‘‘ड्रोन सेक्टर में प्रचुर अवसर’’: पीयूष गोयल,केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री

न्यूज़ डेस्क –  केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि विभिन्न सेक्टरों में सरकार द्वारा घोषित कई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं ने कोविड के बाद के समय में औद्योगिक तथा आर्थिक सुधार को प्रेरित किया है।

स्थानीय मूल्य वर्धन और निर्यात पर संचालन समिति (स्केल) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि केंद्र द्वारा घोषित विभिन्न पीएलआई को लेकर उद्योग का बहुत सकारात्मक फीडबैक रहा है। उल्लेखनीय है कि कपड़ा, ऑटोमोटिव तथा व्हाइट गुड्स सेक्टर में इनमें से कुछ पीएलआई ने पहले ही अधिक वृद्धि को प्रोत्साहित करना आरंभ कर दिया है।

1.3 ट्रिलियन डॉलर के वैश्विक ऑटो कंपोनेंट व्यापार में भारत का हिस्सा 15 बिलियन डॉलर का है। सरकार का लक्ष्य 2026 तक ऑटो कंपोनेंट के निर्यात को दोगुना कर 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का है।

प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने के लिए भारतीय उद्योगों की अप्रयुक्त क्षमता का लाभ उठाने के तरीकों पर विचार करते हुए, श्री गोयल ने सभी हितधारकों को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले उत्पादों तथा परीक्षण के लिए विश्व स्तरीय प्रयोगशालाओं की अपील की क्योंकि भारत एक अभूतपूर्व वैश्विक व्यापार पटल पर उभर रहा है।

हमारे फैक्टरी उत्पादों को वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लॉजिस्टिक्‍स लागतों में कमी लाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, उन्होंने राज्य विशिष्ट अक्षमताओं को कम करने की अपील की। श्री गोयल ने पीएलआई प्रेरित विनिर्माण विकास का लाभ उठाने के लिए राज्यों से श्रम कानूनों में उपयुक्त संशोधन करने का भी आग्रह किया। उन्होंने टिप्पणी कि ‘‘व्यवसाय करने की लागत का राज्य-वार आकलन किए जाने की आवश्यकता है।’’

श्री गोयल ने उद्योगपतियों से निम्न श्रम लागतों का लाभ उठाने भारत के विशाल परिमाण तथा जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा उठाने की अपील की। यह इंगित करते हुए कि कोई भी देश सभी सेक्टरों में अच्छा नहीं हो सकता, श्री गोयल ने कहा कि भारत को उत्कृष्ट तथा विशिष्ट क्षेत्रों का चयन करना चाहिए तथा उसमें अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘प्रमुख क्षेत्रों में तुलनात्मक लागत का लाभ उठायें।’’

श्री गोयल ने विनिर्माण क्षेत्र में मजबूत वृद्धि अर्जित करने के लिए सुधार के चार फोकस क्षेत्रों की पहचान की। इन क्षेत्रों में भूमि, कौशल विकास, सरकार एवं उद्योग साझीदारी तथा मॉडल श्रम कानूनों का अनुपालन शामिल है।

उद्योग को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा चिप विनिर्माण के स्वदेशीकरण के लिए प्रोत्साहित करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि नए सेक्टरों में काफी संभावनाएं उभर कर सामने आ रही हैं। ड्रोन जैसे उत्कृष्ट सेक्टर के विकास के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा उचित विनियमनों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ड्रोन क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। ‘‘उन्होंने इलेक्ट्रोनिक्स उद्योग से टीवी विनिर्माण में स्थानीय मूल्य वर्धन को वर्तमान 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 43.7 प्रतिशत करने की अपील की और कहा कि सेट टॉप बॉक्स (एसटीबी), सीसीटीवी, मोबाइल हैंडसेट तथा टेलीविजन विनिर्माताओं को योजनाएं बनानी चाहिए कि किस प्रकार स्थानीयकरण हासिल किया जा सकता है।

श्री गोयल ने एयर कंडीशनर विनिर्माताओं की बहुत हद तक स्थानीयकरण अर्जित करने एवं सीएफएल-फ्री कूलिंग टेक्नोलॉजी की ओर रुख करने के लिए भी सराहना की। ऑटोमोबाइल सेक्टर में स्वच्छ ऊर्जा की ओर रुख करने को लेकर श्री गोयल ने चुंबकों एवं इलेक्ट्रिक मोटर्स के स्वदेशी उत्पादन में तेजी लाने पर जोर दिया।

अब वाहनों के ब्रेक, कलच से लेकर अन्य सभी तय मानकों की आटोमेटिक होगी जांच

न्यूज़ डेस्क –  व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस की जांच ऑटोमेटिक मशीन से होगी। जांच के लिए सभी जिलों में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन खोेले जाऐंगे। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा निजी क्षेत्रों से आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि वाहनों का फिटनेस जांच ऑटोमेटिक पद्धति से होने से सड़क दुर्घटना में कमी आएगी और पर्यावरण स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा।

परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना के लिए इच्छुक व्यक्ति या कंपनी या संघ 15 दिसंबर 2021 तक राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय, विश्वेशरैया भवन में निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन जमा कर सकते हैं।

▪️सभी जिलों में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं तथा यह प्रयास किया जा रहा है कि सभी जिलों में फिटनेस सेंटर खुले।आवेदन प्राप्ति के 1 महीने के अंदर विशेष टीम गठित कर सभी आवेदनों की जांच कर करवाई की जाएगी तथा स्थल निरीक्षण करते हुए योग्य आवेदकों को चयनित किया जाएगा।

▪️परिवहन सचिव ने बताया कि राज्य में बढ़ते वाहनों की संख्या एवं सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन आवश्यक है। इस सेंटर पर वाहनों को सभी तकनीकी पहलुओं पर परखते हुए फिटनेस टेस्ट होगा। वाहन की बॉडी से लेकर सेफ्टी मेजर्स को ऑटोमेटिक ही परखा जाएगा। इससे सड़क दुर्घटना में कमी आएगी। अनफिट गाड़ियों को रोड पर चलने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि इन गाड़ियों से सड़क दुर्घटनाओं का काफी खतरा रहता है।

▪️वर्तमान में वाहनों का फिटनेस जांच मोटरयान निरीक्षक द्वारा मैनुअली किया जाता है। मोटरयान निरीक्षक जांच के दौरान मैनुअली ब्रेक, कलच, स्पीडोमीटर, विंडो ग्लास, हॉर्न, लाईट्स, वाइपर आदि को देखकर फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करते हैं जो बहुत वैज्ञानिक नहीं है। ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन बनने के बाद इन वाहनों की ऑटोमेटिक जांच होगी।

▪️ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन पूरी तरह सीसीटीवी से लैस होगा। जांच के लिए आने वाले हर वाहन पर नजर रहेगी। इंट्री पॉइंट और जांच के दौरान भी सीसीटीवी की नजर रहेगी।

▪️जिलों में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था रहेगी। किस जिले में कितने वाहनों की जांच हो रही है। मानक के अनुसार जांच हो रही है या नहीं इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।

▪️परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि हर वाहन की एक आयु सीमा होती है। ऑटोमेटिक मशीन से जांच के बाद पता चलेगा कि वाहन चलने की स्थिति में है या नहीं। सभी मानक पूरे हैं और प्रदूषण तो अधिक नहीं फैलता है! मशीन ब्रेक से लेकर अन्य चीजें आटोमेटिक ही जांच होगा।

▪️राज्य में फिटनेस सेंटर को कंप्यूटराइज्ड करने एवं ऑटोमेटिक करने से कई समस्याओं का समाधान होगा।

▪️सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या 652 (अ), दिनांक 23.09.2021 परिवहन विभाग के विभागीय वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/transport/ के नोटिफिकेशन भाग से डाउनलोड किया जा सकता है।

पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. के निकट कंटेनर ट्रेन के 08 वैगन का अवपथन के कारण ट्रेन परिचालन में आंशिक बदलाव

न्यूज़ डेस्क –  प्रयागराज जं. और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. के मध्य डाउन लाईन पर ब्लॉक हट K एवं पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. के न्यू वेस्ट केबिन के बीच (किमी-675) के निकट आज प्रातः 06.45 बजे एक कंटेनर मालगाड़ी के 08 वैगन पटरी से उतर जाने के कारण इस रेलखंड से गुजरने वाली ट्रेनों के परिचालन में निम्नानुसार बदलाव किया गया है:

🔸प्रयागराज जं.-वाराणसी-पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. के रास्ते चलाई जाने वाली ट्रेनें:

