मंत्री प्रेम कुमार ने पटना डेयरी प्रोजेक्ट मुख्यालय परिसर में “एक पेड़ माँ के नाम ” वृक्षारोपण कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की |

मंगलवार को पटना डेयरी प्रोजेक्ट मुख्यालय  के प्रांगण में वृक्षारोपण कार्यक्रम “एक पेड़ माँ के नाम” का आयोजन किया गया जिसमें बिहार के  सहकारिता, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रेम कुमार ने  वृक्षारोपण की शुरूआत की इस इस दरम्यान  संघ के अध्यक्ष  संजय कुमार, कॉम्फेड के महाप्रबंधक आर० के० मिश्रा एवं पटना डेयरी प्रोजेक्ट के प्रबंध निदेशक  रूपेश राज ने भी पौधा रोपण करते हुए उपस्थित पदाधिकारियों / कर्मियों से भी पौधा लगाने की अपील की।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री प्रेम कुमार ने बताया  कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पौधा लगाना अति उत्तम है। वातावरण को प्रदुषित होने से रोकने के लिए हम आम जनों को पौधा लगाकर प्रकृति की रक्षा में अपना योगदान देना चाहिए। उदाहरण के तौर पर अगर देखा जाए तो शहर की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रदुषण स्तर काफी कम पाया जाता है क्योंकि पेड़ों की संख्या ग्रामीण इलाकों में अधिक है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्ति ज्यादा स्वस्थ एवं निरोग पाये जाते हैं। ठीक उसी प्रकार आज पटना डेयरी प्रोजेक्ट जैसी बड़ी संस्था इस बात का गवाह बन रही है कि शहरों में भी आज 200 पेड़ पटना डेयरी प्रोजेक्ट के कैम्पस में लगाये गये। उन्होंने कहा कि हमारे जीवन को सुरक्षित रखने के लिए हम समस्त बिहारवासी से अपील करते हैं कि अपने आस-पास के वातावरण को स्वस्थ बनाने के लिए ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगायें।

संघ के अध्यक्ष संजय कुमार ने  मंत्री जी का आभार प्रकट करते हुए बताया कि  मंत्री महोदय की इस सकारात्मक पहल से निश्चित रूप से मानव जीवन को और ज्यादा सुरक्षित व संरक्षित करने का सुअवसर मिलेगा। उन्होंने पटना डेयरी को इस नेक कार्य हेतु चुनने के लिए मंत्री जी को  धन्यवाद दिया। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के पशुपालकों से भी अनुरोध किया कि एक पौधा प्रकृति संरक्षण हेतु अवश्य लगायें। मानव स्वास्थ्य के लिए यह बहुत ही उपयोगी है।

कॉम्फेड के महाप्रबंधक  आर० के मिश्रा ने मंत्री जी को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार द्वारा पौधा रोपण की इस योजना से पुनः हरियाली का वातावरण आने वाले दिनों में दिखेगा और आम नागरिक इस मुहिम में अपना योगदान देकर आने वाले समय को और स्वस्थ एवं खुशहाल बनाने की दिशा में कार्य करेंगे। कॉम्फेड एवं उसकी इकाई हमेशा सरकार के द्वारा चलाई जा रही योजना को कियान्वित करने हेतु प्रयत्नशील रहती है। पौधा रोपण का मुख्य उद्येश्य प्रदुषित हो रहे वातावरण में छाँव व हरियाली का संचार करना है।

संघ के प्रबंध निदेशक  रूपेश राज ने  मंत्री डा० प्रेम कुमार, अध्यक्ष  संजय कुमार, कॉम्फेड के महाप्रबंधक  आर० के० मिश्रा का अभिवादन करते हुए कृतार्थ शब्दों में उनके प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने आगन्तुकों को सूचित किया कि संस्था प्रत्येक वर्ष पर्यावरण दिवस के अवसर पर भी पटना डेयरी परिसर में पेड़ लगाने का कार्य करती है। संस्था जिस प्रकार अपने स्वास्थ्यवर्धक दूध एवं दुग्ध जन्य पदार्थों के माध्यम से उपभोक्ताओं को गुणवत्तायुक्त उत्पाद उपलब्ध कराने का कार्य करती है ठीक उसी प्रकार आज पटना डेगरी के परिसर में 200 पौधे का एक साथ लगना आप सभी दुग्ध उत्पादकों एवं उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ा संदेश है कि आप अपने सांसों की रक्षा हेतु अपने आस-पास एक पेड़ अवश्य लगायें।

कार्यक्रम में संघ के सभी पदाधिकारी / कर्मचारी ने पेड़ लगाकर पर्यावरण की सुरक्षा में अपना योगदान दिया।

जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए डीएम ने ई-रिक्शा को किया रवाना

