मुख्यमंत्री ने समाज सुधार अभियान के अंतर्गत मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले की समीक्षात्मक बैठक की

न्यूज़ डेस्क –  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में समाहरणालय सभाकक्ष, मुजफ्फरपुर में समाज सुधार अभियान के अंतर्गत मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले की संयुक्त समीक्षात्मक बैठक हुई। समीक्षा के दौरान तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त श्री मिहिर कुमार सिंह ने प्रस्तुतीकरण के

• माध्यम से मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अंतर्गत वाहनों की नीलामी, उत्पाद एवं पुलिस के अधीन जब्त शराब का विनष्टीकरण, उत्पाद वादों की अद्यतन स्थिति उत्पाद आसूचना केंद्र, सतत् जीवकोपार्जन योजना, नीरा उत्पादन आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन कार्यक्रमों से संबंधित प्रतिवेदन में बाल विवाह की स्थिति, दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत दर्ज कांडों की विवरणी जन जागरूकता एवं प्रचार-प्रसार, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन हेतु किये जा रहे कार्य एवं मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के संबंध में भी जानकारी दी गई।

समीक्षा के दौरान तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त ने थाना / अनुमंडल एवं जिला स्तर पर भूमि विवाद के समाधान की स्थिति, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम के वादों के निष्पादन की स्थिति तथा मुआवजा के संवितरण की स्थिति, सतत् जीविकोपार्जन योजना से संबंधित प्रतिवेदन, हर घर नल का जल योजना की स्थिति, 2021-22 के अंतर्गत धान अधिप्राप्ति का प्रतिवेदन, 2021 में बाढ़ के दौरान की गई कार्रवाई, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना का प्रतिवेदन आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत कराया।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने बिहार के 3 जिलों में नीरा का उत्पादन का कार्य बहुत अच्छे ढंग से शुरु कराया था। कोरोना के कारण यह कार्य शिथिल पड़ गया है। नीरा का उत्पादन शुरू करायें नीरा के व्यवसाय से आमदनी में तीन से चार गुणा की वृद्धि होगी। नीरा उत्पादन को बढ़ावा दें। नीरा स्वास्थ्यवर्द्धक, उपयोगी एवं स्वादिष्ट पेय पदार्थ है। नीरा उत्पादन के कार्य को बाहर के व्यापारी से भी लिंक करायें ताकि नीरा का व्यवसाय और फायदेमंद हो सके। तमिलनाडू की टीम यहाँ आयी थी और सर्वे के दौरान कहा था कि यहां के ताड़ के वृक्ष में तमिलनाडू की अपेक्षा नीरा उत्पादन की ज्यादा क्षमता है। उन्होंने कहा कि परंपरागत रूप से ताड़ी के कारोबार से जुड़े समुदाय को नीरा उत्पादन के लिए प्रशिक्षित करायें। नीरा के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रचार-प्रसार भी करायें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के उन्मूलन हेतु लगातार अभियान चलाते रहने की जरुरत है। 2 अक्टूबर 2017 को पटना के बापू सभागार का उद्घाटन बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन के कार्यक्रम से हुई थी। बाल विवाह के सबसे ज्यादा मामले बिहार एवं उत्तर प्रदेश से आते हैं। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के दुष्परिणामों से लोगों को अवगत करायें। उन्हें बतायें कि यह बुरी चीज है, गैरकानूनी चीज है। कम उम्र में विवाह होने से जन्म देनेवाली माताओं के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है एवं पैदा होने वाले बच्चे अस्वस्थ और बौनेपन के शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि इंटर तक के सभी सरकारी एवं ● प्राइवेट स्कूलों में लड़के एवं लड़कियों के बीच बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ जागरुकता अभियान चलाकर इसकी जानकारी दें। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के अंतर्गत लाभुकों के लंबित राशि का भुगतान जल्द से जल्द करायें। उन्होंने कहा कि भूमि विवाद का समाधान के लिए जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक थाना, अनुमंडल एवं जिला स्तर पर सतत् निगरानी करें। अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति के अधिनियम के मामलों में लंबित मुआवजा राशि का भुगतान जल्द करायें। हर घर नल का जल योजना का कार्यान्वयन ठीक ढ़ंग से हो इस पर नजर रखें। अगर जनप्रतिनिधि इस संबंध में कोई शिकायत करते हैं तो उसका भी समय पर जांच कर समाधान करायें। उन्होंने कहा कि बिहार में पहले धान अधिप्राप्ति नहीं होती थी हमने वर्ष 2007 से धान अधिप्राप्ति की शुरुआत करायी। पिछले वर्ष 34 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की अधिप्राप्ति हुई थी। इस वर्ष 45 लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

समीक्षा बैठक में मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले के विधायक एवं विधान पार्षदगणों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं रखीं, जिसके निष्पादन का मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया। समीक्षा बैठक में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, राजस्व एवं

भूमि सुधार मंत्री श्री रामसूरत कुमार, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमां खान, सांसदगण, विधायक एवं विधान पार्षदगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, पू • महानिदेशक श्री एस०के० सिंघल सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, सूचना एवं जन संपर्क विभा सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, मुजफ्फर वैशाली, सीतामढ़ी एवं शिवहर जिले के जिलाधिकारी तथा पुलिस अधीक्षक उपस्थित थे। बैठक की समाप्ति के पश्चात् मुजफ्फरपुर के जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया।

मुख्यमंत्री ने शाहाबाद प्रक्षेत्र के रोहतास, बक्सर, भोजपुर एवं कैमूर जिले के समाज सुधार अभियान की समीक्षा की

 न्यूज़ डेस्क –  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में डी०आर०डी०ए० सभागार, सासाराम में आज समाज सुधार अभियान की समीक्षात्मक बैठक हुई। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष आयुक्त पटना प्रमण्डल ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से रोहतास, बक्सर, भोजपुर एवं कैमूर जिले में समाज सुधार अभियान की दिशा में की गई कार्रवाई के संबंध में अद्यतन स्थिति से संबंधित विस्तृत जानकारी दी।

प्रेजेंटेशन के जरिये मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के अंतर्गत वाहनों की नीलामी, उत्पाद एवं पुलिस के अधीन जब्त शराब का विनष्टीकरण, नीरा उत्पादन, नशा मुक्ति केंद्र, सघन नदी गश्ती, जमानत प्राप्त अभियुक्तों के विरुद्ध कार्रवाई, उत्पाद वादों की अद्यतन स्थिति आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। बाल विवाह एवं दहेज प्रथा उन्मूलन कार्यक्रमों से संबंधित प्रतिवेदन में बाल विवाह की स्थिति, दहेज प्रथा की स्थिति, दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत दर्ज कांडों की विवरणी, जन जागरूकता एवं प्रचार प्रसार, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, अन्य हितधारकों का उन्मुखीकरण, गृह विभाग से संबंधित प्रतिवेदन के अंतर्गत भूमि विवाद का समाधान थाना / अनुमंडल एवं जिला स्तर पर, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम के वादों के निष्पादन की स्थिति, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम के कांडों में मुआवजा के संवितरण की स्थिति, 1 जनवरी से 30 नवंबर 2021 तक लंबित पुलिस वादों का विवरण, सतत् जीविकोपार्जन योजना से संबंधित प्रतिवेदन, हर घर नल का जल योजना की स्थिति, मुख्यमंत्री ग्रामीण गली-नाली पक्कीकरण निश्चय योजना का प्रगति प्रतिवेदन, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान – 2 के तहत निर्मित शौचालय संबंधित प्रतिवेदन, खरीफ विपणन मौसम 2021-22 के अंतर्गत धान अधिप्राप्ति का प्रतिवेदन, 2021 में बाढ़ के दौरान की गई कार्रवाई, कोविड- 19 संक्रमण के आलोक में की गई कार्रवाई, कृषि इनपुट अनुदान से संबंधित स्थिति, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल निश्चय योजना का प्रतिवेदन आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी से मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया ।

समाज सुधार अभियान की समीक्षा बैठक के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब बेचने या पीने की सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई करें। यह इलाका उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है इसलिए चेक पोस्ट पर सतत् निगरानी एवं विशेष चौकसी रखें। उन्होंने कहा कि शराब की बिक्री करने वालों पर कड़ी नजर रखें और ऐसे लोगों के पकड़े जाने पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिवर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को महादलित टोलों में आयोजित होनेवाले झंडातोलन कार्यक्रम में नशाखोरी, बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के दुष्प्रभावों से लोगों को अवगत करायें। शराब के सेवन से अनेक प्रकार की गंभीर बीमारियां होती है, इसे लोगों को बीच अधिक से अधिक प्रचारित करें। सतत् जीवकोपार्जन योजना का लाभ सभी जरुरतमंदों तक पहुंचायें। गरीब तबके के लोगों को जीविका समूह से जोड़ें। रोजगार शुरु करने के लिए लोगों को हरसंभव सहायता पहुंचायें ताकि लोग बेहतर काम की तरफ आकर्षितहों। उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में भूमिहीन महादलित परिवारों को जमीन देने का काम सबसे पहले बिहार में शुरू किया गया। सभी जिलाधिकारी सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं से गरीब तबके के लोगों को जोड़ें। वर्ष 2017 में बिहार के तीन जिलों में नीरा उत्पादन की अच्छे ढ़ंग से शुरुआत की गई थी। ताड़ी की तुलना में नीरा उत्पादन से लोगों की आमदनी में चार गुणा ज्यादा की बढ़ोत्तरी होती है। नीरा का उत्पादन बिहार के अन्य जिलों में भी शुरु करायें। नीरा काफी स्वाथ्यवर्द्धक एवं स्वादिष्ट होता है। तमिलनाडू के एक इंस्टीट्यूट के साथ समझौता करके बिहार में हमलोगों ने नीरा उत्पादन का काम शुरु कराया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन हेतु जन जागरुकता के लिए प्रचार-प्रसार का कार्य शहरी क्षेत्रों में स्थित बाजारों में भी करवायें पंचायती राज के नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम में दहेज प्रथा, बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों हेतु भी प्रशिक्षण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि भूमि विवाद के निपटारे के लिए थाना, अनुमंडल एवं जिलास्तरों पर मीटिंग के लिए जो तिथि निर्धारित है, उस बैठक में यदि कोई पदाधिकारी उपस्थित नहीं होता है तो वह अपना प्रतिनिधि भेजे ताकि मामलों का ससमय निपटारा हो सके। इन बैठकों में भूमि विवाद के साथ-साथ अनुसूचित जाति / जनजाति के अधिनियम के तहत दर्ज मामलों के निष्पादन की दिशा में भी सभी जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक समीक्षा करें ताकि मामला लंबित नहीं रहे अत्याचार के शिकार लोगों को मुआवजा ससमय उपलब्ध करायें। सतत् जीवकोपार्जन योजना से ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों के लोगों को भी जोड़ें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना के तहत जल की आपूर्ति होने में गड़बड़ी आने पर उसका मेंटेनेंस करने की व्यवस्था सुनिश्चित करें। सामुदायिक शौचालय अधिक समय तक फंक्शनल रहे, इस ओर भी ध्यान देने की जरुरत है। सन 1950 के दशक में स्व० राममनोहर लोहिया जी देश के ऐसे नेता थे जिन्होंने कहा था कि यदि सरकार गरीबों के घर में शौचालय का निर्माण करा देगी तो वे सरकार का विरोध करना छोड़ देंगे। लोगों को खुले में शौच से मुक्ति और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो जाय तो 90

प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष धान अधिप्राप्ति का लक्ष्य 45 लाख मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। अब तक 10 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की अधिप्राप्ति हो चुकी है। पिछले वर्ष 35 लाख मीट्रिक टन धान की अधिप्राप्ति हुई थी।

समीक्षा बैठक में रोहतास, बक्सर, भोजपुर एवं कैमूर जिले के सांसद, विधायक एवं विधान पार्षदगणों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं रखीं, जिसका त्वरित निष्पादन करने का मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया।

