तानाशाह की तरह बोल रहे हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार- शिवानन्द तिवारी

न्यूज़ डेस्क –  राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानन्द तिवारी ने कहा है कि बहुत पहले महाभारत को किस्सा-कहानी की तरह पढ़ा था. हमारी परंपरा में महाभारत को पांचवे वेद की संज्ञा दी गई है. कहा जाता है कि जो दुनिया में है वह महाभारत में है और जो महाभारत में नहीं है वह कहीं नहीं है.
उस महाभारत की एक बात अभी तक मेरे स्मरण में है.
महाभारत कहता है कि सत्ता के मद जैसा अन्य कोई मद नहीं होता है. चाहे वह शराब का मद हो या अफीम का.
कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंत्रिमंडल के अपने सहयोगियों तथा पदाधिकारियों सहित सरकार के कर्मचारियों को शपथ दिलवायी कि न तो शराब न पिएंगे न पीने देंगे. पता नहीं इस शपथ समारोह में नीतीश जी के वह मंत्री शामिल थे या नहीं,
जिनके परिवार द्वारा संचालित विद्यालय के हाते से एक ट्रक शराब पकड़ा गया था. लेकिन उनके परिवार के एक सदस्य के नामजद होने के बावजूद उनका बाल तक बांका नहीं हुआ.


इस मौके पर उन्होंने जो भाषण दिया है उससे गंभीर चिंता पैदा होती है. क्या बोलते हैं नीतीश कुमार ! आज के हिंदुस्तान अखबार में छपा उनके भाषण का एक अंश यहाँ उद्धृत कर रहा हूं. ‘नितीश जी कहते हैं कि शादी हो या और कोई समारोह जब भी सूचना मिलेगी तो पुलिस वहाँ जाएगी. नियमानुसार कार्रवाई हो इसका ख्याल रखना जरूरी है. एक जगह देखने के लिए चला गया तो कहीं पर महिला थी तो उसको लेकर लोग बोल रहे हैं. पुलिस अथवा उत्पाद वालों को पता चलेगा तो वह जाएंगे नहीं क्या ?
कहीं से जानकारी मिली और देखने गया तो यह गुनाह है क्या ?’
यह भाषा क्या किसी लोकतांत्रिक सरकार के मुख्यमंत्री की भाषा है या सत्ता के मद में मदांध एक तानाशाह की भाषा हम सुन रहे हैं ! नीतीश जी इस भाषण के जरिए पुलिस को संदेश दे रहे हैं कि बगैर महिला पुलिस के भी दुल्हन के कमरे में घुस सकते हो. यह तो बिहार को पुलिस राज में तब्दील करने की घोषणा है !
बिहार में शराब बंदी है कहाँ? शराबबंदी सचमुच यहाँ कारगर होती तो बिहार की सीमा में शराब का प्रवेश ही नहीं होता. शराब मिलेगी तो लोग पिएँगे. अपनी असफलता को छुपाने के लिए पुलिस को दुल्हन के कमरे तक में घुस जाने की इजाज़त देकर आप न सिर्फ़ दुल्हन का बल्कि उसके संपूर्ण परिवार का अपमान करवा रहे हैं.
हमारी परंपरा में विवाह को धार्मिक अनुष्ठान माना जाता है. उसको यज्ञ का ही छोटा रूप माना जाता है. और यज्ञ में विघ्न डालने वाले को इस परंपरा में असुर की संज्ञा दी गई है.
शराबबंदी को नाक का सवाल बना कर नीतीश जी लोगों को अपमानित करवा रहे हैं ! चौक चौराहों पर राह चलते लोगों के मुँह में मशीन डालकर वे शराबी हैं या नहीं पुलिस इसकी जाँच कर रही है. नीतीश जी के अहम को तुष्ट करने के लिए उनकी पुलिस सरेआम नागरिकों को ज़लील कर रही है. तानाशाह की तरह नीतीश कुमार सत्ता की ताक़त का इस्तेमाल कर रहे हैं.
दूसरी ओर बिहार में धड़ल्ले से शराब की आपूर्ति हो रही है.
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2020 की रिपोर्ट के मुताबिक़ बिहार में शराब की खपत महाराष्ट्र से ज़्यादा है. जबकि वहाँ शराबबंदी नहीं है. यह मान्यता प्राप्त सर्वेक्षण है. इसको आप झूठा नहीं ठहरा सकते हैं.
अंत में नीतीश जी से एक सवाल का जवाब लोग जानना चाहेंगे. जब आप शपथ दिलवा रहे थे उस समय बिहार की विधानसभा में लिया गया मिट्टी में मिल जाऊँगा वाला अपना शपथ आपको याद आ रहा था या नहीं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed