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जमीन पर JDU का नाम लेने वाला नहीं बचेगा कोई: प्रशांत किशोर

जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को इस बात का अहंकार है कि वोट मेरे पास हो न हो किसी को भी जनता वोट देगी मुख्यमंत्री हम ही बनेंगे। जनता वोट किसी को देगी जुगाड़ लगाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बन जाएंगे। नीतीश कुमार के इस अहंकार को जनता इतने सिरे से खत्म करेगी कि JDU का नाम लेना वाला कोई नहीं बचेगा आप लिखकर रख लीजिए। मैं पदयात्रा करते समय लोगों के अंदर जो गुस्सा देख रहा हूं नीतीश कुमार के प्रति वो भयावह है। नीतीश कुमार जिस तरीके की सरकार चला रहे हैं आज जो पटना जाता है उनपर नीतीश कुमार लाठीचार्ज करवा देते हैं। पटना कोई अगर मांग लेकर चला गया तो उसे बेवकूफ कह देते हैं।

समस्तीपुर के रोसड़ा ब्लॉक में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि
नीतीश कुमार 2015 के बाद कई बार पलटी मारकर अपना हित – अहित कर चुके हैं। आज समाज का हर वर्ग जान गया है कि नीतीश कुमार को किसी से मतलब नहीं है बस इन्हें मुख्यमंत्री बने रहना है और फेविकोल लगा कर कुर्सी से चिपके रहना है। कभी भाजपा का कमल पकड़ कर कभी लालटेन पर लटककर मुख्यमंत्री बने रहें बिहार चाहे भाड़ में जाए बिहार की जनता का कुछ भी हो उससे इनको कोई लेना देना नहीं है। नीतीश कुमार को बिहार की जनता के प्रति कोई संवेदना नहीं रह गई है। नीतीश कुमार का पूरे बिहार में पुरजोर विरोध होना चाहिए। इन्होंने सारी मोरालिटी को ताखा पर रख दिया है। नीतीश कुमार को अहंकार इस बात का है कि 42 विधायक होने के बाद भी ये मुख्यमंत्री बने ही रहते हैं। अगर आप देखियेगा तो JDU के 117 विधायक हुआ करते थे। वहां से घटकर 72 हुए इसके बाद 72 से उलटकर 42 में आ पहुंचे हैं। अगली बार जनता इतन कम विधायक देगी कि कोई गणित और जुगाड़ इनको मुख्यमंत्री नहीं बना पाएगा आप लिखकर रखिए।

फूलपुर छोड़िए, नीतीश के अंदर बिहार में चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं- प्रशांत किशोर

जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर यूपी के फूलपुर से लोकसभा-2024 का चुनाव लड़ने पर तंज कस दिया।प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार जीवन में कोई चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं कर सकते हैं, कहिए तो लिखकर दे दें। चुनावों की जितनी समझ मुझे है नीतीश कुमार चुनाव लड़ने की हिम्मत कर ही नहीं सकते हैं। आप फूलपुर की बात कर रहे हैं बिहार में चुनाव लड़ने की उनके अंदर हिम्मत ही नहीं है। नीतीश चुनाव लड़ेंगे, नीतीश अंतिम बार चुनाव कब लड़े थे किसी को याद है? नीतीश ने चुनाव लड़ना बरसों पहले छोड़ दिया है।

समस्तीपुर के रोसड़ा प्रखंड में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में वो आदमी एक पंचायत एक गांव बिना सुरक्षा के चल नहीं सकते हैं। सूबे में आज जो हालात हैं अभी उन्होंने समाधान यात्रा की थी और बिहार के पत्रकारों को पता भी होगा बिहार का पूरा प्रशासन इस बात पर लगा हुआ था कि किसी तरह से इज्जत रह जाए। नीतीश कुमार पर लाठी डंडा, जूता-चप्पल न चले, काला झंडा न दिखाया जाए और नीतीश कुमार इज्जत से चलें जाएं।

लालू का लड़का तेजस्वी यादव 10वीं पास करके उपमुख्यमंत्री बन गया और आपका एमए पास करके चपरासी भी नहीं बन सका

जन सुराज पदयात्रा के दौरान सेंकड़ों लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आप जिस विषय के ऊपर वोट करते हैं वो आपको देर ही सही, मगर मिलता जरूर है। देखिए लालू यादव का लड़का तेजस्वी यादव, 10वीं पास नहीं है और उसको CM बनना है इसकी चिंता लालू को है और वहीं MA करके आपका लड़का चपरासी नहीं बन पा रहा है घर में बैठा हुआ है और आपको इसकी चिंता नहीं है। आप जाति का झंडा उठाए हैं आपको धर्म की चिंता है। आपको यहां से पाकिस्तान दिख रहा है मगर आपको अपने बच्चों की गरीबी, बेरोजगारी और लाचारी नहीं दिख रही है।

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि मैं गांवों-प्रखंडों में जाकर हाथ जोड़कर लोगों को समझा रहा हूं कि आप अपना न सही अपने बच्चों के भविष्य के लिए सोचिए। अगर आप अपने बच्चों के भविष्य की चिंता नहीं करेंगे तो कोई नेता आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा। मैंने बहुत नेताओं के साथ काम किया है और उस दावे से बता सकता हूं कि अगर आप अपने बच्चों की चिंता नहीं करेगे तो कोई नेता कोई दल आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा। 1 किलो अनाज चोरी करके 4 किलो अनाज आपको राशन कार्ड के नाम पर मिलता है। वोट के महत्व को बताते हुए प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आपने वोट दिया है जाति के नाम पर तो आपके जाति वाले नेता स्कॉर्पियो और हेलिकाप्टर पर बढ़िया कुर्ता-पायजामा पहन घूमता दिखता है। आप बिहार के लोग ने कभी पढ़ाई के नाम पर वोट नहीं दिया। आपने रोजी रोजगार के लिए वोट किया ही नहीं।

नीतीश कुमार में दम है तो कह दें कि लालू और तेजस्वी भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं – प्रशांत किशोर

जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार में दम है तो ये कह दें कि लालू यादव, तेजस्वी यादव और उनके परिवार के लोग भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हैं और ये सिर्फ राजनीतिक प्रतिशोध है। जिसके तहत उनको परेशान किया जा रहा है, हम लोग मान लेंगे। लालू यादव और उनके परिवार पर जो कार्रवाई हुई है वो गलत है या वो भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हैं। नीतीश कुमार को साफगोई से ये कहना चाहिए कि ये हमारे सहयोगी हैं और इन पर भ्रष्टाचार के जो सारे आरोप हैं, वो निराधार हैं। अगर वो ये लाइन नहीं कह रहे हैं, तो अपने आप आपको पता है वो क्या कह रहे हैं ?

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि RJD के लोग जैसे चिल्ला-चिल्लाकर कह रहे हैं कि हम लोग बिल्कुल भ्रष्टाचार में लिप्त नहीं हैं, तो नीतीश कुमार को भी ये कहना चाहिए। नीतीश कुमार जो खुद नहीं कह रहे हैं, वो ये बताता है कि नीतीश कुमार अंदर से क्या सोचते हैं। प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को RJD और तेजस्वी यादव से कोई प्रेम नहीं है। नीतीश कुमार जो आज महागठबंधन में हैं, वो विशुद्ध दो कारणों से हैं। सिर्फ इसलिए उन्होंने बनाया है कि अगर 2024 में बीजेपी जीतकर आएगी, तो सबसे पहले इनको हटाएगी और अपना मुख्यमंत्री बनाएगी। इसलिए भाजपा हटाए उससे पहले महागठबंधन बना लें जिससे कि 2025 नवंबर तक मुख्यमंत्री बने रहेंगे। दूसरी सोच उनकी ये है कि 2025 के बाद उनको मुख्यमंत्री बनना नहीं है। ऐसे में हमारे बाद ऐसी सरकार रहे कि जो आज से भी बदतर हो। जिससे कि लोग कहें कि कुछ भी कहिए कि नीतीश कुमार की सरकार इससे तो ठीक थी।

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार से कोई ये कहलवा दे कि लालू यादव, तेजस्वी यादव और उनका परिवार भ्रष्टाचार में शामिल नहीं हैं। वो ये कह ही नहीं सकते हैं। सरकार इनको परेशान कर रही है, क्योंकि ये महागठबंधन में शामिल हैं। नीतीश कुमार दूसरी बात बोल रहे हैं। अरे भाई! ये कहने से आपको कौन रोक रहा है, ED, CBI तो नहीं रोक रही है उनको।