समीक्षा बैठक में मंत्री मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन श्री सुनील कुमार, भवन निर्माण मंत्री सह रोहतास जिले के प्रभारी मंत्री श्री अशोक चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री सह बक्सर एवं भोजपुर जिले के प्रभारी मंत्री श्री मंगल पाण्डेय, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री सह कैमूर जिले के प्रभारी मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमां खान, रोहतास, बक्सर, भोजपुर एवं कैमूर जिले के विधायक एवं विधान पार्षदगण, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस०के० सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, पटना प्रमंडल के आयुक्त एवं परिवहन सह आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल, रोहतास जिले के जिलाधिकारी श्री धर्मेंद्र कुमार, जिलाधिकारी बक्सर श्री अमन समीर, जिलाधिकारी भोजपुर श्री रौशन कुशवाहा, जिलाधिकारी कैमूर श्री नवदीप शुक्ला, पुलिस अधीक्षक रोहतास श्री आशीष भारती, पुलिस अधीक्षक बक्सर “नीरज कुमार,

पुलिस अधीक्षक भोजपुर श्री विनय तिवारी, पुलिस अधीक्षक कैमूर श्री राकेश कुमार सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक की समाप्ति के पश्चात् रोहतास जिले के जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को प्रतीक चिन्ह भेंटकर उनका अभिनंदन किया।

25 दिसम्बर को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी के जयंती पर नीतीश कुमार करेगें गंगा पूल का उद्घाटन

न्यूज़ डेस्क:- मुंगेर के विकास  को गति प्रदान करने के लिये 18 साल पहले मुंगेर वासियों के कई आंदोलन के बाद दक्षिण बिहार और उत्तर बिहार को जोड़ने के लिये तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस गंगा नदी पे बनने वाले रेल सह सड़क पूल का शिलान्यास किया था।

जिसके बाद पूल बनने के दौरान जमीन अधिग्रहण से ले पूल को बनने में कई अड़चने पूल का लागत मूल्य भी 927 करोड़ से बढ़ कर 2774 करोड़ रु हो गयी है। 18 साल के लंबे इंतजार के बाद इस पुल का सपना साकार हो रहा है| मोकामा में राजेन्द्र सेतु और पटना में जेपी सेतु के बाद राज्य में गंगा नदी पर यह तीसरा रेल सह सड़क पुल होगा|

गंगा पूल और उद्घाटन की तैयारी का जायजा लेने पहुंचे मुंगेर भाजपा विधायक प्रणव कुमार ने बताया कि 25 दिसम्बर को मुंगेर वासी होली और दीपावली दोनो मनायेगें। बिहार एवं दक्षिण बिहार को जोड़ने के लिए नया सेतु उपलब्ध होगा, जिससे इस क्षेत्र में विकास की नयी धारा बहेगी|

  उद्घाटन स्वयं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुंगेर पहुंच कर  25 दिसम्बर को करेगें। पुल का लोकार्पण 25 दिसंबर, 2021 को पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर किया जाएगा और इस पर आवागमन शुरू हो जाएगा|

इस गंगा रेल सह सड़क परियोजना के बन जाने से मुंगेर से खगड़िया और बेगूसराय का सफर कुछ मिनटों में तय हो सकेगा| इससे मुंगेर के विकास में चार चांद लग जाएगा| लोगों ने कहा पूल सिर्फ विकास ही नही बल्कि कई मायनो में मुंगेर को और आगे बढ़ाएगा |

रिपोर्ट:- प्रतिमा

मुख्यमंत्री ने वाल्मीकिनगर के पुरानी त्रिवेणी नहर में विकसित किये गए बोट सफारी का किया लोकार्पण

न्यूज़ डेस्क:-  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज वाल्मीकिनगर (पश्चिमी चंपारण) में जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत पुरानी त्रिवेणी नहर में विकसित किये गए बोट सफारी का फीता काटकर लोकार्पण किया।

पर्यटकों को बोट सफारी समर्पित करने के पश्चात् मुख्यमंत्री ने बोट सफारी के अंतर्गत नौकायान कर पुरानी त्रिवेणी नहर का मुआयना भी किया। मुआयना के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पुरानी त्रिवेणी नहर में बोट सफारी की शुरुआत हुई है इसलिए इसके पानी के फ्लो को भी ध्यान में रखना होगा।  मुख्यमंत्री ने डेड कैनाल के आखिरी छोर (एंड पॉइंट) को दोन कैनाल से जोड़ने का निर्देश दिया ताकि बोट सफारी हेतु डेड कैनाल में जलस्तर मेंटेन रहे। वही डेड कैनाल के प्रारंभिक छोर (स्टार्ट पॉइंट) को सड़क के नीचे से गंडक नदी से जोड़ दें ताकि पानी का फ्लो होता रहे।

मुख्यमंत्री ने वाल्मीकिनगर में गंडक नदी के तट पर प्रस्तावित वाल्मीकि सभागार के लिए चिन्हित भूमि का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि यह स्थल महर्षि वाल्मीकि के नाम पर है, जिस प्रकार गया में भगवान बुद्ध के नाम पर महाबोधि सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण कराया गया है, ठीक उसी प्रकार यहां निर्मित होनेवाले 102 कमरों के सभागार का नामकरण वाल्मिकी सभागार किया गया है। इसके खुले हिस्से में वृक्षारोपण भी किया जाएगा।

निरीक्षण के पश्चात् पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि गंडक नदी के जिस प्वाइंट पर त्रिवेणी नहर निकलती है और जहां इसका इण्ड प्वाइंट है वहां भी जाएंगे। 50 वर्ष पहले से इसका इरिगेशन के लिये उपयोग होता था, बाद में यह बंद हो गया। अधिक वर्षापात के कारण इसमें पानी रहता है, इसे देखते हुए इसकी शुरुआत कराई गयी है, यह ठीक है। पर्यटक भी इसका लाभ उठायेंगे। हमलोगों ने यहां ईको टूरिज्म की शुरुआत कराई है। ईको टूरिज्म को बढावा देने के लिये यह भी एक कदम है।  कुछ लोग यहां घूमने आयेंगे और चले जायेंगे, कुछ लोग रूकेंगे भी, सभी लोगों के लिये सारी व्यवस्थाएं की जा रही हैं। ईको टूरिज्म से रोजगार भी बढ़ेगा।