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए आज समाहरणालय से ई-रिक्शा (सारथी रथों) को झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर सिविल सर्जन, पटना डॉ. मिथिलेश कुमार; डीपीआरओ, पटना श्री लोकेश कुमार झा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. विवेक कुमार सिंह एवं अन्य भी उपस्थित थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि 02 सितम्बर से जिला में मिशन परिवार विकास अभियान आयोजित किया जा रहा है जो 30 सितम्बर तक चलेगा। इस दौरान 02 सितम्बर से 14 सितम्बर तक दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा चल रहा है। फिर 17 सितम्बर से 30 सितम्बर तक परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन होगा। जिलाधिकारी ने कहा कि इसके अन्तर्गत पूरे जिला में जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना, परिवार नियोजन कार्यक्रम अन्तर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुँचाना तथा योग्य दंपतियों को इच्छित सेवा प्रदान करना है। प्रत्येक माह की 21 तारीख को परिवार नियोजन दिवस का आयोजन सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, हेल्थ एण्ड वेलनेस सेंटर तथा स्वास्थ्य उप केन्द्रों पर योजनाबद्ध ढ़ंग से होता है। इस महीने भी 21 सितम्बर को इसका आयोजन सभी स्वास्थ्य संस्थानों में होगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि इन सभी कार्यक्रमों का मूल उद्देश्य परिवार नियोजन के प्रति आम लोगों में जागरूकता बढ़ाकर कुल प्रजनन दर (टीएफआर) को कम करना है। इसके लिए इस तरह का कार्यक्रम काफी महत्वपूर्ण एवं प्रभावकारी साबित होता है। आज से पूरे जिला में 48 ई-रिक्शा (जागरूकता रथ) घूम-घूम कर लोगों को जनसंख्या नियंत्रण हेतु प्रेरित करेगा। 23 ई-रिक्शा ग्रामीण क्षेत्रों में तथा 25 ई-रिक्शा शहरी क्षेत्रों में भ्रमण करेगा। सभी रथ का रूट-चार्ट बनाया गया है। इसी के अनुसार यह गाँव-गाँव तथा शहरों में घूमेगा। सभी ई-रिक्शा सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्रियों से लैस है। हर एक ई-रिक्शा पर आशा फैसिलिटेटर को प्रतिनियुक्त किया गया है जिनके द्वारा आशा का समन्वय स्थापित किया जाएगा तथा आम जन द्वारा गर्भनिरोधक का स्थायी उपाय यथा-छाया, माला-एन, ईजी एवं कंडोम की मांग किए जाने पर उन्हें स्थल पर ही उपलब्ध कराया जाएगा।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि मिशन परिवार विकास अभियान के प्रथम दिन दिनांक 17 सितम्बर, 2024 को सभी प्रखंडों के साथ-साथ जिला स्तर पर भी सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार कल्याण मेला (हेल्थ मेला) का आयोजन होगा। इसमें सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर परिवार कल्याण कार्यक्रम अन्तर्गत प्रदान की जाने वाली स्थायी एवं अस्थायी उपायों की प्रदर्शनी लगायी जाएगी। साथ ही परिवार नियोजन के लाभ, उपलब्ध सेवाएं तथा देय कार्य क्षतिपूर्ति/प्रोत्साहन राशि की जानकारी आम जन को उपलब्ध कराया जाएगा। ई-रिक्शा के माध्यम से भी इसे प्रचारित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त हैण्डबिल, बैनर, पोस्टर के माध्यम से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इच्छुक दम्पति को सलाह-मशविरा एवं अन्य सहायता प्रदान करने हेतु सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परामर्श-सह-पंजीयन केन्द्र स्थापित किया गया है। डीएम डॉ. सिंह द्वारा सिविल सर्जन को निदेश दिया गया है कि इन केन्द्रों पर दक्ष स्टाफ नर्स, परिवार कल्याण परामर्शी तथा एएनएम की प्रतिनियुक्ति कर इच्छुक दम्पति को सेवा प्रदान की जाए। साथ ही ओपीडी, एएनसी सर्विस प्वायंट, प्रसव कक्ष एवं टीकाकरण केन्द्र पर भी डिस्प्ले ट्रे तथा प्रचार-प्रसार सामग्रियों के माध्यम से परामर्श करते हुए इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन सेवा उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है।

डीएम डॉ. सिंह ने सिविल सर्जन को निदेश दिया कि इच्छुक व्यक्तियों को परिवार नियोजन की सेवा अवश्य उपलब्ध हो यह सुनिश्चित कराएं।

जिलाधिकारी द्वारा सिविल सर्जन, अनुमंडल अस्पतालों के उपाधीक्षकों, प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं अन्य सभी संबंधित पदाधिकारी को दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा (02 सितम्बर से 14 सितम्बर तक) तथा परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा (17 सितम्बर से 30 सितम्बर तक) का सफल आयोजन सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है। डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति नियमित तौर पर जागरूकता अभियान चलाएँ। परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुँचाएँ तथा योग्य दम्पतियों को इच्छित सेवा अवश्य प्रदान करें।

