केन्द्रीय इस्पात मंत्री श्री राम चन्द्र प्रसाद सिंह ने केंद्रीय बजट 2022 को दृष्टिकोण में समग्र और फोकस में संतुलित बताया
न्यूज़ डेस्क – केन्द्रीय इस्पात मंत्री राम चन्द्र प्रसाद सिंह ने केंद्रीय बजट 2022 को दृष्टिकोण में समग्र और फोकस में संतुलित बताया । उन्होंने कहा कि बजट 2022 में पूंजीगत व्यय में रु. 7.5 लाख करोड़ की प्रस्तावित वृद्धि स्टील सहित उद्योग क्षेत्र के लिए मांग में वृद्धि और समग्र विकास लाएगी । पीएम गतिशक्ति मास्टरप्लान, एक्सप्रेसवे के लिए बहु-आयामीय विधि के माध्यम से, अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाएगा और अधिक रोजगार के अवसर पैदा करेगा | बजट-2022 में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर फोकस से स्टील की मांग बढ़ेगी। यह वित्त वर्ष 2023 में 25,000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण, 400 नई वंदे भारत ट्रेनों, 8 रोपवे परियोजनाओं और केन-बेतवा लिंक परियोजना जैसी बजट पहलों से संभव होगा । स्टील स्क्रैप पर कस्टम ड्यूटी छूट बने रहने से एमएसएमई उद्योग को फायदा होगा। कुछ स्टेनलेस स्टील, फ्लैट उत्पादों और उच्च स्टील बार पर सीमा शुल्क भी रद्द किया जा रहा है। घरेलू उद्योग के लिए रक्षा के पूंजीगत खरीद बजट में 10 प्रतिशत की वृद्धि आत्मनिर्भर भारत मिशन के लिए एक मददगार होगी। भारतीय इस्पात उद्योग को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए और स्वदेशी रूप से विशेष उत्पादों का विकास करना चाहिए। बजट 2022 में पीएम आवास योजना के तहत 48,000 करोड़ रुपये के आवंटन और 80 लाख घरों को पूरा करने और 3.8 करोड़ घरों में नल का पानी उपलब्ध कराने के लिए 60,000 करोड़ रुपये के आवंटन से लोगों को जीवन की बुनियादी जरूरतें मिलेंगी और इससे स्टील की खपत भी बढ़ेगी। आधुनिक भवन उपनियमों को लागू करने का निर्णय जीएफआर नियमों में जीवन चक्र अवधारणा की शुरूआत की भांति लाभकारी साबित होगा, जिससे इमारतों में सुरक्षा और दीर्घायु बढ़ाने के लिए स्टील के उपयोग की बेहतर गुंजाइश होगी।
श्री सिंह ने बताया कि आर्थिक सर्वेक्षण 2022 में यह स्पष्ट कहा गया है कि अर्थव्यवस्था के विकास के लिए इस्पात उद्योग का प्रदर्शन काफी अहम है। कोविड-19 से प्रभावित होने के बावजूद इस्पात उद्योग ने अपनी वापसी कर ली है। दरअसल वर्ष 2021-22 (अप्रैल-अक्टूबर) में कच्चे और तैयार इस्पात का कुल उत्पादन क्रमश: 66.91 और 62.37 मिलियन टन का हुआ जो पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में क्रमश: 25 तथा 28.9 प्रतिशत अधिक है, जबकि इस दौरान तैयार इस्पात की खपत पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 25 प्रतिशत बढ़कर 57.39 मिलियन टन हो गई।
माननीय इस्पात मंत्री ने वर्ल्ड स्टील संस्था द्वारा हाल ही में जारी किये गए आंकड़ों की जानकारी देते हुए बताया कि भारत, जो विश्व का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है, में स्टील उत्पादन में वर्ष 2021 में 18 % की वृद्धि हुई | विश्व स्तर पर स्टील उत्पादन में वृद्धि केवल 3.7 % थी | चीन, जो विश्व का सबसे बड़ा स्टील उत्पादक देश है, में स्टील उत्पादन में पिछले वर्ष की तुलना में कमी दर्ज की गयी |