कराय परसुराय से जिला परिषद पद के लिए एक महिला समेत चार उम्मीदवारों ने भरा पर्चा

न्यूज़ डेस्क –  त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दसवे चरण के लिए नालंदा जिले के कराय परसुराय प्रखंड में होने वाले चुनाव के लिए उम्मीदवारों का नामांकन की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो गया है। नामांकन के पहले दिन अनुमंडल कार्यालय हिलसा के समक्ष कराय परसुराय प्रखंड से जिला परिषद पद के लिए 4 अभ्यर्थियों ने नामांकन का पर्चा दाखिल किया। नामांकन का पर्चा दाखिल करने वालों में अजय कुमार, चिंता देवी ,मो० चांद, नवल किशोर शर्मा, शामिल है नामांकन के पहले दिन अनुमंडल कार्यालय में नामांकन को लेकर 4 घंटे तक काफी गहमागहमी का माहौल रहा। अनुमंडल कार्यालय में नामांकन का पर्चा दाखिल करने के बाद उम्मीदवारों के उनके समर्थकों ने फूल माला पहनाकर जिंदाबाद के नारे लगाए नामांकन को लेकर अनुमंडल कार्यालय मैं सुरक्षा का चाक चाबंद व्यवस्था रहा सरकारी गाइडलाइन को अनुपालन कराते हुए ।अभ्यर्थियों को नामांकन कराया गया निर्वाची पदाधिकारी सह अनुमंडल पदाधिकारी राधाकांत ने बताया कि पंचायत चुनाव के दसवें चरण में कराय परशुराय प्रखंड में चुनाव होना है इस प्रखंड से जिला परिषद पद के लिए अभ्यर्थियों का नामांकन अनुमंडल कार्यालय में कड़ी सुरक्षा के बीच और कैमरे की नजर में कराया जा रहा है।

रिपोर्ट – धनपत

आख़िर गांधी को निशाना क्यों बनाया जा रहा है ! शिवानन्द तिवारी

न्यूज़ डेस्क –  आख़िर गांधी को निशाना क्यों बनाया जा रहा है ! उनकी हत्या तो 73 वर्ष पूर्व हो गई थी. जीवित गांधी किसी व्यक्ति या विचारधारा के रास्ते में अवरोध थे यह बात तो समझ में आती है. लेकिन मृत गांधी पर एक समूह इतना हमलावर क्यों है ? इसकी एक ही वजह समझ में आती है. जिस विचारधारा ने गांधी को अपने रास्ते का सबसे गंभीर अवरोध मानकर अपना मार्ग निष्कंटक बनाने के लिए उनकी हत्या की थी, उनका वह मक़सद पुरा होता हुआ दिख नहीं रहा है. मृत गांधी भी उनके और उनके जैसे विचारधारा के रास्ते में उसी तरह अवरोध के रूप में खड़े हैं जैसे जीवित गाँधी खड़े थे.
लेकिन कोई लाख छटपट करे, गांधी को मिटा पाना संभव है क्या ! माना जाता है कि गांधी ने भारत को आजादी दिलाई थी. लेकिन कृष्णनाथ जी कहते हैं कि यह उनकी महत्वपूर्ण देन नहीं थी. क्योंकि बगैर गांधी के भी कई मुल्क उस समय आजाद हुए थे.
तब अधिकांश दुनिया उनको आज भी महान क्यों मानती है ! दरअसल दुनिया को गांधी ने एक नई ताबीज दी थी, नया मंत्र दिया था. सत्याग्रह, सिविल नाफरमानी और अहिंसा का ताबीज. बड़े से बड़े ताकतवर जुल्मी के खिलाफ कमजोर से कमजोर आदमी भी खड़ा होकर कह सकता है कि, नहीं, अब तुम्हारे अन्याय को सहन नहीं करूंगा. इसके एवज में तुम जो सजा मुझे दो, वह भुगतने के लिए मैं तैयार हूं. इसके पूर्व दुनिया के सामने विरोध का एक ही रास्ता था. बंदूक का रास्ता. जो कमजोर लोगों का रास्ता नहीं हो सकता था.
दुनिया भर में इसका नजीर दिखाई देता है. जहां-जहां भी अन्याय, जुल्म और भेदभाव के विरुद्ध नागरिक आजादी और बराबरी के लिए संघर्ष हो रहा है वहाँ प्रेरणा के स्रोत के रूप में गांधी ही नजर आते हैं.
इसलिए भले ही गांधी के शहादत दिवस के मौके पर कुछ सिरफिरे उनका पुतला बनाकर उसको गोली मारने का नाटक करें. उनके हत्यारे नाथूराम गोडसे के जिंदाबाद का नारा लगाएं या फिर उनका उपहास उड़ाकर उन्हें मिटाने की कोशिश हो, गांधी तो जिंदा रहेंगे. जैसे हत्या के 73 वर्ष बाद आज भी गांधी जिंदा हैं और वैसे लोगों के छाती पर सवार हैं जो नफरत, घृणा और भेदभाव पर आधारित भारत बनाने का प्रयास कर रहे हैं.

