“जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वे लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं”- नरेन्द्र मोदी

न्यूज़ डेस्क –   नरेन्द्र मोदी आज संसद में संविधान दिवस समारोह में शामिल हुए। इस कार्यक्रम को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष ने संबोधित किया।  राष्ट्रपति ने अपने भाषण के बाद, संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा जिसका लाइव प्रसारण किया गया। माननीय राष्ट्रपति ने संविधान सभा वाद-विवाद का डिजिटल संस्करण, भारत के संविधान की सुलेखित प्रति का डिजिटल संस्करण और भारत के संविधान के अद्यतन संस्करण का विमोचन किया जिसमें अब तक के सभी संशोधन शामिल हैं। उन्होंने ‘संवैधानिक लोकतंत्र पर ऑनलाइन क्विज’ का भी उद्घाटन किया।

प्रधानमंत्री ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिवस बाबासाहेब अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, बापू जैसे दुरंदेशी महानुभावों और उन सभी लोगों का नमन करने का है जिन्होंने आजादी की लड़ाई में बलिदान दिए। आज का दिवस इस सदन को नमन करने का है। उन्होंने कहा कि ऐसे दिग्गजों के नेतृत्व में बहुत मंथन और चर्चा के बाद हमारे संविधान का अमृत उभरा। प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि आज लोकतंत्र के इस सदन को भी नमन करने का दिन है। प्रधानमंत्री ने 26/11 के शहीदों को भी श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा, “आज 26/11 हमारे लिए एक ऐसा दुखद दिवस है, जब देश के दुश्मनों ने देश के भीतर आकर मुंबई में आतंकवादी घटना को अंजाम दिया। देश के वीर जवानों ने आतंकवादियों से लोहा लेते हुए अपना जीवन बलिदान कर दिया।आज उन बलिदानियों को भी नमन करता हूं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा संविधान सिर्फ अनेक धाराओं का संग्रह नहीं है, हमारा संविधान सहस्त्रों वर्ष की महान परंपरा, अखंड धारा उस धारा की आधुनिक अभिव्यक्ति है। उन्होंने कहा कि इस संविधान दिवस को इसलिए भी मनाना चाहिए, क्योंकि यह हमें इस बात का मूल्याकंन करने का अवसर देता है कि हमारा जो रास्ता है, वह सही है या नहीं है।

प्रधानमंत्री ने संविधान दिवस मनाने के पीछे छिपी भावना के बारे में बताते हुए कहा, “बाबासाहेब अम्बेडकर की 125वीं जयंती थी, हम सबको लगा इससे बड़ा पवित्र अवसर क्या हो सकता है कि बाबासाहेब अम्बेडकर ने जो इस देश को जो नजराना दिया है, उसको हम हमेशा एक स्मृति ग्रंथ के रूप में याद करते रहें।” उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस की परंपरा की स्थापना के साथ-साथ उसी समय 26 नवंबर को भी ‘संविधान दिवस’ के रूप में स्थापित कर दिया जाता।

प्रधानमंत्री ने कहा कि परिवार आधारित पार्टियों के रूप में भारत एक तरह के संकट की तरफ बढ़ रहा है। उन्होंने कहा, “भारत एक ऐसे संकट की ओर बढ़ रहा है, जो संविधान को समर्पित लोगों के लिए चिंता का विषय है, लोकतंत्र के प्रति आस्था रखने वालों के लिए चिंता का विषय है और वह है पारिवारिक पार्टियां।” प्रधानमंत्री ने कहा, “योग्यता के आधार पर एक परिवार से एक से अधिक लोग जाएं, इससे पार्टी परिवारवादी नहीं बन जाती है। समस्या तब आती है जब एक पार्टी पीढ़ी दर पीढ़ी एक ही परिवार द्वारा चलायी जाती है।” उन्होंने कहा कि संविधान की भावना को भी चोट पहुंची है, संविधान की एक-एक धारा को भी चोट पहुंची है, जब राजनीतिक दल अपने आप में अपना लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो देते हैं। श्री मोदी ने सवाल किया, “जो दल स्वयं लोकतांत्रिक कैरेक्टर खो चुके हों, वो लोकतंत्र की रक्षा कैसे कर सकते हैं।”

प्रधानमंत्री ने दोषी भ्रष्ट लोगों को भूलने और उनका महिमामंडन करने की प्रवृत्ति को लेकर भी आगाह किया। उन्होंने कहा कि हमें सुधार का अवसर देते हुए ऐसे लोगों को सार्वजनिक जीवन में महिमामंडित करने से बचना चाहिए।

