मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का किया उद्घाटन

न्यूज़ डेस्क:-  मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज पटना विकास भवन में स्वास्थ्य विभाग के कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का उद्घाटन किया।

उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि स्वास्थ्य विभाग का यह देश में पहला कमांड एंड कंट्रोल सेंटर है। इसके माध्यम से सभी स्वास्थ्य केंद्रों की मॉनिटरिंग, मेडिकल उपकरणों सहित डाटा की निगरानी एवं उनके विश्लेषण किये जायेंगे।

पायलट प्रोजेक्ट के रुप में मुजफ्फरपुर एवं नालंदा में इसकी शुरुआत की गई है। मुख्यमंत्री ने कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जिला अस्पताल मुजफ्फरपुर के ओ0पी0डी0 में डॉक्टर और मरीज से वार्ता कर वहां इलाज और सुविधाओं के संबंध में जानकारी ली। साथ ही नालंदा अस्पताल के ओ0पी0डी0 का भी निरीक्षण किया।

उन्होंने कहा कि पहले लैंडलाइन टेलीफोन के माध्यम से मुख्यमंत्री सचिवालय एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा अस्पतालों में चिकित्सकों से बातकर जानकारी ली जाती थी।

खुशी की बात है कि आज कमांड एंड कंट्रोल सेंटर की शुरुआत की गई है। अब नई तकनीक के माध्यम से स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों को और प्रभावी ढंग से क्रियान्वित एवं नियंत्रित किया जा सकेगा। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डे, भवन निर्माण मंत्रीअशोक चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत सहित अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण एवं कर्मी मौजूद थे।

रिपोर्ट :- प्रतिमा

जनता दरबार में 153 फरियादियों की शिकायतों को नीतीश कुमार ने सुनकर समाधान के निर्देश दिए

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 153 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।


आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल होकर 153 लोगों की शिकायतें सुनीं। रोहतास से आए एक फरियादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मेरी पत्नी आंगनबाड़ी सेविका थी, जिनका सेवाकाल के दौरान ही पिछले साल कोरोना से निधन हो गया। अब तक परिवार को अनुग्रह अनुदान नहीं मिला है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

गोपालगंज से आए एक छात्र कहा उसे स्टूडेंट कार्ड योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, तो वहीं भागलपुर छात्र ने मुख्यमंत्री प्रोत्साहन योजना (माध्यमिक शिक्षा) के अंतर्गत मिलने वाली प्रोत्साहन राशि का लाभ उन्हें नहीं मिल पाया है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को इसकी जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मधुबनी से आए एक आवेदक ने बताया कि सरकारी भवन बनने के बाद भी निजी भवन में आंगनबाड़ी केंद्र चल रहा है। वहीं सीतामढ़ी की एक महिला ने डेयरी स्थापना हेतु पशुपालन विभाग की स्वीकृति मिलने के बावजूद उन्हें बैंक द्वारा ऋण स्वीकृत नहीं किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए संबंधित विभागों के अधिकारियों को मामले की जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

बांका के एक व्यक्ति ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके पिता की मृत्यु बिहार राज्य मदरसा बोर्ड के अंतर्गत कार्य करते हुए हो गई लेकिन उनके आश्रित को अनुकंपा के आधार पर अब तक नौकरी नहीं मिली है। वहीं भागलपुर के एक युवक ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके भाई की मृत्यु नदी में डूब जाने के कारण हो गई थी, जिसके अनुग्रह राशि का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। औरंगाबाद के एक वृद्ध पिता ने शिकायत करते हुए कहा कि वृद्धावस्था में उनके संतान उनका भरण पोषण नहीं करते हैं। मेरे पुत्र बिल्कुल स्वार्थी हो गए हैं। सारी जमीन को

कब्जा किए हुए हैं। मेरे भरण पोषण का इंतजाम किया जाए। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को इनकी समस्या के समाधान का निर्देश दिया। वहीं सारण के एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री वृद्धजन पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बेगूसराय से आए एक व्यक्ति ने अनुमंडलीय अस्पताल बखरी के भवन निर्माण में विलंब होने की शिकायत की। वहीं अररिया की एक महिला ने पति की कोविड से मृत्यु के उपरांत अब तक अनुग्रह राशि नहीं मिलने की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को इस पर आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पूर्णिया एक व्यक्ति ने गंभीर रुप से बीमार अपने पुत्र की चिकित्सा के लिए सहायता दिलाने के संबंध में अपनी मांग की तो वहीं गया से आयी एक लड़की ने अपनी गंभीर बीमारी के उपचार कराए जाने के लिए सहायता की मांग की। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को इस पर उचित सहयोग करने का निर्देश दिया। नवादा की एक महिला ने शिकायत करते हुए कहा कि उनके पति की हत्या वर्ष 2016 में हो गई थी। एस०सी० एस०टी० अधिनियम के तहत उन्हें मिलने वाली मुआवजा की राशि का भुगतान अब तक नहीं हो पाया है। वहीं सहरसा की एक महिला ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति क्षेत्रीय कार्यालय सहरसा द्वारा मैट्रिक का प्रमाण पत्र निर्गत नहीं किए जाने को लेकर शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभागों को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस०के० सिंघल, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।


‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। कोरोना से संबंधित सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इधर फिर से कोरोना का प्रभाव बढ़ने लगा है, खासकर पटना शहर में इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। हमलोग इसको लेकर सतर्क हैं। स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के सभी लोग इस मामले में सक्रिय हैं। हमलोगों का उद्देश्य यही है कि अधिक से अधिक जांच कराएं। कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन आया है, इसके मामले में अभी तक बिहार में इससे पीड़ित लोगों का पता नहीं चला है। उसका कारण है कि यहां पर जिनोमसिक्वेंसिंग की तक इसकी कोई रिपोर्ट नहीं आई है लेकिन खतरा तो है। हमलोगों ने विचार किया है कि केन्द्र से बातचीत कर अपने यहां इसका टेस्ट करवायें। अभी तो रोज रिपोर्ट आ रही है कि इस पर अध्ययन हो रहा है, कोशिश हो रही है कि इस पर तेजी से काम हो। अभी जांच के लिये जो सैंपल भेजा गया है, उसकी रिपोर्ट नहीं आई है। हमलोग कोशिश कर रहे हैं कि यहां भी आई०जी०आई०एम०एस० जैसे अस्पताल में जॉच की व्यवस्था हो जाय। इस मामले में केंद्र का जो गाइडलाइन होता है उसी के आधार काम होता है। दूसरे देशों में हमलोग देख रहे हैं कि ओमिक्रॉन का प्रभाव बढ़ रहा है। हमलोगों के यहां कोरोना संक्रमण बहुत नीचे चला गया था। उसके बाद फिर पिछले कुछ दिनों से देख रहे हैं कि बढ़ रहा है। इस बात को लेकर हमलोग बहुत ही सजग हैं। इसके इलाज के लिये पूरा का पूरा इंतजाम है। आगे अगर कुछ होगा तो जैसे पहले अस्पतालों में बेड वगैरह की व्यवस्था की गई थी उसी तरह से इस बार भी इंतजाम है। ट्रीटमेंट में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होगी। इसकी पूरी तैयारी है। जिस तरह से ट्रीटमेंट के लिये पहले तीन स्टेज में लोगों को रखा जाता है वैसे ही पहले की तरह ही तैयारी की जा रही है। हमलोग ये देख हैं कि जल्दी से जल्दी पता चल जाय कि ओमिक्रॉन का है या कोई और मामला है। एक बात दिखाई पड़ रहा है कि बाहर से जो लोग आते हैं उन्हीं में ये सब मामला देखने को मिल रहा है। केंद्र सरकार के गाइडलाइन के अनुसार काम किया जा रहा है। एयरपोर्ट से लेकर हर जगह टेस्ट हो रहा है उसी में ये पता चल रहा है। नॉर्मल लोगों में कहीं उस तरह का केस नहीं आया है। कहीं कोई बाहर से आया और अपने परिवार में गया तो उसी परिवार के लोग प्रभावित हुए। इसके लिये पूरी सजगता की जरूरत है।

जिनोमसिक्वेंसिंग की व्यवस्था पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोग शुरू से ही इसमें लगे हुए हैं। पहले भी हमने कह दिया था कि इसके जांच में 5-7 दिन लग जाता है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत ने बताया कि जिनोम सिक्वेंश अधिसूचित है, सभी जगह जिनोम सिक्वेंशिंग नहीं है। राज्य सरकार के प्रयास से हमलोगों ने इंदिरा गांधी इंस्टीच्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में जिनोम सिक्वेंशिंग की स्वीकृति प्राप्त कर ली है। वर्तमान में अभी जो भी सैंपल है उसे एन०सी०डी०सी०, नई दिल्ली भेजते हैं, रिपोर्ट आने में औसतन 5-7 दिन लग रहे हैं। हमलोगों ने अनुरोध किया है कि रिपोर्ट तीन दिन में उपलब्ध करा दिया जाय। इस बीच में आई०जी०आई०एम०एस० में लैब की पूरी तैयारी की गयी है। हमलोगों ने राशि भी उपलब्ध करा दी है। हमलोग आशान्वित हैं कि शीघ्र ही यहीं पर जांच शुरू कर देंगे।

. मुजफ्फरपुर में ए०ई०एस० पर जोधरपुर एम्स द्वारा नये रिसर्च से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रिसर्च ठीक नहीं है। आपलोगों को पता है जब 2019 में वहां ए०ई०एस० से लोग प्रभावित हुए तो हमने वहां जाकर एक-एक काम किया। हमलोगों ने जिले के पांच प्रखण्ड को चयनित किया जहां मैक्सिमम लोग इससे प्रभावित थे। वहां कई गांव हम खुद देखने गये थे। अगर कोई आदमी प्रभावित है, उसका घर बना हुआ है कि नहीं, उनके लिये दवा की व्यवस्था हुई है कि नहीं, ऐसे सभी परिवारों का सर्वे कराया गया। एक-एक चीज का सर्वे करवाकर हमलोग सारा काम करवाये हैं। हम तो मुजफ्फरपुर के उन पांच प्रखंड की बात कर रहे हैं जो प्रभावित हुए थे ये 2019 की बात है उसके बाद बहुत कंट्रोल हुआ था। सौ बेड का इंमरजेंसी हॉस्पिटल बनवाया गया। हमलोगों ने हर तरह की व्यवस्था की। उसके बाद बहुत कम बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। हमलोग हर जगह के बारे में कंसर्न हैं। हो सकता है कि पहले की जानकारी के पर करने वाले लोग बोल रहे हों। हमने तीन साल पहले सोशियो इकोनोमी सर्वे कराकर एक-एक बात का पता कर लिया और पता करने के बाद उन सभी जगहों पर सुविधा दी गयी। एक-एक चीज की व्यवस्था की गई। उसके बाद से ए०ई०एस० का असर कम हुआ, इसमें कोई शक नहीं है। कहीं पर अगर हो रहा है तो क्यों हो रहा, दूसरे जगहों पर भी हो रहा है तो उसको हमलोग दिखवाते हैं। अगर रात में किसी बच्चे को परेशानी हो जाय तो तुरंत उसको देखना, अस्पताल ले जाना ये सब गाइडलाइन हमलोग किये हुए हैं।

सड़क पर नमाज पढ़ना बंद कराने की मांग पर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सब बातों को कोई मतलब नहीं है। कहीं कोई पूजा करता है, कहीं कोई गाता है सबका अपना अपना विचार है। इन सब चीजों में हम ऐसा मानकर चलते हैं कि सबको अपने ढंग से करना चाहिये। अभी कोरोना को लेकर गाइडलाइन दिया गया था तो कोई बाहर नहीं जा रहा था। सभी लोग हमारे लिये एक समान हैं। सबको अपने ढंग से ध्यान रखना चाहिये। इन सब विषयों पर चर्चा करने का कोई मतलब नहीं है। सभी लोग अपने ढंग से करते हैं, लेकिन सभी धर्म के लोगों को इन सब चीजों का ध्यान रखना चाहिये। इन सब चीजों को मुद्दा बनाना हमलोगों के लिए इसका कोई मतलब नहीं है। अब फिर कोरोना का दौर बढ़ेगा तो फिर से गाइडलाइन जारी होगा। शादी ब्याहों में अभी भीड़ रहती है, लोगों से हमेशा अपील करते हैं कि मास्क का प्रयोग जरुर करें।