अब वाहनों के ब्रेक, कलच से लेकर अन्य सभी तय मानकों की आटोमेटिक होगी जांच

न्यूज़ डेस्क –  व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस की जांच ऑटोमेटिक मशीन से होगी। जांच के लिए सभी जिलों में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन खोेले जाऐंगे। इसके लिए परिवहन विभाग द्वारा निजी क्षेत्रों से आवेदन आमंत्रित किये गए हैं। परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि वाहनों का फिटनेस जांच ऑटोमेटिक पद्धति से होने से सड़क दुर्घटना में कमी आएगी और पर्यावरण स्वच्छता को बढ़ावा मिलेगा।

परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की स्थापना के लिए इच्छुक व्यक्ति या कंपनी या संघ 15 दिसंबर 2021 तक राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय, विश्वेशरैया भवन में निर्धारित शुल्क के साथ आवेदन जमा कर सकते हैं।

▪️सभी जिलों में आवेदन आमंत्रित किए गए हैं तथा यह प्रयास किया जा रहा है कि सभी जिलों में फिटनेस सेंटर खुले।आवेदन प्राप्ति के 1 महीने के अंदर विशेष टीम गठित कर सभी आवेदनों की जांच कर करवाई की जाएगी तथा स्थल निरीक्षण करते हुए योग्य आवेदकों को चयनित किया जाएगा।

▪️परिवहन सचिव ने बताया कि राज्य में बढ़ते वाहनों की संख्या एवं सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि को देखते हुए व्यवसायिक वाहनों के फिटनेस सुनिश्चित करने के लिए ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन आवश्यक है। इस सेंटर पर वाहनों को सभी तकनीकी पहलुओं पर परखते हुए फिटनेस टेस्ट होगा। वाहन की बॉडी से लेकर सेफ्टी मेजर्स को ऑटोमेटिक ही परखा जाएगा। इससे सड़क दुर्घटना में कमी आएगी। अनफिट गाड़ियों को रोड पर चलने की अनुमति नहीं होगी क्योंकि इन गाड़ियों से सड़क दुर्घटनाओं का काफी खतरा रहता है।

▪️वर्तमान में वाहनों का फिटनेस जांच मोटरयान निरीक्षक द्वारा मैनुअली किया जाता है। मोटरयान निरीक्षक जांच के दौरान मैनुअली ब्रेक, कलच, स्पीडोमीटर, विंडो ग्लास, हॉर्न, लाईट्स, वाइपर आदि को देखकर फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करते हैं जो बहुत वैज्ञानिक नहीं है। ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन बनने के बाद इन वाहनों की ऑटोमेटिक जांच होगी।

▪️ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन पूरी तरह सीसीटीवी से लैस होगा। जांच के लिए आने वाले हर वाहन पर नजर रहेगी। इंट्री पॉइंट और जांच के दौरान भी सीसीटीवी की नजर रहेगी।

▪️जिलों में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन की मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था रहेगी। किस जिले में कितने वाहनों की जांच हो रही है। मानक के अनुसार जांच हो रही है या नहीं इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी।

▪️परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि हर वाहन की एक आयु सीमा होती है। ऑटोमेटिक मशीन से जांच के बाद पता चलेगा कि वाहन चलने की स्थिति में है या नहीं। सभी मानक पूरे हैं और प्रदूषण तो अधिक नहीं फैलता है! मशीन ब्रेक से लेकर अन्य चीजें आटोमेटिक ही जांच होगा।

▪️राज्य में फिटनेस सेंटर को कंप्यूटराइज्ड करने एवं ऑटोमेटिक करने से कई समस्याओं का समाधान होगा।

▪️सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार के अधिसूचना संख्या 652 (अ), दिनांक 23.09.2021 परिवहन विभाग के विभागीय वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/transport/ के नोटिफिकेशन भाग से डाउनलोड किया जा सकता है।

पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. के निकट कंटेनर ट्रेन के 08 वैगन का अवपथन के कारण ट्रेन परिचालन में आंशिक बदलाव

न्यूज़ डेस्क –  प्रयागराज जं. और पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. के मध्य डाउन लाईन पर ब्लॉक हट K एवं पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. के न्यू वेस्ट केबिन के बीच (किमी-675) के निकट आज प्रातः 06.45 बजे एक कंटेनर मालगाड़ी के 08 वैगन पटरी से उतर जाने के कारण इस रेलखंड से गुजरने वाली ट्रेनों के परिचालन में निम्नानुसार बदलाव किया गया है:

🔸प्रयागराज जं.-वाराणसी-पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. के रास्ते चलाई जाने वाली ट्रेनें:

1. 02872 नई दिल्ली-इसलामपुर एक्सप्रेस
2. 02802 नई दिल्ली-पुरी एक्सप्रेस
3. 05956 दिल्ली-कामाख्या एक्सप्रेस
4. 02350 नई दिल्ली-गोड्डा हमसफर एक्सप्रेस
5. 09483 अहमदाबाद-बरौनी एक्सप्रेस
6. 03260 छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस-पटना एक्सप्रेस
7. 01664 नई दिल्ली-पटना एक्सप्रेस

🔸 ब्लॉक हट K (Block Hut K) – व्यासनगर-पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. के रास्ते चलाई जाने वाली ट्रेनें:
1. दिनांक 15.11.2021 को यशवतंपुर से प्रस्थान करने वाली 03252 यशवंतपुर-पटलिपुत्र एक्सप्रेस ।
2. दिनांक 16.11.2021 को लोकमान्य तिलक टर्मिनस से प्रस्थान करने वाली 02336 लोकमान्य तिलक टर्मिनस-भागलपुर एक्सप्रेस ।
3. दिनांक 16.11.2021 को सूरत से प्रस्थान करने वाली 09147 सूरत-भागलपुर एक्सप्रेस ।

🔸 रद्द की गई ट्रेनें:
1. दिनांक 17.11.2021 को सुबेदारगंज से प्रस्थान करने वाली 04194 सुबेदारगंज-पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. स्पेशल ।
2. दिनांक 17.11.2021 को पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं. से प्रस्थान करने वाली 04193 पंडित दीन दयाल उपाध्याय जं.-सुबेदारगंज स्पेशल ।

मधुबनी के पत्रकार हत्याकांड के विरोध में अनुमंडल पत्रकार संघ ने दिया धरना। पीड़ित परिजनों को पचास लाख रुपए की मुआवजा एवं सरकारी नौकरी की मांग

न्यूज़ डेस्क –  मधुबनी के बेनीपट्टी के वेब पोर्टल के पत्रकार अविनाश झा उर्फ बुद्धिमान झा की अपराधियों द्वारा की गई निर्मम हत्या के विरोध में बुधवार को अनुमंडल पत्रकार संघ के बैनर तले अनुमंडल कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया गया। संघ के अध्यक्ष कमल किशोर प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित इस धरना में बड़ी संख्या में पत्रकारों के साथ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। धरना को संबोधित करते हुए समाजसेवी डॉ आशुतोष कुमार मानव ने कहा कि लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर अपराधियों द्वारा किया गया हमला अत्यंत दुखद है। ऐसे संवेदनशील मामले में राज्य सरकार एवं प्रशासन को अभिलंब कार्रवाई करनी चाहिए ताकि लोकतंत्र का चौथा स्तंभ सुरक्षित रह सके। अपने संबोधन में विभिन्न पत्रकारों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए अपराधियों को शीघ्र गिरफ्तार करने एवं पीड़ित परिजन को मुआवजा तथा सरकारी नौकरी देने की मांग की।

धरना के अंत में विभिन्न मांगों से संबंधित एक ज्ञापन अनुमंडल पदाधिकारी को दिया गया। जिसमें हत्यारों को अविलंब गिरफ्तार करने, पीड़ित परिजनों को ₹5000000 का मुआवजा एवं आश्रित को सरकारी नौकरी देने, पत्रकारों के जानमाल की सुरक्षा की गारंटी करने तथा घटना की स्पीडी ट्रायल कर अपराधियों को जल्द सजा दिलाने की मांगे शामिल है। इस मौके पर अनुमंडल पत्रकार संघ के अध्यक्ष कमल किशोर प्रसाद, सचिव सुशील कुमार, उपाध्यक्ष राजीव प्रसाद सिंह, मोहम्मद जियाउद्दीन, संगठन सचिव सत्येंद्र कुमार उर्फ निरंजन ,चंद्रकांत सिंह, उपेंद्र कुमार ,अनुज कुमार,धनपत कुमार, संतोष कुमार, राहुल खन्ना, प्रभात कुमार राय, धर्मेंद्र कुमार ,नीतीश कुमार भारद्वाज, विमल प्रकाश आर्य, संतोष कुमार पार्थ, पवन कुमार, समाजसेवी आशुतोष कुमार मानव समेत दर्जनों गणमान्य लोग उपस्थित थे।

रिपोर्ट – धनपत

मंदिर निर्माण को लेकर दो गुटों के बीच गोलीबारी , जख्मी pmch रेफ़र

 न्यूज़ डेस्क – बुधवार को सुबह चिकसौरा थाना क्षेत्र के अंतर्गत शाह बगीचा गांव में मंदिर निर्माण को लेकर दो गुटों के बीच गोलीबारी में गोली लगने से एक युवक गंभीर रूप से जख्मी हो गया। नाजुक हालत में उसे पटना पीएमसीएच रेफर किया गया। घायल युवक की पहचान शाह बगीचा गांव निवासी राज बलम उर्फ कारू प्रसाद के 25 वर्षीय पुत्र संतोष कुमार उर्फ मलू के रूप में किया गया है। घायल युवक संतोष उर्फ मलू कुमार ने गांव के ही कपलदेव प्रसाद के पुत्र जितेन्द्र कुमार उर्फ मगल,राज बलम प्रसाद, बैजनाथ प्रसाद, राज कुमार उर्फ पप्पू प्रसाद, अरुण कुमार अनुज उर्फ ललू कुमार, पर गोली मारने का आरोप लगाते हुए कहा कि हमारे छोटा भाई मंटू कुमार और चचेरा भाई राकेश कुमार ,दीपक कुमार के साथ मंदिर निर्माण को लेकर साफ सफाई का काम कर थे। जिस पर विरोध करते हुए गोली चलाने लगा जहां गोली हमारे पैर में लगी। परिजनों ने इलाज के लिए हिलसा अनुमंडलीय अस्पताल में लाकर भर्ती कराया।

ख़बर लिखे जाने तक बेहतर इलाज हेतु डॉक्टर ने घायल युवक को पटना पीएमसीएच रेफर कर दिया। घटना के संबंध में चिकसौरा थाना अध्यक्ष चंद्रोदय दल बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर गोली मारने वाला एक मुख्य अपराधी कपलदेव प्रसाद के पुत्र जितेंद्र कुमार उर्फ मंगल को गिरफ्तार कर लिया। और पुलिस मामले की जांच पड़ताल मे जुटी है।

रिपोर्ट  -धनपत

आशा कर्मियों को सरकारी कर्मियों का दर्जा नहीं मिला तो पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर दिया जाएगा

 न्यूज़ डेस्क – बुधवार को  प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हिलसा में बिहार राज्य आशा संघ के बैनर तले आशा कर्मियों ने एक दिवसीय धरना दिया। धरना की अध्यक्षता करते हुए मीना देवी ने कहा कि आशा कर्मियों को सरकारी कर्मियों की तरह सभी प्रकार के कार्यों में लगाया जाता है। इसके बावजूद उन्हें सरकारी कर्मी का दर्जा प्राप्त नहीं है। स्वास्थ्य सेवाओं में अहम भूमिका निभाने वाले आशा कर्मियों के साथ केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि आशा कर्मियों को सरकारी कर्मियों का दर्जा यदि नहीं मिला तो पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को ठप कर दिया जाएगा। जिसकी सारी जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी। धरना के अंत में विभिन्न मांगों से संबंधित एक ज्ञापन प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को दिया गया। जिसमें पिछला बकाया भुगतान करने, 1000 से 2100 पेमेंट करने, सभी आशा कर्मचारियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने, सरकारी कर्मचारियों के अनुसार सरकारी छुट्टी देने, सरकारी बीमा का लाभ देने, विधानसभा चुनाव में किए गए ड्यूटी का पैसा भुगतान करने, समेत कई अन्य मांगे शामिल है। इस मौके पर रजनी कुमारी, सोनी कुमारी, विभा,सुनीता, किरण, प्रतिमा, पार्वती, ममता, अनीता, राधिका, माया, सुधा, बेबी, सरस्वती, सुशीला,रंजू, रिंकु,गौरी,ममता,अमीरीका, समेत सैकड़ों आशा कर्मी मौजूद थी।

विशेष संवाददाता हिलसा – धनपत

सोनपुर मेला आप जायें या न जायें मगर मेला के बारे में जानें जरुर कि क्या है इस मेले की ख़ासियत

न्यूज़ डेस्क –  सोनपुर मेला यह राजधानी पटना से 25 किलोमीटर और वैशाली के हाजीपुर शहर से 3 किलोमीटर दूर है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा (नवंबर-दिसंबर) में लगने वाला यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। यह मेला भले ही पशु मेला के नाम से विख्यात है, लेकिन इस मेले की खासियत यह है कि यहां सूई से लेकर हाथी{अब प्रतिबंध} तक की खरीदारी आप कर सकते हैं।

इससे भी बड़ी बात यह कि मॉल कल्चर के इस दौर में बदलते वक्त के साथ इस मेले के स्वरूप और रंग-ढंग में बदलाव जरूर आया है लेकिन इसकी सार्थकता आज भी बनी हुई है।