डीएम डॉ. सिंह ने दम्पति सम्पर्क पखवाड़ा तथा परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के सफल आयोजन हेतु स्वास्थ्य के साथ-साथ त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं, आईसीडीएस, जीविका, कल्याण विभाग, सिविल सोसाईटी के बीच सार्थक समन्वय की आवश्यकता सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि माननीय सांसदों, विधायकों तथा नगर निकायों के प्रतिनिधियों से अनुरोध कर उनकी इस अभियान में सहभागिता सुनिश्चित कराएँ। डीएम डॉ. सिंह ने स्वयंसेवी संस्थानों के माध्यम से सामुदायिक जागरूकता अभियान चलाने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि इस अभियान में विकास मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। माइक्रोप्लान के अनुसार प्रखण्ड स्तर पर सभी सम्बद्ध विभागों के पदाधिकारियों के बीच को-ओर्डिनेशन करें। लक्ष्य के अनुसार उपलब्धि प्राप्त करने के लिए तत्परता से कार्य करें। लोगों के बीच संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन करें। एएनएम को डेडिकेटेड काउंसेलिंग के लिए प्रतिनियुक्त करें। स्वास्थ्य संस्थानों तथा सार्वजनिक जगहों पर सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) सामग्रियों का प्रदर्शन करें। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वीएचएसएनडी कार्यक्रमों में सास-बहू-बेटी सम्मेलन को निदेशित करें। आवश्यकतानुसार तीन से पाँच पीएचसी को पुरूष बंध्याकरण सेवाओं के लिए फर्स्ट रेफरल यूनिट के साथ सम्बद्ध करें। पीएचसी स्तर तक स्वास्थ्य संस्थावार सूचीबद्ध (इम्पैनल्ड) सर्जन रखें।

डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के तहत प्रदत्त निःशुल्क सेवाएँ एवं लाभार्थियों तथा उत्प्रेरकों को प्रदान की जाने वाली राशि का भुगतान तत्परता से करें। इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता अक्षम्य होगी।

गौरतलब है कि परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान प्रति ब्लॉक 75 महिला बंध्याकरण तथा 5 पुरूष नसबंदी का लक्ष्य है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल तथा शहरी पीएचसी रेफरल द्वारा महिला बंध्याकरण का लक्ष्य 125 तथा पुरूष नसबंदी का लक्ष्य 25 है। इस प्रकार महिला बंध्याकरण का कुल लक्ष्य 1,850 तथा पुरूष नसबंदी का कुल लक्ष्य 140 है। इस तरह पखवाड़ा के दौरान जिले में बंध्याकरण तथा नसबंदी का कुल लक्ष्य 1,990 है। डीएम डॉ. सिंह ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को लक्ष्य के अनुसार उपलब्धि सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने परिवार नियोजन के सभी उपायों यथा महिला बंध्याकरण, पुरूष नसबंदी, आई.यू.सी.डी.(कॉपर-टी), मिश्रित गर्भनिरोधक गोली (ओसीपी, माला-एन), गर्भनिरोधक सूई-एम.पी.ए.(अंतरा), सेन्टक्रोमेन (छाया) (साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली-डब्ल्यूसीपी), कंडोम (निरोध) तथा आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली (ईजी) की उपलब्धता स्वास्थ्य संस्थानों में सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन सेवाओं के तहत प्रदान की जाने वाली सेवा यथा कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सूई (एमपीए), बंध्याकरण एवं नसबंदी की सेवा प्रदान करने पर विशेष रूप से ध्यान देने का निदेश दिया। जनसंख्या स्थिरीकरण की आवश्यकता, सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, बच्चों के बीच सही अंतर तथा छोटा परिवार के लाभ के बारे में आमजन के मध्य चर्चा कर, माँ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने तथा गर्भनिरोधक उपायों को अपनाने हेतु परामर्श दिया जाए।

डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा के दौरान माननीय सर्वाेच्च न्यायालय के निदेश के अनुसार बंध्याकरण/नसबंदी से संबंधित गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध कराएँ। प्री-ऑपरेटिव (परामर्श, चिकित्सीय जाँच, पैथोलोजी जाँच इत्यादि) एवं पोस्ट-ऑपरेटिव केयर के लिए मेडिकल टीम गठित करते हुए निःशुल्क सेवा सुनिश्चित करें। डेडिकेटेड टीम द्वारा ऑपरेशन के बाद की सुविधाएँ सुनिश्चित की जानी चाहिए। शिविरों में मूलभूत सुविधाएँ जैसे बेड, पेयजल, पंखा इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए। बंध्याकरण एवं नसबंदी कराए गए व्यक्तियों को उनके घर तक एम्बुलेंस से पहुँचाना सुनिश्चित करें। सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ‘‘अंतरा एवं छाया’’ सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें। शहरी पीएचसी, अतिरिक्त पीएचसी एवं हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर में आईयूसीडी सुविधाओं की उपलब्धता प्रशिक्षित सेवा प्रदाता द्वारा नियमानुसार सुनिश्चित करें। कंडोम बॉक्सेज के द्वारा कंडोम का वितरण सुनिश्चित कराएँ। सभी सम्बद्ध स्वास्थ्य संस्थानों में सेल्फ हेल्प किट उपलब्ध रहना चाहिए।

जिलाधिकारी ने कहा कि मिशन परिवार विकास अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए नेहरू युवा केन्द्र, स्वयंसेवी सगंठनों, पल्स पोलियो, नियमित टीकाकरण तथा अन्य कार्यक्रमों के वोलन्टियर्स से समन्वय स्थापित करते हुए क्लायंट मोबिलाईजेशन किया जाए। बंध्याकरण/नसबंदी हेतु उत्प्रेरक राशि इन्हें भी देय है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि हम सभी प्रत्येक योग्य दम्पति तक पहुँच तथा जनसंख्या स्थिरीकरण के सपने को साकार करने का संकल्प लें। जनसंख्या नियंत्रण हमारे बेहतर विकास दर एवं मानव विकास सूचकांक के लिए आवश्यक है। सभी स्टेकहोल्डर्स इसके प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहें।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को भूमि विवादों को यथासंभव कम करने के प्रयास करने का निदेश दिया

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने विभागीय अधिकारियों का आहवान किया है कि वो आम जनता की तकलीफों का विशेष ध्यान रखें और उनकी समस्याओं का निराकरण प्राथमिकता के आधार पर करें। अपने काम के लिए अंचल आए रैयतों के साथ मर्यादित तरीके से व्यवहार करें साथ ही नियमों के आलोक एवं निर्धारित समयावधि में कार्यों का निष्पादन करने का प्रयास करें।


इस अवसर पर राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री ने मासिक प्रगति प्रतिवेदन के आधार पर दो अंचल अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। मासिक रैंकिंग में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले फुल्लीडुमर अंचल के अंचल अधिकारी श्री मनोज कुमार एवं चतुर्थ स्थान प्राप्त करनेवाली अमरपुर की अंचल अधिकारी श्रीमति कुमारी रजनी को सम्मानित किया गया। यह रैंकिंग अगस्त माह में उनके द्वारा किए गए 10 प्रकार की ऑनलाइन सेवाओं के आधार किया गया है।
बैठक में मौजूद बिहार के मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा दी रैयतों को दी जा रही ऑनलाइन सेवाओं के बारे में जानकारी ली।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को भूमि विवादों को यथासंभव कम करने के प्रयास करने का निदेश दिया। साथ ही उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों से पूछा कि राजस्व विभाग से जुड़े आमलोगों को किस प्रकार की परेशानियां हो रही हैं और उनके द्वारा उन समस्याओं का समाधान किस प्रकार किया जा रहा है।


मुख्य सचिव ने कहा कि भूमि विवादों के समाधान के लिए थाना स्तर पर थाना प्रभारियों एवं अंचल अधिकारियों की हो रही संयुक्त बैठकों को और प्रभावी बनाया जाएगा। कई अंचल अधिकारियों ने मुख्य सचिव को बताया कि इन साप्ताहिक बैठकों में संबंधित थाना प्रभारी अनुपस्थित रहते हैं। इसे मुख्य सचिव द्वारा गंभीरता से लिया गया।
आज की बैठक में पूरे राज्य से 76 अंचल अधिकारी उपस्थित थे। सभी जिलों से 2-2 अंचल अधिकारियों को बुलाया गया। सभी 534 अंचलों की रैकिंग राजस्व विभाग की 10 ऑनलाईन सेवाओं के आधार पर किया गया था। बैठक में सभी जिलों को मासिक प्रगति प्रतिवेदन वितरित किया गया।
बैठक में उपस्थित विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री दीपक कुमार सिंह और सचिव श्री जय सिंह ने इसके अलावे विभाग की महत्त्वपूर्ण योजनाओं जैसे दाखिल-खारिज, परिमार्जन, ई-मापी, राजस्व अभिलेखों के डिजिटल हस्ताक्षरित प्रति एवं अभियान बसेरा इन सभी की विस्तृत समीक्षा की। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि अंचल अधिकारियेां की मासिक रैंकिंग हर माह जारी की जाएगी। अच्छा काम करनेवालों को पुरस्कृत किया जाएगा जबकि खराब प्रदर्शन करने अंचल अधिकारियों को दंडित किया जाएगा।


सचिव श्री जय सिंह ने कहा कि विभाग की योजना है कि सभी अचंल अधिकारियों को अलग-अलग गु्रप में बाँटकर उनके साथ समीक्षा की जाएगी ताकि मामलों का त्वरित निष्पादन हो और जमीनी स्तर पर जो समस्याएं हैं, उनके बारे में विभाग को जानकारी मिल सके।
बैठक में ऑनलाइन सेवाओं के बारे में सभी अंचल अधिकारियों से फीडबैक किया गया। उपस्थित अंचल अधिकारियों द्वारा फील्ड में पेश आ रही कई प्रकार की समस्याआंे का जिक्र किया गया जिसके संबंध में अधिकारियों ने शीघ्र ही समाधान करने का आश्वासन किया गया।
आज की बैठक शास्त्रीनगर स्थित राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में हुई। बैठक में अंचल अधिकारियों के अतिरिक्त विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री लक्ष्मण तिवारी, भू-अर्जन निदेशक श्री कमलेश कुमार सिंह समेत सभी वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

पितृपक्ष मेला के अवसर पर पुनपुन घाट हाल्ट पर 09 जोड़ी ट्रेनों का अस्थायी ठहराव होगा