रिपोर्ट :- प्रतिमा

मुख्यमंत्री जी लोक सेवा अधिकार काउंटर पर कार्यरत कर्मचारी बिना पैसे का काम नहीं करते हैं

न्यूज़ डेस्क –  मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4, देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल हुए। ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 135 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।
आज ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज विभाग, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, उद्योग विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, योजना एवं विकास विभाग, पर्यटन विभाग, भवन निर्माण विभाग, वाणिज्य कर एवं विभाग, सूचना एवं जन-संपर्क विभाग, गन्ना (उद्योग) विभाग एवं विधि विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में शामिल होकर 135 लोगों की शिकायतें सुनीं। गोपालगंज से आए एक युवक ने बताया कि सर्किट हाउस की मरम्मती का काम 1998 में उनके पिता ने कराया था, जिसका भुगतान अब तक लंबित है। विभाग ने भुगतान लटका दिया तो मामला कोर्ट में गया और कोर्ट का निर्णय आने के बाद भी आज तक भुगतान नहीं हुआ। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभाग को समस्या के समाधान करने का निर्देश दिया।
अरवल से आए एक व्यक्ति ने कहा कि करपी प्रखंड के अंतर्गत पुराण पैक्स में धान खरीद में अनियमितताएं हो रही हैं। वहीं लखीसराय से आए एक व्यक्ति ने सड़क निर्माण में उनके अधिग्रहीत जमीन का भुगतान नहीं किए जाने को लेकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को जांचकर कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
मधुबनी जिले से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि लोक सेवा अधिकार काउंटर पर कार्यरत कर्मचारी बिना पैसे का काम नहीं करते हैं, इसको लेकर कई बार शिकायत भी की गई। मुख्यमंत्री के जनता दरबार कार्यक्रम में आवेदन करने की बात पर कहा गया कि मुख्यमंत्री तक भी जाने से कुछ नहीं होगा। युवक की समस्या सुनने के बाद मुख्यमंत्री ने मामले की जांच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
गया सदर के एक व्यक्ति ने सब्जी उत्पादकों को उचित मूल्य दिलाने के लिए परैया प्रखंड में सब्जी मंडी बनाए जाने की मांग की। वहीं समस्तीपुर के एक व्यक्ति ने बाढ़ के कारण प्रभावित खरीफ फसलों की क्षति के बदले अभी तक अनुदान नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
कौवाकोल, नवादा के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि अंबा मोड़ से अफरडीह ग्राम तक पक्की सड़क का निर्माण अभी तक नहीं किया गया है, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानी होती है। वहीं कैमूर के नुआंव से आए एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि जिस सड़क का शिलान्यास मुख्यमंत्री जी ने जल-जीवन-हरियाली के दौरान किया था, वहां सड़क निर्माण हुआ लेकिन गांव के लोगों की मांग के बाद भी वहां वृक्षारोपण नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को यथोचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
फुलवारीशरीफ की एक महिला ने राशन कार्ड नहीं बनाए जाने की शिकायत की। वहीं फुलवारीशरीफ से ही आए एक व्यक्ति ने कहा कि वह पटना नगर निगम के अंतर्गत टैक्स भुगतान करता है लेकिन उसके इलाके में आज तक सड़क और नाली का निर्माण नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को शीघ्र कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
कुटुंबा, औरंगाबाद के एक व्यक्ति ने बिजली बिल में अनियमितता के संबंध में शिकायत की। वहीं शेखपुरा, बरबीघा के एक व्यक्ति ने निजी जमीन पर सरकारी नलकूप लगा देने के बाद बाकी खेत में जलजमाव की स्थिति बने रहने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।


