नौकरी बाँट कर रिकॉर्ड बनाने वाली नीतीश-तेजस्वी की सरकार 425 निवर्तमान प्रखंड परियोजना सहायक को वो क्यों नहीं समायोजन करने का साहस दिखा रही
बिहार के 425 निवर्तमान प्रखंड परियोजना सहायक पिछले 31 अगस्त 2022 से सड़क पर हैं और ये लोग लगातार बिहार सरकार से डिमांड कर रहे हैं कि उनके साथ हुए अन्याय को खत्म करते हुए उन्हें दोबारा प्रखंड परियोजना सहायक के पद पर रख लिया जाए ।पिछले दिनों पटना के केदार भवन में ये सभी 425 निवर्तमान प्रखंड परियोजना सहायक जो की लगातार सरकार से अपने नौकरी को वापस करने की मांग कर रहे थे ने एक बैठक की और जिसमें निर्णय लिया गया कि हम सभी सरकार से अपनी मांगों को लेकर तबतक लगातार संघर्ष करते रहेंगे जबतक कि सरकार उनकी मांगों को मान नहीं लेगी ।
आपको मालूम होगा की ये सभी निवर्तमान प्रखंड परियोजना सहायक राज्य भर के आंगनबाड़ी केंद्रों को डिजिटली अपडेट करते थे और इन्हें 15000 रुपए का तनख्वाह मिलता था लेकिन अचानक इन्हें आईसीडीएस के द्वारा हटा दिया गया जिसके बाद ये लोग सड़क पर आ गए। सबसे बड़ी बात यह है कि इन लोगों में करीब 60% लोगों का उम्र समाप्ति की ओर है और उनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है ।
आज इनके बैठक में आए सीपीआई विधायक सूर्यकांत पासवान ने आश्वासन दिया कि वे इस मसले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करेंगे और फरवरी माह में होने वाले बजट सत्र में वह उनकी मांगों को सदन में उठाएंगे उनकी पार्टी बिहार विधान मंडल के दोनों सदन में 425 निवर्तमान प्रखंड परियोजना सहायक को फिर से बहाल करने के लिए सवाल उठाएगी। एटक के बिंदेश्वरी प्रसाद ने कहा की सरकार अगर 10 लाख लोगों को नौकरी देने की बात करती है तो इन 425 लोगों को रखने में क्या परेशानी हो सकती है हम मांग करते हैं कि वह इन सभी 425 निवर्तमान प्रखंड परियोजना सहायक को दोबारा नौकरी पर रख ले।
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