5-6 किलोमीटर के वृहद क्षेत्रफल में फैला यह मेला हरिहरक्षेत्र मेला और छत्तर मेला मेला के नाम से भी जाना जाता है। हर साल कार्तिक पूर्णिमा के स्नान के साथ यह मेला शुरू हो जाता है और एक महीने तक चलता है। यहां मेले से जुड़े तमाम आयोजन होते हैं।

इस मेले में कभी अफगान, इरान, इराक जैसे देशों के लोग पशुओं की खरीदारी करने आया करते थे। कहा जाता है कि चंद्रगुप्त मौर्य ने भी इसी मेले से बैल, घोड़े, हाथी और हथियारों की खरीदारी की थी।

1857 की लड़ाई के लिए बाबू वीर कुंवर सिंह ने भी यहीं से अरबी घोड़े, हाथी और हथियारों का संग्रह किया था। अब भी यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है। देश-विदेश के लोग अब भी इसके आकर्षण से बच नहीं पाते हैं और यहां खिंचे चले आते हैं।
पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के दो भक्त जय और विजय शापित होकर हाथी (गज) और मगरमच्छ (ग्राह) के रूप में धरती पर उत्पन्न हुए थे। एक दिन कोनहारा के तट पर जब गज पानी पीने आया था तो ग्राह ने उसे पकड़ लिया था। फिर गज ग्राह से छुटकारा पाने के लिए कई सालों तक लड़ता रहा। तब गज ने बड़े ही मार्मिक भाव से अपने हरि यानी विष्णु को याद किया।

तब कार्तिक पूर्णिमा के दिन विष्णु भगवान ने उपस्थित होकर सुदर्शन चक्र चलाकर उसे ग्राह से मुक्त किया और गज की जान बचाई। इस मौके पर सारे देवताओं ने यहां उपस्थित होकर जयजयकार की थी। लेकिन आज तक यह साफ नहीं हो पाया कि गज और ग्राह में कौन विजयी हुआ और कौन हारा।
इस स्थान के बारे में कई धर्मशास्त्रों में चर्चा की गई है। हिंदू धर्म के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन यहां स्नान करने से सौ गोदान का फल प्राप्त होता है। कहा तो यह भी जाता है कि कभी भगवान राम भी यहां पधारे थे और बाबा हरिहरनाथ की पूजा-अर्चना की थी।

इसी तरह सिख ग्रंथों में यह जिक्र है कि गुरु नानक यहां आए थे। बौद्ध धर्म के अनुसार अंतिम समय में भगवान बुद्ध इसी रास्ते कुशीनगर गए थे। जहां उनका महापरिनिर्वाण हुआ था। ऐसे और भी न जाने कितने इतिहास यह अपने आप में समेटे हुए है।

क्या खास है यहां-
सोनपुर की इस धरती पर हरिहरनाथ मंदिर दुनिया का इकलौता ऐसा मंदिर है जहां हरि (विष्णु) और हर (शिव) की एकीकृत मूर्ति है। इसके मंदिर के बारे में कहा जाता है कि कभी ब्रह्मा ने इसकी स्थापना की थी। इसके साथ ही संगम किनारे स्थित दक्षिणेश्वर काली की मूर्ति में शुंग काल का स्तंभ है। कुछ मूर्तियां तो गुप्त और पाल काल की भी हैं।

शराबबंदी के नए लक्ष्य निर्धारित – न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पीने देंगे – मुख्यमंत्री

न्यूज़ डेस्क –  मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ मेंवीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 घंटे तक मद्य निषेध के क्रियान्वयन से संबंधित उच्च स्तरीय मैराथन समीक्षा बैठक की। समीक्षा के दौरान पुलिस अधीक्षक मद्य निषेध ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रोविशन इनफोर्समेंट लीकर रिकवरी एंड डिस्ट्रक्शन, केस रजिस्टर्ड एंड अरेस्टिंग, कन्विक्शन, प्रोनिशन कॉल सेंटर, डिसिप्लिनरी एक्शन, प्रचार-प्रसार अभियान आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान पुलिस महानिदेशक श्री एस०के० सिंघल ने मुख्यमंत्री द्वारा पूछे गये शराबबंदी से जुड़े प्रश्नों का सिलसिलेवार जवाब दिया और आगे की जाने वाली कार्रवाईयों के संबंध में भी विस्तृत जानकारी दी।

अपर मुख्य सचिव, गृह श्री चैतन्य प्रसाद ने विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में अद्यतन जानकारी दी।

सभी जिलों के वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक ने अपने-अपने जिलों में मद्य निषेध के क्रियान्वयन के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जानकारी दी। • समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं की मांग पर 05 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू की गयी। विधानसभा और विधान परिषद् में सर्वसम्मति से शराबबंदी कानून परित किया गया। सभी विधान सभा एवं विधान परिषद् सदस्यों सहित सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शराबबंदी के पक्ष में शपथ ली थी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 से 2019 तक शराबबंदी के क्रियान्वयन की लगातार समीक्षा भी की गई है। उसके बाद कोरोना का दौर आया और उसमें भी शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर समय-समय पर समीक्षा की जाती रही है। 21 जनवरी 2017 को 04 करोड़ लोगों ने मानव श्रृंखला बनाकर शराबबंदी के पक्ष में अपना समर्थन दिया था। हाल ही में 05 नवंबर को शराबबंदी को लेकर भी समीक्षा बैठक हुई थी, जिसमें तय किया गया था कि 18 नवंबर को शराबबंदी के क्रियान्वयन के एक-एक बिंदु पर विस्तृत समीक्षा की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2016 में डब्ल्यूएचओ ने सर्वे कराया था, जिसमें बतायागया था कि शराब के सेवन से कितनी हानि होती है 20 से 39 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की पूरी दुनिया में जितनी मौतें होती है उसमें शराब पीने के कारण 13.5 प्रतिशत लोगों की मृत्यु होती है 2018 में पूरी दुनिया में शराब पीने के कारण 30 लाख लोगों की मृत्यु हुयी है जो कुल मृत्यु का 6.3 प्रतिशत है। इस रिपोर्ट में शराब पीने के कारण होने वाली कई गंभीर बीमारियों के बारे में बताया गया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी के कारण राज्य में अपराध की घटनाओं में और कमी आयी है। पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया गया है। उन सभी जनप्रतिनिधि महिलाओं, अन्य संस्थाओं एवं •जीविका के माध्यम से लोगों को शराब सेवन से होने वाली हानि के बारे में जागरूक किया जा रहा है, इस काम में और तेजी लायें मद्य निषेध को लेकर गांधी जी के विचारों का व्यापक प्रचार-प्रसार करें पेंटिंग, नुक्कड़ नाटक एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को शराब से होने वाली हानि के संबंध में जागरूक करें। शराब सेवन से छुटकारे के लिए अस्पतालों में बनाए गए नशामुक्ति केंद्र में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिन्हें जो जिम्मेदारी दी गई है वो पूरी मुस्तैदी एवं मनोयोग के साथ काम करें। न राज्य में शराब आने देंगे और न किसी को शराब पौने देंगे, इसी मानसिकता के साथ काम करें जो भी सरकारी अधिकारी, कर्मचारी गड़बड़ी करते हैं उन पर सख्त से सख्त कार्रवाई करें। समाज में कुछ गड़बड़ करने वाले लोग होते हैं। ज्यादातर लोग अच्छे होते हैं गड़बड़ करने वाले लोगों की पहचान कर उन पर ऐक्शन लें कोई भी व्यक्ति किसी से संबद्ध हो पूरी पारदर्शिता के साथ उन पर कार्रवाई करें। सभी लोगों पर नियमानुसार कार्रवाई किसी को बख्शना नहीं है। वास्तविक रूप से शराब के धंधे में लिप्त लोगों की गिरफ्तारी हर हालत में हो। पटना राजधानी है यहां विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 नवंबर को नशामुक्ति दिवस पर सभी सरकारी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को एक बार पुनः शराबबंदी को लेकर मजबूती से शपथ दिलाएं सभी मंत्रीगण, सभी विधायकगण, सभी विधान पार्षदगण सहित सभी जनप्रतिनिधि भी शपथ लें। उन्होंने कहा कि सभी को संकल्प लेकर शराबबंदी को कारगर बनाने के लिए एकजुट होकर काम करना है। उन्होंने कहा कि नीरा उपयोगी है। इसका न सिर्फ स्वाद अच्छा है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इससे लोगों की आमदनी भी बढ़ेगी और रोजगार भी मिलेगा। नीरा के उत्पादन को पुनः शुरू करायें सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत लाभार्थियों की सही पहचान कर उन्हें इसका लाभ दिलाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कॉल सेंटर में कॉल करने वाले लोगों की गोपनीयता बरकरार रखें और इसका बेहतर क्रियान्वयन करें शिकायतकर्ता की संतुष्टि और शिकायतों के निष्पादन के संबंध में पूरी तरह से एक्टिव रहें बिजली के पोल तथा ट्रांसफार्मर पर कॉल सेंटर का नंबर हर जगर अंकित होना चाहिए। बॉर्डर एरिया में शराब सप्लाई के फट्स की पहचान करें और लगातार ●छापेमारी करें। उन्हों कहा कि एण्डी०जी० आई०जी० / डी०आई०जी० स्तर के पदाधिकारी नियमित रूप से क्षेत्र भ्रमण कर निचले स्तर पर क्रियान्वयन का जायजा लें गृह विभाग तथा मद्य निषेध विभाग आंतरिक सतर्कता विंग की व्यवस्था करे ताकि विभागीय अधिकारियों/ कर्मियों पर भी नियमित नजर रखी जा सके 15 दिन में जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, उत्पाद अधीक्षक एवं लोक अभियोजक एक बार साथ बैठक कर शराबबंदी के क्रियान्वयन को लेकर अवश्य समीक्षा करें जिलों के प्रभारी मंत्री और प्रभारी सचिव महीने में एक बार जिलों के विकास कार्यों की समीक्षा करने के साथ-साथ शराबबंदी के क्रियान्वयन की भी समीक्षा करें। सभी थानों में चौकीदारों पर विशेष नजर रखें और उन्हें गांव में गड़बड़ी करने वालों की पूरी सूचना देने के लिए कहें। जिन थाना प्रभारियों के कार्य में शिथिलता पायी गई हैं उन्हें 10 वर्षों तक थाना प्रभारी नहीं बनाए जाने का निर्णय लिया गया था. इस पर पूरी सख्ती से अमल करें।मुख्यमंत्री ने कहा कि विधि व्यवस्था एवं अपराध नियंत्रण के लिए हर हालत में काम करना है साथ ही शराबबंदी के नियंत्रण के लिए भी उतनी ही मुस्तैदी के साथ काम करना है।