पितृपक्ष मेला के दौरान श्रद्धालु यात्रियों की सुविधा हेतु रेलवे द्वारा दिनांक 17.09.2024 से 02.10.2024 तक पुनपुन घाट हाल्ट पर निम्नलिखित 09 जोड़ी एक्सप्रेस ट्रेनों का दो-दो मिनट का अस्थायी ठहराव प्रदान किया जा रहा है –

1. गाड़ी सं. 13243/13244 पटना-भभुआ रोड-पटना इंटरसिटी एक्सप्रेस
2. गाड़ी सं. 13347/13348 पटना-बरकाकाना-पटना पलामू एक्सप्रेस
3. गाड़ी सं. 13349/13350 सिंगरौली-पटना-सिंगरौली एक्सप्रेस
4. गाड़ी सं. 18623/18624 इसलामपुर-हटिया-इसलामपुर एक्सप्रेस
5. गाड़ी सं. 18625/18626 पूर्णिया कोर्ट-हटिया-पूर्णिया कोर्ट एक्सप्रेस
6. गाड़ी सं. 12365/12366 पटना-रांची-पटना जनशताब्दी एक्सप्रेस
7. गाड़ी सं. 13329/13330 पटना-धनबाद-पटना गंगा दामोदर एक्सप्रेस
8. गाड़ी सं. 14223/14224 राजगीर-वाराणसी-राजगीर बुद्धपूर्णिमा एक्सप्रेस
9. गाड़ी सं. 05553/05554 पाटलिपुत्र-गया-पाटलिपुत्र पैसेंजर स्पेशल

इसके साथ ही, दिनांक 17.09.2024 से 02.10.2024 तक अनुग्रह नारायण रोड और चिरैला पौथू के बीच स्थित अनुग्रह नारायण स्नान घाट पर भी निम्नलिखित 05 जोड़ी ट्रेनों का दो मिनट का अस्थायी ठहराव प्रदान किया जा रहा है –

1. गाड़ी सं. 03383/03384 गया-डीडीयू-गया मेमू पैसेंजर स्पेशल,
2. गाड़ी सं. 03691/03692 गया-डेहरी ऑन सोन-गया मेमू पैसेंजर स्पेशल
3. गाड़ी सं. 03381/03382 गया-डेहरी ऑन सोन-गया मेमू पैसेंजर स्पेशल,
4. गाड़ी सं. 13305/13306 धनबाद-सासाराम-धनबाद इंटरसिटी पैसेंजर
5. गाड़ी सं. 13553/13554 आसनसोल-वाराणसी-आसनसोल मेमू पैसेंजर

शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, यह जीवन जीने की कला – जिलाधिकारी

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं, अपितु यह जीवन जीने की कला है। वे आज शिक्षक दिवस, 2024 के अवसर पर समाहरणालय में आयोजित शिक्षक पुरस्कार समारोह में संबोधन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें सिखाती है कि संघर्षपूर्ण स्थितियों में भी हम किस तरह कार्य करें तथा हमारा व्यवहार कैसा हो। शिक्षकों की इसमें काफी महत्वपूर्ण भूमिका है। जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार के विशेष प्रयासों के बदौलत शिक्षा जगत में क्रांतिकारी परिवर्तन हो रहा है। बड़ी संख्या में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। सभी शिक्षकों एवं अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के प्रति सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना होगा।

आज के इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी द्वारा 12 शिक्षकों को जिला-स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिलाधिकारी ने इन सभी शिक्षकों के योगदान की सराहना करते हुए आगे भी उन्हें बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित किया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पटना जिला के शिक्षकों द्वारा काफी अच्छा कार्य किया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा विद्यार्थियों की मांग एवं आवश्यकता के अनुरूप सभी सुविधा उपलबध करायी जा रही है।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सरकारी तंत्र में काम करने वाले सभी व्यक्तियों के लिए निर्धारित आचरण नियमावली है। इसका अनुपालन कर शिक्षक अपने विद्यार्थियों तथा समाज में आदर्श स्थापित कर सकते हैं। सभी शिक्षकों को अपने आचार-व्यवहार तथा अनुशासन के प्रति अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। वे स्वयं समय से विद्यालय आएँ तथा अपने दायित्वों के प्रति सजग रहें। इससे एक अच्छा संदेश जाता है। उन्होंने कहा कि गुरू की भूमिका ईश्वरतुल्य है। विद्यार्थियों को नई-नई तकनीकों की जानकारी देने के साथ-साथ परंपरागत ज्ञान के साथ भी समन्वय बनाकर चलना पड़ेगा।

इस अवसर पर सहायक समाहर्ता, विशिष्ट पदाधिकारी, अनुभाजन, अपर जिला दंडाधिकारी आपूर्ति, अपर जिला दंडाधिकारी विभागीय जाँच, जिला शिक्षा पदाधिकारी, जिला जन-सम्पर्क पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारीगण एवं अन्य भी उपस्थित थे।

बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराए वाहन चला रहे हैं तो हो जाएं सावधान

बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराए वाहन चला रहे हैं तो सावधान हो जाएं। सड़क दुर्घटना में आपके वाहन से किसी की मृत्यु होने की स्थिति में आपको कम से कम 5 लाख रुपये का मुआवजा देना पड़ सकता है। गाड़ी का इंश्योरेंस नहीं होने पर जुर्माना का प्रावधान है, साथ ही एक्सीडेंट होने पर घायल के इलाज का खर्च और मृत्यु होने की स्थिति में कम से कम 5 लाख रुपये का मुआवजा देना होगा।