लालू-नीतीश को जातीय जनगणना नहीं, जातियों की राजनीति करनी है – प्रशांत किशोर

जातीय जनगणना पर प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं शुरुआती दौर से कहता आ रहा हूं कि सबसे पहले नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव से पूछा जाना चाहिए कि इसका कानूनी आधार क्या है? आज ये आम लोगों को आंख में धूल झोंकने के लिए सर्वे करवा रहे हैं। जातीय जनगणना राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आता ही नहीं है। इन नेताओं को कोई जातीय जनगणना नहीं करवाना है। बिहार की जनता खुद सोच कर देखे कि नीतीश कुमार इतने लंबे समय से मुख्यमंत्री हैं इसके बाद भी उन्होंने आज तक जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाया? RJD की सरकार थी, लालू यादव खुद 15 साल सरकार में थे, क्यों नहीं करवाया जातीय जनगणना? आज इन्हें ज्ञात हो रहा है?

सच्चाई तो यह है कि इलेक्शन आने वाला है और कुछ होता हुआ दिख नहीं रहा है तो बाप-बाप कर रहे हैं। आज ये समाज को बांटने का काम कर रहे हैं इसके अलावा इनकी कोई मंशा नहीं है। पिछले 32 सालों से लालू-नीतीश मुख्यमंत्री हैं उस समय उन्होंने जातीय जनगणना क्यों नहीं करवाई ? अगर ये राज्य का मामला था तो पहले क्यों नहीं करवाया गया? सच्चाई तो यह है कि वो जातीय जनगणना है ही नहीं वो तो सर्वे है। जातियों की राजनीति करनी है ताकि सारा समाज बंटा रहे, सारा समाज अशिक्षित और अनपढ़ बना रहे, तभी तो 9वीं फेल को आज लोग उपमुख्यमंत्री मानेगा। बिहार के लोगों को समझने की जरूरत है कि अगर गरीब के बच्चे पढ़ लिख जाएंगे तो कौन इन अनपढ़ों को नेता मानेगा?

जो बड़े-बड़े लोगों के नाक में दम कर दे उसे प्रशांत किशोर कहते हैं

जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज व्यवस्था नहीं बनाएंगे तो कल होकर समाज के लोग बोलेंगे कि प्रशांत किशोर गांवों-प्रखंडों में घूम रहे हैं इनकी तो कोई ताकत ही नहीं है। मुझे नीतीश कुमार लालू यादव और भाजपा के लोग धकिया नहीं सकते हैं। मैं अगर बिहार में लड़ने आया हूं तो इतनी ताकत के साथ लड़ूंगा कि इन सब नेताओं के दांत खट्टे कर दूंगा। बंगाल में आपने मेरा काम देखा होगा मैंने ही उनका नस ढीला किया था। भाजपा ने पूरी भारत की ताकत लगा दी और मैंने कहा था कि 100 पार भी नहीं होंगे। भाजपा वाले हुए 100 पार? जितना पैसा लगाना था उन्होंने लगा दिया पर कुछ नहीं हुआ। समाज में कई ऐसे लोग हैं जो लड़ने के लिए लड़ते हैं। हम उनमें से नहीं हैं अगर लड़ने आए हैं तो इस बात को मान कर चलिए कि जितने का खाका भी दिमाग में लेकर आए होंगे। सोच समझ कर आए हैं कि ये कठिन काम है इसको करने में कितनी ताकत लगानी पड़ेगी, कितना पसीना बहाना पड़ेगा, कितनी व्यवस्था बनानी पड़ेगी और कितना संसाधन लगाना पड़ेगा। सब कुछ सोच-समझ कर व्यवस्था बनाने आए हैं।

समस्तीपुर के रोसड़ा प्रखंड में प्रशांत किशोर ने जन संवाद के दौरान आगे कहा कि ये जितने नेता हैं ये सोच रहे हैं कि मुझे धकिया देगा। हम धकियाने वाले आदमी हैं? बड़े-बड़े लोगों के नाक में दम कर देतें हैं। हम बिहार के लड़के हैं देशभर का नेता जब चुनाव लड़ता है तो मुझसे सलाह लेता है तो ये नेता मेरा क्या करेंगे। एक बार समाज खड़ी हो गई तो जन बल के आगे कोई बल खड़ी होने वाली नहीं है। इसलिए बिहार के भविष्य के लिए सोचिए और किसी का बंधुआ मजदूर मत बनिए।

पटना के नेताओं के अंदर छटपटाहट और बेचैनी शुरू हो गई है

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि आप देख रहे होंगे कि मैं जहां पदयात्रा कर रहा हूं वहां से पटना तक छटपटाहट और बैचैनी शुरू हो गई है। पटना तक लोग बाप-बाप करने लगा है। ये प्रशांत किशोर की ताकत नहीं है ये पटना के नेता भी समझ रहे हैं कि जमीन पर क्या हो रहा है विकल्प के अभाव में ये नेता 32 साल से कुर्सी पर बैठे हुए हैं। एक बार जनता जाग गई विकल्प बना लिया तो कहनी इन नेताओं की खत्म हो जाएगी एक बार में। कहा कि एक बार संकल्प करके निकले हैं जब तक पूरे बिहार में पदयात्रा न हो जाए तब तक घर लौटने वाले नहीं है। धरना नहीं दे रहे हैं पार्टी नहीं बनाए हैं रैली नहीं कर रहे हैं। अभी तो कुछ गांव में 100 से दौ सौ आदमी के साथ ही चल रहे हैं।

प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि भाजपा को प्रशांत किशोर ने हराया है। पटना के नेता तो भाजपा से लड़ रहे हैं। हमने लड़कर हराया है। बिहार की जनता को चुनना है कि उन्हें लड़ने वालों के साथ रहना है कि लड़कर जीतने वालों के साथ रहना है। आप बिहार के लोग इस बात की चिंता मत कीजिए। बहुत से लोग कह रहे हैं चुनाव कैसे जीता जाएगा? जो ये कह रहा है उसे मालूम नहीं है कि जो मेरा भारी आलोचक है उसे भी पता है कि प्रशांत किशोर को कुछ आता हो या न आता हो चुनाव लड़ाना आता है। जिसका हाथ पकड़ कर चुनाव लड़ाएंगे उसके आगे किसी को टिकने नहीं देंगे। चुनाव इतनी मजबूती से लड़ाएंगे की समझ भी नहीं आएगा। भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी फिर भी नहीं जितने दिए। जिसके साथ आप 30 सालों से हैं 3 साल आप मुझ पर भरोसा कर देखिए बिहार की स्थिति बदलकर रख देंगे।

बिहार की राजनीति की यही सच्चाई, छोटे दल एक-दो सीट और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए करते हैं जोड़-तोड़ की राजनीति

चिराग पासवान के NDA में शामिल होने पर बोले प्रशांत किशोर; कहा- बिहार की राजनीति की यही सच्चाई, छोटे दल एक-दो सीट और व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए करते हैं जोड़-तोड़ की राजनीति, मांझी और कुशवाहा को जहां 1 सीट मिलेगी वहां चले जाएंगे

समस्तीपुर: लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास गुट) नेता चिराग पासवान ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी मिले, जहां उन्होंने अपनी पार्टी को NDA में शामिल कराया। इस पर जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने कहा कि ये घटना कोई नई बात नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा, जीतनराम मांझी और चिराग पासवान 2014 और 2015 में भाजपा के साथ थे। इन दलों ने साथ में मिलकर चुनाव भी लड़ा। सबके पास ये अवसर है कि वो अपने साथ दूसरे दलों को जोड़ें और बिहार की राजनीति की ये सच्चाई रही है। ये नई घटना नहीं हो रही है। विद ऑल ड्यू रिस्पेक्ट छोटे दल ये देखते हैं कि हमें एक सीट कहां मिल जाएगी कि हमारा व्यक्तिगत स्वार्थ कहां पूरा हो जाएगा ?