बैठक में उप मुख्यमंत्री श्री तारकिशोर प्रसाद, उप मुख्यमंत्री श्रीमती रेणु देवी, ऊर्जा सह योजना एवं विकास मंत्री श्री बिजेंद्र प्रसाद यादव, शिक्षा मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, मद्य निषेध उत्पाद एवं निबंधन मंत्री श्री सुनील कुमार, उद्योग मंत्री श्री शाहनवाज हुसैन, जल संसाधन मंत्री श्री संजय झा, भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक कुमार चौधरी, ग्रामीण विकास मंत्री श्री श्रवण कुमार, स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडे, समाज कल्याण मंत्री श्री मदन सहनी, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री सुमित कुमार सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री श्री जमां खान, पथ निर्माण मंत्री श्री नितिन नवीन, खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्रीमती लेशी सिंह, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री श्री रामप्रीत पासवान, पर्यटन मंत्री श्री नारायण प्रसाद, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री श्री मुकेश सहनी, लघु जल संसाधन मंत्री श्री संतोष कुमार सुमन, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री जयंत चौधरी, परिवहन मंत्री श्रीमती शीला कुमारी, कृषि मंत्री श्री अमरेंद्र प्रताप सिंह, खान एवं भूतत्व मंत्री श्री जनक राम, कला संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री श्री आलोक रंजन, श्रम संसाधन-सह- सूचना एवं प्रावैधिकी मंत्री श्री जीवेश कुमार, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री राम सूरत कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री त्रिपुरारी शरण, पुलिस महानिदेशक श्री एस0के0 सिंघल, विकास आयुक्त श्री आमिर सुबहानी, अपर मुख्य सचिव गृह श्री चैतन्य प्रसाद मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री चंचल कुमार, अ पुलिस महानिदेशक लॉ एंड ऑर्डर श्री विनय कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, मुख्यालय श्री जे०एस० गंगवार, अपर पुलिस महानिदेशक, स्पेशल ब्रांच श्री सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, उत्पाद आयुक्त श्री बी० कार्तिकेय धनजी विशेष सचिव गृह श्री विकास वैभव, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अन्य मंत्रीगण, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, संबंधित विभागों के अन्य वरीय अधिकारी, रेंज के पुलिस महानिरीक्षक / पुलिस उप महानिरीक्षक, जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक जुड़े हुए थे।

कोरोना काल में बिहार में 8.71 करोड़ लोगों को 22,800 करोड़ रूपए के 58.81 लाख मैट्रिक टन अनाज का हुआ वितरण : अश्वनी चौबे चौबे

न्यूज़ डेस्क –   केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि कोरोना काल में बिहार में 8.71 करोड़ लोगों को 22,800 करोड़ रूपए के 58.81 लाख मैट्रिक टन अनाज का वितरण हुआ वही देशभर में 80 करोड़ लोगों 565 लाख मैट्रिक टन अनाज वितरित हुआ।