करगहर, रोहतास के एक व्यक्ति ने जन वितरण प्रणाली विक्रेता की अनुज्ञप्ति में अनियमितता के संबंध में शिकायत करते हुए कहा कि प्रथम स्थान पर रहने के बावजूद पांचवे स्थान पर रहने वाले आवेदक को लाइसेंस दिया गया। वहीं रजौन, बांका की एक महिला काष्ठ आधारित लाईसेंस निर्गत करने की मुख्यमंत्री से आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने इस पर जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
सीतामढ़ी के बेलसंड प्रखंड से आए युवक ने कहा कि उनके गांव तक आज भी सड़क नहीं बनाया गया है। वहीं भागलपुर के एक व्यक्ति ने चौर विकास योजना के अंतर्गत सड़क निर्माण एवं बिजली आपूर्ति में हो रही बाधा के संबंध में अपनी शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री’ कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, जल संसाधन मंत्री श्री संजय कुमार झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक कुमार चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत राज, पंचायती राज मंत्री श्री सम्राट चौधरी, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, परिवहन मंत्री श्री शीला कुमारी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री नीरज कुमार सिंह, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी सहित संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।
‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री‘ कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। कोरोना के नये वैरिएंट ओमिक्रॉन से संबंधित पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में अभी तक ओमिक्रॉन की रिपोर्ट नहीं आई है। अपर मुख्य सचिव, स्वास्थ्य से मैंने पूछा था कि पांच से सात दिन में रिपोर्ट आने के बदले 22-25 दिन लग गये लेकिन रिपोर्ट नहीं आई है। इस पर अपर मुख्य सचिव ने बताया कि जल्द ही रिपोर्ट आ जायेगी। बिहार की रिपोर्ट नहीं आई है, वो अलग बात है लेकिन देश के अन्य जगहों में कुछ न कुछ केस मिल रहे हैं। हमलोगों को इसके लिये अलर्ट रहना चाहिये। कोरोना का ओमिक्रॉन वेरिएंट देश में कोरोना के तीसरे फेज की दस्तक है। दूसरे देशों में कहीं चौथा फेज आ गया है तो कहीं पांचवां फेज आ गया है। इस स्थिति में सभी को अलर्ट रहना है। हमलोगों के यहां अलर्टनेस है। हर प्रकार से तैयारी है, ट्रीटमेंट की व्यवस्था है। सबसे ज्यादा कोरोना के टेस्ट बिहार में हो रहे हैं। प्रति 10 लाख की आबादी पर देश का जितना एवरेज टेस्ट है उससे ज्यादा हमलोगों के यहां टेस्ट हो रहे हैं। हमलोग टेस्ट करवा रहे हैं ताकि नई तरह की कोई चीज आये तो उसका पता चले।
समाज सुधार अभियान को लेकर विपक्ष के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन क्या बोल रहा है, इससे हमको कोई मतलब नहीं है। समाज सुधार अभियान चलाकर हमलोग नशामुक्ति चाहते हैं, हमलोग चाहते हैं कि दहेज प्रथा समाप्त हो, बाल विवाह से मुक्ति मिले। गांव से लेकर शहर तक जो गरीब तबके के लोग हैं उनकी जरूरतें पूरी हों। इसके लिये हमलोगों ने कई तरह के काम किये हैं। गरीब तबके के कितने लोगों को उसका लाभ मिला, इसकी भी जानकारी लेंगे। जब भी हम यात्रा पर जाते हैं तो महिलायें इन सब बातों से खुश होती हैं कि उनको कई प्रकार का काम करने का मौका मिला और जिससे उनका जीवनयापन बढ़िया से चल रहा है। समाज के ऐसे लोग जो हाशिये पर हैं, वैसे परिवारों की पहचान कर उनकी सहायता के लिए जीविका से जोड़ने का काम किया जा रहा है। किसी को अगर समाज सुधार के बारे में जानकारी नहीं है तो वो उसके बारे में क्या कहेगा। विकास का काम तो हो ही रहा है। उसके लिये हम हमेशा समीक्षा करते हैं। आपदा से मुक्ति दिलाने के लिये कितना काम किया जा रहा है, बाढ़ राहत हो या सूखे की समस्या हो। हर क्षेत्र में विकास का काम किया गया है। सब काम हमलोग किये, लेकिन इन सब चीजों के साथ-साथ समाज सुधार का अभियान जारी रहना चाहिये। समाज सुधार के लिये जितनी बातें हमलोग करते रहे हैं उसको साथ लेकर हम बारह जगह पर जा रहे हैं। महिलाओं से बातचीत करेंगे और उनकी बात सुनेंगे तथा अपनी बात कहेंगे। प्रमंडल के जिलों के सारे अधिकारियों को बुलाकर एक-एक चीज की समीक्षा और विकास के कार्यों की भी पूरी जानकारी लेंगे। ये यात्रा नहीं है ये समाज सुधार अभियान है। हमलोगों का ये कैम्पेन चलता रहेगा।
शराबबंदी को लेकर उठाये जा रहे सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार विधानसभा एवं विधान परिषद के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से शराबबंदी का प्रस्ताव पारित किया था। सभी सदस्यों ने शराबबंदी को लेकर शपथ भी ली थी। मद्य निषेध दिवस के अवसर पर पिछले माह 26 नवंबर को अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने भी एक बार फिर से शपथ ली है। पिछले महीने हुई एन0डी0ए0 विधान मंडल दल की बैठक में भी सभी सदस्यों ने हाथ उठाकर शराबबंदी के पक्ष में संकल्प लिया। हम इस पर कभी कोई कमेंट नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरुरत है। हम अभी समाज सुधार अभियान के तहत विभिन्न जगहों पर जाने वाले हैं, जहां शराब पीने से होने वाले खतरे के प्रति लोगों को सचेत करेंगे। आप चाहे जितना बढ़िया काम कर लें, तब भी सभी लोग उसे स्वीकार नहीं करेंगे। कुछ लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में कुछ लोग गड़बड़ करने वाले होते ही हैं। हम लोगों को सजग करने में लगे हैं। हम बराबर अधिकारियों को कहते हैं कि पटना बिहार की राजधानी है यहां पर पूरा ध्यान देने की जरुरत है। हम एक-एक चीज को खुद देखते हैं लेकिन कितना भी कुछ कीजिए, कुछ लोग तो खिलाफ में रहते ही हैं। कहीं पर कुछ हो जाने पर कुछ लोग तरह-तरह की बातें करने लगते हैं। जिसको जो मन करे बोले, हमलोगों का उद्देश्य लोगों की सेवा करना है।
बिहार में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत निर्माण कार्य धीमा होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव श्री अरविंद कुमार चौधरी ने बताया कि बिहार में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत आवास में से 83 प्रतिशत काम पूरे हो चुके हैं, बाकी का काम चल रहा है। इसके अलावा 11 लाख आवास का लक्ष्य मिला हुआ है जिसको स्वीकृत करने की कार्रवाई पंचायत चुनाव के कारण रुकी हुई थी। इसकी कार्रवाई अब की जा रही है, उम्मीद है कि जनवरी महीने में वह भी स्वीकृत हो जायेगी। प्रधानमंत्री आवास योजना का कार्य हर जगह चल रहा है। पंचायत चुनाव के कारण इस पर थोड़ा असर पड़ा है फिर भी काफी अच्छी गति से काम चल रहा है। बिहार का कंप्लीशन दर पूरे देश में दूसरे-तीसरे नंबर पर है।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समाज सुधार यात्रा पर चिराग पासवान ने कसा तंज

न्यूज़ डेस्क:-चिराग पासवान ने कहा 16 साल के बाद किसी मुख्यमंत्री को समाज सुधारने की याद आई और इससे ज्यादा शर्म की बात क्या हो सकती है कि बिहार के मुख्यमंत्री 16 वर्षों के बाद अब समाज सुधार यात्रा पर निकल रहे हैं| बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने की मांग पर चिराग पासवान ने बयान देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पहले हिसाब दे| भाजपा के नेता इस बात को कह रहे हैं कि विशेष राज्य के दर्जा में जितनी राशि मिलती है उससे ज्यादा केंद्र सरकार पहले ही बिहार को दे चुकी है।

