फर्जी एच.एस.आर.पी. निबंधन प्लेटों पर अंकुश लगाने के लिए परिवहन सचिव ने सभी डीएम, एसएसपी/एसपी को दिया निर्देश।
अवैध रुप से वाहन निबंधन प्लेट निर्माण करने वाले विक्रेताओं पर कार्रवाई की जायेगी। इस संबंध में परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने सभी जिलों के जिलाधिकारी, एसएसपी और एसपी को निर्देश दिया है। परिवहन सचिव ने कहा है कि विभिन्न माध्यमों से जानकारी प्राप्त हो रही है कि मानक के विरुद्ध स्थानीय स्तर पर वाहन निबंधन प्लेट का निर्माण कर निबंधन संख्या अंकित किये जा रहे हैं। साथ ही वाहनों की मूल निबंधन संख्या की जगह दूसरे निबंधन संख्या का फर्जी नंबर प्लेट दुकानों/फुटपाथों पर लगे दुकानों में बनाये जा रहे हैं।
केंद्रीय मोटरवाहन नियमावली के अनुसार करें कार्रवाई
परिवहन सचिव ने सभी डीएम, एसएसपी और एसपी को निदेश दिया है कि अवैध तरीके से निर्मित हो रहे एच.एस.आर.पी. के स्थानीय विक्रेताओं एवं फुटपाथ पर बनाये जा रहे निबंधन प्लेटों पर केन्द्रीय मोटरवाहन नियमावली के नियम-50 एवं 51 के उल्लंघन के आरोप में कड़ी कार्रवाई करें एवं इस तरह के निर्मित हो रहे एवं लगाये जा रहे वाहन नम्बर प्लेट पर रोक लगायी जाय।
नंबर प्लेट पर फैंसी तरीके से बॉस, पापा आदि लिखवाना अवैध
परिवहन सचिव ने बताया कि वाहन के नंबर प्लेट पर फैंसी तरीके से विभिन्न निबंधन संख्या को अलग-अलग तरह से लिखवाना अवैध है। देखा जा रहा है कि कई वाहन चालक अपने वाहनों के नंबर प्लेट पर निबंधन संख्या को छेड़-छाड़ करते हुए बॉस, पापा आदि अंकित कर वाहन का परिचालन करते हैं।
फर्जी प्लेटों पर अंकुश लगाना अपराधों की रोकथाम के लिए आवश्यक
फर्जी एचएसआरपी प्लेटों पर अंकुश लगाना अपराध की रोकथाम के लिए आवश्यक है। फर्जी नंबर प्लेट लगे होने की वजह दुर्घटना इत्यादि होने पर वाहन के संबंध में जानकारी मिलने में कठिनाई होती है, जिससे अनुसंधान कार्य में विलंब होता है।
क्या है प्रावधान
केन्द्रीय मोटरवाहन नियमावली, 1989 के नियम-50 एवं 51 में एच.एस.आर.पी. के संबंध में प्रावधान किया गया है एवं प्रत्येक वाहन स्वामी को उपर्युक्त प्रावधान के अनुरूप ही अपने वाहन पर एच.एस.आर.पी. लगाना अनिवार्य है। बिना एच.एस.आर.पी. लगे वाहन का परिचालन किये जाने पर मोटरवाहन अधिनियम, 1988 की धारा-177 एवं धारा-179 का उल्लंघन मानते हुए ऐसे वाहनों पर शमन की कार्रवाई किये जाने का प्रावधान परिवहन विभाग द्वारा किया गया है।
एचएसआरपी लगाने के लिए संबंधित कंपनी/अधिकृत विक्रेता हैं अधिकृत
राज्य में नये वाहनों में संबंधित कंपनी/अधिकृत विक्रेता को एच.एस.आर.पी. लगाना है, जबकि पुराने वाहनों में एच.एस.आर.पी. लगाने के लिए जिस कंपनी का वाहन है उसी कंपनी को अधिकृत किया गया है।