पंचायत चुनाव में युवा वोटरों की है सशक्त भूमिका, करें मतदान : डा. आशुतोष मानव

 न्यूज़ डेस्क – पंचायत चुनाव को देखते हुए समाजसेवी सह ज़िला आइकॉन डा. आशुतोष कुमार मानव ने कई जगहों पर जागरुकता अभियान चलाया . इसी कड़ी में स्थानीय कौशल विकास केंद्र के प्रांगण में ख़ासकर युवा मतदाताओं को सम्बोधित करते हुए डा.मानव ने कहा कि हर बड़े अभियान युवाओं की भूमिका सबसे बड़ी और निर्णायक होती है। पंचायत चुनाव में जब जागरुक युवा मतदाता खुलकर आगे आएँगे तो न केवल वोट का प्रतिशत बढ़ेगा बल्कि अच्छे छवि के उम्मीदवार को लोग चुन सकेंगे । डा. मानव ने कहा कि अधिकांश लोग लोभ लालच, स्वार्थ लिप्सा, भाई भतीजाबाद जैसे दलदल में फँसकर अपना क़ीमती वोट बर्बाद कर देते हैं और पूरे पाँच साल पछताते रहते हैं ।भावी मतदाताओं को जागरुक करने में भी आप सभी युवाओं की भूमिका सबसे बड़ी है । उपस्थित लोगों से उन्होंने अनुरोध किया कि गाँव की सरकार के गठन में अपनी शानदार भूमिका निभाते हुए देश को मज़बूत करें .इस अवसर पर कई नए मतदाता समेत दर्जनों छात्र – छात्राएँ एवं समाजसेवी उपस्थित थे।

रिपोर्ट – धनपत

काले कृषि कानून की वापसी पर जाप नेता राजू दानवीर ने मनाया जश्न ,कहा किसानों की हुई जीत

न्यूज़ डेस्क – केंद्र सरकार द्वारा काले कृषि कानून की वापसी पर जन अधिकार पार्टी ने आज पटना के डाक बंगला चौराहे पर जश्न मनाते हुए इसे किसानों के संघर्ष की जीत बताया। साथ ही 700 किसानों के बलिदान को लेकर जाप नेताओं ने पीएम मोदी की गलत नीति पर उनके चेहरे पर कालिख पोती। इस मुकर पर जाप युवा नेता राजू दानवीर ने कहा कि कोई भी बलिदान कभी व्यर्थ नही जाता है। सरकारे झुकती है। घमण्ड टूटता है। लेकिन बलिदानों का मोल माफी मांगकर नहीं चुकाया जा सकता है। किसान आन्दोलन भारतीय इतिहास में सदैव मिसाल बनकर रहेगा।

दानवीर ने कहा कि मोदी सरकार के काले कानून के खिलाफ जाप ने राष्ट्रीय अध्यक्ष  पप्पू यादव जी के नेतृत्व में बिहार से दिल्ली तक संघर्ष किया। इसमे जन अधिकार युवा परिषद के साथियों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन में हमारे 700 किसान अपनी जान की जो कुर्बानी दी है । इस काला कानून की खिलाफ में हम सरकार से मांग करेंगे इन सभी शहीद किसान परिवार को एक सरकारी नौकरी और कम से कम दो करोड़ रुपिया सहयोग राशि में दिया जाए। उसके साथ साथ उन किसान भाइयों को शहीद का दर्जा दिया ।

इतना ही नहीं, जाप नेता ने आगे कहा कि यह किसानों की जीत है यह देश की जीत है यह सच में लोकतंत्र की जीत है किसान आंदोलन में शहीद सभी किसान भाइयों को मेरा शत-शत नमन। देश और लोकतंत्र को बचाने के लिए उनका यह बलिदान सदैव याद रखा जायेगा l

शराबी और शराब बेचनेवाले के नाम बताने वाले का नाम गुप्त रखा जायेगा

न्यूज़ डेस्क –  प्रमंडलीय आयुक्त पटना संजय कुमार अग्रवाल ने शराबबंदी कानून का कड़ाई से लागू करने तथा प्रभावी मॉनिटरिंग हेतु अधिकारियों के साथ समीक्षा की तथा आवश्यक निर्देश दिया।