प्रधानमंत्री ने चुनाव के समय एक बड़ी राशि की घोषणा राज्य को दी थी, वह राशि कहां है? मुख्यमंत्री जवाब दें। कब तक विशेष राज्य के दर्जे के बहाने अपने नाकामी को छिपाते रहेंगे मुख्यमंत्री। चिराग ने कहा हम लोग समर्थन करते हैं| बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए, लेकिन जब तक मौजूदा सरकार है विशेष राज्य का दर्जा मिलने के बाद भी बिहार में कोई विकास नहीं हो सकता|

रिपोर्ट :- प्रतिमा

 

 

मुख्यमंत्री ने दरभंगा में प्रस्तावित एम्स एवं डी०एम०सी०एच० के पुनर्गठन को लेकर की समीक्षा बैठक, अधिकारियों को दिये आवश्यक दिशा-निर्देश

न्यूज़ डेस्क :-  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज दरभंगा में प्रस्तावित एम्स की अधिग्रहित की गई भूमि का हवाई सर्वेक्षण किया। इसके पश्चात डी०एम०सी०एच० ऑडिटोरियम में मुख्यमंत्री ने दरभंगा एम्स तथा अवशेष भूमि पर डी०एम०सी०एच० के पुनर्गठन हेतु समीक्षा बैठक की।  उन्होंने डी०एम०सी०एच० के पुनर्गठन के मद्देनजर संस्थानों के स्थानांतरण, फेज वाइज प्लान, डेवलपमेंट प्लान, स्टूडेंट स्ट्रेंथ, मास्टर प्लान आदि के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि दरभंगा एम्स के लिए 200 एकड़ भूमि की कोई उपयोगिता नहीं है। इसके लिए 150 एकड़ भूमि पर्याप्त है। डी०एम०सी०एच० के पास जितनी जमीन है उसमें से एम्स के लिए जितनी जरुरी हो उतनी जमीन दी जाय। उन्होंने कहा कि मेरी पहल पर ही दरभंगा में एम्स का निर्माण होने जा रहा है। मेरी इच्छा थी कि डी०एम०सी०एच० को ही एम्स में अपग्रेड कर दिया जाय। उन्होंने कहा कि पी०एम०सी०एच० पटना के बाद बिहार का दूसरा मेडिकल कॉलेज दरभंगा में बना था। पी०एम०सी०एच० में पढ़ने वाले डॉक्टर जिस तरह से आज विदेशों में हैं, वैसे ही डी०एम०सी०एच० से पढ़े हुए डॉक्टर भी अनेक जगहों पर हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दरभंगा शहर में तीन बड़े तालाब डिस्टर्व हो रहे हैं।जल-जीवन- हरियाली अभियान के तहत जिस प्रकार से तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, उसी तरह से इन तालाबों का भी सौन्दर्यीकरण हो ताकि इन तालाबों के चारों तरफ वृक्षारोपण के साथ ही लोगों के टहलने की भी व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि दरभंगा में एयरपोर्ट होने से दूर दराज से आने वाले लोगों को काफी सहूलियत हो रही है। एयर एंबुलेंस भी आसानी से आ सकती है।

पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मिथिलांचल के साथ हमारा शुरु से रिश्ता रहा है। दरभंगा एम्स के लिए सभी तरह के इंतजाम किये जा रहे हैं। एम्स के लिए 150 एकड़ जमीन दी जायेगी। असामाजिक तत्व कुछ गड़बड़ नहीं कर सके, इसे ध्यान में रखते हुए डी०एम०सी०एच० की बाउंड्रीवाल को ऊंचा किया जायेगा। जलजमाव की समस्या को दूर करने के लिए मिट्टी भराई का कार्य भी किया जायेगा। ड्रेनेज सिस्टम को भी दुरुस्त किया जायेगा ताकि जल निकासी आसानी से हो सके।

रिपोर्ट :- प्रतिमा

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 22 दिसंबर से अपनी ‘समाज सुधर यात्रा’ करेंगें शुरू

न्यूज़ डेस्क:-  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर जिलों की यात्रा पर निकलेंगे। इस बार यात्रा का नाम दिया है ‘समाज सुधार यात्रा’। यह यात्रा  22 दिसंबर मोतिहारी से शुरू होगी और 15 जनवरी को पटना में इसका समापन होगा। इस तरह 12 दिनों की उनकी यात्रा होगी, जिसमें सभी जिले शामिल होंगे।बतादें कि इससे पहले वे 12 यात्राएं कर चुके हैं।

इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री जनसभा को भी संबोधित करेंगे। साथ ही, राज्य में चलायी जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा बैठक भी करेंगे। जनसभाओं में जिलों के जीविका समूह की महिलाएं भाग लेंगी, जिसमें पूर्ण शराबबंदी अभियान, दहेज प्रथा उन्मूनल, बाल विवाह मुक्त अभियान से संबंधित राज्य सरकार की महत्वपूर्ण नीतियों और निर्णयों पर विचार रखे जाएंगे। इन सभाओं में लाभुकों द्वारा भी अपने विचार रखे जाएंगे। साथ ही जनसभाओं में सूबे के मुख्य सचिव और डीजीपी समेत गृह और मद्यनिषेध के अपर मुख्य सचिव और संबंधित जिलों के प्रभारी सचिव भी भाग लेंगे। मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के कार्यों की जानकारी लेंगे।

इसके अलावा दहेज प्रथा उन्मूलन और बाल विवाह की समाप्ति, गृह विभाग के कार्य, सतत जीविकोपार्जन योजना, हर घर नल का जल, पक्की नाली-गली योजना, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान और धान की अधिप्राप्ति आदि की जानकारी मुख्यमंत्री समीक्षा बैठक में लेंगे। साथ ही पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी करेंगे।

रिपोर्ट :- प्रतिमा

मार्च 2025 तक हर घर तक स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगा दिया जायेगा- नीतीश कुमार

