से हासिल नही कर पा रही है। इसके लिए हम सब को साथ आना चाहिए।

कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलित कर की गयी। इसके बाद भगवान चित्रगुप्त के चित्र पर पुष्प अर्पित किया गया और भगवान चित्रगुप्त की वंदना से की गयी।
कार्यक्रम बतौर मुख्य अतिथि भाजपा विधायक अरुण कुमार सिन्हा, पदम श्री डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा मौजूद थे। दीदीजी फाउंडेशन के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम झिझिया, कजरी, जट जतिन छठ गीत समेत कई कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों का दिल जीत लिया। जीकेसी कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के सचिवआलोक कुमार रचित-संगीतबद्ध गीत स्वागतम गान ने और कायस्थों का उत्थान लोगों का दिल जीत लिया। कार्यक्रम का सफल संचालन अजय अंबषठने किया किया.
इस अवसर पर जीकेसी मीडिया- कला संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम कुमार, राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय सिन्हा ,
कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय संयोजक दीप श्रेष्ठ,कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के सचिव अनुराग समरूप,
हैप्पी श्रीवास्तव, सुबाला वर्मा,
युवा प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सौरभ कुमार वर्मा, संजय कुमार रघुवर,
कला-संस्कृति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष दिवाकर कुमार वर्मा, प्रदेश महासचिव संजय सिन्हा,पटना जिला उपाध्यक्ष धनंजय प्रसाद, मीडिया सेल के प्रदेश महासचिव मुकेश महान, युवा प्रकोष्ठ के प्रभारी राजेश सिन्हा संजू, जीकेसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता अतुल आनंद सन्नु ,राष्ट्रीय सचिव हैप्पी श्रीवास्तव राष्ट्रीय सचिव वंदना श्रीवास्तव ,रवि सिन्हा दिलीप कुमार सिन्हा पल्लवी श्रीवास्तव प्रियदर्शी हर्षवर्धन, आइटी सेल के अध्यक्ष आशुतोष ब्रजेश, युवा प्रकोष्ठ के कार्यवाहक अध्यक्ष सुशांत सिन्हा, पटना जिलाअध्यक्ष पीयुष श्रीवास्तव ,प्रसून श्रीवास्तव
मीडिया सेल के राष्ट्रीय सचिव नीरव समदर्शी,समेत कई अन्य गणमान्य लोग भी उपस्थित थे।

सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया चर्चित आईपीएस अधिकारी व बिहार सरकार गृह विभाग में विशेष सचिव विकास वैभव का 42 वां जन्मोत्सव

न्यूज़ डेस्क –  बिहार के युवाओं के आदर्श चर्चित आईपीएस अधिकारी और वर्तमान में बिहार सरकार गृह विभाग में विशेष सचिव विकास वैभव का 42 वां जन्मोत्सव कार्यक्रम आज उनके पटना पुलिस कॉलोनी आवास पर सादगी पूर्ण तरीके से मनाया गया जिसमें युवाओं ने अपनी भागीदारी सुनिश्चित की तथा प्रण लिया की आईए प्रेरित करें बिहार अभियान के माध्यम से पूरे बिहार में विकास की गाथा लिखी जाएगी। उनके पटना आवास के पास मेडिकल कैंप का भी आयोजन एम्स के चिकित्सक डॉ रमन किशोर व प्रयास भारती के द्वारा किया गया था जिसमें लोगों का निशुल्क जांच किया गया तथा दवाएं भी उपलब्ध कराई गई।