प्रधानमंत्री ने कहा कि महात्मा गांधी ने आजादी के आंदोलन में आधिकारों को लिए लड़ते हुए भी, कर्तव्यों के लिए तैयार करने की कोशिश की थी। उन्होंने आखिर में कहा, “अच्छा होता अगर देश के आजाद होने के बाद कर्तव्य पर बल दिया गया होता। आजादी के अमृत महोत्सव में हमारे लिए आवश्यक है कि कर्तव्य के पथ पर आगे बढ़ें ताकि अधिकारों की रक्षा हो।”

बिहार में खाद्य भंडारण क्षमता 10.50लाख मेट्रिक टन) हो गया जो 2015 में 5.5 LMT था- अश्विनी कुमार चौबे

न्यूज़ डेस्क –  केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आम लोगों की खाद्य सुरक्षा, किसानों के अत्यधिक कल्याण और आत्मनिर्भर भारत के लिए हमारी सरकार संकल्पित है। इसके लिए सभी महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके अंतर्गत हम देख रहे हैं कि बिहार में खाद्य भंडारण क्षमता 10.50LMT (लाख मेट्रिक टन) हो गया जो 2015 में 5.5 LMT था। राज्य में 13 लाख मेट्रिक टन साइलो गोदाम निर्माण की अनुमति मिली है। स्वामीनाथन कमिटी लागू कर हम लागत के डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य MSP तय कर खरीददारी कर रहे है। वर्ष 2024 तक सभी लाभकारी योजनाओं के तहत फोर्टीफाइड राइस का वितरण किया जाएगा। वर्ष 2021–22 में केंद्र सरकार ने बिहार सरकार के साथ मिलकर 30 लाख मेट्रिक टन चावल अधिप्राप्ति का लक्ष्य रखा है,जिससे किसानों के कल्याण और आत्मनिर्भर बिहार बनाने की मुहिम में बल मिलेगा।

श्री चौबे आज आज़ादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत खाद्य आपूर्ति एवं जन वितरण विभाग (DFPD), भारत सरकार के 15 से 21 नवंबर तक चले खाद्य सुरक्षा प्रतिष्ठित सप्ताह कार्यक्रम में पटना के अधिवेशन भवन में मुख्य अतिथि के तौर पर बोल रहे थे।

अश्विनी चौबे ने कहा कि प्रधान मंत्री मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत सरकार आज खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और 138 करोड़ के इस जनतंत्र को सशक्त अन्नतंत्र बनाने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है l इन्ही प्रयासों के फलस्वरूप कोरोना महामारी के बावजूद किसान भाइयों से जहाँ रिकॉर्ड खरीद हुई, वहीं देश के 80 करोड़ जनता के बीच अभूतपूर्व परिमाण में खाद्यान्न वितरित भी हुए।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (PMGKAY) के अंतर्गत कुल 15 महीने के लिए प्रत्येक लाभुक को प्रति माह 5 किलोग्राम गेंहू या चावल बिलकुल मुफ्त में देने के लिए आवंटित किया गयाl राज्य के खाद्य रूचि के अनुसार, खाद्यान्न का अनुपात तय किया गयाl जहाँ बिहार में 2 किलो गेंहू और 3 किलो चावल दिया गया वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में 5किलो चावल ही दिया गया l

इस योजना में लगभग 80 करोड़ लाभुकों के लिए इन 15 महीनों ले लिए कुल 596 लाख मेट्रिक टन अनाज आबंटित हुआ है । इस आबंटित अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरे भारतवर्ष में भारतीय खाद्य निगम के कर्मियों ने लगभग 600 लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का परिचालन किया । बिहार क्षेत्र में कोविड-19 के दौरान 58.81 लाख मैट्रिक टन (कुल आर्थिक मूल्य लगभग 22,800/- करोड़ रूपये) अनाज मंगवा कर आम जनता को वितरित किया गया है, जिसका लाभ 8.71 करोड़ जनता को प्राप्त हुआ है।

चूँकि देश की 60% से अधिक जनता कृषि पर आधारित है, आत्मनिर्भर भारत के लिए किसानों का विकास महत्वपूर्ण है। इसीलिए माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में किसानो की आय दुगुनी करने के लिए यह सरकार ढेरों कदम उठा रही है। स्वामीनाथन कमिटी के रिपोर्ट के अनुसार लागत के डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य [MSP] तय हो रहा है।