होटल /बैंक्वेट हॉल पर रहेगी विशेष नजर।
आवंटन के पूर्व ली जाएगी घोषणा पत्र।
होटल मालिक अपने कर्मियों पर रखेंगे विशेष नजर।

शराबबंदी कानून का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु होटल, बैंक्वेट हॉल पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया है। होटल का कमरा अथवा बैंक्वेट हॉल के आवंटन के पूर्व कस्टमर से घोषणा पत्र लेना आवश्यक होगा। साथ ही होटल/ बैंक्वेट हॉल के मालिक को अपने कर्मियों पर विशेष नजर रखने का निर्देश दिया गया है।बैंक्वेट हॉल के मालिक को शादी समारोह में आयोजक के साथ समन्वय बनाए रखने तथा शराबबंदी का पूर्णत: अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा।

सीसीटीवी लगाने का निर्देश, शिकायत मिलने पर फुटेज की होगी जांच।

होटल, बैंक्वेट हॉल के मालिक को सीसीटीवी लगाना जरूरी है। उसका लोकेशन बैंक्विट हॉल एवं परिसर में समुचित रूप में रखने को कहा ताकि शादी में शामिल व्यक्तियों की ऐसी गतिविधियों पर नजर रखी जा सके। साथ ही सीसीटीवी को कार्यरत अवस्था में रखने को कहा ताकि शिकायत मिलने पर सीसीटीवी फुटेज की जांच की जा सके तथा दोषी व्यक्ति के विरुद्ध कार्रवाई की जा सके।

एसडीओ एसडीपीओ एवं थानाध्यक्ष होटल बैंक्विट हॉल की करेंगे मॉनिटरिंग

अपने-अपने अनुमंडलीय क्षेत्र के होटल एवं बैंक्विट हॉल की गतिविधियों पर एसडीओ एवं एसडीपीओ विशेष नजर रखेंगे तथा समुचित मॉनिटरिंग कर शराब के धंधेबाजो एवं सम्मिलित व्यक्तियों के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई करेंगे।

शराब के अवैध धंधों में संलिप्त व्यक्तियों / कारोबारी के विरुद्ध छापेमारी अभियान तेज करने का दिया निर्देश।

आयुक्त ने शराब के अवैध धंधों- उत्पादन भंडारण बिक्री सेवन आदि कार्य में संलिप्त व्यक्ति / कारोबारी के विरुद्ध छापेमारी अभियान तेज करने तथा दोषी के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। शराब की अवैध बिक्री के संबंध में मिल रही शिकायत के परिप्रेक्ष्य में प्रमंडलीय आयुक्त ने डीएम, एसएसपी को शराब के होम डिलीवरी की शिकायत पर रोक लगाने हेतु ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र में मुहल्ले, टोले एवं व्यक्ति को चिन्हित कर औचक रेड करने एवं अधिनियम की सुसंगत धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई करने को कहा।

टाल फ्री नंबर पर करें शिकायत, होगी कार्रवाई।

शराबबंदी कानून का कड़ाई से पालन कराने तथा लोगों को इस संबंध में आवश्यक जानकारी देने हेतु सरकार द्वारा टोल फ्री नंबर जारी किया गया है जिसका नंबर 15545/ 18003456268 है। कोई भी व्यक्ति इस संबंध में आवश्यक सूचना /जानकारी इस नंबर पर दे सकते हैं।

शिकायत करनेवाले तथा सूचना देने वाले व्यक्ति का नाम एवं पता रखा जाएगा गुप्त।

शराब पीने और बेचने वाले की सूचना / शिकायत करने वाले व्यक्तियों का नाम एवं पता गुप्त रखा जाएगा । किसी को बताया नहीं जाएगा बल्कि ऐसे व्यक्तियों को इनाम भी दिया जाएगा।

शहर के महत्वपूर्ण स्थलों पर टोल फ्री नंबर प्रदर्शित करने हेतु होर्डिंग लगाने का दिया निर्देश।

आयुक्त ने शराबबंदी कानून का पालन कराने तथा सरकार द्वारा जारी टोल फ्री नंबर को शहर के महत्वपूर्ण स्थलों पर प्रदर्शित करने हेतु होर्डिंग लगाने का निर्देश दिया ताकि अधिकाधिक लोगों को टोल फ्री नंबर की जानकारी हो सके तथा इस कानून का प्रभावी अनुपालन कराया जा सके।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने चांगसारी (असम) में 50 हजार मेट्रिक टन का क्षमता का साइलो गोदाम राष्ट्र को समर्पित किया