अपने जन्म उत्सव के उपलक्ष में सर्वप्रथम वृक्षारोपण करके उन्होंने कार्यक्रम की शुरुआत की उसके बाद आइए प्रेरित करें बिहार अभियान से जुड़े युवाओं के साथ उन्होंने केक भी काटा। पूरे बिहार से युवाओं का जूटान उनके आवास पर हुआ था ।सादगीपूर्ण तरीके से उनके जन्म उत्सव को मनाया गया अपने जन्मोत्सव पर युवाओं को संबोधित करते हुए विकास वैभव ने कहा कि जिस तरह से समाज आपको सम्मान देता है आपकी तरफ आशा भरी निगाहों से देखता है आपकी जिम्मेदारियां बढ़ जाती है और यह जिम्मेदारी होती है समाज राज्य राष्ट्र के प्रति आईए प्रेरित करें बिहार अभियान इसी कड़ी में मील का पत्थर साबित होगा जहां समता शिक्षा और उद्यमिता के क्षेत्र में लोगों को प्रेरित करके बिहार में बड़े बदलाव की शुरुआत होगी। उन्होंने कहा कि आज पूरी बिहार में जिस तरह से युवा तबका उनके साथ जुड़ा है और बिहार में बदलाव की कहानी लिखने को तत्पर है उससे लगता है कि एक बड़े बदलाव की दिशा में कारगर प्रयास हो रहा है। अपने जन्मदिन पर युवाओं को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि ईमानदारी और निष्ठा पूर्वक किया कार्य कभी भी असफल नहीं होता इंसान को प्रयास करते रहना चाहिए सफलता एक न एक दिन जरूर मिलेगी।

बिहार में खाद्य भंडारण क्षमता 10.50लाख मेट्रिक टन) हो गया जो 2015 में 5.5 LMT था- अश्विनी कुमार चौबे

न्यूज़ डेस्क –  केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आम लोगों की खाद्य सुरक्षा, किसानों के अत्यधिक कल्याण और आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी सरकार संकल्पित है। इसके लिए सभी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत हम देख रहे हैं कि बिहार में खाद्य भंडारण क्षमता 10.50LMT (लाख मेट्रिक टन) हो गया जो 2015 में 5.5 LMT था। राज्य में 13 लाख मेट्रिक टन साइलो गोदाम निर्माण की अनुमति मिली है। स्वामीनाथन कमिटी लागू कर हम लागत के डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP तय कर खरीददारी कर रहे है। वर्ष 2024 तक सभी लाभकारी योजनाओं के तहत फोर्टीफाइड राइस का वितरण किया जाएगा। वर्ष 2021–22 में केंद्र सरकार ने बिहार सरकार के साथ मिलकर 30 लाख मेट्रिक टन चावल अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा है,जिससे किसानों के कल्याण और आत्मनिर्भर बिहार बनाने की मुहिम में बल मिलेगा।

श्री चौबे आज आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत खाद्य आपूर्ति एवं जन वितरण विभाग (DFPD), भारत सरकार के 15 से 21 नवंबर तक चले खाद्य सुरक्षा प्रतिष्ठित सप्ताह कार्यक्रम में पटना के अधिवेशन भवन में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।

अश्विनी चौबे ने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत सरकार आज खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और 138 करोड़ के इस जनतंत्र को सशक्त अन्नतंत्र बनाने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है l इन्ही प्रयासों के फलस्वरूप कोरोना महामारी के बावजूद किसान भाइयों से जहाँ रिकॉर्ड खरीद हुई, वहीं देश के 80 करोड़ जनता के बीच अभूतपूर्व परिमाण में खाद्यान्न वितरित भी हुए।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के अंतर्गत कुल 15 महीने के लिए प्रत्येक लाभुक को प्रति माह 5 किलोग्राम गेंहू या चावल बिलकुल मुफ्त में देने के लिए आवंटित किया गयाl राज्य के खाद्य रूचि के अनुसार, खाद्यान्न का अनुपात तय किया गयाl जहाँ बिहार में 2 किलो गेंहू और 3 किलो चावल दिया गया वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में 5किलो चावल ही दिया गया l

इस योजना में लगभग 80 करोड़ लाभुकों के लिए इन 15 महीनों ले लिए कुल 596 लाख मेट्रिक टन अनाज आबंटित हुआ है । इस आबंटित अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरे भारतवर्ष में भारतीय खाद्य निगम के कर्मियों ने लगभग 600 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का परिचालन किया । बिहार क्षेत्र में कोविड-19 के दौरान 58.81 लाख मैट्रिक टन (कुल आर्थिक मूल्य लगभग 22,800/- करोड़ रूपये) अनाज मंगवा कर आम जनता को वितरित किया गया है, जिसका लाभ 8.71 करोड़ जनता को प्राप्त हुआ है।

चूँकि देश की 60% से अधिक जनता कृषि पर आधारित है, आत्मनिर्भर भारत के लिए किसानों का विकास महत्वपूर्ण है। इसीलिए माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में किसानो की आय दुगुनी करने के लिए यह सरकार ढेरों कदम उठा रही है। स्वामीनाथन कमिटी के रिपोर्ट के अनुसार लागत के डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य [MSP] तय हो रहा है।

बिचौलियों एवं फर्जी किसानो से खरीद बंद करने के लिए सूचना एवं प्रद्योगिकी की मदद से किसानो से सीधे खरीद की जा रही है एवं DBT के माध्यम से सीधे उनके खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं। फलस्वरूप हजारों अन्नदाता सैकड़ों वर्षों के साहूकार प्रणाली के ऋण चक्र से बाहर आ पा रहे हैं।भारत सरकार रिकॉर्ड MSP पर रिकॉर्ड खरीद कर रही है।

धान की खरीद KMS [खरीफ मार्केटिंग सीजन] 2014-15 में 423 लाख मेट्रिक टन से KMS 2020-21 में 894 लाख मेट्रिक टन हो गयी है । गेहूँ की खरीद RMS 2014-15 [रबी मार्केटिंग सीजन] में 281 लाख मेट्रिक टन से RMS 2021-22 में 433 लाख मेट्रिक टन हो गयी है।

बिहार सरकार ने KMS 20-21 में 23.84 लाख मैट्रिक टन चावल की अधिप्राप्ति किया तथा RMS 21- 22 में 4.55 LMT (लाख मेट्रिक टन) गेहूँ का अधिप्राप्ति किया गया। इसके फलस्वरूप बिहार राज्य में KMS 20-21 में चावल अधिप्राप्ति में करीब 5 लाख किसानों को लगभग 6,648 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया तथा RMS 21-22 में गेंहू अधिप्राप्ति में करीब 1 लाख किसानों को लगभग 900 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है।

वर्ष 21 – 22 में भारत सरकार ने बिहार सरकार के साथ निश्चय किया है कि यहां पर कुल 30LMT (तीस लाख मेट्रिक टन) चावल की अधिप्राप्ति की जाएगी,जिससे यहां के कुल वार्षिक आबंटन को पूरा किया जा सकेगा और बिहार आत्मनिर्भर बन पायेगा।

खाद्य सुरक्षा को और सशक्त बनाने के लिए प्रधान मंत्री जी के नेतृत्व में यह मंत्रालय सभी राज्यों के सहयोग से एक देश एक राशन कार्ड [One Nation One Ration Card] योजना पर भी तेजी से काम कर रहा है, ताकि कोई भी लाभुक किसी भी परिस्थिति में अपने हक से वंचित न हो। प्रधान मंत्री के एक भारत, श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार करने के लिए और सारे राज्यों को इस मुहिम में जोड़ते हुए हम एक देश, एक MSP, एक DBT और एक राशन कार्ड की तरफ तेज़ी से अग्रसर हो रहे हैं ।

भारत सरकार खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पौष्टिकता सुरक्षा की भी गारंटी दे रही है,जिसके लिए माननीय प्रधानमंत्री ने लाल किले के प्राचीर से संबोधित करते हुए 2024 तक सभी लाभकारी योजनाओं के तहत फोर्टीफाइड राइस का वितरण करने का संकल्प लिया है। वर्तमान में भारत सरकार मिड डे मील स्कीम तथा आंगनबाड़ी के तहत आईसीडीएस स्कीम में बिहार के सभी जिलों को फोर्टीफाइड राइस दे रही है। इससे माताओं एवं बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचाया जा रहा है।