15 मामलों में विभिन्न न्यायालय ने 5-5 लाख रुपये मुआवजे का पारित किया है आदेश

परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सड़क दुर्घटना पीड़ितों को न्याय मिले इसके लिए राज्य में बिहार मोटरवाहन दुर्घटना दावा न्यायाधिकरण का गठन किया गया है, जो मुआवजा भुगतान के लिए आदेश जारी करते हैं। पिछले 6 महीनों में कई मामलों में बिना थर्ड पार्टी इंश्योरेंस के वाहन से दुर्घटना होने पर पीड़ित को वाहन मालिक से मुआवजा देने का आदेश पारित हुआ है। 15 मामलों में विभिन्न न्यायालय ने 5-5 लाख रुपए का आदेश पारित किया है और वाहन मालिकों ने भुगतान भी किया है।

थर्ड पार्टी बीमा कराने से मिलती है वित्तिय सुरक्षा और पीड़ितों को मदद

परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि सभी वाहन मालिकों को अपने वाहन का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराना है अनिवार्य।
थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कराने से न केवल आपको वित्तीय सुरक्षा मिलती है, बल्कि यह एक्सीडेंट होने पर घायल पीड़ितों को भी मदद मिलती है।

जिम्मेदार नागरिक के रूप में, अपने वाहन का थर्ड पार्टी बीमा कराएं

परिवहन सचिव ने लोगों से अपील की है कि एक जिम्मेदार नागरिक के रूप में, यह आपकी जिम्मेदारी है कि आप अपने वाहन का इंश्योरेंस कराएं और सड़क पर चलने वाले अन्य लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करें।

थर्ड पार्टी बीमा के लाभ

– वित्तिय सुरक्षा: तीसरे पक्ष का बीमा दुर्घटना या किसी अन्य की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की स्थिति में बीमाधारक को वित्तीय सुरक्षा प्रदान करता है।

– मुकदमों से सुरक्षा: यह बीमाधारक को तीसरे पक्ष द्वारा दायर किए गए मुकदमों से सुरक्षा प्रदान करता है।

– शांति: यह बीमाधारक को दुर्घटना होने पर आश्वस्त करता है कि वे कवर हैं।

– संपत्ति की सुरक्षा : यह बीमाधारक की संपत्ति को मुकदमे की स्थिति में जब्त होने से सुरक्षित रखता है।

– मुआवजा प्राप्त करने में मदद: यह बीमाधारक को हुए नुकसान या नुकसान के लिए मुआवजा प्राप्त करने में मदद करता है।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के डब्बे हवाई जहाज जैसे सुविधा से लैस

भारतीय रेल द्वारा बहुत जल्द वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का संचालन शुरू किया जाने वाला है। वंदे भारत ट्रेन की तरह वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का निर्माण भी स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है।वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में पैसेंजर सेफ्टी के साथ-साथ लोको पायलट और अटेंडेट्स की सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है। लोको कैब को बेहतर बनाया गया है, साथ ही यह ट्रेन टक्कर रोधीकवच प्रणाली से लैस है।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का डिजाइन और इसका इंटीरियर काफी आकर्षक और इसमें विश्वस्तरीय यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इस ट्रेन में USB चार्जिंग प्रावधान के साथएकीकृत रीडिंग लाइट, सार्वजनिक घोषणा और विजुअलइन्फॉर्मेशन प्रणाली, इनसाइड डिस्प्ले पैनल और सिक्योरिटी कैमरे वमॉड्यूलर पैंट्री की सुविधा है। इसके साथ ही दिव्यांग यात्रियों के लिए विशेष बर्थ और शौचालय उपलब्ध कराए गए हैं। इसके अतिरिक्त, फर्स्ट एसी डिब्बे में यात्रियों के लिए गर्म पानी के शॉवर की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल जल्द शुरू होने वाला है और उसके पश्चात इस ट्रेन को देश के विभिन्न रेल मार्गों पर संचालित किया जाएगा। वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को लंबे रेल रूट्स पर संचालित किया जाएगा और इस ट्रेन से भारत में लंबी दूरी की रेल यात्रा में क्रांति आने की उम्मीद है। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन आराम, सुरक्षा और दक्षता के मामले में नए मानक स्थापित करेगी।

रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज बेंगलूरु में उत्पादन इकाई का दौरा किया और वहां वंदे भारत स्लीपर ट्रेन सेट के उत्पादन का निरीक्षण किया। इस दौरान केंद्रीय रेल राज्य मंत्री श्री वी. सोमन्ना भी उनके साथ मौजूद रहे। रेल मंत्री ने वंदे भारत स्लीपर के उत्पादन में कार्यरत कर्मचारियों से बातचीत की और उनका उत्साहवर्धन भी किया।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की मुख्य विशेषताएं:-