श्री चौबे आज हाजीपुर में आयोजित “आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम” में गरीबों के बीच अनाज वितरण के दौरान अपने संबोधन में ये बातें कही। इस अवसर पर एफ. सी. आई के महाप्रबंधक संजीव भदानी, उपमहाप्रबंधक आनंद कुमार, लालगंज विधायक संजय सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि खाद आपूर्ति एवं जन वितरण विभाग, भारत सरकार खाद्य सुरक्षा प्रतिष्ठित सप्ताह मना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत सरकार आज खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और 130 करोड़ के जनतंत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत है। इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप कोरोना महामारी के बावजूद किसान भाइयों से जहां रिकॉर्ड खरीद हुई वहीं देश के 80 करोड़ जनता के बीच अभूतपूर्व परिमाण में अनाज वितरित भी हुआ। योजना के अंतर्गत 15 महीनों के लिए प्रत्येक लाभुकों को प्रतिमाह मुफ्त 5 किलोग्राम गेहूं चावल आवंटित किया गया।

राज्यों के खाद्य रूचि के अनुसार अनाज का अनुपात निश्चित किया गया। बिहार राज्य में 2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल दिया गया वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में 5 किलो चावल ही दिया गया। इस योजना में 15 महीनों के लिए कुल 565 लाख मीट्रिक टन आवंटित हुआ। आवंटित अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरे भारतवर्ष में भारतीय खाद्य निगम के कर्मियों ने लगभग छह लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का परिचालन किया। बिहार क्षेत्र में 22800 करोड रुपए के अनाज मंगवा कर आम जनता को वितरण किया गया जिसका लाभ 8.71 करोड़ जनता को प्राप्त हुआ। वैशाली जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लगभग 2.8 मीटर खाद्यान्न का वितरण किया।

श्री चौबे ने कहा कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आत्म निर्भर भारत का स्वप्न करने के लिए संकल्प है। देश की 60% से अधिक जनता कृषि पर आधारित है। आत्मनिर्भर भारत के लिए किसानों का विकास महत्वपूर्ण है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ढेरों कदम उठा रही है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट के अनुसार लागत के डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी हो रही है बिचौलियों एवं फर्जीवाड़ा बंद करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी की सीधी खरीद की जा रही है एवं उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे पैसे भेजे जा रहे हैं ताकि समर्थन मूल्य के लाभ किसानों को मिल सके। हजारों अन्नदाता साहूकारी प्रणाली से मुक्ति पा रहे हैं। हम रिकॉर्ड रिकॉर्ड खरीदारी कर रहे हैं। वर्ष 2021 में भारत सरकार ने बिहार सरकार के साथ निश्चय किया है कि यहां 30 लाख मैट्रिक टन चावल की अधिप्राप्ति की जाएगी जिससे यहां की कुल वार्षिक आवंटन को पूरा किया जा सकेगा और बिहार आत्मनिर्भर बन पाएगा। खाद्य सुरक्षा को और सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में यह मंत्रालय सभी राज्यों के सहयोग से एक देश एक राशन कार्ड (वन नेशन वन राशन कार्ड) योजना पर भी तेजी से काम कर रहा है जिससे कोई भी लाभुक किसी भी परिस्थिति में अपने हक से वंचित से ना हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार करने के लिए और सारे राज्यों को इस मुहिम में जोड़ते हुए एक देश एक एम एस पी, एक डी बी टी और एक राशन कार्ड की तरफ तेजी से अग्रसर हो रहे हैं।

श्री चौबे ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ हम पौष्टिकता सुरक्षा की भी गारंटी दे रहे हैं जिसके लिए प्रधानमंत्री ने लाल किले के प्राचीर से संबोधित करते हुए 2024 तक सभी लाभकारी योजनाओं के तहत फोर्टीफाइड राइस का वितरण करने का संकल्प लिया है। वर्तमान में हम फोर्टीफाइड मिड डे मील स्कीम तथा आंगनबाड़ी के तहत आईसीडीएस स्कीम में बिहार के सभी जिलों में प्रदान कर रहे हैं। इससे माताओं एवं बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि खाद सुरक्षा को प्रबल करने के लिए बिहार में भारतीय खाद्य निगम की भंडारण क्षमता 2015 में जो 5.5 मैट्रिक टन बढ़कर 2020 में 10.5 कर दिया गया है। भंडारण में हम आधुनिक करण की ओर बढ़ रहे हैं। भारत के पहले राइस साइलो गोदाम कैमूर और बक्सर में बनाए जा रहे हैं जिसे अगले एक वर्ष के अंदर चालन में लाया जाएगा। इसके अतिरिक्त बिहार राज्य में 13 लाख मैट्रिक टन गोदाम के निर्माण हेतु अनुमति प्रदान कर दिया गया है। अखिल भारतीय स्तर पर 108 लाख मैट्रिक टन निर्माण के लिए अनुमति दे दी गई है। मोदी सरकार से इन निर्णयों से अभूतपूर्व विकास हो रहा है।