खाद्य सुरक्षा को प्रबल करने के लिए बिहार राज्य में भारतीय खाद्य निगम की भंडारण क्षमता को, जो कि 2015 में लगभग 5.50 LMT(लाख मेट्रिक टन) थी, बढ़ाकर अब 2020-21 में 10.50LMT (लाख मेट्रिक टन) कर दिया गया है। भारत के पहले राइस साइलो कैमूर और बक्सर में बनाये जा रहे हैं, जिसे अगले 1 वर्ष के अंदर चलन में लाया जाएगा।

इसके अलावा बिहार राज्य में 13.00 LMT(लाख मेट्रिक टन) क्षमता के साइलो के निर्माण हेतु अनुमति प्रदान कर दिया गया है l अखिल भारतीय स्तर पर 108 लाख मेट्रिक टन साइलो के निर्माण के लिए अनुमति दे दी गयी है,जिससे देश खाद्यान भण्डारण में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने अमर स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को याद करते हुए कहा कि आज के दिन हम भगवान बिरसा मुंडा को भी याद करते हैं जिन्हें हमारे झारखंड राज्य के भाई प्यार से “धरती आबा” के नाम से याद करते हैं । इन्होंने 1895 में हजारीबाग में अकाल ग्रस्त लोगों की पूरे तनमन और धन से सेवा की तथा स्थानीय जनजातीय लोगों को आजादी के प्रति जागरूक किया था। इन्होंने अंग्रेजी सेना को 1898 में हराया । इसके पश्चात उन्हें जेल हो गयी तथा 1900 में मृत्यु हो गई । आज हम उन्हें भगवान के रूप में याद करते हैं तथा भारत सरकार ने उनके देश के प्रति त्याग और बलिदान को सम्मानित करते हुए बिरसा मुंडा की जयंती,15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।

“आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम” के तहत खाद्य सुरक्षा प्रतिष्ठित सप्ताह कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया I इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव, बिहार की खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह, विधायक संजीव चौरसिया, कार्यकारी निदेशक (पूर्वी अंचल) डॉ. अजित कुमार सिन्हा, आंचलिक कार्यालय (पूर्व) एवं महाप्रबंधक (क्षेत्र) संजीव कुमार भदानी उपस्थित थे l

हमलोग गन्ना किसानों की बेहतरी के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं -नीतीश कुमार

न्यूज़ डेस्क –  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को 1 अणे मार्ग स्थित संकल्प में गन्ना उद्योग विभाग की समीक्षा की। गन्ना उद्योग विभाग के सचिव श्री एन० सरवन कुमार ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभाग में किये जा रहे कार्यो के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने पेराई सत्र 2021-22 के लिए ईख मूल्य की दर का निर्धारण, वर्ष 2010 से 2021 तक गन्ना मूल्य की दर, परिचालित चीनी मिलों की संख्या, चीनी मिलों की पेराई क्षमता, डिस्टीलरी की क्षमता, आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

प्रस्तुतीकरण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006-07 से गन्ना किसानों के लिए कई कदम उठाये गये हैं। पूर्व के कई वर्षों में गन्ना के मूल्य में वृद्धि की गई। सरकार के स्तर से ईख मूल्य अनुदान भी दिये गये। गन्ना उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये गन्ना उद्योग को प्रोत्साहित किया गया । क्षेत्रीय विकास परिषद (जे०डी०सी०) कमीशन में छूट एवं ईख क्रय कर में छूट की सुविधा दी गई। गन्ने की अधिक उत्पादकता के लिए अच्छे किस्म के गन्ने की प्रजाति को बढ़ावा दिया गया। उन्होंने कहा कि सीतामढ़ी जिले के गन्ना किसानों को रीगा के अलावा अन्य चीनी मिलों तक गन्ना पहुंचाने के लिए आवागमन सब्सिडी पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी जारी रखें ताकि गन्ना किसानों को चीनी मिलों तक गन्ना पहुंचाने में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। उन्होंने कहा कि हमलोग गन्ना किसानों की बेहतरी के लिए लगातार कार्य कर रहे हैं।

बैठक में गन्ना उद्योग मंत्री श्री प्रमोद कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, गन्ना उद्योग सह कृषि विभाग के सचिव श्री एन० सरवन कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, ईखायुक्त श्री गिरिवर दयाल एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी श्री गोपाल सिंह उपस्थित थे।