1. 02872 नई दिल्ली-इसलामपुर एक्सप्रेस
2. 02802 नई दिल्ली-पुरी एक्सप्रेस
3. 05956 दिल्ली-कामाख्या एक्सप्रेस
4. 02350 नई दिल्ली-गोड्डा हमसफर एक्सप्रेस
5. 09483 अहमदाबाद-बरौनी एक्सप्रेस
6. 03260 छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस-पटना एक्सप्रेस
7. 01664 नई दिल्ली-पटना एक्सप्रेस

🔸 ब्लॉक हट K (Block Hut K) – व्यासनगर-पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. के रास्ते चलाई जाने वाली ट्रेनें:
1. दिनांक 15.11.2021 को यशवतंपुर से प्रस्थान करने वाली 03252 यशवंतपुर-पटलिपुत्र एक्सप्रेस ।
2. दिनांक 16.11.2021 को लोकमान्य तिलक टर्मिनस से प्रस्थान करने वाली 02336 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-भागलपुर एक्सप्रेस ।
3. दिनांक 16.11.2021 को सूरत से प्रस्थान करने वाली 09147 सूरत-भागलपुर एक्सप्रेस ।

🔸 रद्द की गई ट्रेनें:
1. दिनांक 17.11.2021 को सुबेदारगंज से प्रस्थान करने वाली 04194 सुबेदारगंज-पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. स्पेशल ।
2. दिनांक 17.11.2021 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. से प्रस्थान करने वाली 04193 पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं.-सुबेदारगंज स्पेशल ।

शराबबंदी के नए लक्ष्य निर्धारित – न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पीने देंगे – मुख्यमंत्री

न्यूज़ डेस्क –  मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ मेंवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 घंटे तक मद्य निषेध के क्रियान्वयन से संबंधित उच्च स्तरीय मैराथन समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान पुलिस अधीक्षक मद्य निषेध ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रोविशन इनफोर्समेंट लीकर रिकवरी एंड डिस्ट्रक्शन, केस रजिस्टर्ड एंड अरेस्टिंग, कन्विक्शन, प्रोनिशन कॉल सेंटर, डिसिप्लिनरी एक्शन, प्रचार-प्रसार अभियान आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान पुलिस महानिदेशक श्री एस०के० सिंघल ने मुख्यमंत्री द्वारा पूछे गये शराबबंदी से जुड़े प्रश्नों का सिलसिलेवार जवाब दिया और आगे की जाने वाली कार्रवाईयों के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।

अपर मुख्य सचिव, गृह श्री चैतन्य प्रसाद ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।

सभी जिलों के वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक ने अपने-अपने जिलों में मद्य निषेध के क्रियान्वयन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी दी। • समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर 05 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी। विधानसभा और विधान परिषद् में सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून परित किया गया। सभी विधान सभा एवं विधान परिषद् सदस्यों सहित सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शराबबंदी के पक्ष में शपथ ली थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से 2019 तक शराबबंदी के क्रियान्वयन की लगातार समीक्षा भी की गई है। उसके बाद कोरोना का दौर आया और उसमें भी शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है। 21 जनवरी 2017 को 04 करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर शराबबंदी के पक्ष में अपना समर्थन दिया था। हाल ही में 05 नवंबर को शराबबंदी को लेकर भी समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया था कि 18 नवंबर को शराबबंदी के क्रियान्वयन के एक-एक बिंदु पर विस्तृत समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में डब्ल्यूएचओ ने सर्वे कराया था, जिसमें बतायागया था कि शराब के सेवन से कितनी हानि होती है 20 से 39 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की पूरी दुनिया में जितनी मौतें होती है उसमें शराब पीने के कारण 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु होती है 2018 में पूरी दुनिया में शराब पीने के कारण 30 लाख लोगों की मृत्यु हुयी है जो कुल मृत्यु का 6.3 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट में शराब पीने के कारण होने वाली कई गंभीर बीमारियों के बारे में बताया गया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण राज्य में अपराध की घटनाओं में और कमी आयी है। पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। उन सभी जनप्रतिनिधि महिलाओं, अन्य संस्थाओं एवं •जीविका के माध्यम से लोगों को शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में जागरूक किया जा रहा है, इस काम में और तेजी लायें मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को शराब से होने वाली हानि के संबंध में जागरूक करें। शराब सेवन से छुटकारे के लिए अस्पतालों में बनाए गए नशामुक्ति केंद्र में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है वो पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें। न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पौने देंगे, इसी मानसिकता के साथ काम करें जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी गड़बड़ी करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें। समाज में कुछ गड़बड़ करने वाले लोग होते हैं। ज्यादातर लोग अच्छे होते हैं गड़बड़ करने वाले लोगों की पहचान कर उन पर ऐक्शन लें कोई भी व्यक्ति किसी से संबद्ध हो पूरी पारदर्शिता के साथ उन पर कार्रवाई करें। सभी लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई किसी को बख्शना नहीं है। वास्तविक रूप से शराब के धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी हर हालत में हो। पटना राजधानी है यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 नवंबर को नशामुक्ति दिवस पर सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक बार पुनः शराबबंदी को लेकर मजबूती से शपथ दिलाएं सभी मंत्रीगण, सभी विधायकगण, सभी विधान पार्षदगण सहित सभी जनप्रतिनिधि भी शपथ लें। उन्होंने कहा कि सभी को संकल्प लेकर शराबबंदी को कारगर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना है। उन्होंने कहा कि नीरा उपयोगी है। इसका न सिर्फ स्वाद अच्छा है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार भी मिलेगा। नीरा के उत्पादन को पुनः शुरू करायें सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर क्रियान्वयन करें शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें बिजली के पोल तथा ट्रांसफार्मर पर कॉल सेंटर का नंबर हर जगर अंकित होना चाहिए। बॉर्डर एरिया में शराब सप्लाई के फट्स की पहचान करें और लगातार ●छापेमारी करें। उन्हों कहा कि एण्डी०जी० आई०जी० / डी०आई०जी० स्तर के पदाधिकारी नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण कर निचले स्तर पर क्रियान्वयन का जायजा लें गृह विभाग तथा मद्य निषेध विभाग आंतरिक सतर्कता विंग की व्यवस्था करे ताकि विभागीय अधिकारियों/ कर्मियों पर भी नियमित नजर रखी जा सके 15 दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक एवं लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर अवश्य समीक्षा करें जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें। सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव में गड़बड़ी करने वालों की पूरी सूचना देने के लिए कहें। जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्णय लिया गया था. इस पर पूरी सख्ती से अमल करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण के लिए हर हालत में काम करना है साथ ही शराबबंदी के नियंत्रण के लिए भी उतनी ही मुस्तैदी के साथ काम करना है।

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री श्री संजय झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमां खान, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, पर्यटन मंत्री श्री नारायण प्रसाद, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश सहनी, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत चौधरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री जनक राम, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री आलोक रंजन, श्रम संसाधन-सह- सूचना एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री जीवेश कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री राम सूरत कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, अ पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर श्री विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय श्री जे०एस० गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक, स्पेशल ब्रांच श्री सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, उत्पाद आयुक्त श्री बी० कार्तिकेय धनजी विशेष सचिव गृह श्री विकास वैभव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अन्य मंत्रीगण, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी, रेंज के पुलिस महानिरीक्षक / पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।

नीतीश सरकार के 16 साल पूरे होने पर जदयू ने ‘समदर्शी नेतृत्व और समावेशी विकास के 15 साल बेमिसाल’ का नारा दिया

न्यूज़ डेस्क –  नीतीश सरकार के 16 साल पूरे होने पर प्रेस को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को शुभकामना देते हुए कहा कि  मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार  के नेतृत्व में सरकार की चौथी पारी के एक वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस बीच सरकार ने कई उपलब्धियां हासिल की। सात निश्चय योजना के प्रथम फेज में बिहार के हर पंचायत और हर वार्ड की तस्वीर बदली हैं। उन्होंने कहा कि सात निश्चय के दूसरे फेज में भी बिहार के विकास के लिए कई योजनाएं चल रही हैं। सरकार का लक्ष्य है कि किसानों के हर खेत तक पानी पहुंचाया जाए, इसको लेकर सरकार लगातार काम कर रही है। पानी, बिजली, सड़क, स्वास्थ्य और शिक्षा समेत हर क्षेत्र में क्रांति लाई गई है। माननीय मुख्यमंत्री जी की सोंच का ही प्रतिफल है कि आज बिहार विकास की गाथा लिख रहा है। बीते 16 वर्षों में बिहार ने जो ऊंचाई प्राप्त किया है, यह देश और दुनिया देख रही है। प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि सुशासन की सरकार के 16 वर्ष पूरा करने के उपलक्ष्य में 24 नवंबर 2021 को पार्टी द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सरकार की उपलब्धियों पर चर्चा की जाएगी। कार्यक्रम में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष  ललन सिंह शामिल होंगे।
वहीं संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए  विधान पार्षद सह पार्टी के मुख्य प्रवक्ता  नीरज कुमार ने बताया कि सरकार के 16 साल पूरे होने पर पार्टी ने तय किया है कि ‘समदर्शी नेतृत्व और समावेशी विकास के 15 साल बेमिसाल’ पार्टी का नारा होगा।  नीरज कुमार ने बताया कि आगामी 24 नवंबर को प्रदेश मुख्यालय के साथ साथ सभी जिला मुख्यालयों में भी कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। जिसमें सरकार की उपलब्धि और सरकार द्वारा चलाए जा रहे विकास कार्यक्रमों के सामाजिक प्रभाव पर चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी देश की राजनीत में एक मात्र ऐसे नेता हैं जो घोषणा पर नहीं बल्कि निश्चय की बुनियाद पर लड़ते हैं। यही राजनीत की भीड़ में उन्हें दूसरों से अलग करता है। वे जनता से जो वादा करते हैं उसे पूरा करने के बाद वोट मांगने के लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि पॉलिटिक्स विद डिफरेंट के साथ काम करनेवाले मुख्यमंत्री  नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में सरकार ने बिहार में विकास की पटकथा लिखी है। सात निश्चय पार्ट वन की अपार सफलता के बाद जनता का जनादेश मिलने के बाद सात निश्चय पार्ट टू पर हमलोग काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास के लिए सरकार ने जो काम किया है उससे कोई इनकार नहीं कर सकता है। मानव विकास सूचकांक को बेहतर करने के लिए हमारी सरकार लगातार काम कर रही है।

अब घर बैठे ऑनलाइन जमा करें ई-चालान की राशि

न्यूज़ डेस्क –  मोटरवाहन अधिनियमों/यातायात नियमों के उल्लंघन में ई चालान कटने पर जुर्माने की राशि कहीं से भी घर बैठे आसानी से ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। इसके लिए परिवहन विभाग ने राज्यभर में ऑनलाइन व्यवस्था शुरु की है। इस संबंध में परिवहन विभाग द्वारा सभी जिलों के संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है। ई चालान ऑनलाइन करने के लिए पूर्व की समीक्षा बैठक में परिवहन विभाग मंत्री श्रीमती शीला कुमारी द्वारा निर्देश दिया गया था।

 परिवहन विभाग मंत्री श्रीमती शीला कुमारी ने बताया कि ई चालान ऑनलाइन किये जाने से बिहार एवं दूसरे राज्यों के वाहन चालकों का बिहार में ई चालान कटने पर जुर्माने की राशि जमा करने में काफी सहूलित होगी।

 परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि यातायात नियमों के उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों से हैंड हेल्ड डिवाइस के माध्यम से ई चालानिंग की व्यवस्था पूर्व से पटना सहित सभी जिलों में लागू है। अब यातायात उल्लंघनकर्ता ऑनलाइन https://echallan.parivahan.gov.in/index/accused-challan जुर्माने की राशि जमा कर सकते हैं।

 बिहार में विभिन्न मोटरवाहन अधिनियमों के उल्लंघन में पकड़े गए दूसरे राज्यों के ट्रक चालक या अन्य वाहन चालक जिनका ई चालान कट गया है वह अपने घर बैठे कहीं से भी जुर्माने की राशि ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। पहले ऑनलाइन सुविधा नहीं मिलने की वजह से दूसरे राज्य के ट्रक चालक या वाहन चालक को बिहार आकर जुर्माने की राषि जमा करना पड़ता था।

 कई बार मोटरवाहन अधिनियमों के उल्लंघन में दूसरे राज्यों के ट्रक चालकों एव अन्य वाहन चालकों का बिहार में ई चालान कटने पर तत्काल पैसा जमा करने में सक्षम नहीं हो पाते थे। वैसी स्थिति में जुर्माना का पैसा जमा करने के लिए उन्हें बिहार आना पड़ता था।

 दूसरे राज्यों के ट्रक ऑपरेटरों द्वारा लंबे समय से ई चालान ऑनलाइन करने की मांग की जाती रही है।