* ऑस्टेनिटिक स्टेनलेस स्टील ट्रेनसेट
* यात्रियों की सुरक्षा के लिए ट्रेनसेट में दुर्घटना-रोधी विशेषताएं
* GFRP पैनलों के साथ श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ इंटीरियर
* एरोडायनामिक बाहरी लुक
* मॉड्यूलर पेंट्री
* EN 45545 के अनुसार फायर सेफ्टीजोखिम स्तर: 03 
* दिव्यांगों के लिए विशेष बर्थ और शौचालय
* स्वचालित बाहरी यात्री दरवाजे
* सेंसर आधारित इंटर कम्युनिकेशन डोर
* अंतिम दीवार पर दूर से संचालित अग्नि अवरोधक दरवाजे
* एर्गोनॉमिक रूप से डिजाइन की गई गंध रहित शौचालय प्रणाली
* लोको पायलट के लिए शौचालय
* प्रथम एसी कार में गर्म पानी से स्नान
* USB चार्जिंग प्रावधान के साथ एकीकृत रीडिंग लाइट
* सार्वजनिक घोषणा और दृश्य सूचना प्रणाली
* सामान रखने के लिए बड़ा लगेज रूम

कैबिनेट ने दो प्रमुख व्यावसायिक केन्द्रों – मुंबई और इंदौर के बीच सबसे छोटा रेल सम्पर्क प्रदान करने के लिए 309 किलोमीटर लंबी नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दी

प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने रेल मंत्रालय के तहत 18,036 करोड़ रुपये (लगभग) की कुल लागत वाली नई रेलवे लाइन परियोजना को मंजूरी दे दी है। इंदौर और मनमाड के बीच प्रस्तावित नई लाइन सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी और गतिशीलता में सुधार करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के लिए बेहतर दक्षता और सेवा विश्वसनीयता सुनिश्चित होगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदीजी की नए भारत की कल्पना के अनुरूप है, जो क्षेत्र में व्यापक विकास के माध्यम से लोगों को “आत्मनिर्भर” बनाएगी, जिससे उनके लिए रोजगार/स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे।

यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है, जो एकीकृत योजना के माध्यम से संभव हुआ है और लोगों, वस्तुओं और सेवाओं की आवाजाही के लिए निर्बाध सम्पर्क प्रदान करेगा।

यह परियोजना 2 राज्यों, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 जिलों को कवर करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी।

इस परियोजना के साथ 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे, जिससे आकांक्षी जिले बड़वानी को बेहतर सम्पर्क मिलेगा। नई रेलवे लाइन परियोजना से लगभग 1,000 गांवों और लगभग 30 लाख आबादी को सम्पर्क मिलेगा।

परियोजना देश के पश्चिमी/दक्षिण-पश्चिमी हिस्से को मध्य भारत से जोड़ने वाला छोटा रास्ता उपलब्ध कराकर क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देगी। इससे श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर सहित उज्जैन-इंदौर क्षेत्र के विभिन्न पर्यटन/धार्मिक स्थलों पर पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।

परियोजना से पीथमपुर ऑटो क्लस्टर (90 बड़ी इकाइयां और 700 छोटे और मध्यम उद्योग) को जेएनपीए के गेटवे पोर्ट और अन्य राज्य बंदरगाहों से सीधा सम्पर्क मिलेगा। परियोजना मध्य प्रदेश के बाजरा उत्पादक जिलों और महाराष्ट्र के प्याज उत्पादक जिलों को भी सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी, जिससे देश के उत्तरी और दक्षिणी हिस्सों में इसके वितरण में सुविधा होगी।

कृषि उत्पादों, उर्वरक, कंटेनर, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट, पीओएल आदि जैसी वस्तुओं के परिवहन के लिए यह एक आवश्यक मार्ग है। क्षमता वृद्धि कार्य के परिणामस्वरूप लगभग 26 एमटीपीए (मिलियन टन प्रति वर्ष) की अतिरिक्त माल ढुलाई होगी। रेलवे पर्यावरण अनुकूल और ऊर्जा कुशल परिवहन का साधन है, जो जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने और देश की रसद लागत को कम करने, तेल आयात (18 करोड़ लीटर) को कम करने और कार्बनडाइक्साइड उत्सर्जन (138 करोड़ किलोग्राम) को कम करने में मदद करेगा जो 5.5 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।

गुरुवार को पप्पू यादव ने पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) से मुलाकात कर क्षेत्र की रेल सुविधाओं में सुधार के लिए कई अहम मांगें रखीं

सांसद राजेश रंजन उर्फ़ पप्पू यादव  ने आज पूर्व मध्य रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) से मुलाकात कर क्षेत्र की रेल सुविधाओं में सुधार के लिए कई अहम मांगें रखीं। उन्होंने पूर्णिया से गरीब रथ और वैशाली एक्सप्रेस का परिचालन शुरू करने, हाटे बजारे एक्सप्रेस को प्रतिदिन चलाने, और जानकीनगर में कोसी एक्सप्रेस के ठहराव समेत दर्जन भर ट्रेन का पूर्णिया से परिचालन की मांग की। साथ ही सांसद ने पूर्णिया कोर्ट स्टेशन पर वाशिंग पिट बनाने और गिट्टी प्लांट को अन्यत्र शिफ्ट करने की भी मांग की। उन्होंने कोर्ट स्टेशन, पूर्णिया जंक्शन और बनमनखी स्टेशन पर शौचालय, शुद्ध पेयजल और नाले की व्यवस्था की आवश्यकता पर बल दिया।