यश कुमार – काजल राघवानी की बहुप्रतीक्षित फ़िल्म दंडनायक का फर्स्ट लुक रिविल्ड

न्यूज़ डेस्क –  यश कुमार ने आज अपने ड्रीम प्रोजेक्ट दंडनायक का फर्स्ट लुक रिविल्ड किया है। सुपरस्टार यश कुमार ने सोशल मीडिया के जरिये बहुप्रतीक्षित फ़िल्म दंडनायक का फर्स्ट लुक रिलीज करते हुए लिखा है : फ़िल्म से जुड़े तमाम टेक्नीशियन और एक्टर जिन्होंने इस फ़िल्म को इतना खूबसूरत बनाने में योगदान दिया है सबको धन्यवाद,ये अब तक कि मेरी सबसे बेहतरीन फ़िल्म है।

हमेशा यूनिक सब्जेक्ट्स पर काम करने वाले यश की इस फ़िल्म से फ़िल्म उद्योग के लोगो को काफी उम्मीदें हैं। ट्रेड पंडितो की माने तो यश कुमार की फिल्में सिने उद्योग में हुए बदलाव का एक महत्त्वपूर्ण उदाहरण है। सिनेमा निर्माण के तकनीकी विकास में समय-समय पर प्रगति होती रही है,लेकिन कमजोर कंटेन्ट के कारण ये अपना पुराना पारंपरिक दर्शक खोता गया। यश कुमार के अथक प्रयास से भोजपुरी सिनेमा में हमें आज कई तरह के परिवर्तन और विकास देखने को मिलते हैं। हमेशा पारिवारिक मूल्यों पर फिल्मे लेकर आने वाले यूनिक एक्‍शन स्‍टार यश कुमार की फिल्‍म ‘दंडनायक’ का फर्स्ट लुक आज रिलीज किया गया है और बहुत जल्द इसे पूरे देश मे भव्य तरीके से रिलीज किया जाएगा।

निर्माण की खबर से ही दर्शको को फिल्‍म का काफी इंतजार है। आज फ़िल्म की एक झलक आयी है जो देखते ही देखते सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप में धरल्ले से शेयर किए जा रहे हैं। फिल्‍म की कहानी के साथ – साथ गीत – संगीत भी दर्शकों को  अपनी ओर आकर्षित करने वाली है।

इस मौके पर यश कुमार कहते हैं मेरी तमाम फिल्मो को आप सबों का बेहद स्‍नेह और आशीर्वाद मिला है। उम्‍मीद है कि यह फिल्‍म भी आपको पसंद आएगी। फिल्‍म का निर्माण भव्‍य पैमाने पर हुआ है। यह फिल्‍म बहुत जल्द आप सबो के बीच होगी । भोजपुरी के दर्शकों को यह नववर्ष का उपहार होगा।
सिजलिंग काजल राघवानी कहती है फ़िल्म एक बेहतरीन कहानी और मेहनतकश टेक्नीशियन का मिक्सचर है,यश की अभिनय क्षमता कमाल की है । फ़िल्म का कॉन्सेप्ट मुझे फ़िल्म में खींच के लाई है मेरे ख्याल से हर भोजपुरी प्रेमी को ये फ़िल्म एक बार जरूर देखनी चाहिए।

यश कुमार एंटरटेनमेंट की फिल्‍म ‘दंडनायक’ में यश कुमार और काजल राघवानी मुख्य भूमिका में हैं साथ ही प्रीति शुक्ला,राधे कुमार, वर्षा तिवारी,संजीव मिश्रा,नवीन मिश्रा,अवनीश दुबे,अनुराग ठाकुर,धनंजय सिंह,मनोज मोहानी,नौशाद शेख इत्यादि भी अहम किरदार में हैं। फिल्‍म के निर्देशक सुजीत वर्मा, कार्यकारी निर्माता शैलेंद्र सिंह और निर्देशक सुजीत वर्मा हैं। कहानी यश कुमार का है। पटकथा और संवाद एस.के. चौहान व संगीत मुन्ना दुबे का है। गीतकार मुन्ना दुबे व राजेश मिश्रा हैं। छायांकन समीर – जहांगीर सैय्यद,नृत्य प्रवीण शेलारी और कला अवधेश राय है। पीआरओ  रंजन सिन्हा और सर्वेश कश्यप हैं। बैनर यश कुमार एंटरटेनमेंट है।

अगर बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करना है तो समाज के हर एक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी

न्यूज़ डेस्क –  बाल अधिकार एक ऐसा विषय है जिसे वैश्विक स्तर पर जितनी अहमियत दी गई है उसकी तुलना में हमारे देश में आजादी के बाद 6-7 दशक तक यह अनदेखा रहा और इसी अनदेखी के चलते समय की मांग के अनुसार न तो कोई नई दृष्टि विकसित हो पाई है और न ही हम अपनी उस पंरपरा को संजोकर रख पाए जिसमें बच्चा समाज की जिम्मेदारी होता था और पूरा समाज उसके विकास तथा संरक्षण के लिए कार्य करता था। किसी बच्चे के विकास और संरक्षण के लिए सबसे जरूरी यह होता है कि उसके प्रति समाज और सरकार का दृष्टिकोण क्या है। अगर आजादी के बाद से देखे तो लंबे समय में ऐसा कोई भी दृष्टिकोण विकसित नहीं हुआ जिसमें बच्चे के हित्त को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए उसके विकास और संरक्षण की दिशा में पर्याप्त कार्य हुआ हो। इसके उलट अनदेखी के कारण भारत की पुरातन परंपरा भी धूमिल पड़ने लगी जहां समाज ने ही बच्चे को संरक्षण दिया और उसके विकास के समान अवसर मुहैया कराए।
वैश्विक स्तर पर प्रयासो की बात करें तो बाल अधिकारों की महत्ता को समझते हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा 20 नवंबर को इसे विशेष रूप से बाल अधिकार दिवस के रूप में निर्धारित किया गया है। हालांकि ऐसा नहीं है कि भारत में बच्चों को लेकर ऐसा प्रयास नहीं किया गया है। बाल दिवस एक ऐसा ही प्रयास है। किंतु अगर दृष्टिकोण की बात करें तो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जहां बच्चों के अधिकारों को प्राथमिकता दी गई है वहीं भारतीय बाल दिवस लोक लुभावन मेलों से परे अपनी पहचान नहीं बना पाया और इसका समाज के दृष्टिकोण में बदलाव की कोई छाप दृष्टिगोचर नहीं हुई । जबकि ऐतिहासिक रूप से, भारत अपने सांस्कृतिक लोकाचार और सामाजिक आचरण के माध्यम से बच्चों के अधिकारों की पुरजोर वकालत और मान्यता देता रहा है। यह स्वतंत्रता के बाद हमारे संविधान में विशिष्ट अधिकारों में अनुवादित हो गया और कालांतर में बाल अधिकार संरक्षण संबंधित कानूनों में समाहित हुए। हाल ही में किशोर न्याय अधिनियम, 2015 और पोक्सो अधिनियम, 2012 के तहत संशोधन जैसे बच्चों के लिए ऐतिहासिक प्रावधान किए गए हैं, जिससे इन्हें और अधिक प्रभावी बना गया है। इसके अलावा, पीएम केयर्स ने कोविड से प्रभावित सभी बच्चों को संरक्षण प्रदान करने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है।
भारतीय परिपेक्ष्य में मनाए जाने वाले बाल दिवस में लुभावन और मनोरंजन के साधनों को प्राथमिकता दी गई है न कि ऐसे प्रयासों को जो बच्चों को मानसिक और आत्मिक तौर पर सशक्त करे और उनका संरक्षण सुनिश्चित करे। भवनों और मॉल में आयोजित होने वाले मेलों और आयोजनों में केवल वही बच्चे पंहुच पाते हैं जिनकी अधिकारो तक पहुंच है, किंतु यह आय़ोजन असल जरूरत वाले बच्चों की पंहुच से दूर रहे और न हीं उन बच्चों के जीवन में इससे कोई अमूलचूल परिवर्तन आया जो आज भी सड़क पर जीवन व्यतीत करने तथा भिक्षावृति व बाल मजदूरी में अपना बचपन खो रहे हैं। इन्हीं लोक लुभावन आयोजनों में अंतर्राष्ट्रीय बाल अधिकार दिवस भी धूमिल पड़ गया और बच्चों के अधिकार के असल मुद्दों की चर्चा के परे हम मेले के आयोजनों में फंसे रहे।
बाल अधिकारों के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव समय की गहरी मांग है और बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए समग्र समाधान आधारित दृष्टोकण को अपनाने की जरूरत है। उल्लेखनीय है कि गरीबी और परिवार की असक्षमता एक ऐसा कारण है जिसका खामियाजा बच्चों को भुगतना पड़ता है और वह कभी बाल मजदूरी के लिए मजबूर होते हैं तो कभी तस्करों के चंगुल में फंसकर मानसिक औऱ शारीरिक शोषण का शिकार होते हैं। इस समस्या की ओर कभी गंभीरता से नहीं सोचा गया। इस समस्या का समाधान भी हमारी वर्तमान व्यवस्था में उपलब्ध है, जिसे चिन्हित कर एनसीपीसीआर ने परिवार को उन सभी योजनाओं से जोड़ने का कार्य शुरू किया है, जिससे अंततः बच्चे परिवार में रह पाए और उनका लालन पालन बच्चे के नजरिए से सबसे उपयुक्त इकाई परिवार में हो सके।
यहां पर एक और बात जिसपर सबसे ज्यादा ध्यान देने की है वह है बच्चे के विकास में समग्र समाज की भूमिका। चूंकि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और समाज से परे उसके विकास और जीवन की अपनी सीमाएं हैं। इसलिए अगर बच्चों के अधिकारों को सुनिश्चित करना है तो समाज के हर एक व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। इसके लिए आवश्यक है कि बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने के लिए देश को बाल दिवस से बाल अधिकार दिवस की ओर कदम बढ़ाना पडेगा और सांकेतिकता से अधिक सार्थक प्रयास किए जाने की अवश्यकता है।

