तेजस्वी के द्वारा बढ़ते अपराध और कानून व्यवस्था के सवाल पर जदयू के मुख्य प्रवक्ता बेचैनी में क्यों दिख रहे हैं: एजाज अहमद

बिहार प्रदेश राष्ट्रीय जनता दल के प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार में कानून व्यवस्था तथा सरकार के इकबाल खत्म हो जाने पर जिन सवालों को उठाया और सरकार को सच का सामना कराया है तो उसपर जनता दल यु के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार बेचैनी क्यों दिखा रहे हैं, क्या यह बात सही नहीं है कि बिहार में अपराध और अपराधियों के रहमोकरम पर आमजनों को छोड़ दिया गया है ,और अपराधी जब जैसा चाहते हैं अपराध करके निकल जाते हैं। अपराधियों में शासन प्रशासन का खौफ समाप्त हो गया है,और आम लोग पूरी तरह से डरे सहमें हुए हैं ,ऐसा लगता है कि बिहार में अपराधी मस्त हैं, पुलिस अपराधियों के सामने पस्त है और सरकार में बैठे नेता और पदाधिकारी मलाई काटने में व्यस्त है।


इन्होंने ने आगे कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने जो अपराध के मामले उठाएं हैं, उसपर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दोनों उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिंहा बतायें कि इस तरह के बढ़ते अपराध को ये लोग किस श्रेणी का मानते हैं और इस मामले पर चुप्पी क्यों साधे हुए हैं। और कहा कि मंगल राज की बात करने वाले अब यह बतायेंगे कि आज जिस तरह से हत्याओं का सिलसिला और महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढी है,उस पर यह लोग बोल क्यों नहीं रहे हैं और इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार में डबल इंजन सरकार के चंद घंटों के मंगल राज के अद्भुत आपराधिक घटनाओं का नजारा दिखाया तो इसपर मुख्यमंत्री से लेकर दो-दो उपमुख्यमंत्री सहित समूचा अमला आपराधिक घटनाओं को लेकर आपराधिक चुप्पी क्यों साधे हुए।


इन्होंने पूछा कि बिहार में अपराध को रोकने के लिए मुख्यमंत्री के स्तर से समीक्षा बैठक की गई थी लेकिन उसके बाद भी अपराध के ग्राफ में वृद्धि का होना इसको क्या माना जाए, नीरज कुमार को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
एजाज ने आगे कहा कि इस तरह से हर दिन दर्जन भर से अधिक होने वाले अपराध के मामले को उजागर करके नेता प्रतिपक्ष श्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने सत्ता पक्ष के नेताओं को जो आईना दिखाया है और राज्य सरकार से जो सवाल पूछे हैं उसपर एनडीए के नेता चुप्पी क्यों साधे हुए हैं यह स्पष्ट करें। और जब सच्चाई से अवगत कराया जाता है तो नीरज कुमार जैसे लोग बेचैनी में अनर्गल बयान बाजी करते हैं

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