बिचौलियों एवं फर्जी किसानो से खरीद बंद करने के लिए सूचना एवं प्रद्योगिकी की मदद से किसानो से सीधे खरीद की जा रही है एवं DBT के माध्यम से सीधे उनके खाते में पैसे भेजे जा रहे हैं। फलस्वरूप हजारों अन्नदाता सैकड़ों वर्षों के साहूकार प्रणाली के ऋण चक्र से बाहर आ पा रहे हैं।भारत सरकार रिकॉर्ड MSP पर रिकॉर्ड खरीद कर रही है।

धान की खरीद KMS [खरीफ मार्केटिंग सीजन] 2014-15 में 423 लाख मेट्रिक टन से KMS 2020-21 में 894 लाख मेट्रिक टन हो गयी है । गेहूँ की खरीद RMS 2014-15 [रबी मार्केटिंग सीजन] में 281 लाख मेट्रिक टन से RMS 2021-22 में 433 लाख मेट्रिक टन हो गयी है।

बिहार सरकार ने KMS 20-21 में 23.84 लाख मैट्रिक टन चावल की अधिप्राप्ति किया तथा RMS 21- 22 में 4.55 LMT (लाख मेट्रिक टन) गेहूँ का अधिप्राप्ति किया गया। इसके फलस्वरूप बिहार राज्य में KMS 20-21 में चावल अधिप्राप्ति में करीब 5 लाख किसानों को लगभग 6,648 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया तथा RMS 21-22 में गेंहू अधिप्राप्ति में करीब 1 लाख किसानों को लगभग 900 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है।

वर्ष 21 – 22 में भारत सरकार ने बिहार सरकार के साथ निश्चय किया है कि यहां पर कुल 30LMT (तीस लाख मेट्रिक टन) चावल की अधिप्राप्ति की जाएगी,जिससे यहां के कुल वार्षिक आबंटन को पूरा किया जा सकेगा और बिहार आत्मनिर्भर बन पायेगा।

खाद्य सुरक्षा को और सशक्त बनाने के लिए प्रधान मंत्री जी के नेतृत्व में यह मंत्रालय सभी राज्यों के सहयोग से एक देश एक राशन कार्ड [One Nation One Ration Card] योजना पर भी तेजी से काम कर रहा है, ताकि कोई भी लाभुक किसी भी परिस्थिति में अपने हक से वंचित न हो। प्रधान मंत्री के एक भारत, श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार करने के लिए और सारे राज्यों को इस मुहिम में जोड़ते हुए हम एक देश, एक MSP, एक DBT और एक राशन कार्ड की तरफ तेज़ी से अग्रसर हो रहे हैं ।

भारत सरकार खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ पौष्टिकता सुरक्षा की भी गारंटी दे रही है,जिसके लिए माननीय प्रधानमंत्री ने लाल किले के प्राचीर से संबोधित करते हुए 2024 तक सभी लाभकारी योजनाओं के तहत फोर्टीफाइड राइस का वितरण करने का संकल्प लिया है। वर्तमान में भारत सरकार मिड डे मील स्कीम तथा आंगनबाड़ी के तहत आईसीडीएस स्कीम में बिहार के सभी जिलों को फोर्टीफाइड राइस दे रही है। इससे माताओं एवं बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचाया जा रहा है।

खाद्य सुरक्षा को प्रबल करने के लिए बिहार राज्य में भारतीय खाद्य निगम की भंडारण क्षमता को, जो कि 2015 में लगभग 5.50 LMT(लाख मेट्रिक टन) थी, बढ़ाकर अब 2020-21 में 10.50LMT (लाख मेट्रिक टन) कर दिया गया है। भारत के पहले राइस साइलो कैमूर और बक्सर में बनाये जा रहे हैं, जिसे अगले 1 वर्ष के अंदर चलन में लाया जाएगा।

इसके अलावा बिहार राज्य में 13.00 LMT(लाख मेट्रिक टन) क्षमता के साइलो के निर्माण हेतु अनुमति प्रदान कर दिया गया है l अखिल भारतीय स्तर पर 108 लाख मेट्रिक टन साइलो के निर्माण के लिए अनुमति दे दी गयी है,जिससे देश खाद्यान भण्डारण में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने अमर स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को याद करते हुए कहा कि आज के दिन हम भगवान बिरसा मुंडा को भी याद करते हैं जिन्हें हमारे झारखंड राज्य के भाई प्यार से “धरती आबा” के नाम से याद करते हैं । इन्होंने 1895 में हजारीबाग में अकाल ग्रस्त लोगों की पूरे तनमन और धन से सेवा की तथा स्थानीय जनजातीय लोगों को आजादी के प्रति जागरूक किया था। इन्होंने अंग्रेजी सेना को 1898 में हराया । इसके पश्चात उन्हें जेल हो गयी तथा 1900 में मृत्यु हो गई । आज हम उन्हें भगवान के रूप में याद करते हैं तथा भारत सरकार ने उनके देश के प्रति त्याग और बलिदान को सम्मानित करते हुए बिरसा मुंडा की जयंती,15 नवंबर को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।

“आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम” के तहत खाद्य सुरक्षा प्रतिष्ठित सप्ताह कार्यक्रम का शुभारंभ केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया I इस कार्यक्रम में पूर्व केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव, बिहार की खाद्य आपूर्ति मंत्री लेसी सिंह, विधायक संजीव चौरसिया, कार्यकारी निदेशक (पूर्वी अंचल) डॉ. अजित कुमार सिन्हा, आंचलिक कार्यालय (पूर्व) एवं महाप्रबंधक (क्षेत्र) संजीव कुमार भदानी उपस्थित थे l

केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने चांगसारी (असम) में 50 हजार मेट्रिक टन का क्षमता का साइलो गोदाम राष्ट्र को समर्पित किया

 न्यूज़ डेस्क –  केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने आज चांगसारी (असम) में 50 हजार मेट्रिक टन का क्षमता का साइलो गोदाम राष्ट्र को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का “उत्तर पूर्वी राज्यों को विशेष सुविधा देने और भडारंण कमी (gap) को पूरा करने के कार्यक्रम” के तहत यह हुआ है।

इस कार्यक्रम में असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा सहित एफसीआई के वरीय अधिकारियों और राज्य खाद्य आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की भी उपस्थिति रही।

साइलो गोदाम राष्ट्र को समर्पित करने के बाद संबोधन में केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के 135 करोड़ लोगों के खाद्य सुरक्षा के प्रति सर्वाधिक जागरूक कराते हुए लगातार प्रयास करते रहे हैं। इन्हीं प्रयासों के फलस्वरुप कोविड महामारी की विषमताओं के बावजूद हम ना सिर्फ देश के लगभग 80 करोड़ जनता में उनके नॉर्मल आवंटन अनुसार खाद्य आपूर्ति करते रहे बल्कि जनता को राहत पहुंचाने के लिए प्रति लाभुक 15 माह के लिए अतिरिक्त 5 किलो खाद्यान्न बिल्कुल मुफ्त देने के लिए आवंटन किया I इस योजना के अंतर्गत 596 लाख मेट्रिक टन अतिरिक्त खाद्यान्न आवंटित किया गया I

उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा को और प्रबल करने के लिए देश के प्रत्येक राज्यों में भंडारण गैप (gap) की गणना अनुसार आगारो का निर्माण किया जा रहा है ताकि एक निश्चित परिमाण में खाद्यान्न उपलब्ध रहे I खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए थोक खाद्यान्न भंडारण सुनिश्चित करने के लिए पूर्वोत्तर राज्यों के लिए भंडारण गैप(gap) की गणना के मानदंड चार महीने के बजाय छह महीने तक बढ़ा दिए गए हैं। इसी क्रम में असम राज्य में भी भारतीय खाद्य निगम की भंडारण क्षमता 2015 में जो लगभग 3.18 LMT(लाख मीट्रिक टन) थी जो बढ़कर अब 2020-21 में 5.34 LMT (लाख मीट्रिक टन) कर दिया है l

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भण्डारण में हम आधुनिकरण की तरफ बढ़ रहे हैं । इसके लिए हम हब और स्पोक माडल पर साईलो का निर्माण करने वाले हैंI अखिल भारतीय स्तर पर 108 लाख मीट्रिक टन साइलो के निर्माण के लिए अनुमति दे दी गयी है l इसी के अंतर्गतचांगसारी में हमने 50 हजार मेट्रिक टन का साइलो गोदाम आज राष्ट्र को समर्पित किया है। यह राज्य एवं आस-पास के क्षेत्रों और राज्यों में भडारंण कमी (gap) को पूरा करने के लिए अच्छी संबंद्धता के साथ रणनीतिक रूप से स्थित है। असम उत्तर-पूर्वी राज्यों के प्रवेश द्वार(gateway) के रूप में कार्य करेगा।
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CISF जैसे बल ’एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के सपने को साकार करने और ’विविधता में एकता’ के बड़े उदाहरण हैं -नित्यानंद राय

न्यूज़ डेस्क –  केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री  नित्यानंद राय ने आज दिल्ली के द्वारका में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के पारिवारिक आवास परिसर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर गृह मंत्रालय और CISF के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल कर्मी और उनके परिजन भी उपस्थित थे।

अपने सम्बोधन में केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय, केन्द्रीय पुलिस बलों के लिए बहुत सारे कल्याणकारी कार्य कर रहा है और आज का कार्यक्रम भी उसी कड़ी का हिस्सा है। केन्द्रीय औधोगिक सुरक्षा बल सदस्यों के लिए इस पारिवारिक आवासीय परिसर में 768 नये आवासों का निर्माण किया गया है। परिसर में केन्द्रीय पुलिस कल्याण भण्डार, बहु-कौशल केन्द्र, व्यायायाम शाला, शिशु-सदन (क्रेच) और चिकित्सा केन्द्र भी बनाये गए है। श्री राय ने कहा कि इस पारिवारिक आवास केन्द्र के उपलब्ध होने से CISF और दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन (DMRC) बल सदस्य और उनके परिजन आरामदायक तरीके से रह सकेगें और इससे उनका मनोबल और कार्यक्षमता बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

 नित्यानंद राय ने कहा कि CISF देश का एक अग्रणी केन्द्रीय पुलिस बल है। यह बल, देश के महत्वपूर्ण औद्योगिक प्रतिष्ठानों, सरकारी भवनों, एयरपोर्ट, बन्दरगाह, परमाणु उर्जा संयत्र, अंतरिक्ष अनुसंधान केन्द्र, एनटीपीसी, बडे़ स्टील सयंत्र, महत्वपूर्ण बांधों और कोयला एवं अन्य खनिज पदार्थ की खदानों के साथ ही महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा भी सुनिश्चित कर रहा है। उन्होने कहा कि CISF की बहुमुखी प्रतिभा इससे भी प्रकट होती है कि वह देश के बाहर भी भारत के 10 दूतावासों और मिशन पर सुरक्षा प्रदान कर रहा है। यह बल, संयुक्त राष्ट्र मिशन में लगातार अपना योगदान देता रहा है और उसके कार्यों की सभी ने लगातार सराहना की है।

गृह राज्य मंत्री ने कहा कि CISF की DMRC इकाई, दिल्ली के अतिरिक्त फरीदाबाद, गुरुग्राम, बहादुरगढ़, गाजियाबाद और नोएडा में भी मेट्रो स्टेशनों पर सुरक्षा सुनिश्चित किए हुए है, जिसमें औसतन 35 लाख यात्री प्रतिदिन सफर करते है। CISF के अधिकारी और कर्मियों की मेहनत की बदौलत महिला यात्रियों को विशेषकर एक सुरक्षित वातावरण उपलब्ध होता है।

 नित्यानंद राय ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व और गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के मार्गदर्शन में गृह मंत्रालय, सभी केन्द्रीय पुलिस बलों के पारिवारिक आवास और बैरक सहित सभी आवश्यकताओं को प्राथमिकता देता रहा है। इस पहल के अंतर्गत दिल्ली मेट्रो में तैनात लगभग 13,000 बल सदस्यों के लिए 22 स्थानों पर बैरक आवास उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही बवाना, नरेला, कोशाम्बी, रोहिणी सेक्टर-34, सिरसपुर और बापरोला में पारिवारिक आवास की सुविधा भी दी गई है। उन्होने कहा कि दिल्ली में 2500 बल सदस्यो के एकल आवास निर्माण का कार्य प्रगति पर है। इन आवासों के उन्नयन/परिवर्तन के लिए गृह मंत्रालय द्वारा 133.08 करोड़ रूपये की राशि प्रदान की गई है।

केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री ने कहा कि CISF/DMRC दिल्ली के लिए 71 करोड़ रूपये की लागत से 10 भवनों का निर्माण, 104 करोड़ रूपये की लागत से गुरूग्राम में जमीन अधिग्रहण और 261 करोड़ रूपये की लागत से गाजियाबाद में आवासीय/कार्यालय परिसर तथा प्रशिक्षण सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। उन्होने कहा कि इन संसाधनों के उपलब्ध हो जाने के बाद हमारे मेहनतकश बल सदस्य उत्साह के साथ अपने कर्तव्य का और अच्छी तरह से निर्वाहन कर सकेगें और उनके परिजन सुखपूर्वक रह सकेगें।

गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने कहा कि केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल अपने परिभाषित कर्तव्य के अतिरिक्त अन्य कई प्रकार की गतिविधियों के माध्यम से देश को अपनी सेवा प्रदान कर रहा है। इसी संदर्भ में केऔसुब ने वृक्षारोपण अभियान के तहत इस वर्ष गृह मंत्रालय द्वारा दिये गये 5 लाख वृक्षारोपण के लक्ष्य के विपरीत लगभग 8 लाख वृक्षों का रोपण किया है। केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव के तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रव्यापी साईकिल रैली के दौरान बल सदस्यों ने कुल 5466 किलोमीटर दूरी तय करते हुये इसमें महत्वपूर्ण योगदान दिया। कोरोना महामारी के दौरान फ्रन्टलाईन योद्धा के रूप में भी CISF ने अहम भूमिका निभाई ।

‘‘ड्रोन सेक्टर में प्रचुर अवसर’’: पीयूष गोयल,केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री

न्यूज़ डेस्क –  केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण तथा कपड़ा मंत्री श्री पीयूष गोयल ने कहा कि विभिन्न सेक्टरों में सरकार द्वारा घोषित कई उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं ने कोविड के बाद के समय में औद्योगिक तथा आर्थिक सुधार को प्रेरित किया है।

स्थानीय मूल्य वर्धन और निर्यात पर संचालन समिति (स्केल) की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि केंद्र द्वारा घोषित विभिन्न पीएलआई को लेकर उद्योग का बहुत सकारात्मक फीडबैक रहा है। उल्लेखनीय है कि कपड़ा, ऑटोमोटिव तथा व्हाइट गुड्स सेक्टर में इनमें से कुछ पीएलआई ने पहले ही अधिक वृद्धि को प्रोत्साहित करना आरंभ कर दिया है।

1.3 ट्रिलियन डॉलर के वैश्विक ऑटो कंपोनेंट व्यापार में भारत का हिस्सा 15 बिलियन डॉलर का है। सरकार का लक्ष्य 2026 तक ऑटो कंपोनेंट के निर्यात को दोगुना कर 30 बिलियन डॉलर तक पहुंचाने का है।

प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने तथा प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन को साकार करने के लिए भारतीय उद्योगों की अप्रयुक्त क्षमता का लाभ उठाने के तरीकों पर विचार करते हुए, श्री गोयल ने सभी हितधारकों को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले उत्पादों तथा परीक्षण के लिए विश्व स्तरीय प्रयोगशालाओं की अपील की क्योंकि भारत एक अभूतपूर्व वैश्विक व्यापार पटल पर उभर रहा है।

हमारे फैक्टरी उत्पादों को वैश्विक बाजारों में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लॉजिस्टिक्‍स लागतों में कमी लाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए, उन्होंने राज्य विशिष्ट अक्षमताओं को कम करने की अपील की। श्री गोयल ने पीएलआई प्रेरित विनिर्माण विकास का लाभ उठाने के लिए राज्यों से श्रम कानूनों में उपयुक्त संशोधन करने का भी आग्रह किया। उन्होंने टिप्पणी कि ‘‘व्यवसाय करने की लागत का राज्य-वार आकलन किए जाने की आवश्यकता है।’’

श्री गोयल ने उद्योगपतियों से निम्न श्रम लागतों का लाभ उठाने भारत के विशाल परिमाण तथा जनसांख्यिकीय लाभांश का फायदा उठाने की अपील की। यह इंगित करते हुए कि कोई भी देश सभी सेक्टरों में अच्छा नहीं हो सकता, श्री गोयल ने कहा कि भारत को उत्कृष्ट तथा विशिष्ट क्षेत्रों का चयन करना चाहिए तथा उसमें अच्छा प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने कहा ‘‘प्रमुख क्षेत्रों में तुलनात्मक लागत का लाभ उठायें।’’

श्री गोयल ने विनिर्माण क्षेत्र में मजबूत वृद्धि अर्जित करने के लिए सुधार के चार फोकस क्षेत्रों की पहचान की। इन क्षेत्रों में भूमि, कौशल विकास, सरकार एवं उद्योग साझीदारी तथा मॉडल श्रम कानूनों का अनुपालन शामिल है।