लेखक: प्रियंक कानूनगो, अध्यक्ष, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)

मतदाता संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के लिए हिलसा एसयू कॉलेज के सभागार में की गयी बैठक

न्यूज़ डेस्क –  विशेष मतदाता संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के तहत रविवार को सभी बूथों पर बीएलओ तैनात रहेंगे। वहां जाकर मतदाता अपना नाम जोड़वा सकते हैं तथा नाम आदि में सुधार भी करा सकते हैं। खासकर कम लिगानुपात वाले मतदान केंद्रों पर महिला मतदाताओं का विशेष रूप से पंजीकरण किया जाएगा। मतदाता संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत आयोजित होने वाले विशेष अभियान दिवस को लेकर अनुमण्डल पदाधिकारी सह निर्वाची पदाधिकारी राधाकांत की अध्यक्षता में शनिवार को हिलसा शहर के एसयू कॉलेज स्थित सभागार में जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक हुई। एसडीओ राधाकांत ने कहा कि मतदाता संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम के दौरान 21 नवंबर को विशेष अभियान दिवस आयोजित किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश के आलोक में एक जनवरी 2022 की अहर्ता तिथि के आधार पर फोटो निर्वाचक नामावली का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण 2022 कार्यक्रम एवं विस्तृत दिशा निर्देश निर्गत किया गया है।जिसके आलोक में रविवार को लगने बाले निर्वाचन क्षेत्र के सभी बूथों पर विशेष शिविर में अधिक से अधिक लोगो का नाम मतदाता सूची में जोड़ा जा सके और जिन मतदाता की मृत्य हो चुकी है उनका नाम सूची से हटाने एव नाम और फोटो में गड़बड़ी आदि की सुधार की जाएगी।बैठक के अंत उपस्थित लोगों को मतदाता जागरूकता और अभियान के प्रति तत्पर रहने की शपथ दिलाई गई।तथा इसके लिये प्रचार प्रसार पर जोर दिया गया। बैठक में प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रिया कुमारी, जिला ब्रांड एम्बेसडर डॉ आशुतोष कुमार मानव, नरेश प्रसाद अकेला, रमेश चन्द्र चौधरी, परमाणु यादव,कुंदन कुमार, तरुण कुमार,संजीत कुमार, धनन्जय कुमार आदि लोग मौजूद थे |