विशेष राज्य के दर्जे की मांग से संबंधित प्रश्न का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट आयी है। नीति आयोग का मतलब है नेशनल इंस्टीच्यूशन फॉर ट्रांसफॉर्मिंग इंडिया आप पिछड़े राज्यों को ट्रांसफॉर्म किए बिना भारत को कैसे ट्रांसफार्म कर सकते हैं। जो राज्य पिछड़ा दिख रहा है उसके उत्थान के लिए आपको काम करना होगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग की बैठक में हमने कई बातों का जिक्र किया है। सरकार की तरफ से नीति आयोग को पत्र लिखा गया है, किसी मंत्री की तरफ से नहीं, मंत्री जी का विभाग है इसलिए उन्होंने पत्र लिखा है। नीति आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आंकलन कर पत्र लिखा गया है। बिहार के बारे में एक-एक चीजों का जिक्र किया गया है। वर्ष 2005 में बिहार की क्या स्थिति थी। जब से हमलोगों को काम करने का मौका मिला है बिहार के विकास के लिए हमलोग लगातार काम करते आ रहे हैं। विकास के कई काम किए गए हैं। राज्य सरकार का वर्ष 2004-05 में बजट का आकार 23 हजार 885 करोड़ था जो 2021-22 में बढ़कर 2 लाख 18 हजार करोड़ हो गया है। वर्ष 2009 में रिपोर्ट आयी थी उसके अनुसार राज्य का औसत विकास दर 10.5 था, जो देश के किसी अन्य राज्यों से सबसे ज्यादा था। हमलोग काम कर रहे है इसलिए विकास दर बढ़ रहा है। राज्य सरकार की मेहनत का ही नतीजा है कि राज्य का विकास दर देश में अन्य राज्यों से बेहतर रहा। नीति आयोग की रिपोर्ट में बिहार को पिछड़ा राज्य बताया जा रहा है। वर्ष 2004-05 में वर्तमान मूल्यों पर प्रति व्यक्ति आय 7 हजार 914 रुपए था, जो वर्ष 2019-20 में बढ़कर 50 हजार 735 रुपये हो गया। हर घर नल का जल पहुंचाया जा रहा है। हर घर तक बिजली पहुंचाई जा रही है। हर घर तक पक्की गली और नाली का निर्माण किया जा रहा है। कई सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। कानून व्यवस्था ठीक की गई है। दंगा-फसाद नियंत्रित किया गया है। महिलाओं, अतिपिछड़ों, एस०सी० एस०टी०, अल्पसंख्यकों सहित सभी वर्गों का विकास किया गया है। हमलोगों ने सभी के उत्थान के लिए काम किया। जीविका समूह बिहार में बनाया गया जो काफी अच्छा काम कर रहा है। उस समय की केंद्र की सरकार ने पूरे देश में इसे आजीविका नाम से अपनाकर क्रियान्वित किया।

हमलोग राज्य का विकास कर रहे हैं लेकिन राज्य पिछड़ा है उसका सबसे बड़ा कारण है कि बिहार क्षेत्रफल के हिसाब से देश में 12वें स्थान पर है, जबकि आबादी के मामले में पूरे देश में तीसरे स्थान पर है। यू०पी० और महाराष्ट्र के बाद बिहार तीसरे नंबर पर है। कुछ दिनों में यह दूसरे स्थान पर हो जाएगा। क्षेत्रफल के हिसाब से जनसंख्या कितना अधिक है। हमलोगों को जबसे काम करने का मौका मिला उस समय प्रजनन दर 4.3 था। प्रजनन दर घटाने के लिए काम किया गया। जब सर्वेक्षण कराया गया तो पता चला कि पति-पत्नी में जब पत्नी मैट्रिक पास है तो बिहार का प्रजनन दर 2 था और देश का भी प्रजनन दर 2 था। अगर पति-पत्नी में पत्नी इंटर पास है तो बिहार का प्रजनन दर 1.8 और देश का प्रजनन दर 1.7 था। इससे यूरेका की भावना आयी और हमने निर्णय किया कि सभी पंचायतों में इंटर तक की पढ़ाई की व्यवस्था करेंगे, जिससे प्रजनन दर घटेगा। लड़कियों को पढ़ाने के लिए काम किया गया। पोशाक योजना से शुरु कराकर साइकिल योजना चलायी गई। साइकिल योजना हमलोगों ने शुरू किया जो पूरे देशभर में कहीं नहीं थी। दूसरे देश से लोग यहां • आकर सर्वे किये थे और इस योजना की तारीफ किए थे। बाद में हमलोगों ने लड़कों के लिए भी साइकिल योजना की शुरुआत की। मैंट्रिक में पढ़ने वाले लड़के और लड़कियों की संख्या बराबर हो गई है। जो प्रजनन दर 4.3 था वह वर्ष 2012-13 में घटकर करीब 35 हो गया और अब 3 पर आ गया है। हमलोग जिस प्रकार काम कर रहे हैं बिहार का प्रजनन दर घटकर 2 पर आ जाएगा। बिहार का क्षेत्रफल कम है और आबादी कम है तो प्रति व्यक्ति आय अधिक कैसे होगा।वर्ष 2019-20 के आंकड़े के अनुसार देश का प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 34 हजार 432 रुपया है और बिहार का 50 हजार 735 रुपया है। हमलोग अगर सबसे पीछे हैं तो इसका विकास करना है इसीलिए हमलोगों ने विशेष राज्य के दर्जे की मांग की है। विशेष राज्य के दर्जे की मांग हमलोग बहुत पहले से करते रहे हैं। इसके लिए हमलोगों ने सर्वेक्षण कराकर एक-एक रिपोर्ट भी दिया। हमलोग सबसे हैं तो राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से सबसे बड़ा फायदा होगा कि केंद्र की जो योजनाएं चलती इसमें शेयर 90:10 हो जाएगा। अभी 60:40 या 50:50 है। इससे राज्य का कुछ और पैसा बचेगा उस पैसे से राज्य का विकास होगा और तब विकास दर और तेजी से बढ़ेगा और राज्य विकसित हो जाएगा। अगर किसी ने कुछ बोला है तो उन्हें पूरी जानकारी नहीं होगी। बिहार सबसे पिछड़ा राज्य है अगर इसको विकसित नहीं कीजिएगा तो इंडिया कैसे ट्रांसफॉर्म होगा। क्या इंडिया के विकसित राज्यों का ट्रांसफॉर्मिंग होना है कि पिछड़े राज्यों का भी होना है। विशेष राज्य के दर्जे की मांग किसी के खिलाफ नहीं है बल्कि राज्य के हित में है। राज्य के पिछड़ेपन को खत्म करने की बात है। हमलोग अपने तरफ से कई प्रकार से विकास के काम कर रहे हैं और केंद्र की योजनाओं से भी विकास के काम किए जा रहे हैं। कई राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा मिला हुआ है, उन्हें काफी फायदा हुआ है। इसी प्रकार का एडवांटेज बिहार और इस तरह के अन्य पिछड़े राज्यों को मिलेगा तो राज्य और आगे बढ़ेगा। राज्य आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा। पत्र में पूरी विस्तार से बातें लिखी गई हैं, हमने तो अभी आपको संक्षिप्त में बताया है। हमलोग राज्य में विकास के काफी काम किए हैं उससे ग्रोथ हुआ है लेकिन आबादी इतनी अधिक है कि उस प्रकार से बिहार का ग्रोथ नहीं हो पा रहा है। ग्रोथ रेट बढ़ा है, प्रति व्यक्ति आय भी बढ़ी है लेकिन देश की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 35 हजार रूपये है उससे हमलोग बहुत पीछे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में हर राज्य अपनी बात को रखता है, हमलोग भी अपनी बात को रखते हैं। रिपोर्ट में पिछड़े राज्य की बात आ गई है तो इसे आगे बढ़ाएं। पिछड़े को आगे बढ़ाने के लिए जो भी उचित काम है कीजिए। देश के सभी राज्यों की बात की गई है, जो पिछड़े राज्य हैं उनको आगे बढ़ाने के लिए काम किया जाएगा तो देश आगे बढ़ेगा।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम से प्रभावित होकर शुभानंद सिंह ने जदयू में आने का किया फैसला|