उद्योग को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण तथा चिप विनिर्माण के स्वदेशीकरण के लिए प्रोत्साहित करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि नए सेक्टरों में काफी संभावनाएं उभर कर सामने आ रही हैं। ड्रोन जैसे उत्कृष्ट सेक्टर के विकास के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा उचित विनियमनों पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ड्रोन क्षेत्र में असीम संभावनाएं हैं। ‘‘उन्होंने इलेक्ट्रोनिक्स उद्योग से टीवी विनिर्माण में स्थानीय मूल्य वर्धन को वर्तमान 28 प्रतिशत से बढ़ाकर 43.7 प्रतिशत करने की अपील की और कहा कि सेट टॉप बॉक्स (एसटीबी), सीसीटीवी, मोबाइल हैंडसेट तथा टेलीविजन विनिर्माताओं को योजनाएं बनानी चाहिए कि किस प्रकार स्थानीयकरण हासिल किया जा सकता है।

श्री गोयल ने एयर कंडीशनर विनिर्माताओं की बहुत हद तक स्थानीयकरण अर्जित करने एवं सीएफएल-फ्री कूलिंग टेक्नोलॉजी की ओर रुख करने के लिए भी सराहना की। ऑटोमोबाइल सेक्टर में स्वच्छ ऊर्जा की ओर रुख करने को लेकर श्री गोयल ने चुंबकों एवं इलेक्ट्रिक मोटर्स के स्वदेशी उत्पादन में तेजी लाने पर जोर दिया।

कोरोना काल में बिहार में 8.71 करोड़ लोगों को 22,800 करोड़ रूपए के 58.81 लाख मैट्रिक टन अनाज का हुआ वितरण : अश्वनी चौबे चौबे

न्यूज़ डेस्क –   केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि कोरोना काल में बिहार में 8.71 करोड़ लोगों को 22,800 करोड़ रूपए के 58.81 लाख मैट्रिक टन अनाज का वितरण हुआ वही देशभर में 80 करोड़ लोगों 565 लाख मैट्रिक टन अनाज वितरित हुआ।

श्री चौबे आज हाजीपुर में आयोजित “आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम” में गरीबों के बीच अनाज वितरण के दौरान अपने संबोधन में ये बातें कही। इस अवसर पर एफ. सी. आई के महाप्रबंधक संजीव भदानी, उपमहाप्रबंधक आनंद कुमार, लालगंज विधायक संजय सिंह सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि खाद आपूर्ति एवं जन वितरण विभाग, भारत सरकार खाद्य सुरक्षा प्रतिष्ठित सप्ताह मना रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में भारत सरकार आज खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने और 130 करोड़ के जनतंत्र को सशक्त बनाने के लिए प्रयासरत है। इन्हीं प्रयासों के फलस्वरूप कोरोना महामारी के बावजूद किसान भाइयों से जहां रिकॉर्ड खरीद हुई वहीं देश के 80 करोड़ जनता के बीच अभूतपूर्व परिमाण में अनाज वितरित भी हुआ। योजना के अंतर्गत 15 महीनों के लिए प्रत्येक लाभुकों को प्रतिमाह मुफ्त 5 किलोग्राम गेहूं चावल आवंटित किया गया।

राज्यों के खाद्य रूचि के अनुसार अनाज का अनुपात निश्चित किया गया। बिहार राज्य में 2 किलो गेहूं और 3 किलो चावल दिया गया वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में 5 किलो चावल ही दिया गया। इस योजना में 15 महीनों के लिए कुल 565 लाख मीट्रिक टन आवंटित हुआ। आवंटित अनाज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए पूरे भारतवर्ष में भारतीय खाद्य निगम के कर्मियों ने लगभग छह लाख मैट्रिक टन खाद्यान्न का परिचालन किया। बिहार क्षेत्र में 22800 करोड रुपए के अनाज मंगवा कर आम जनता को वितरण किया गया जिसका लाभ 8.71 करोड़ जनता को प्राप्त हुआ। वैशाली जिले में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत लगभग 2.8 मीटर खाद्यान्न का वितरण किया।

श्री चौबे ने कहा कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आत्म निर्भर भारत का स्वप्न करने के लिए संकल्प है। देश की 60% से अधिक जनता कृषि पर आधारित है। आत्मनिर्भर भारत के लिए किसानों का विकास महत्वपूर्ण है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार ढेरों कदम उठा रही है।