 न्यूज़ डेस्क –  केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज चांगसारी (असम) में 50 हजार मेट्रिक टन का क्षमता का साइलो गोदाम राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का “उत्तर पूर्वी राज्यों को विशेष सुविधा देने और भडारंण कमी (gap) को पूरा करने के कार्यक्रम” के तहत यह हुआ है।

इस कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा सहित एफसीआई के वरीय अधिकारियों और राज्य खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की भी उपस्थिति रही।

साइलो गोदाम राष्ट्र को समर्पित करने के बाद संबोधन में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के 135 करोड़ लोगों के खाद्य सुरक्षा के प्रति सर्वाधिक जागरूक कराते हुए लगातार प्रयास करते रहे हैं। इन्हीं प्रयासों के फलस्वरुप कोविड महामारी की विषमताओं के बावजूद हम ना सिर्फ देश के लगभग 80 करोड़ जनता में उनके नॉर्मल आवंटन अनुसार खाद्य आपूर्ति करते रहे बल्कि जनता को राहत पहुंचाने के लिए प्रति लाभुक 15 माह के लिए अतिरिक्त 5 किलो खाद्यान्न बिल्कुल मुफ्त देने के लिए आवंटन किया I इस योजना के अंतर्गत 596 लाख मेट्रिक टन अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटित किया गया I

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा को और प्रबल करने के लिए देश के प्रत्येक राज्यों में भंडारण गैप (gap) की गणना अनुसार आगारो का निर्माण किया जा रहा है ताकि एक निश्चित परिमाण में खाद्यान्न उपलब्ध रहे I खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए थोक खाद्यान्न भंडारण सुनिश्चित करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भंडारण गैप(gap) की गणना के मानदंड चार महीने के बजाय छह महीने तक बढ़ा दिए गए हैं। इसी क्रम में असम राज्य में भी भारतीय खाद्य निगम की भंडारण क्षमता 2015 में जो लगभग 3.18 LMT(लाख मीट्रिक टन) थी जो बढ़कर अब 2020-21 में 5.34 LMT (लाख मीट्रिक टन) कर दिया है l

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भण्डारण में हम आधुनिकरण की तरफ बढ़ रहे हैं । इसके लिए हम हब और स्पोक माडल पर साईलो का निर्माण करने वाले हैंI अखिल भारतीय स्तर पर 108 लाख मीट्रिक टन साइलो के निर्माण के लिए अनुमति दे दी गयी है l इसी के अंतर्गतचांगसारी में हमने 50 हजार मेट्रिक टन का साइलो गोदाम आज राष्ट्र को समर्पित किया है। यह राज्य एवं आस-पास के क्षेत्रों और राज्यों में भडारंण कमी (gap) को पूरा करने के लिए अच्छी संबंद्धता के साथ रणनीतिक रूप से स्थित है। असम उत्तर-पूर्वी राज्यों के प्रवेश द्वार(gateway) के रूप में कार्य करेगा।
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कृषि बिल के वापसी पर कुछ ख़ास बोलने का कोई औचित्य नहीं है – नीतीश कुमार

न्यूज़ डेस्क –  मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने नई दिल्ली प्रवास से वापसी के पश्चात् पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बातचीत की। प्रधानमंत्री द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीनों कृषि कानून बनाये थे। यह केंद्र सरकार का निर्णय था । आज प्रधानमंत्री जी ने खुद ही अगले सत्र में इसे वापस लेने की घोषणा कर दी है। उन्होंने बहुत ही स्पष्टता के साथ अपनी बातें रख दी हैं। प्रधानमंत्री जी ने कहा है कि उन्होंने किसानों के हित में ये तीनों कृषि कानून परित किये थे लेकिन लोगों को इस संबंध में समझा नहीं पाए। इसलिए इस कानून को वापस लिया जा रहा है। इसमें कुछ ख़ास बोलने का कोई औचित्य नहीं है। उत्तर प्रदेश व अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव के मद्देनजर तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके बारे में कौन, क्या बोलता है मालूम नहीं। सब अपनी-अपनी बातें बोलते रहते हैं लेकिन आज तीनों कृषि कानूनों के बारे में प्रधानमंत्री जी ने स्वयं अपनी बातें रख दी हैं। सबको अपनी बात कहने का अधिकार है। विपक्ष को भी अपनी बातें रखने का अधिकार है।