न्यूज़ डेस्क:- बता दें कि पूर्व बिहार विधानसभा अध्यक्ष स्वर्गीय सदानंद सिंह के पुत्र और कांग्रेस पार्टी से बिहार विधानसभा के कहलगांव के पूर्व प्रत्याशी इंजीनियर सुभानंद मुकेश और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य हैं|

बताया जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के काम से प्रभावित होकर शुभानंद सिंह ने जदयू में आने का फैसला किया है| आज जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह वरिष्ठ नेताओं के साथ वे इस पार्टी में विधिवत शामिल हो जाएंगे| वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सदानंद सिंह जब बीमार थे, उसी समय कांग्रेस के नेताओं के व्यवहार को लेकर शुभानंद सिंह ने असंतोष जताया था| सदानंद सिंह पटना के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे|

उसी समय शुभानंद ने कहा था कि कांग्रेस के बड़े से बड़े नेता ने भी उनकी मदद नहीं की और ना ही कोई देखने आया था| इस बात की जानकारी नीतीश कुमार को लगी तो उन्होंने दिल्ली से लेकर पटना तक इलाज की व्यवस्था की थी|

रिपोर्ट :- प्रतिमा

मुख्यमंत्री नीतीश ने बख्तियारपुर प्रखंड में विभिन्न योजनाओं का किया स्थल निरीक्षण

न्यूज़ डेस्क:- मुख्यमंत्री ने बख्तियारपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माणाधीन कार्य का जायजा लिया| राजकीय अभियंत्रण महाविधालय के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में इंजीनियरिंग संस्थानों में लड़कियों के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित की गई हैं।

हमलोग चाहते हैं कि लड़कियां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे आयें, खूब पढ़ें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि यहां के बालिका छात्रावासों में बड़ों की संख्या और बढ़ायें।

रेल लाइन के नीचे से संपर्क पथ कम चौड़ा है, इस संपर्क पथ का चौड़ीकरण करायें| जिससे दोनों तरफ से आवागमन और आसान हो । उसके ऊपर आर०ओ०बी० का निर्माण करायें। उन्होंने कहा कि हमारा यहीं जन्म हुआ है|

हमारी इच्छा थी कि बख्तियारपुर में एक इंजीनियरिंग कॉलेज बने। इंजीनियरिंग कॉलेज अब यहा संचालित हो रहा है, इसे देखकर काफी खुशी मिलती है।

मुख्यमंत्री ने राजकीय अभियंत्रण महाविद्यालय बख्तियारपुर के परिसर में वृक्षारोपण भी किया। मुख्यमंत्री ने शहीद नाथुन सिंह यादव पार्क जाकर स्वतंत्रता सेनानी नाथुन सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।

पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने विभिन्न योजनाओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि आज कई योजनाओं जैसे- पशुपालन, नदी ,महाविधालय, रेलवे लाइन इत्यादि हमने स्थल निरीक्षण किया है और उसे जल्द से जल्द पूरा करने को कहा है|

रिपोर्ट:- रिभा कुमारी

दिवंगत विधायक अभय सिंह का सपना साकार, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आभार व्यक्त-सुमित सिंह

न्यूज़ डेस्क:- बिहार सरकार के मंत्री सुमित कुमार सिंह  ने कहा कि जमुई का बहुप्रतीक्षित सपना पूरा होने जा रहा है। 14 दिसम्बर को बिहार के यशस्वी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जमुई मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखेंगे। इससे जमुई जिला एवं अंग क्षेत्र की बड़ी आबादी को प्रथम श्रेणी की स्वास्थ्य सुविधा शीघ्र मिल पाएगी। जमुई के दिवंगत लोकप्रिय विधायक  के बड़े भाई अभय सिंह के सपनों को आकार मिलने जा रहा है। हर परिस्थिति में जमुई जिला में विश्वस्तरीय मेडिकल कॉलेज बने, वह अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप संचालित हो, यह सुनिश्चित करना हमारा पुनीत लक्ष्य है। बिहार के दूरदर्शी मुख्यमंत्री नीतीश इसको सरजमीं पर आकार दे, साकार कर रहे हैं, इसके लिए जमुई जिला समेत सभी अंग क्षेत्रवासियों की ओर से उन्हें आभार व्यक्त किये|

जमुई मेडिकल शिक्षण एवं सेवा के मामले में पटना और देवघर पर निर्भर था। यहां से पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल की दूरी 170 किमी से अधिक है। लिहाज़ा किसी भी आपात स्थिति में बहुत मुश्किल होती थी। इसके साथ ही जमुई मेडिकल कॉलेज खुल जाने से जमुई जिला और अंग क्षेत्र समेत बिहार के प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को मेडिकल की पढाई के लिए कहीं बाहर के राज्यों में जाने की आवश्यकता नहीं होगी साथ ही मेडिकल शिक्षा के प्रति लोगों का रुझान भी बढ़ेगा। कॉलेज के खुलने से सरकारी स्तर पर मेडिकल एजुकेशन, पारा मेडिकल ट्रेनिंग, लैब तकनीशियन, ऑटी असिस्टेन्ट, रेडियोलॉजी असिस्टेन्ट आदि की पढ़ाई यहां शुरू हो सकेगी। मेडिकल कॉलेज का खुलने से स्थानीय स्तर पर रोजगार की संभावनाएं बहुत बेहतर होगी। इससे प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे। जमुई के हज़ारों युवाओं को सम्मानजनक बेहतर रोज़गर के अवसर अपने गृह क्षेत्र में उपलब्ध होंगे, जिससे उन्हें जीवनयापन के लिए बाहर पलायन नहीं करना होगा|