रिपोर्ट – धनपत

कराय परसुराय से जिला परिषद पद के लिए तीन उम्मीदवारों ने भरा पर्चा

न्यूज़ डेस्क –  त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दसवें चरण में कराय परशुराय प्रखंड में होने वाले चुनाव के लिए उम्मीदवारों का नामांकन का प्रक्रिया शनिवार से शुरू हो गया है नामांकन के दूसरे दिन अनुमंडल कार्यालय हिलसा के समक्ष कराय परशुराय प्रखंड से जिला परिषद पद के लिए 3 अभ्यर्थियों ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया नामांकन कराने वालों में पुरुषोत्तम जैन, बालमुकुंद कुमार, बच्चू राम शामिल है अनुमंडल कार्यालय में नामांकन का पर्चा दाखिल करने के बाद उम्मीदवारों ने उनके समर्थकों ने फूल माला पहनाकर जिंदाबाद के नारे लगाए हैं नामांकन को लेकर अनुमंडल कार्यालय में सुरक्षा का चाक-चौबंद व्यवस्था रहा सरकारी गाइडलाइन को अनुपालन करते हुए अभ्यर्थियों का नामांकन कराया गया।

रिपोर्ट – धनपत

किसानों के संयुक्त संघर्ष के प्राथमिक जीत पर हिलसा में विजय जुलूस निकाला गया

न्यूज़ डेस्क –  भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जून 2020 में पहली बार आदेश के रूप में लाकर तीनों किसान विरोधी काले कानून कारपोरेट परस्त नीति को आज निरस्त करने की घोषणा की है, इस अवसर पर अखिल भारतीय किसान महासभा ने हिलसा में विजय जुलूस निकाल कर किसान महासभा के संघर्ष की जीत में खुशी इजहार किया यह विजय जुलूस भाकपा माले के प्रखंड कार्यालय से निकलकर सिनेमा मोड़ होते हुए योगीपुर मोड़ के पास पहुंचकर नुक्कड़ सभा की गई इस नुक्कड़ सभा का नेतृत्व अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला अध्यक्ष मुनीलाल यादव किसान महासभा के प्रखंड सचिव हिलसा दिनेश कुमार यादव ने संयुक्त रूप से किया उक्त नेताओं ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज किसान विरोधी तीनों काले कानून जो सरकार ने वापस लेने की घोषणा की है वह देश के मेट्रो किसानों की शहादत और किसानों के लंबे संघर्षों की जीत है। यह जीत देश के लिए ऐतिहासिक जीत है उन्होंने यह भी कहा कि कुछ मांगों पर एमएसपी को कानूनी दर्जा देने सीटू जोड़कर न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने और किसानों पर से सभी तरह का कर्ज माफ करने आदि मांगों को लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा की ओर से आगे भी आंदोलन जारी रहेगा। किसानों ने जो इतनी लंबी लड़ाई लड़ी उनके जज्बे को आज अखिल भारतीय किसान महासभा संग्रामी अभिनंदन करती है इस मौके पर भाकपा माले के प्रखंड कमेटी सदस्य कम्मू राम इंकलाबी नौजवान सभा के जिला उपाध्यक्ष शैलेश यादव खेत ग्रामीण मजदूर सभा के जिला समिति सदस्य शिव शंकर प्रसाद खेत ग्रामीण मजदूर सभा के जिला अध्यक्ष प्रमोद यादव किसान नेता द्वारिका यादव आदि लोगों ने अपने अपने विचार व्यक्त किए,