 पूर्व में यातायात उल्लंघनकर्ताओं को ई चालान जुर्माने की राशि ऑनस्पॉट या जिला परिवहन पदाधिकारी के कार्यालय या ट्रैफिक एसपी कार्यालय में जाकर जमा करना पड़ता था। ई चालान ऑनलाइन किये जाने से लोगों को जुर्माना राशि जमा करने के लिए किसी कार्यालय में जाने की जरुरत नहीं पड़ेगी। बल्कि अपनी सुविधानुसार ऑनस्पॉट या ऑनलाइन माध्यम से कर सकते हैं।

 राज्य में यातायात नियमों के उल्लंघन करने पर हैंडहेल्ड डिवाइस के माध्यम से ई चालान काटा जा रहा है। हैंड हेल्ड डिवाइस के माध्यम से ई चालान की प्रक्रिया की सभी आरटीए सेक्रेट्ररी, जिला परिवहन पदाधिकारी ,मोटरयान निरीक्षक, प्रवर्तन अवर निरीक्षक एवं सभी ट्रैफिक थाने के पुलिस पदाधिकारियों द्वारा जा रही है।

ऐसे जमा करें ऑनलाइन ई चालान की राशि

1. वेबसाइट https://echallan.parivahan.gov.in/index/accused-challan पर जाएं।

2. चालान डिटेल्स में चालान नंबर/वाहन का नंबर/डीएल नंबर इन तीनों में से किसी एक विकल्प पर क्लिक करें और नंबर भरें।

3. कैप्चा भरने के बाद गेट डिटेल्स को क्लिक करें।

4. मोबाइल वेरिफिकेशन पेज पर मोबाइल नंबर डालें, ओटीपी प्राप्त होगा। ओटीपी डालने के बाद सबमिट क्लिक करें।

5. स्क्रीन पर मिनीस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाइवे का पेमेंट गेटवे खुलेगा, जिसमें ओग्रास सलेक्ट कर कंटीन्यू करें।

6. ई पेमेंट और बैंक का चयन कर आगे बढ़ें।

7. नेटबैंकिंग/ कार्ड का चयन कर पेमेंट करें।

शराबबंदी पर समीक्षा बैठक से पूर्व तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 15 सवाल किये हैं

न्यूज़ डेस्क –  बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शराबबंदी पर समीक्षा बैठक किये जाने पर नीतीश सरकार से कई सवाल किये है और कहा है कि आशा है आज की समीक्षा बैठक से पूर्व वो इनका उत्तर देंगे अन्यथा बैठक में इन पर विमर्श करेंगे। अगर ऐसा नहीं होगा तो फिर यह विशुद्ध नौटंकी होगी।

1. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी बताए कि वो शराबबंदी पर आज कौन से नंबर की समीक्षा बैठक कर रहे है? क्या यह 1100वीं समीक्षा बैठक है?

2. विगत 6 वर्ष में शराबबंदी पर की गयी पूर्व की हज़ारों समीक्षा बैठकों का क्या परिणाम निकला? अगर प्रदेश के मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक के बाद भी वांछित परिणाम नहीं मिले तो यह प्रशासन की नहीं, सरासर मुख्यमंत्री की घोर विफलता है?

3. मुख्यमंत्री शराबबंदी के नाम पर लाखों ग़रीबों-दलितों को जेल में डाल चुके है लेकिन वो बताएँ कि अब तक उन्होंने शराब की पूर्ति करने वाले कितने माफिया, कारोबारी, तस्करों और अधिकारियों को जेल भिजवाया है? अगर नहीं तो क्यों? क्या यह क़ानून गरीब पर ही लागू होता है?

4. नीतीश सरकार शराब माफिया के साथ मिलीभगत के चलते न्यायालय में साक्ष्य प्रस्तुत नहीं करती जिससे एक-आध माफिया जो पकड़ाया जाता है उसे बरी होने में आसानी होती है। मुख्यमंत्री अगर शराबबंदी को लेकर गंभीर है तो वो बताएँ शराबबंदी के कितने मामलों में हारने के बाद बिहार सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपील की है?

5. मुख्यमंत्री जी, बताएँ शराबबंदी के नाम पर आज तक कितने डीएसपी और एसपी स्तर के अधिकारी बर्खास्त हुए है? क्या शीर्ष पुलिस अधिकारी शराबबंदी के प्रति जवाबदेह नहीं है?

