मोदी जी तेजस्वी जी के सवालों का जबाब नहीं दे पाए

प्रधानमंत्री मोदी जी की बिहार में आज हुई पहली चुनावी सभा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उनके बिहार आगमन पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उनसे कुछ सवालों का जबाब मांगा था पर वे उन सवालों का जबाब नहीं दे पाए। मोदी जी अपने घिसे-पिटे पुराने रेकॉर्ड को बजाकर चले गए तो नीतीश जी भी स्तुति गान के अलावा कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाये।


राजद प्रवक्ता ने कहा कि 2014 और 2019 में उन्होंने बिहार और जमुई की जनता से क्या – क्या वादे किए थे और उसमें क्या-क्या दिए उसकी कोई चर्चा हीं नहीं की । विगत दस वर्षों में बिहार के लिए उनका क्या योगदान रहा इस पर भी कुछ नहीं बोले। पहले की तरह फिर कुछ सपने परोस कर चले गए।‌ ऐसे भी कहीं से लग हीं नहीं रहा था कि देश का प्रधानमंत्री बोल रहे हैं। नीतीश जी की स्थिति तो और दयनीय दिखाई पड़ रही थी। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष पैकेज का उल्लेख करने की भी हिम्मत नहीं जुटा पाए। ज्यादा समय तो वे प्रधानमंत्री जी को यह विश्वास दिलाने में हीं लगे रहे कि वे अब पलटी नहीं मारेंगे।‌ दोनों के भाषण में नैराश्य की भावना दिखाई पड़ रही थी।‌ मानों उन्हें अपनी हार का एहसास हो गया है और वे केवल भाषण की औपचारिकता पूरी कर रहे हों।
इसीलिए सभा में उपस्थित लोगों में भी मायुसी और निराशा का भाव झलक रहा था। प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी के भाषण को लोगों ने गंभीरता से सुन भी नहीं रहे थे।

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