दिल्ली में  लालू प्रसाद यादव के जातीय जनगणना के वक्तव्य पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने क्या कहा हमें मालूम नहीं है। उनसे अभी हमारी कोई बातचीत नहीं होती है। जातीय जनगणना को लेकर उनकी पार्टी के नेता और उनके पुत्र  तेजस्वी यादव समेत अन्य दूसरे लोगों ने हमसे मुलाकात की थी। प्रधानमंत्री जी से भी हमलोगों ने इस मुद्दे पर मुलाकात की थी। जातीय जनगणना के मुद्दे पर केन्द्र ने निर्णय स्पष्ट कर दिया है। उसके बाद हमलोगों ने भी बहुत साफ साफ कह दिया है कि आपस में हम सब बैठक कर इस पर निर्णय लेंगे।  तेजस्वी यादव ने जो चिट्ठी लिखी थी, वह उनकी पार्टी की तरफ से आया हुआ है और वह चिट्ठी रखी हुई है। हम सब एक साथ सर्वसम्मति से इस पर निर्णय लेंगे।

बिहार में पूर्ण शराबबंदी को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग मेरे इस फैसले के खिलाफ हैं और धंधेबाज चाहते हैं कि शराबबंदी कानून विफल हो जाए। हम तो प्रारंभ से ही कहते रहे हैं कि हर आदमी एक विचार का होगा, यह संभव नही । मनुष्य का जो स्वभाव होता है, यह सभी को मालूम हमलोग यह मानकर चलते हैं कि कुछ लोग मेरे खिलाफ रहेंगे। इसके लिए पूरा का पूरा प्रयास करना चाहिए, सबको समझाना चाहिए। गड़बड़ी करने वालों पर कानून के मुताबिक एक्शन होना चाहिए। हमलोगों ने सात घंटे तक बैठक कर एक-एक चीजों पर चर्चा की। हमलोगों ने शुरूआती दौर में इसके लिए जो नियम-कानून बनाये हैं इसके अलावा लगातार अभियान भी चलाते रहे हैं। हमलोगों ने अलग-अलग समय पर नौ बार इसकी समीक्षा भी की है और जितनी बातें कही गयीं उन सब चीजों पर चर्चा की गयी। इसके बारे में हमने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि पूरे तौर पर आप काम करिए। लॉ एंड आर्डर और अपराध के खिलाफ जैसी कार्रवाई होती है उसी तरह इसपर भी पूरी सक्रियता के साथ कार्रवाई करनी है। इसके लिए फिर से व्यापक अभियान चलाएंगे।

बिल वापसी पर लालू ने कहा बहुमत में अहंकार नहीं बल्कि विनम्रता होनी चाहिए,तेजस्वी ने कहा किसान की जीत हुई

न्यूज़ डेस्क –   बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किसान बिल वापस लिए जाने के सवाल पर  कहा यह किसान की जीत है, देश की जीत है। यह पूँजीपतियों, उनके रखवालों, नीतीश-भाजपा सरकार और उनके अंहकार की हार है।

विश्व के सबसे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक किसान आंदोलन ने पूँजीपरस्त सरकार को झुकने पर मजबूर किया। आंदोलनजीवियों ने दिखाया कि एकता में शक्ति है। यह सबों की सामूहिक जीत है। बिहार और देश में व्याप्त बेरोजगारी, महंगाई, निजीकरण के ख़िलाफ हमारी जंग जारी रहेगी।

भाजपाई उपचुनाव हारे तो इन्होंने पेट्रोल-डीज़ल पर दिखावटी ही सही लेकिन थोड़ा सा टैक्स कम किया। उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड,पंजाब की हार के डर से तीनों काले कृषि क़ानून वापस लेने पड़ रहे है।

विगत वर्ष 26 नवंबर से किसान आंदोलनरत थे। बिहार विधानसभा चुनाव नतीजों के तुरंत पश्चात किसानहित में हम किसानों के समर्थन में सड़कों पर थे।