न्यूज़ डेस्क –  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बी०एस०पी०एच०सी०एल० कॉलोनी स्थित ऊर्जा ऑडिटोरियम में ऊर्जा प्रक्षेत्र की 3452.11 करोड़ की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने 12,657 करोड़ रुपये लागत की स्मार्ट प्री-पेड मीटर की राज्यव्यापी योजना के कार्यान्वयन की शुरुआत की। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कि आज कहा के इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए ऊर्जा विभाग को धन्यवाद देता हूं। आज ऊर्जा प्रक्षेत्र की कुल 3452.11 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया है। इसमें 725.26 करोड़ रुपये की योजना का उद्घाटन किया गया है, जबकि 2726.85 करोड़ रुपये की विभिन्न योजनाओं का शिलान्यास किया गया है। आज वितरण कंपनियों के अधीन कुल 325 करोड़ रुपये लागत की 48 विद्युत शक्ति उपकेंद्र का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया गया है। 874 करोड़ रूपये की लागत से कुल 7 ग्रिड सब स्टेशन से वितरण प्रणाली तक ट्रांसमिशन लाइन तथा 817.35 करोड़ रूपये लागत की बक्सर ताप विद्युत प्रतिष्ठान से विद्युत निकासी हेतु संचरण लाइन के निर्माण कार्य का शिलान्यास किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ऊर्जा ऑडिटोरियम का उद्घाटन किया गया है, यह काफी अच्छा बना है। इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देता हूं। ऊर्जा विभाग की सहमति से इस ऑडिटोरियम का उपयोग दूसरे लोग भी कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि बिजली के क्षेत्र में काफी काम हो रहे हैं। पहले बिहार में बिजली की क्या स्थिति थी? वर्ष 2005 में बिहार में मात्र 700 मेगावाट बिजली की आपूर्ति होती थी। आज बिहार में 6,627 मेगावाट बिजली की खपत हो रही है। हमने हर घर बिजली पहुंचा दी है। घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य दिसंबर 2018 तक निर्धारित किया गया था, जिसे दो माह पूर्व ही अक्टूबर 2018 में ही पूरा कर लिया गया। उन्होंने कहा कि बिहार में बिजली की जरुरत और ज्यादा बढ़ रही है। उसके लिए हमलोग बिजली की आपूर्ति की सारी व्यवस्था कर रहे हैं। पावर प्लांट से लोगों के घर तक बिजली पहुंचाने के लिए कई चरणों में काम करना पड़ता है, जिसे ऊर्जा विभाग बेहतर ढंग से क्रियान्वित कर रहा है। बिहार पहला राज्य है जहां सभी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के 19 किलोवाट भार क्षमता तक के विद्युत कनेक्शन, सुविधा एप्प के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन बिजली का कनेक्शन दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भी काफी काम हो रहे हैं। 200 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र बिहार में लगने जा रहा है। जमुई और बांका में 100-100 मेगावाट का सौर ऊर्जा संयंत्र पर काम शुरु होगा। सतलज जल विद्युत निगम लिमिटेड संयंत्र लगाने जा रहा है। इस पर 1000 करोड़ रुपये की राशि खर्च की जायेगी। इस पर तेजी से काम चल रहा है। देश में बिहार ऐसा पहला राज्य है, जहां स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाया जा रहा है। वर्ष 2019 से बिहार में स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगना शुरु हो चुका है। पहली बार बिहार में ऐसा हो रहा है। यह हमलोगों का कंसेप्ट है। हम चाहते हैं कि राज्य सरकार के पैसे से ही इस काम को पूरा किया जाय। बिहार में स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगाया जायेगा। विद्युत विभाग हर घर ने लक्ष्य निर्धारित किया है कि पांच चरणों में मार्च 2025 तक हर घर तक स्मार्ट प्री-पेड मीटर लगा दिया जायेगा। मेरी इच्छा है कि इसे निर्धारित समय से पहले पूरा किया जाय।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिजली बिल को लेकर सबसे ज्यादा शिकायतें आती थीं। हमने इसको लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम में शामिल किया ताकि लोगों की शिकायतों का समाधान हो सके। स्मार्ट प्री-पेड मीटर से बिजली का दुरुपयोग नहीं हो सकेगा। बिजली के उपभोक्ताओं को भी इससे फायदा होगा। इससे सबको लाभ होगा। लोग • जितनी बिजली की खपत करेंगे, उन्हें उतने का ही बिजली बिल देना पड़ेगा। बिजली के उपभोक्ताओं को राज्य सरकार अपनी तरफ से सब्सिडी देती है खरीद से कम दर पर उपभोक्ताओं को बिजली उपलब्ध करायी जा रही है। कुछ लोग मुफ्त में बिजली देने की मांग करते रहते हैं। | मुफ्त में बिजली देने की भावना गलत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक पिछड़ा राज्य होकर भी लोगों के हित में सड़क निर्माण से लेकर हर घर तक बिजली पहुॅचाने के साथ-साथ अन्य विकास के कार्य भी तेजी से किये गये हैं। बिहार में सड़क और बिजली के क्षेत्र में काफी काम हुये हैं। बिहार को अब निजी क्षेत्र से बिजली खरीदनी नहीं पड़ेगी। अब बिहार को जितनी बिजली की जरुरत होगी वह केंद्र सरकार के माध्यम से ही मिल जायेगी। इसके लिए मैं केंद्र सरकार को धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि बिहार में बिजली के जर्जर तारों को बदल दिया गया है। कोरोना के दौर में भी ऊर्जा विभाग ने काफी मेहनत से काम किया है। लोगों की बिजली की जरूरत को पूरा करने की हमारी प्रतिबद्धता है। बिजली विभाग के इंजीनियरों को हम बधाई देते हैं। आप लोगों के अच्छा काम करने से हमें प्रसन्नता होती है। उन्होंने मीडिया से आग्रह करते हुए कहा कि बिजली की गड़बड़ियों की सूचना को प्रकाशित करने के साथ ही ऊर्जा विभाग को जरुर दीजिएगा ताकि उसमें सुधार किया जा सके। ऊर्जा विभाग भी कार्यों पर बारीकी से नजर रखें।