समस्तीपुर के दलसिंहसराय में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि अगर जीतन राम मांझी की पार्टी है, तो वो ये देख रहे हैं कि हमें एक सीट कहां मिल जाएगी। महागठबंधन से मिल जाएगी, तो वह महागठबंधन में रहे। भाजपा से मिल जाएगी, तो भाजपा में चले जाएंगे। यही हाल उपेंद्र कुशवाहा का भी है, जिसने भी उनको दो टिकट दे दिया, वह उसी साइड चले जाएंगे। लोजपा पार्टी भी दो धड़ों में है, कौन रहता है, क्या होता है ये उनका इंटर्नल मैटर है और राजनीति में सामान्य बात है। लोकतंत्र में, चुनावी राजनीति में ये सब होते रहता है, इसे बहुत ज्यादा गंभीरता से मैं नहीं लेता हूं।

सीएम को बिहार के अस्पताल पर भरोसा नहीं, तो जनता को कैसे होगा: प्रशांत किशोर

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बिहार में स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था पर कहा कि सूबे में अधिकारियों के बच्चे बिहार के सरकारी स्कूल में नहीं पढ़ रहे हैं, आप ही बताइए कि कौन सा अधिकारी बीमार पड़ता है, तो सरकारी अस्पताल में जाता है। बिहार में जो शासन है, वो नेताओं का शासन है। उनके लिए अच्छा राज है, अगर लालू यादव की तबीयत खराब हुई, तो वह सिंगापुर के हॉस्पिटल में जाकर इलाज कराते हैं


बिहार के समस्तीपुर में पत्रकारों से बातचीत में प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि बिहार में 5 लाख से अधिक लोगों को वही किडनी की बीमारी है। कितने लोगों में इतनी ताकत है कि वो सिंगापुर में इलाज कराने जा सकते हैं। लालू यादव की चिकित्सा सबसे बड़े अस्पताल में होनी ही चाहिए, उसमें दिक्कत नहीं है। लेकिन, बिहार में सामान्य लोगों के इलाज के लिए भी अच्छी चिकित्सा की व्यवस्था होनी चाहिए। वही हाल पढ़ाई का है, जो लोग व्यवस्था को चला रहे हैं, उनके बच्चे न यहां पढ़ते हैं और उनके घर में जब कोई बीमार हो जाए तो क्या वे यहां के अस्पताल में इलाज कराएंगे।

प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार को अगर अपना इलाज कराना हो, तो वह भी दिल्ली के AIIMS अस्पताल में जाकर इलाज कराएंगे। बिहार की AIIMS पर जब उनका भरोसा नहीं है, तो बिहार की जनता का भरोसा सरकारी अस्पतालों पर कैसे होगा ?

नीतीश कुमार की बहुचर्चित नल-जल योजना, 70 प्रतिशत से अधिक जमीन पर बंद पड़ी हुई है: प्रशांत किशोर

जन सुराज पदयात्रा के दौरान सारण में पत्रकार वार्ता के दौरान राज्य सरकार की योजनाओं पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि सरकार ने जिले के जो आँकड़े जारी किए हैं, उसके अनुसार 70 से 90 प्रतिशत नल-जल योजना काम कर रही है। लेकिन योजना की जमीनी हकीकत बिल्कुल विपरीत है, 70 प्रतिशत नल जल योजना काम नहीं कर रही है। पश्चिम चंपारण और शिवहर जैसे जिलों में 80 से 90 प्रतिशत योजना काम नहीं कर रही है, लेकिन पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान और छपरा में 10 में से 2 जगह ये योजना काम करती दिख रही है। 7 से 8 योजना बंद पड़ी है।

नल जल योजना में जो सबसे बड़ी समस्या है जमीन की मालकीयत। जिस समय यह योजना बनी थी, उस समय जीते हुए वार्ड सदस्यों ने अपनी या अपने संबधियों की जमीन पर टंकी को लगवा दिया था और अब उनमें से अधिकतर चुनाव हार गए हैं। इस वजह से अब वो इसके प्रबंधन में कोई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। कई लोगों ने वहाँ ताला लगा दिया है। इन लोगों से अलग बहुत सारे लोग ऐसे हैं जिन्होंने इस लालच में अपनी जमीन दी थी की जब टंकी लग जाएगी तो उनके परिवार के 1 सदस्य को सरकारी नौकरी मिल जाएगी। अब उनको नौकरी मिली नहीं तो वो इसको चलने नहीं दे रहे हैं। यह सरकार की बड़ी योजना नल जल योजना की स्थिति है।