इसी दिन किसान विरोधी नीतीश-भाजपा ने गाँधी मैदान में इन कृषि कानूनों का विरोध एवं किसानों का समर्थन करने पर मुझ सहित हमारे अनेक वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया।

अंततः सत्य और किसानों की जीत हुई।

बहुमत में अहंकार नहीं बल्कि विनम्रता होनी चाहिए

वही राजद सुप्रीमो लालू प्रसद यादव ने कहा कि विश्व के सबसे लंबे, शांतिपूर्ण व लोकतांत्रिक किसान सत्याग्रह के सफल होने पर बधाई। यह किसानों, मज़दूरों, ग़रीबों और मेहनतकश लोगों की जीत है। यह लोकतंत्र, संविधान और देश की जीत है।

पूँजीपरस्त अहंकारी सरकार व उसके मंत्रियों ने किसानों को आतंकवादी, खालिस्तानी, आढ़तिए, मुट्ठीभर लोग, देशद्रोही इत्यादि कहकर देश की एकता और सौहार्द को खंड-खंड कर बहुसंख्यक श्रमशील आबादी में एक अविश्वास पैदा किया।

देश संयम, शालीनता और सहिष्णुता के साथ-साथ विवेकपूर्ण, लोकतांत्रिक और समावेशी निर्णयों से चलता है ना कि पहलवानी से!

बहुमत में अहंकार नहीं बल्कि विनम्रता होनी चाहिए।

मोदी ने तीनो कृषि कानुनों को वापस लेने का लिया निर्णय ,नीतीश ने कहा प्रधानमंत्री का निर्णय ठीक ही है

न्यूज़ डेस्क –  और आखिरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों के आगे झुकना ही पड़ा नरेंद्र मोदी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए तीनों किसी कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है ,देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने भारत वासियों से माफी मांगते हुए कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया ,मोदी ने कहा उनकी तपस्या में कुछ कमी रह गई होगी जिसकी वजह से कुछ किसानों को उनकी सरकार समझा नहीं पाई और अंत में इस कानून को मुझे वापस लेना पड़ रहा है

इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि तीनों कृषि कानून पूरी तरह से पवित्र है लेकिन उनकी सरकार कुछ किसानों को समझाने में सफल नहीं रही  जबकि उन्होंने छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए इन कानूनों को लागू किया था मोदी ने यह भी कहा किन तीनो कृषि कानूनों को लाने की मुख्य वजह  छोटे किसानों को और ताकत देना और उनकी उपज को  सही कीमत मिले और फसल को बेचने के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प मिले यही मुख्य उद्देश्य था

मोदी ने कहा पिछले पांच दशक से उन्होंने अपने सार्वजनिक जीवन में किसानों की मुश्किलों और चुनौतियों को करीब से अनुभव किया है और इसी वजह से उन्होंने इस कृषि कानून को किसान के हित में लागू किया था प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कृषि बजट में 5 गुना बढ़ोतरी की गई है और हर साल 1.25 करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की जा रही है

गौरतलब है पिछले कई महीनों से दिल्ली की सीमा पर किसान आंदोलन कर रहे थे और इन तीनों किसी कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे थे और ये आंदोलन आज भी जारी है

इस मामले में जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से  प्रधानमंत्री द्वारा लिए गए तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर पूछा गया तो उभोने बड़ी ही सधी हुई प्रतिक्रिया दी है और कहां है कि कृषि  कानूनों को वापसी करने का निर्णय  प्रधानमंत्री का था …उन्होंने जब लागू किया था और आज जब उन्होंने वापस किया है बिहार में किसानों को लाभ पहले की तरह मिलते रहेंगे और बिहार के  किसानों को उनकी समस्या के अनुसार भरपूर मदद की जाती है जो आगे भी जारी रहेगी जब नीतीश कुमार से पत्रकारों ने विपक्ष द्वारा प्रतिक्रिया के सवाल पर पूछा  उन्होंने कहा कुछ लोगों को बोलने की आदत होती है कृषि कानूनों को वापसी करने वाले प्रधानमंत्री का अपना निर्णय था इसमें नहीं है प्रधानमंत्री ने जो भी निर्णय लिया वह ठीक ही है |

आप जानते हैं ………….यहां है भगवान हनुमान का ननिहाल…..