आगामी 14 दिसम्बर को मुख्यमंत्री जी विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए जमुई मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास करेंगे, इसके लिए सभी जमुई जिला एवं अंग क्षेत्रवासियों को हार्दिक बधाई| हम सबों को पूर्ण विश्वास है कि यह कॉलेज बिहार में मेडिकल शिक्षा को नए आयाम पर ले जाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा। हम सब लंबे अरसे से यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री जी के समक्ष जमुई जिला के मांग पत्र के रूप में रख रहे थे। उन्होंने इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार कर संसाधनों की समुचित व्यवस्था होने के बाद जमुई मेडिकल कॉलेज के मांग पर मुहर लगाई थी।

रिपोर्ट:- प्रतिमा

जन संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए मुख्यमंत्री, लोगों की समस्याओं के निष्पादन के लिए अधिकारियों को दिये निर्देश

न्यूज़ डेस्क :- मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार मुंगेर जिले के तारापुर में जल संसाधन विभाग के निरीक्षण भवन में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। जन संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के समक्ष लोगों ने समुचित विकास से संबंधित अपने-अपने सुझाव रखे। सिंचाई प्रमंडल (तारापुर) के प्रांगण में आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में उपस्थित प्रत्येक व्यक्ति के पास मुख्यमंत्री स्वयं पहुॅचे और उनका अभिवादन स्वीकार किया। मुख्यमंत्री ने जन संवाद कार्यक्रम में लोगों की समस्यायें सुनने के बाद उसके निष्पादन के लिए अधिकारियों को निर्देश दिये।

मैंने आप लोगों को आश्वस्त किया था कि चुनाव के बाद यहां की समस्याएं जानने के लिए जरुर आऊंगा। मैं आज आपलोगों के बीच हूं। आप सभी ने यहां अपनी बातें रखी हैं और जिन्होंने लिखित रूप में भी दिया है, उस पर भी पूरा ध्यान दिया जायेगा, किसी को चिंता करने की जरुरत नहीं है। लोगों का सेवा करना ही हमारा धर्म है। हम अपने हर दायित्व को पूरा करेंगे।

उन्होंने कहा कि संपूर्ण बिहार में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित हर क्षेत्र में विकास का काम किया जा रहा है। हमलोगों ने बिहार में पहली बार नियम बनाकर महिलाओं के लिए पंचायती राज संस्थाओं में 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया, जिसका परिणाम है कि आज बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि 9वीं और 10वीं तक की पढ़ाई की व्यवस्था सभी पंचायतों में की जा चुकी है। अब तक 5 हजार से ज्यादा पंचायतों में इंटर तक की पढ़ाई की व्यवस्था कर दी गई है। आने वाले समय में कोई पंचायत बाकी नहीं रहेगा जहां पर इंटर स्तर तक की पढ़ाई की व्यवस्था नहीं होगी। स्वच्छ पेयजल की पूरे बिहार में व्यवस्था की गई है। आयरन, आर्सेनिक और फ्लोराइड के कारण पेयजल की जो समस्या थी, उसका समाधान कर दिया गया है, जो शेष काम हैं, वह भी जल्द पूरा हो जायेगा। जन संवाद कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को आश्वस्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे बिहार में विकास के लिए एक-एक काम किये जा रहे हैं। वर्ष 2011-12 में समीक्षा के क्रम में हमने देखा कि बिहार का प्रजनन दर 4.3 था। राष्ट्रीय स्तर पर यह देखा गया कि पति पत्नी में पत्नी अगर पढ़ी लिखी रही हो तो प्रजनन दर कम रहता है। बिहार का प्रजनन दर 4.3 से घटकर अब 3 पर आ गया है। हमलोग इसे और घटाकर 2 पर करने में लगे हैं। यदि प्रजनन दर कम नहीं होगा तो आबादी बढ़ेगी और लोगों को कृषि योग्य भूमि पर घर बनाने पड़ेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार एक पिछड़ा राज्य है। इसके विकास के लिए केंद्र के साथ-साथ राज्य भी अपनी विकास योजनाएं चला रही है। उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण करीब दो साल तक आवागमन बाधित हुआ। अब तीसरी लहर आने की भी संभावना जताई जा रही है इसलिए हम सभी को सचेत रहने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि हम तो हमेशा सभी विधायकों से कहते रहते हैं कि अपने क्षेत्र से जुड़े जो भी काम या समस्याये हैं उसे बताइये। आज यहां आयोजित जन संवाद कार्यक्रम में इस इलाके के लोगों ने अपनी-अपनी बातें रखी हैं जिसे सभी स्थानीय जन प्रतिनिधि एवं अधिकारियों ने भी सुना है। हमारी कोशिश है कि आपके क्षेत्र के साथ-साथ संपूर्ण बिहार का विकास हो। इसके लिए हम सब प्रतिबद्ध एवं संकल्पित हैं।

आज आप सबों के बीच आकर मुझे बेहद खुशी हुई है। इस क्षेत्र का जितना विकास हुआ है उससे और ज्यादा विकास नहीं करेंगे तो हमे संतोष नहीं होगा।  जन संवाद कार्यक्रम के पश्चात् मुख्यमंत्री ने तारापुर चौक स्थित शहीद स्मारक पर 15 फरवरी 1932 के 34 शहीदों को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक भवन तारापुर का निरीक्षण कर अधिकारियों को कई आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये।

रिपोर्ट :- प्रतिमा

मुंगेर स्थित महा बीयर सिंचाई परियोजना का जल्द पुनर्स्थापन कार्य शुरु किया जाएगा – मुख्यमंत्री

न्यूज़ डेस्क –  मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार ने मुंगेर जिला के संग्रामपुर प्रखंड के कटियारी ग्राम पंचायत अंतर्गत महाने बीयर सिंचाई परियोजना का स्थलीय निरीक्षण किया । निरीक्षण के दौरान जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस ने महाने बीयर सिंचाईं परियोजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी।

 निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने सचिव जल संसाधन को निर्देश दिया कि महाने बीयर सिंचाईं परियोजना के डैमेज पिलर, प्रोटेक्शन वाल, बोल्डर पिचिंग, बेलहरवा महाने लिंक कैनाल के सुपर पैसेज सहित अन्य चीजों को दुरुस्त करायें। उन्होंने कहा कि इसके डिसिल्टेशन का कार्य भी कराएं।

मुख्यमंत्री ने निरीक्षण के दौरान ग्रामीणों से बातचीत कर सिंचाई कार्य के बारे में जानकारी ली। उन्होंने ग्रामीणों से कहा कि हम आपकी समस्या जानने आए हैं और आपकी सिंचाई एवं अन्य समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इस पर ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री का अभिवादन कर धन्यवाद दिया।

 

