देशभर के 75 प्रमुख स्थलों के साथ-साथ पटना के गाँधी मैदान में केन्द्रीय विद्यालय के बच्चे करेगें योग
इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस “आजादी के अमृत महोत्सव” के साथ पड़ रहा है। इस क्रम में आयुष मंत्रालय ने देशभर के 75 प्रमुख स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने की योजना बनाई है। इस कदम से विश्वस्तर पर भारत को ब्रांड के रूप में पेश करने में सहायता मिलेगी। प्रधानमंत्री मैसुरु, कर्नाटक में कार्यक्रम की अगुवाई करेंगे।वही पटना के ऐतिहासिक गाँधी मैदान में केन्द्रीय विद्यालय कंकडबाग ,केन्द्रीय विद्यालय बेलीरोड और केन्द्रीय विद्यालय दानापुर के हजारो बच्चे एक साथ योग करेगें जिसमे मुख्य रूप से पटना के आयुक्त कुमार रवि हिस्सा लेगें |
केन्द्रीय विद्यालय बेली रोड के प्रिंसिपल पी के सिंह ने बताया गाँधी मैदान में उनके बच्चे पूरी तन्मयता से योग करते हुए लोगों के ये सन्देश देगें की अगर सभी रोगों से बचना है तो हर दिन एक कम से कम एक घंटे जरूर योग करें | पी के सिंह ने बताया कि ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान केन्द्रीय विद्यालय के बच्चों को डिजिटली योग का क्लास करवाया जा रहा था और विश्व योग दिवस की तैयारी योग शिक्षकों द्वारा करवाई जा रही थी |
विश्व योग दिवस के पूर्व संध्या पर आज केन्द्रीय विद्यालय के बच्चों ने योग अभ्यास भी किया जिसमे खुद विद्यालय के प्रधान ने हिस्सा लिया |
आवासन और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप एस. पुरी नई दिल्ली में लाल किले पर कार्यक्रम की अगुवाई करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन करने में पतंजलि योगपीठ, मंत्रालय का सहयोग कर रहा है। श्री पुरी के साथ मंच पर आचार्य बाल कृष्ण उपस्थित रहेंगे। पातंजलि योगपीठ तथा आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय व पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधिकारियों को मिलाकर लगभग 12,000 लोग कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। योग कार्यक्रम आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार आयोजित होंगे। याद रहे कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2022 के लिये आयुष मंत्रालय ही नोडल मंत्रालय है।
इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की विषयवस्तु “मानवता के लिये योग” है, क्योंकि कोविड-19 महामारी की पराकाष्ठा के दौरान योग ने बीमारी की पीड़ा को कम करने में मानवजाति की सेवा की थी। इसके साथ ही कोविड-19 के बाद उभरने वाले भू-राजनीतिक परिदृश्य को संभालने, करुणा, दया और एकता की भावना के बल पर लोगों को एक-दूसरे के करीब लाने तथा आपदा को सहन करने में पूरी दुनिया में लोगों की मदद की थी।