कार्यक्रम को ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री श्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, स्वास्थ्य सह पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत एवं ऊर्जा विभाग के सचिव श्री संजीव हंस ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम की शुरुआत के पूर्व मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित ऊर्जा ऑडिटोरियम परिसर का भ्रमण किया और परिसर में वृक्षारोपण किया। मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित ऊर्जा ऑडिटोरियम का शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया और ऊर्जा ऑडिटोरियम का मुआयना भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री का स्वागत ऊर्जा विभाग के सचिव श्री संजीव हंस ने पौधा एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया।

कार्यक्रम के दौरान स्मार्ट प्री-पेड मीटर योजना पर आधारित एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।
इस अवसर पर पीरपैंती के विधायक श्री ललन पासवान, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, एन०बी०पी०डी०सी०एल० के प्रबंध निदेशक श्री संदीप कुमार पुडुकलकट्टी, एस०बी०पी०डी०सी०एल० के प्रबंध निदेशक श्री संजीवन सिन्हा, बिहार स्टेट हाइड्रो इलेक्ट्रिक लिमिटेड के प्रबंध निदेशक एवं ब्रेडा के निदेशक श्री आलोक कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सांसदगण, विधायकगण, विधानपार्षदगण, अन्य जनप्रतिनिधिगण, जिलाधिकारीगण, वरीय अभियंतागण एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति जुड़े हुए थे।

कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने विद्युत भवन जाकर आर्ट गैलरी का उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने आर्ट गैलरी में विभिन्न कलाकारों की • लगायी गयी कलाकृतियों का अवलोकन किया और उसकी जमकर तारीफ की। मुख्यमंत्री ने स्टील आर्ट, क्राफ्ट आर्ट, मधुबनी पेंटिंग, ब्लॉक प्रिंटिंग, क्ले मॉडलिंग, स्क्रीन पेंटिंग आदि का भी अवलोकन किया।

राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल जमुई सहित 772 विभिन्न परियोजनाओं का किया शिलान्यास एवं उद्घाटन-मुख्यमंत्री

न्यूज़ डेस्क :-  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के परिसर में टेलीमेडिसिन स्टूडियो ई-संजीवनी का शुभारंभ किया। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री परिसर में निर्माणाधीन स्वास्थ्य भवन का भी निरीक्षण किया।इसके पश्चात् राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के सभागार में मुख्यमंत्री ने 1919 करोड़ 95 लाख रुपए की लागत से 772 विभिन्न योजनाओं का रिमोट के माध्यम से शिलान्यास कार्यारम्भ, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने जमुई में लगभग 500 करोड़ रुपए की लागत से बननेवाले मेडिकल कॉलेज और हॉस्पीटल का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिलान्यास किया।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में यहां उपस्थित लोगों तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े सभी लोगों का मैं अभिनंदन करता हूं। मुझे खुशी है कि आज कई योजनाओं का शिलान्यास, कार्यारम्भ, उद्घाटन एवं लोकार्पण किया गया है। इसके संबंध में विस्तृत जानकारी आपलोगों को दी गई है। उन्होंने कहा कि जब से हमलोगों को काम करने का मौका मिला है, तब से सभी क्षेत्रों में विकास का काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र छह बेडों का था, जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में परिणत कर 30 बेडों की व्यवस्था की जा रही है। बिहार में पहले छह सरकारी मेडिकल कॉलेज थे, जबकि 2 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज थे। अब राज्य में 11 सरकारी मेडिकल कॉलेज और 6 प्राइवेट मेडिकल कॉलेज यानि कुल 16 मेडिकल कॉलेज हैं। हमलोगों ने आई०जी०आई०एम०एस० में भी काफी काम कराया। अब इसे 2500 बेडों वाला अस्पताल बनाया जा रहा है।  उन्होंने कहा कि जयप्रकाश नारायण अस्पताल राजवंशी नगर में हड्डी संबंधित बीमारी के उपचार के लिए इसे सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया गया। राजेंद्र नगर में आंख की चिकित्सा को बेहतर बनाने के लिए राजेंद्र अस्पताल को सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया गया। गार्डिनर रोड वाले अस्पताल को भी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल बनाया जा रहा है। पटना के इन तीन सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में अलग डायरेक्टर होंगे, यह स्वायत अस्पताल होगा, जो यह स्वास्थ्य विभाग से डायरेक्ट रूप से जुड़ा होगा।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि मुजफ्फरपुर में एक प्राइवेट अस्पताल में हाल ही में आंखों के इलाज के दौरान मरीजों के आंखों की रौशनी चली गई। यह बेहद दुखद है। प्राइवेट अस्पतालों को ठीक से काम करना होगा। हमलोग इस घटना की जांच करवा रहे हैं जो भी दोषी पाए जाएंगे उस पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की आंखें चली गईं है राज्य सरकार की तरफ से पीड़ितों को सहायता दी जाएगी।

पटना के एम्स में इलाज कराने आनेवाले मरीजों के परिजनों के लिए एम्स के पास ही राज्य सरकार की तरफ से रोगी परिचारी गृह का निर्माण कराया जायेगा। अब नई तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित एवं नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने चिकित्सकों से निवेदन करते हुए कहा कि बिहार में रहिए, बिहार की सेवा कीजिए।

हमलोग इलाज के साथ-साथ चिकित्सकीय शिक्षा के क्षेत्र में भी काम कर रहे हैं और आगे भी करते रहेंगे। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सक, अधिकारी, कर्मियों ने कोरोना काल में काफी बेहतर काम किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीसरे फेज की बात की जा रही है। कई विकसित देशों में कोरोना के नए वेरियंट ओमीक्रॉन के केस बढ़ रहे हैं। अपने देश में और राज्य में भी इसको लेकर सतर्कता बरती जा रही है। हमलोग सभी प्रकार के इंतजाम किए हैं। इसको लेकर सरकार पूरी तरह से सतर्क है।

रिपोर्ट :- प्रतिमा