जीएनआईओटी संस्थान समूह द्वारा मेधावी छात्रवृत्ति और कोविड मृतक आश्रित छात्रवृत्ति की घोषणा
मेधावी छात्रों की बौद्धिक प्रतिभा को पहचानते हुए प्रबंधन, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी के लिए पहली पसंद के संस्थान जीएनआईओटी समूह (ग्रेटर नोएडा) ने 12 करोड़ रुपये की छात्रवृत्ति की घोषणा की। इस छात्रवृत्ति में सरकार के बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान को ध्यान में रखते हुये छात्राओं हेतु जिम्स शक्ति तथा सामाजिक कर्तव्यों को ध्यान में रखते हुए कोविड़ मृतक आश्रित छात्रवृत्ति एवं सशत्र सेना पाल्य छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है।
जीएनआईओटी समूह के चेयरमैन राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि संस्थान का मानना है कि आर्थिक विपन्नता एक होनहार छात्र के लिए रोड़ा नहीं होना चाहिए। संस्थान का यह भी मानना है कि बिहार एवं झारखण्ड की बौद्धिक प्रतिभा को उच्च शिक्षा के लिए समान अवसर दिया जाना चाहिए। जीएनआईओटी का छात्रवृत्ति कार्यक्रम इस दिशा में सबसे व्यापक कार्यक्रमों में से एक है। संस्थान विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों जैसे-पीजीडीएम, एमबीए, एमसीए, बीटेक, एमटेक, बीबीए, बीसीए, बीकॉम, बीकॉम (आनर्स), बीएससी (कम्प्युटर साइंस) में छात्रवृत्ति प्राप्त करने के लिए छात्रों से आवेदन आमंत्रित कर रहा है। बी. टेक कार्यक्रमों में प्रवेश चाहने वाले छात्रों को 12 वीं कक्षा और जेईई मेन में उनके प्रदर्शन के आधार पर छात्रवृत्ति की पेशकश की जा रही है। पीजीडीएम और एमबीए में प्रवेश चाहने वालों के लिए छात्रों को स्नातक एवं कैट, मैट, जेट, गैट आदि में उनके प्रदर्शन के आधार पर छात्रवृत्ति की पेशकश की जा रही है।
जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज द्वारा संचालित पीजीडीएम कोर्स, जीएनआईओटी संस्थान समूह का एक फ्लैगशिप प्रोग्राम है, जो इस सहस्त्राब्दी के समग्र विकास पर केंद्रित है। इंडस्ट्री 4.0 की तर्ज पर इस कार्यक्रम को पीजीडीएम 4.0 नाम दिया गया है। कार्यक्रम का नाम ही पाठ्यक्रम के बारे में बहुत कुछ बताता है। इस कोर्स में 10 से अधिक कौशल विकास प्रशिक्षण एवं प्रमाणन, गुणवत्ता सुधार कार्यक्रम और चाणक्य टॉक सीरीज़ जैसे कुछ मुख्य आधार हैं।
आज की आवश्यकता के अनुसार पाठ्यक्रम को इस प्रकार विकसित किया गया है जो युवा प्रबंधकों को व्यवसाय प्रबंधन के अलावा उद्यमिता हेतु प्रेरित कर तैयार करता है, इस दिशा में संस्थान ने अटल इनक्यूबेशन सेंटर, बिमटेक के साथ समझौता किया है जिसमें भारत सरकार द्वारा नए उद्यमी तैयार किये जाते हैं। इस संस्थान में वैश्विक एक्सपोजर को बढ़ावा देने के लिए एआईबीपीएम, इंडोनेशिया के साथ समझौता किया है जिसके माध्यम से युवा प्रबंधकों को वैश्विक रोजगार हेतु तैयार किया जाता है, एआईबीपीएम, इंडोनेशिया का नुसंत्रा प्रोजेक्ट छात्रों को विभिन्न संस्कृतियों, देशों और शहरों के छात्रों के साथ मिलकर काम करने का मौका देती है।
हाल ही में हायर लर्निंग एक्रिडिटेशन कंसल्टेंट एंड ट्रेनिंग (HLACT), लंदन ने संस्थान की गुणवत्ता के आधार पर प्रमाणित करते हुए अपनी सदस्यता प्रदान की है, यह संस्थान इस प्रमाणन को प्राप्त करने वाला उत्तर भारत का इकलौता संस्थान है। इस प्रमाणन से संस्थान अब वैश्विक विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए किसी भी विदेशी प्रबंधन संस्थान के साथ करार कर सकता है।
संस्थान के निदेशक डॉ. अरूण कुमार सिंह को इस बात का पूरा भरोसा है कि छात्रों की गुणवता को खुले हाथों से विश्व स्तर पर स्वीकार किया जाएगा।
जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के निदेशक डॉ. अरुण कुमार सिंह ने कहा कि, “गुणवत्ता पर ध्यान देना शुरू से ही जीएनआईओटी समूह की पहचान रहा है। शिक्षा क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर सर्वोत्तम प्रयासों को आधार मानकर पाठ्यक्रम आधारित संस्थान ही लंबे समय तक जीवित रहेंगे। डॉ. सिंह ने इंडस्ट्री आधारित पीजीडीएम पर जोर देते हुए कहा कि संस्थान अपने छात्रों को इंटर्नशिप और प्रशिक्षण के माध्यम से उपयुक्त कौशल और व्यावहारिक अनुभव देकर तैयार करता है। आज का नियोक्ता यह चाहता है कि युवा प्रबंधकों के पास अनुभव हो और वह अपनी पहली नौकरी पर तुरंत कार्य करने के लिए तैयार हो। संस्थान इसको ध्यान रखते हुए औद्योगिक प्रशिक्षण और लाइव प्रोजेक्ट के अवसर अनिवार्य रूप से प्रदान किये जाते हैं। डॉ. सिंह ने बताया कि अब तक 450 से अधिक कंपनी द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है जिसमें 17.75 लाख प्रति वर्ष का उच्चतम पैकेज दिया गया जबकि औसत पैकेज 5.0 लाख प्रति वर्ष था।
जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज के सीईओ स्वदेश सिंह ने कहा कि बिहार एवं झाखण्ड के छात्रों को उच्च अध्ययन के लिए समान अवसर दिया जाना चाहिए और यह उद्देश्य जीएनआईओटी में उच्च प्राथमिकता पर है। परिसर के संबंध में चर्चा के दौरान श्री सिंह ने कहा कि संस्थान में अत्याधुनिक प्रयोगशालाएं हैं।
जीएनआईओटी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन राजेश कुमार गुप्ता ने कहा कि प्रतिभाशाली छात्रों के लिए पैसा अवरोध नहीं होना चाहिए। इसलिए संस्था मेधावी छात्रों, सशस्त्र बलों के बच्चों और कोविड मृतक आश्रितों को उनकी उपलब्धियों और क्षमता के आधार पर विभिन्न छात्रवृत्ति और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
मौके पर शिक्षाविद पंकज कुमार, अश्वनी शर्मा, राजेश पाठक, विवेक सिंह गौतम, निशांत सिंह, रूपेश राव, अभिषेक कुमार सिन्हा, धनंजय कुमार सिन्हा, विजय कुमार शर्मा एवं बिहार प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के सचिव प्रेम रंजन भी मौजूद थे।