न्यूज़ डेस्क – बिहार के प्राचीनतम शहरों मं शुमार गौतम स्थान रिविलगंज में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा व सरयू नदी के संगम स्थली पर हर साल लगने वाला गोदना-सेमरिया नहान मेला धार्मिक, पौराणिक तथा ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां हजारों की संख्या में लोग सरयू नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं तथा पुण्य के भागी बनते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां विशाल व भव्य मेला लगता है। जिसमें श्रद्धालुओ का जनसैलाब उमड़ पड़ता है। यह मेला कब से लगता है सही जानकारी किसी को नहीं है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मोक्ष दायिनी सरयू नदी में स्नान ध्यान, पूजा-अर्चना के बाद दान देने को लेकर कई धार्मिक किवदंतियां रामचरित मानस में वर्णित हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से देश में चार महत्वपूर्ण धार्मिक क्षेत्र आते हैं। जिसमें गौतम क्षेत्र भी एक है। पहला भृगु क्षेत्र (वर्तमान बलिया उत्तर प्रदेश), दूसरा गौतम क्षेत्र (गोदना, सारण) तीसरा हरिहर क्षेत्र (सोनपुर, सारण) और चौथा वाल्मिकी क्षेत्र (वाल्मिकी नगर, पं.चंपारण) है।

ऋषि श्रृंगी की तपोभूमि रही है यह नगरी

महर्षि गौतम की यह नगरी कभी ऋषि श्रृंगी की भी तपोभूमि रही है। गौतम ऋषि भी सप्तर्षियों में माने गये हैं। वे जन्मांध थे। स्वर्ग की कामधेनु की कृपा से उनका तम (अंधेरा) समाप्त हो गया वह देखने लगे। तब गौतम कहलाए। वे ब्रह्मा के मानस पुत्र थे। (जो रागेय राघव लिखित महायात्रा कथा के भाग अंधेरा रास्ता में वर्णित है) कहा जाता है कि गौतम ऋषि मिथिला नरेश जनक जी की सभा में अपने पुत्र सतानंद जी को स्थापित करने के बाद अपनी धर्मपत्‍‌नी अहिल्या तथा पुत्री अंजनी के साथ इस स्थान पर आये तथा इसे अपनी तपोभूमि बनाया। माता अंजनी हनुमान जी की माता थीं इस कारण इस स्थान को हनुमान जी का ननिहाल होने का भी गौरवशाली इतिहास है।

गोदना में पधारे थे मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम

रिविलगंज नगर क्षेत्र में चार किमी की परिधि में सरयू नदी तट पर लगने वाला इस मेला क्षेत्र के एक सिरे पर महर्षि गौतम का मंदिर है तो दूसरे सिरे पर श्रृंगी ऋषि के आश्रम का भगनावशेष है। रामचरित मानस में वर्णित कथा के अनुसार रामायण युगीन काल में गोदना में मर्यादा पुरुषोत्तम राम पधारे थे। गोदना स्थित गौतम ऋषि मंदिर प्रांगण में भगवान श्रीराम का पदचिह्न आज भी मौजूद है। जो कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगने वाला मेला में आये लोगों का दर्शन का केन्द्र बिन्दु होता है। मेला आये श्रद्धालु भक्तगण उस चरण चिह्न का सहृदय दर्शन कर पूजा-अर्चना करते हैं। मंदिर परिसर में शिवजी, दुर्गाजी, राधा कृष्ण, हनुमानजी, अहिल्या उद्धार मंदिर के साथ श्रीरामचन्द्रजी का चरणचिह्न भी मौजूद है। महर्षि गौतम, पत्‍‌नी अहिल्या, पुत्री अंजनी, राम-लक्ष्मण एवं गुरु विश्वामित्र की प्रतिमा भी मंदिरों में स्थापित है।

