बीपीएससी अभ्यर्थियों पर कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण

राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने बीपीएससी अभ्यर्थियों पर कार्रवाई करने के निर्णय को लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। ज्ञातव्य है कि पटना जिला प्रशासन द्वारा बीपीएससी परीक्षा का वहिष्कार करने वाले अभ्यर्थियों के खिलाफ कार्रवाई करने और उन पर हत्या का मुकदमा करने की बात कही गई है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि प्रश्नपत्र लीक हुआ या नहीं यह तो जांच का विषय है और किसी निष्पक्ष एजेंसी द्वारा हीं जांच होनी चाहिए। कदाचार मुक्त परीक्षा कराने की जिम्मेदारी प्रशासन और बीपीएससी की थी और जांच की जिम्मेदारी और कार्रवाई का अधिकार भी उन्हें हीं दिया जाना कहां का न्याय है।


राजद प्रवक्ता ने कहा कि यह बात तो प्रशासन भी स्वीकार कर चुकी है कि बहुत से अभ्यर्थियों को डेढ़ घंटे बाद में प्रश्न पत्र दिए गए साथ हीं यह बात भी सामने आ चुकी है कि प्रश्नपत्र के किसी बंडल में प्रश्न पत्रों की संख्या कम थी। और भी कई सवाल अभ्यर्थियों द्वारा उठाए गए हैं। इन सब की न्यायोचित जांच होनी चाहिए। बिहार में पिछले अधिकांश प्रतियोगी परीक्षाओं और सामान्य परीक्षाओं में भी प्रश्न पत्र लीक हुए हैं और अन्य कई प्रकार से कदाचार के मामले प्रकाश में आए हैं। इसलिए बीपीएससी अभ्यर्थियों के मन में शंका होना तो स्वाभाविक है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि परीक्षा केंद्र के सहायक केन्द्राधिक्षक की मृत्यु काफी दुखद है। संभव है समय पर यदि उनका समुचित इलाज होता तो उनकी जान बच सकती थी। यह काफी मर्माहत करने वाली बात है कि सड़क जाम की वजह से उनका समय पर इलाज नहीं हो सका । पर उसके लिए अभ्यर्थियों पर हत्या का मुकदमा करना एक विद्वेषपूर्ण और अधिनायकवादी कदम होगा। यदि सड़क जाम के आधार पर किसी के खिलाफ हत्या का मुकदमा होता है तो सामान्य तौर पर सड़क जाम के वजह से समय पर इलाज न हो पाने के कारण होने वाले सभी मौतों की जिम्मेदारी प्रशासन की होती है और उसके खिलाफ भी हत्या का केश होना चाहिए था। आये दिन राज्य के भिन्न-भिन्न स्थानों से पटना आने वाले अधिकांश रास्ते में भीषण जाम के कारण समय पर इलाज न हो पाने के कारण बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जा रही है जिसके लिए प्रशासन जिम्मेदार है।

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