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कमांड एरिया से आने वाले पानी का माइनर डिस्ट्रिब्यूट्री कार्य कराएं ताकि ग्रामीणों को सिंचाई कार्य में सुविधा हो। जल वितरण की ऐसी व्यवस्था बनाएं कि अधिक से अधिक किसानों को इससे फायदा हो और सभी को सिंचाई में सहुलियत हो। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि महा बीयर सिंचाई परियोजना का जल्द पुनर्स्थापन कार्य शुरु कराएं। इसके पूर्ण होने से आस पास के कई गांवों को फायदा होगा।

निरीक्षण के दौरान सांसद श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, जल संसाधन विभाग के सचिव श्री संजीव हंस, आयुक्त मुंगेर प्रमंडल श्री प्रेम सिंह मीणा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुंगेर प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक श्री पंकज सिन्हा, जिलाधिकारी श्री नवीन कुमार, वरीय पुलिस अधीक्षक श्री जग्गु नाथ रेड्डी सहित अन्य वरीय अधिकारीगण एवं अभियंतागण उपस्थित थे।

बिहार में अभी तक ओमिक्रॉन का कोई केस सामने नहीं आया है -मुख्यमंत्री

न्यूज़ डेस्क – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 200 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए।

आज जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग, खान एवं भूतत्व विभाग के मामलों पर सुनवाई हुयी।

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ठीक 10.30 बजे जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में पहुॅचकर विभिन्न जिलों से आये 200 लोगों की शिकायतें सुनीं। नालंदा जिले की रहनेवाली एक महिला ने गुहार लगाते हुए कहा कि उनकी शादी पटना के गुलजारबाग के मेंहदीगंज में हुई है। मुझे दो बेटी है उसके बाद भी मेरे पति ने दूसरी शादी कर ली है। जब पुलिस से इसकी शिकायत की तो पटना पुलिस ने कहा कि वह इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं करेंगे क्योंकि आप नालंदा की रहनेवाली हैं इसलिए नालंदा में ही कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

जनता दरबार में एक महिला ने गुहार लगाते हुए कहा कि उसका पति पंजाब में काम करता है। गांव के युवक पर जबरन गलत काम करने और वीडियो बनाने का महिला ने आरोप लगाया और कहा कि वह वीडियो बनाकर वह जबरदस्ती शादी करने की बात कह रहा है। इस मामले की जानकारी पुलिस को देने के बाद भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मधेपुरा से आए युवक बताया कि उसे अपराधियों ने चार गोलियां मारी एफ0आई0आर0 भी हुई लेकिन अपराधी खुलेआम घूम रहा है, वह धमकाता है। एस०पी० के रीडर पर • युवक ने मामले को दबाने का आरोप लगाया। इस पर मुख्यमंत्री ने पुलिस • महानिदेश को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

अरवल से आए एक फरियादी ने शिकायत करते हुए कहा कि फर्जी शिक्षकों की नियुक्ति मामले में शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही है। वहीं एक फरियादी ने बताया कि कब्रिस्तान के साथ ही निजी जमीन को भूमि माफिया ने बेच दिया है। उसके बाद उसे धमकी दी जा रही है। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई का निर्देश दिया। एस0टी0एफ0 में कार्यरत एक सिपाही की पत्नी ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि उनकी शादी को तीन साल हो गए। पति एस0टी0एफ0 में है लेकिन सर्विस बुक पर उनका नाम नहीं चढ़ा है। अब वह दूसरी शादी करने की धमकी दे रहा है। इस पर मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। गया के एक जे०पी० सेनानी ने अपनी शिकायत करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि बिहार सरकार जे०पी० मूवमेंट में सभी आंदोलनकारियों को पेंशन देती है लेकिन मेरा पेंशन तक शुरू नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री ने उनसे पूछा कि आपने अब तक आवेदन क्यों नहीं किया। जे०पी० सेनानी ने बताया कि छह साल पहले उन्होंने पेंशन के लिए आवेदन दिया था लेकिन यह कहा गया कि कमेटी का गठन किया जाएगा, तब फैसला लिया जाएगा। इस पर जे०पी० सेनानी ने कहा कि वह सरकारी नौकरी में थे इसलिए पेंशन के लिए आवेदन नहीं किया। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

गोपालगंज के एक व्यक्ति ने सरकारी गैरमजरुआ जमीन से होकर गुजरनेवाली सड़क को अतिक्रमणमुक्त कराने की शिकायत की तो वहीं भागलपुर के एक व्यक्ति ने कब्रिस्तान की घेराबंदी के संबंध में शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को समस्याओं के समाधान के लिए उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया नवादा निवासी खुशबू कुमारी ने फरियाद करते हुए मुख्यमंत्री से कहा कि वो हैंडबॉल खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी हैं इस आधार पर सिपाही के पद से अन्य पद पर उन्हें पदोन्नति दी जाए। वहीं अररिया जिले के एक युवक ने स्वतंत्रता सेनानियों के नाती-पोता को आरक्षण दिए जाने की अपनी शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मुजफ्फरपुर के एक युवक ने शिकायत करते हुए कहा कि दबंगों ने उनके घर को तोड़कर घर से बेघर कर दिया है और घर के सामान की लूटपाट भी की है लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है। वहीं मुजफ्फरपुर के एक व्यक्ति ने सेवानिवृति के उपरांत सेवांत लाभ नहीं मिलने के संबंध में अपनी शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

बिहारशरीफ के एक व्यक्ति ने एस०सी० / एस०टी० अधिनियम के अंतर्गत एक मामले में पुलिस द्वारा उन पर गलत कार्रवाई की जा रही है। वहीं किशनगंज के एक व्यक्ति ने मू अर्जन की जमीन का मुआवजा व्यवसायिक प्रकृति के आधार पर दिलाने के संबंध में मांग की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

‘जनता दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, खान एवं भू-तत्व मंत्री श्री जनक राम, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण पुलिस महानिदेशक श्री एस०के० सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी श्री चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक श्री उपेंद्र शर्मा उपस्थित थे।

‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम की समाप्ति के पश्चात् मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत की। शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब की खाली बोतलें मिलने को लेकर पत्रकारों के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले की जांच चल रही है। जांच की रिपोर्ट आने के बाद सभी बातों का पता चल जायेगा। प्रशासन इस पर अलर्ट है। इस बात को देखना पड़ेगा कि क्या सही मायने में वहां पर किसी ने शराब का सेवन किया था या फिर कहीं से बोतल लाकर वहां पर फेंक दिया है। इस मामले की पूरी गहराई से जांच चल रही है। इस मामले पर अभी मेरा कुछ भी बोलना उचित नहीं है। इसको लेकर हमने सभी को अलर्ट कर दिया है। कई बार शराब की खाली बोतलें को फेंक दी जाती है ताकि यह चर्चा में आये। दोनों दृष्टिकोण से इस पर काम करना है। एक बार फिर से कड़े एक्शन की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि आज भी इस कार्यक्रम में लोगों ने शराब के धंधेबाजों को लेकर सूचना दी है। हमने उस पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। शराब को लेकर प्रशासन के लोग अब काफी सतर्कता बरत रहे हैं। पटना को लेकर हमने पहले ही कह दिया है कि शराब को लेकर राजधानी में कड़ी कार्रवाई कीजिए। जब तक पटना में नियंत्रित नहीं कीजिएगा तो बिहार में नियंत्रण कैसे होगा। उन्होंने कहा कि शराबबंदी को लेकर पटना के लोगों में कितनी जागरुकता है यह इस बात से पता चलता है कि वर्ष 2016 में शराबबंदी लागू करते समय शुरु में जब हमलोगों ने तय किया था बड़े शहरों में विदेशी शराब को अभी बंद नहीं करेंगे तो पटना में लोगों ने शराब की बिक्री का विरोध करना शुरु किया। इसे देखते हुए 5 दिनों के अंदर ही सभी जगहों पर पूर्ण शराबबंदी को लागू करना पड़ा। इससे यह साबित होता है कि सभी लोग चाहते हैं कि पूरी तौर पर शराबबंदी सफल हो लेकिन कुछ लोग गड़बड़ करने वाले होते हैं, ऐसे लोगों पर कार्रवाई भी होती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के अच्छे कामों की चर्चा दिल्ली के अंग्रेजी अखबारों में नहीं रहती है लेकिन इन सब घटनाओं की खबरें दिल्ली के अखबारों में छपी है। यह सब देखकर हम कुछ बोलते नहीं हैं लेकिन समझ जाते हैं कि कोई न कोई मामला जरुर होगा। सरकार पूरे मामले की गंभीरता से जांच करा रही है। उन्होंने कहा कि सिर्फ शंका पर ध्यान नहीं देना है बल्कि इस बात को देखना है कि कहीं कोई गड़बड़ी तो नहीं कर रहा है। जांच के बाद गड़बड़ी करने वाले और शराब की खाली बोतलें को फेंकने वालों की पहचान हो जायेगी। ऐसे लोग पकड़े जायेंगे। गड़बड़ी करने वालों पर कड़े एक्शन की शुरुआत अब काफी तेजी से हुई है।

बिहार में खाद की किल्लत के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद की कुछ दिक्कत है। इसको लेकर बिहार के कृषि मंत्री ने भी केंद्र सरकार से भी बात की है। कृषि मंत्री और मुख्य सचिव ने पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा कि इसको लेकर कल हमने केंद्रीय मंत्री से बात की है। उन्होंने मुझे आश्वस्त किया है कि 7 दिनों के अंदर बिहार में खाद की पर्याप्त खेप पहुंच जायेगी। इसको लेकर हमने अपने मंत्री और अधिकारियों को कनसस रहने को कहा है। एक दो दिनों के बाद हम फिर से बिहार में खाद की उपलब्धता को लेकर समीक्षा करेंगे। उन्होंने कहा कि खाद की उपलब्धता में कुछ कमी आई थी, इसको लेकर केंद्र सरकार प्रयास कर रही है। केंद्रीय मंत्री ने मुझे आश्वस्त किया है कि कुछ दिनों में समस्या का हल निकल जायेगा।


कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रॉन के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना का • खतरा अभी टला नहीं है। एक बार फिर से दुनियाभर में यह फैल रहा है। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को लेकर बिहार सरकार पूरी तरह से अलर्ट है। इसको लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्री ने भी इसको लेकर पूरी जानकारी दे दी है। इसको लेकर हमलोगों ने समीक्षा बैठक की है। सभी लोग इसको लेकर सजग हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच भी तेजी से हो रही है। कोरोना की जांच में पॉजिटिव आने के बाद वह व्यक्ति ओमिक्रॉन से संक्रमित है कि नहीं यह पता लगने में अभी 5-7 दिन का समय लग जाता है। बिहार में अभी तक ओमिक्रॉन का कोई केस सामने नहीं आया है। विदेश से बिहार लौटे कुछ लोगों के ट्रेस नहीं होने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसको लेकर सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है। ऐसे लोगों का पता लगाकर उनकी कोरोना जांच कराना जरुरी है। प्रशासन के लोग इस काम में लगे हैं। इसको लेकर सभी को सजग रहने की जरूरत है। दुनिया के साथ ही अपने देश में भी ओमिक्रॉन के कुछ सामने सामने आये हैं। इसको लेकर हम सभी को पूरी तौर पर सजग और सतर्क रहना है। हमलोग इसको लेकर पूरी तौर पर सजग हैं।

सी०ए०जी० की रिपोर्ट पर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उसकी जो रिपार्ट आती है वो कैबिनेट से होकर सीधे विधानसभा और विधान परिषद में सबमिट हो जाता है। उसके बाद वह प्रकाशित होता है। प्रकाशित होने के बाद उस पर हमलोग कोई कमेन्ट नहीं करते हैं। किसी भी रिपोर्ट को हमलोग रोकते नहीं हैं। अगर कोई बात आयेगी तो उसको जांच करने के लिये देखने के लिये हाउस में भी कमेटी बनती है, इसलिये मेरे लिये इन सब पर कमेंट करना उचित नहीं होगा। अगर आपलोग इसके बारे में कुछ विशेष जानना चाहते हैं तो हमारे अधिकारीगण स्थिति को बता देंगे। बिहार सरकार के ऊपर इस रिपोर्ट में डैमेजिंग कमेंट के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सरकार के ऊपर डैमेजिंग कमेंट देने में पब्लिसिटी मिलेगी। आपलोग जानते हैं कि बिहार में कितना काम हुआ है इसलिये उन सब चीजों पर हम कोई कमेंट नहीं करेंगे। किसी भी क्षेत्र में आप देख लीजिये कि 2005 में बिहार की क्या स्थिति थी। जब से हमलोग ने काम करना शुरू किया तो आज बिहार कहां से कहां पहुंचा है। हमलोग जो यहां काम कर रहे हैं वो पब्लिसिटी के लिये नहीं कर रहे हैं। लेकिन इस तरह की चीज कोई लिखेगा तो उसको पब्लिसिटी मिलेगी ये स्वभाविक है। इसमें हमलोग कुछ नहीं कहते हैं। अगर कहीं से भी कोई चूक है तो उस पर पूरी नजर रखी जाती है और तत्काल अधिकारियों को इसको लेकर निर्देश दिये जाते हैं।

जातीय जनगणना को लेकर सर्वदलीय बैठक के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा है कि हमलोग इसे करना चाह रहे हैं, हमने बात कर ली है। उप मुख्यमंत्री को भी अपनी पार्टी के लोगों से बात करने के लिये कहा है। बाकी सब लोगों से बातचीत हो गई है। जब वे बातचीत कर लेंगे और इसके बारे में बतायेंगे, उसके बाद ऑल पार्टी मीटिंग की जायेगी। इन प्रीसिपल हम पहले ही से जातीय जनगणना को लेकर बार बार कह रहे हैं। हम इसलिये ऑल पार्टी मीटिंग करना चाह रहे हैं कि इसके बारे में सब लोगों की समझ बहुत साफ होनी चाहिये। जनगणना हम किस तरह से करायेंगे, उस पर सब लोगों की एक राय होनी चाहिये। इसके बारे में कैसे करेंगे, किस प्रकार से करेंगे किस माध्यम से करेंगे, इस सब पर पूरी तैयारी करवा रहे हैं। जब इस पर सबकी राय बन जायेगी तो सारी चीजों को मीटिंग में फाइनल करेंगे। सभी पार्टी की मीटिंग में एक राय होगी उसी के आधार पर निर्णय लेकर सरकार उसका ऐलान करेगी। उन्होंने कहा कि हमलोग जातीय जनगणना के पक्ष में हैं, इससे सबको फायदा होगा, ये बहुत ठीक चीज है। हमलोग इसे ठीक ढंग से करवायेंगे ताकि कोई मिस नहीं करे। बहुत लोग सब कास्ट ही बोलेंगे, कास्ट नहीं बोलेंगे इसलिये सब कास्ट और कास्ट को हर तरह से देखना है। एक-एक चीज के लिये हमने लोगों को कहा भी है, बात भी की है। क्या-क्या किया जायेगा, इन सब चीजों के बारे में अभी कुछ नहीं कहेंगे। जब मीटिंग होगी उसी समय कुछ बात को रखेंगे। सबकी सहमति से जो बात निकलेगी उसी के आधार पर सरकार की तरफ से कास्ट बेस्ड सेंशस का जो तरीका होगा, उसके बारे में ऐलान किया जायेगा। जैसे ही सबकी सहमति आयेगी उसके बाद एक डेट तय करेंगे और पूरे डिटेल में हमलोग बातचीत करेंगे। हमको नहीं लगता है किसी तरह की असहमति की कोई गुंजाइश है।

JDU के विधायक का अपने ही संसद पर विवादित बयान कहा सांसद महोदय दारू और गांजा बेचवाते हैं ।

न्यूज़ डेस्क:- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां शराबबंदी कानून को सफल बनाने के लिए जमीन और आसमान एक किए हुए हैं, वही दूसरी तरफ शराब की तस्करी में लगे माफिया उनको हर कदम पर चुनौती दे रहे हैं ।‌राजधानी एक्सप्रेस विवाद की लगभग 3 महीने के बाद गोपालपुर से जदयू के विधायक गोपाल मंडल ने एक बार फिर ऐसा बयान दे दिया है।

जिसके बाद खुद सीएम नीतीश कुमार के दावों की पोल खोलती नजर आ रही है। जनता दल यूनाइटेड के भागलपुर विधायक गोपाल मंडल ने अपने ही सांसद अजय मंडल पर बड़ा आरोप लगाया है । भागलपुर विधायक ने अपने ही सांसद पर तंज कसते हुए कहा है कि यहां जो ट्रैक्टर पर दारू भेजते हैं और अफीम की खेती करते हैं, वह हमारे सांसद हैं।

जिला परिषद सदस्य का चुनाव विधायक गाेपाल मंडल की पत्नी सविता देवी भी लड़ रही हैं। गोपाल मंडल अपनी पत्नी के पक्ष में वोट मांगने के लिए इस्माइलपुर स्थित चंडी स्थान पहुंचे थे। जहां आम सभा को संबोधित करते हुए जनता दल यूनाइटेड के विधायक गोपाल मंडल ने कहा कि इस्माइलपुर के लोगों ने उन्हें जिताया लेकिन एक बार भी अजय मंडल यहां दर्शन नहीं देते हैं।

सिर्फ जब मुख्यमंत्री बुलाते हैं तो आगे-पीछे करने चले जाते हैं। उन्हाेंने कहा, वह उनका विराेध नहीं करते हैं, लेकिन उनका कार्यकलाप ठीक नहीं है।

रिपोर्ट :- प्रतिमा कुमारी

न्याय के साथ विकास की अवधारणा जमीन पर उतारना ही नीतीश सरकार का मुख्य लक्ष्य-विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्री

न्यूज़ डेस्क :-  मुजफ्फरपुर बिहार सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री आज मुजफ्फरपुर में कई योजनाओं का शुभारंभ किया| इस अवसर पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि, बिहार सरकार प्रदेश के युवाओं को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए संकल्पित है।

माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के मार्गदर्शन में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग इस दिशा में कई सकारात्मक कदम उठा रही है। इसी दिशा में आज MIT मुज़फ़्फ़रपुर के वशिष्ठ नारायण सिंह कम्प्यूटर अनुरूपण शोध प्रयोगशाला एवं संगोष्टी हॉल का उद्घाटन किए एवं उद्घाटन समारोह में भाग लिए।

कार्यक्रम के दौरान MIT मुज़फ़्फ़रपुर प्राचार्य डॉ. सी बी महतो जी के साथ कॉलेज का निरीक्षण भी किए।

उन्होंने कहा कि, बिहार में ऐसे उच्च संस्थान खुल जाने से अब बिहार के बच्चों को कहीं बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और उन्हें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अपने राज्य बिहार में ही मुहैया हो जाएगी। उन्होंने कहा कि, जब से मुझे विभाग की जिम्मेदारी मिली है, गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा की परिकल्पना को जमीनी हकीकत बनाने के लिए व्यापक दृष्टिकोण के साथ लगातार प्रयास कर रहा हूं।

उनका मानना है कि एक अच्छे तकनीकी शिक्षण संस्थान में पर्याप्त शिक्षक के साथ-साथ पुस्तकालय, वर्कशॉप, कंप्यूटर सेंटर और प्रयोगशालाएं भी विश्वस्तरीय होनी चाहिए।उन्होंने कहा कि, इसके लिए मैं अपने विभाग के साथियों के साथ लगातार मंथन कर रहा हूं और उससे निकले निष्कर्ष के अनुरूप कार्य कर रहा हूं।

रिपोर्ट :- प्रतिमा कुमारी