अहिल्या थीं गौतम ऋषि के पास धरोहर

कथा के अनुसार ब्रह्मा ने अनिंध सुंदरी बनायी जिनका नाम था अहिल्या। ब्रह्माजी ने उसे गौतम ऋषि के पास धरोहर रख दिया। ऋषि ने हजारों वर्ष बाद ब्रह्मा के पास अहिल्या को ज्यों की त्यों लौटाने के लिए ले गये, ब्रह्मा ने प्रसन्न होकर ऋषि से ही विवाह करा दिया। वैसे अहिल्या के जन्म के बारे में अलग-अलग कथाएं भी मिलती हैं। ब्रह्मापुराण और विषणु धर्मोतर पुराण के अनुसार अहिल्या की उत्पत्ति ब्रह्मा द्वारा जल से की गयी थी। वहीं भागवत पुराण के अनुसार अहिल्या पुरू वंश के राजा मुद्गल की पुत्री थीं।

अहिल्या अत्यंत रूपवती थी, जिन्हें देखकर देवराज इंद्र मोहित हो गये थे। परन्तु अहिल्या के पतिव्रता धर्म और ऋषि गौतम के भय से प्रकट रूप से कुछ नहीं कर सकते थे। अत: उन्होंने छल का सहारा लिया और अर्धरात्रि में ही मुर्गा का रूप धारण कर सुबह होने का संकेत दे दिया। गौतम ऋषि ने प्रात: काल हुआ जानकर स्नान करने के लिए नदी को प्रस्थान कर गये। इसी बीच इंद्र गौतम का वेश में उनके कुटिया में आये और अहिल्या का सतीत्व भंग कर दिया। उधर नदी घाट पर आकाशवाणी हुई कि ऋषि तुम्हारे साथ छल हुआ है। गौतम अपने कुटिया को लौटे तो देखा कि उन्हीं के वेश में इंद्र कुटिया से निकल रहे हैं। समझते देर न लगा ऋषि ने इंद्र को शाप दे दिया कहा इंद्र तुम्हारे शरीर में एक हजार नारियों के चिह्न रूप अवयव हो जाये। क्षण मात्र में इंद्र का शरीर उन अवयवों से भर गया। शापग्रस्त इंद्र ने ब्रह्मा तथा अन्य देवताओं के साथ आकर ऋषि की प्रार्थना की उनकी प्रार्थना से ऋषि शांत हुए और उन अवयवों को सहस्त्र नेत्र बना दिये। तभी से देवराज इंद्र का नाम सहस्त्राक्ष भी हो गया। इंद्र को इस प्रकार शाप देने के बाद गौतम ने अपनी पत्‍‌नी अहिल्या को भी शाप दिया कहा-दुराचारिणी, तू भी यहां कई हजार वर्षो तक पत्थर बनी रहेगी। पत्थर सा दृश्य बनी अहिल्या द्वारा काफी अनुनय विनय करने तथा अपने को निरपराध होने की बात कहने पर ऋषि ने अहिल्या को अपने शाप से मुक्ति का रास्ता भी बताया कहा कि कई हजार वर्ष बाद दशरथनंदन श्री रामचन्द्र जी अपने भाई लक्ष्मण के साथ आयेंगे यहां और वे तेरी आश्रयभूत शिला (पत्थर) पर अपना दोनों चरण रखेंगे उसी समय तू पापमुक्त हो जायेगी तथा भक्तिपूर्वक श्रीराम जी का पूजन कर उनकी परिक्रमा और नमस्कार पूर्वक स्तुति कर शाप से छूट जायेगी और पूर्ववत मेरी सुखपूर्वक सेवा करने लगेगी।

कथानुसार गुरु विश्वामित्र भाई लक्ष्मण के साथ भगवान श्रीराम ने अयोध्या से जनकपुर जाते समय यहां पधारे थे तथा अहिल्या को शापमुक्त किये थे। भगवान श्रीराम ने यहां सरयू नदी में स्नान भी किये थे। रामचरित मानस की रचना करते हुए तुलसी दास ने सर्वप्रथम मानस नंदनी सरयू नदी की वंदना करते हुए लिखा है ‘कोटि कल्प काशी बसे मथुरा बसे हजार, एक निमित सरयू बसे तूलै न तुलसी दास’। रामचरित्र मानस के अनुसार संसार के समस्त प्राणियों सभी तरह के पाप का नाम एक मात्र सरयू नदी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान मात्र से हो जाता है और प्राणी बैकुंठ के हकदार होता है।

नीतीश के गृह जिला में शराबबंदी कानून को धरातल पर लाने की तैयारी शुरू ,डीएसपी एवं थानाध्यक्ष ने किया चौकीदारों के साथ बैठक