इसके अलावा, उन्होंने सहरसा-पूर्णिया रेलखंड पर चलने वाली सभी डीएमयू ट्रेनों में बोगियों की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता जताई, जिससे यात्रियों को सुविधा हो सके। साथ ही उन्होंने जमालपुर-सहरसा डाउन 05510 अप 05510 ट्रेनों का विस्तार पूर्णिया कोर्ट तक करने की मांग की, जिससे कोशी और सीमांचल क्षेत्र के लोगों का सीधा जुड़ाव दक्षिणी बिहार से हो सकेगा। पप्पू यादव जी की इन मांगों का उद्देश्य क्षेत्र की जनता को बेहतर रेल सुविधाएं प्रदान करना और क्षेत्र के विकास को गति देना है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि रेलवे प्रशासन जल्द ही इन मांगों पर कार्रवाई करेगा।

ऑनलाइन जमा करें टोल प्लाजा पर ऑटोमेटेड कटे ई चालान की राशि

राज्य के विभिन्न टोल प्लाजों पर ई-डिटेक्शन के माध्यम से कटे ऑटोमेटिक ई-चालान की राशि अब घर बैठे ऑनलाईन जमा कर सकते हैं। परिवहन विभाग ने आम लोगों की सुविधा के लिए एनआईसी के सहयोग से विभाग के वेबसाइट/पोर्टल पर ऑनलाइन पेमेंट की सेवा शुरु की है।

आसानी से ऑनलाइन जमा कर सकते हैं ई चालान की राशि

परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि तकनीकी कारणों से टोल प्लाजों पर कटे ऑटोमेटिक ई-चालान का पैसा ऑनलाइन जमा नहीं हो पा रहे था, लेकिन अब यह समस्या समाप्त हो गई। मंगलवार से ऑनलाइन ई चालान की राशि जमा होने लगी है। इस सुविधा के शुरु होने से लोगों को अपने चालान का पैसा जमा करने में आसानी होगी और उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा से लोग अपने चालान का पैसा घर बैठे जमा कर सकते हैं।

ई चालान की राशि जमा करने के लिए बना नया हेड

राज्य के विभिन्न टोल प्लाजों पर ई-डिटेक्शन के माध्यम से कटे ऑटोमेटिक ई चालान की राशि जमा करने के लिए नया हेड क्रियेट कराया गया है। परिवहन सचिव ने बताया कि हमारा उद्देश्य है कि लोगों को सुविधाजनक और पारदर्शी सेवाएं प्रदान करना है, और इस सुविधा के शुरू होने से हमें यह उम्मीद है कि लोगों को अपने चालान का पैसा जमा करने में आसानी होगी।

तीन तरह के उल्लंघनकर्ताओं पर कटा है चालान

राज्य के विभिन्न टोल प्लाज़ों पर स्थापित ई डिटेक्शन प्रणाली से वर्तमान में फिटनेस, बीमा और प्रदूषण फेल इन तीन तरह के उल्लंघनकर्ताओं का ऑटोमेटिक ई चालान कटा है। यह चालान राज्य के टोल प्लाजा पर एक दिन में एक ही बार कटेगा। निर्गत ऑटोमेटिक ई चालान की सूचना संबंधित वाहन मालिक के मोबाइल पर मैसेज के रुप में प्राप्त होगी।

17 हजार से अधिक वाहनों का कटा चालान

वाहन का फिटनेस, इंश्योरेंस और पॉल्यूशन फेल होने पर मोटरवाहन नियमावली के तहत विभिन्न टोल प्लाजों पर 7 अगस्त से 22 अगस्त तक कुल 17349 वाहनों का ई-डिटेक्शन के माध्यम से ऑटोमेटिक ई चालान निर्गत किया गया है।

ई चालान की राशि कैसे करें ऑनलाइन जमा

parivahan.gov.in/parivahan/ या echallan.gov.in/index/accused-challan)
पर जाकर ऑनलाइन जुर्माना राशि जमा कर सकते हैं। चालान नंबर या व्हीकल नंबर या डीएल नंबर इन तीनों में से किसी एक ऑप्शन के आधार पर ई चालान की राशि जमा करने की सुविधा प्रदान की गई है।

चालान के उद्देश्य

– सड़क सुरक्षा: चालान का मुख्य उद्देश्य सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देना है, ताकि वाहन चालकों को यातायात नियमों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

– बीमा: यह सुनिश्चित करना भी है कि वाहन मालिकों के पास वैध बीमा हो, जिससे दुर्घटना की स्थिति में वाहन मालिकों और पीड़ितों को आर्थिक सहायता मिल सके।

– प्रदूषण नियंत्रण: प्रदूषण नियंत्रण को बढ़ावा देना भी है, ताकि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम किया जा सके।

– फिटनेस : सड़क दुर्घटना में कमी लायी जा सके इसके लिए आवश्यक है कि सभी वाहनों का फिटनेस हो।