6. मुख्यमंत्री जी, बताएँ शराबबंदी के नाम पर वो सिर्फ़ सिपाहियों को ही क्यों निलंबित करते है? निलंबित करने बाद उन्हीं 80% सिपाहियों को दुबारा बहाल क्यों करते है? अगर उन अधिकांश सिपाहियों की कोई गलती नहीं होती तो फिर आप उनके निलंबन का नाटक क्यों रचते है? क्या इसलिए कि शीर्ष अधिकारी बच जाए और सिपाहियों को निलंबित कर कुछ समय तक मामला ठंडा कर दिया जाए?

7. मुख्यमंत्री जी बताए, शपथ लेने वाले अधिकांश पुलिसकर्मी और जेडीयू नेता शराब क्यों पीते है?

8. मुख्यमंत्री जी अगर शराबबंदी की लेकर गंभीर है तो हमारे द्वारा सदन में साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद मंत्री रामसूरत राय और उनके भाई के ख़िलाफ कारवाई करने में आपके हाथ क्यों काँप गए? आप Biased और Selective Approach के साथ शराबबंदी करने की सोच भी कैसे सकते है?

9. हम शराबबंदी में सहयोग करते है, साक्ष्य प्रस्तुत करते है तो आप कारवाई करने की बजाय सदन में बैठे-बैठे मास्क के अंदर मुस्कुराते है। आपके लिए शराबबंदी नहीं कुर्सी महत्वपूर्ण है। है कि नहीं??

10. आपके राष्ट्रीय अध्यक्ष के करीबी, जेडीयू के वरिष्ठ नेतागण, सीतामढ़ी के उपाध्यक्ष, नालंदा के प्रखंड अध्यक्ष, सहित श्याम बहादुर सिंह जैसे अनेक विधायकों और आपके करीबी नेताओं के हमने साक्ष्य और video आपके सामने रखे। जनता को प्रवचन देने से पूर्व आप यह बताए उनके विरुद्ध आपने क्या कारवाई की? कई ईमानदार अधिकारियों द्वारा आपके नेताओं के विरुद्ध कारवाई करने पर आपने उन अधिकारियों को ही हटा दिया। यही आपकी शराबबंदी को लेकर प्रतिबद्दता है।

11. मुख्यमंत्री जी, आप विपक्ष के किसी भी सकारात्मक फ़ीड्बैक, सुझाव और ज़मीनी हक़ीक़त को हमेशा राजनीतिक चश्मे से देखते है इसलिए हर बात में आपको राजनीति ही नज़र आती है। हमारी नहीं तो अहंकार त्याग कम से कम आपके वरिष्ठ सहयोगी और पूर्व मुख्यमंत्री आदरणीय जीतनराम माँझी जी और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सहित अनेक सांसद जो इसकी ख़ामियाँ गिनाते है, उन पर तो गौर कीजिए।

12. वह शराब माफिया जिसकी वजह से अनेक मौतें हो जाती है वह आपके बेडरूम तक कैसे पहुँचता है? उसके चुनाव जीतने पर आपकी पूरी पार्टी उसे बधाई देने पहुँचती है? यह संबंध क्या कहलाता है?

13. विगत 15 दिनों में विभिन्न जिलों में ज़हरीली शराब से हुई 65 मौतों का दोषी कौन है?

14. शराबबंदी के बावजूद प्रदेश की सीमा के अलावा 4-5 जिलों की सीमा पार कर करोड़ों लीटर शराब गंतव्य स्थल तक कैसे पहुँचती है? क्या आपके कथन अनुसार शासन-प्रशासन में सिवाय आपको छोड़ “सब लोग ही गड़बड़” है?

15. अगर बिहार में कथित लाखों लीटर शराब ज़ब्त हुई है, तो वह प्रदेश के अंदर कब, कैसे और क्यों पहुँची? इसमें किसका दोष है? यह किसकी विफलता है? अगर सरकार में बैठे माफिया, तस्कर, सत्तारूढ़ नेता और अधिकारी बिहार में प्रति माह करोड़ों लीटर शराब की पूर्ति नहीं कराते तो क्या अदृश्य “सुशासनी भूत” यह सप्लाई करता-कराता है?

मुख्यमंत्री जी, दिखावटी समीक्षा बैठक से पूर्व आपको गहन आत्म चिंतन, मनन और मंथन की ज़रूरत है। तब तक आप स्वयं की तथा खुलेमन से शासन- प्रशासन की ग़लतियाँ स्वीकार नहीं करेंगे तब तक ये बैठके एवं शराबबंदी अन्य दिनों की भाँति सामान्य रूप से चलती रहेगी और इनका कोई अपेक्षित परिणाम सामने नहीं आएगा।