न्यूज़ डेस्क –  सरकार के द्वारा दिए गए निर्देशों को अवलोकन करने के लिए गुरुवार को नालंदा जिले के हिलसा थाना परिसर में डीएसपी के नेतृत्व में आरक्षी एवं चौकीदारों का परेड  किया गया । इस परेड में सरकार के द्वारा चलाए जा रहे शराब बंदी अभियान के बारे में जानकारी दी गई। बताया जाता है कि हाल में ही जहरीली शराब पीने को लेकर पूरे प्रदेश में हलचल मची हुई थी। विपक्षी पार्टियों के द्वारा सरकार को कटघरे में किया था। इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा 16 नवंबर को एक विशेष समीक्षा बैठक बुलाई गई थी । बैठक में प्रदेश में शराबबंदी कानून लागू रहने के उपरांत भी शराब की होम डिलीवरी पर भी चर्चा किया गया। बैठक में साफ शब्दों में निर्देश दिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में चौकीदार शराब धंधे बाजों के बारे में सही जानकारी नहीं देते है। इसके लिए शिकायत की गई थी।विशेष बैठक में शराबबंदी पर चौकीदारों एवं पुलिस पदाधिकारीयों को अहम भूमिका निभाने के लिए निर्देश दिया गया है। इसी निर्देश पर गुरुवार को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कृष्ण मुरारी प्रसाद, थानाध्यक्ष प्रकाश कुमार  शरण ने संयुक्त रुप से चौकीदार, दफादार, आरक्षी एवं होमगार्ड के जवानों को  परेड कराई। इस दौरान डीएसपी श्री प्रसाद ने साफ शब्दों में कहा कि जिसके अधीनस्थ क्षेत्र में शराब का धंधा एवं शराब निर्माण करने का कार्य किया जा रहा है उसे छुपाने का कार्य न करें । सही समय पर वरीय पुलिस पदाधिकारी को सूचना दें। अगर सूचना देने में थोड़ी भी कोताही वरती गई और जिनके अधीनस्थ गांव एवं शहर में शराब पकड़ी गई तो कानूनी कार्रवाई के साथ साथ विभागीय प्रोसिडिंग भी चलाई जाएगी। फोटो। हिलसा थाना परिसर में चौकीदारों का परेड करते डीएसपी कृष्ण मुरारी शरण एवं थाना अध्यक्ष प्रकाश कुमार शरण।

रिपोर्ट – धनपत

हिलसा प्रखंड कार्यालय परिषर में वाहन मेला का हुआ आयोजन

न्यूज़ डेस्क –  मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत गुरुवार को प्रखंड कार्यालय परिषर हिलसा में अनुमण्डल स्तरीय बाहन मेला का आयोजन किया गया।जिसका उद्घाटन अनुमण्डल पदाधिकारी राधाकांत, बीडीओ प्रिया कुमारी और प्रखंड कृषि पदाधिकारी चंद्रप्रकाश मिश्रा ने संयुक्त रूप से किया।मेला में कुल पांच ग्राहकों ने बाहन खरीदारी के लिये अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।इस दौरान एसडीओ राधाकांत ने कहा कि मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत अब प्रत्येक पंचायत के सात व्यक्तियों को वाहन मिलेंगे। पहले पांच व्यक्तियों को सब्सिडी मूल्य पर वाहन दिए जा रहे थे। अब प्रत्येक पंचायत में अनुसूचित जाति व जनजाति के चार और पिछड़ा वर्ग के तीन व्यक्तियों को 50 फीसद की सब्सिडी मिलेगी। तीन पहिया व चार पहिया वाहनों की खरीद पर अधिकतम एक लाख रुपये तथा ई रिक्सा की खरीद पर 70 हजार का सब्सिडी दिया जा रहा हैं।उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों में आवागमन के साधनों के साथ लोगों को रोजगार मिले, इसको लेकर सरकार ने मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत ग्राहकों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा हैं।चयन होने के बाद जल्द ही उन्हें बाहन उपलब्ध करा दिया जाएगा।इस मौके पर हिलसा अनुमण्डल के सभी प्रखंड के कल्याण पदाधिकारी व कर्मी मौजूद थे।

रिपोर्ट – धनपत