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट के अनुसार लागत के डेढ़ गुना ज्यादा न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी हो रही है बिचौलियों एवं फर्जीवाड़ा बंद करने के लिए सूचना एवं प्रौद्योगिकी की सीधी खरीद की जा रही है एवं उनके खाते में डीबीटी के माध्यम से सीधे पैसे भेजे जा रहे हैं ताकि समर्थन मूल्य के लाभ किसानों को मिल सके। हजारों अन्नदाता साहूकारी प्रणाली से मुक्ति पा रहे हैं। हम रिकॉर्ड रिकॉर्ड खरीदारी कर रहे हैं। वर्ष 2021 में भारत सरकार ने बिहार सरकार के साथ निश्चय किया है कि यहां 30 लाख मैट्रिक टन चावल की अधिप्राप्ति की जाएगी जिससे यहां की कुल वार्षिक आवंटन को पूरा किया जा सकेगा और बिहार आत्मनिर्भर बन पाएगा। खाद्य सुरक्षा को और सशक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में यह मंत्रालय सभी राज्यों के सहयोग से एक देश एक राशन कार्ड (वन नेशन वन राशन कार्ड) योजना पर भी तेजी से काम कर रहा है जिससे कोई भी लाभुक किसी भी परिस्थिति में अपने हक से वंचित से ना हो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत की कल्पना को साकार करने के लिए और सारे राज्यों को इस मुहिम में जोड़ते हुए एक देश एक एम एस पी, एक डी बी टी और एक राशन कार्ड की तरफ तेजी से अग्रसर हो रहे हैं।

श्री चौबे ने कहा कि खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ हम पौष्टिकता सुरक्षा की भी गारंटी दे रहे हैं जिसके लिए प्रधानमंत्री ने लाल किले के प्राचीर से संबोधित करते हुए 2024 तक सभी लाभकारी योजनाओं के तहत फोर्टीफाइड राइस का वितरण करने का संकल्प लिया है। वर्तमान में हम फोर्टीफाइड मिड डे मील स्कीम तथा आंगनबाड़ी के तहत आईसीडीएस स्कीम में बिहार के सभी जिलों में प्रदान कर रहे हैं। इससे माताओं एवं बच्चों को कुपोषण का शिकार होने से बचाया जा सकता है।

उन्होंने कहा कि खाद सुरक्षा को प्रबल करने के लिए बिहार में भारतीय खाद्य निगम की भंडारण क्षमता 2015 में जो 5.5 मैट्रिक टन बढ़कर 2020 में 10.5 कर दिया गया है। भंडारण में हम आधुनिक करण की ओर बढ़ रहे हैं। भारत के पहले राइस साइलो गोदाम कैमूर और बक्सर में बनाए जा रहे हैं जिसे अगले एक वर्ष के अंदर चालन में लाया जाएगा। इसके अतिरिक्त बिहार राज्य में 13 लाख मैट्रिक टन गोदाम के निर्माण हेतु अनुमति प्रदान कर दिया गया है। अखिल भारतीय स्तर पर 108 लाख मैट्रिक टन निर्माण के लिए अनुमति दे दी गई है। मोदी सरकार से इन निर्णयों से अभूतपूर्व विकास हो रहा है।

भारत सरकार ने अपनी ओर से पीआईबी में फैक्ट चेक यूनिट की स्थापना जैसे उपाय किए हैं -अनुराग ठाकुर

न्यूज़ डेस्क –  केन्‍द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री  अनुराग सिंह ठाकुर ने आज राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर देश के पत्रकारों को बधाई दी है। पत्रकारों के लिए एक संदेश में श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, ‘‘सरकार ने नागरिक केन्द्रित संवाद पर जोर दिया है – जिस भाषा में वे समझते हैं और जिस प्लेटफॉर्म के माध्यम से वे पहुंच करते हैं – चाहे वह टीवी समाचार, रेडियो, सोशल मीडिया या ऑनलाइन डिजिटल मीडिया हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारत के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने में मीडिया और प्रेस की भूमिका को दर्शाने करने का दिन है। मीडिया एक प्रहरी है और भारत जैसे एक सशक्‍त लोकतंत्र में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका भी है।”

फर्जी खबरों के खिलाफ सामूहिक लड़ाई का आह्वान करते हुए श्री ठाकुर ने कहा, “इस दिन मैं अपने मीडिया के मित्रों से अफवाहों और फर्जी खबरों के खतरे को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान करता हूं। भारत सरकार ने अपनी ओर से पीआईबी में फैक्ट चेक यूनिट की स्थापना जैसे उपाय किए हैं, जिसने लोकप्रियता हासिल की है।’’

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने एक नए आकांक्षी भारत के निर्माण के लिए मीडिया को आमंत्रित करते हुए अपनी बात समाप्त करते हुए कहा, ‘‘जैसा कि हम भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष मना रहे हैं और अगले 25 वर्षों की ओर ध्‍यान रखते हैं – आइए हम प्रत्येक भारतीय के सपनों को साकार करने में साझेदारों के रूप में एक साथ मिलकर काम करें।’’