नियमावली के तहत बायोमेडिकल अपशिष्ट डिस्पोजल प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन करने के निर्देश
जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला पर्यावरण समिति की बैठक आयोजित हुई।
बैठक में सदस्य सचिव, जिला पर्यावरण समिति-सह-वन प्रमण्डल पदाधिकारी, पटना श्री अम्बरीष कुमार मल्ल द्वारा एजेन्डावार प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। समिति द्वारा जिला पर्यावरण योजना के क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। विदित हो कि जिला पर्यावरण योजना का निर्माण राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद, पटना की देख-रेख में किया गया है।
डीएम डॉ सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में पटना जिला में ग्रामीण इलाकों में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में काफ़ी अच्छा काम हो रहा है। डोर-टू-डोर संग्रह के साथ साथ संयंत्रों की भी स्थापना की गई है। नगर निकायों में भी बेहतर ढंग से अपशिष्ट प्रबंधन किया जा रहा है।
डीएम डॉ सिंह द्वारा महाप्रबंधक, ज़िला उद्योग केंद्र को फ्लाई ऐश को निरंतर बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास करने का निर्देश दिया गया। खनिज विकास पदाधिकारी को खनन के क्षेत्र में पर्यावरण अनुकूल प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए निर्देशित किया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने सिविल सर्जन को सतत एवं पर्यावरण-अनुकूल मानकों के अनुरूप वैज्ञानिक तरीके से बायोमेडिकल अपशिष्ट का डिस्पोजल करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि नियमावली के तहत बायोमेडिकल अपशिष्ट डिस्पोजल प्रोटोकॉल का सख्ती से अनुपालन किया जाए।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला पर्यावरण योजना का उद्देश्य पर्यावरण की गुणवत्ता में सुधार, पर्यावरण-अनुकूल अपशिष्ट प्रबंधन, उत्तरदायी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) की पहचान, मानकों का अनुपालन तथा लक्ष्यों का निर्धारण एवं इसे निर्धारित समय-सीमा के अंदर प्राप्ति है। पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन के प्रति सभी भागीदारों (स्टेकहोल्डर्स) को सजग, तत्पर तथा प्रतिबद्ध रहना पड़ेगा। अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुए पर्यावरण समस्या को हल करने के लिए सबको सक्रिय रहना होगा। कार्य योजना के अनुसार कदम उठाना होगा। पर्यावरण मानकों के प्रभावी अनुश्रवण के लिए संस्थागत तंत्र प्रदान करने में जिला पर्यावरण योजना अत्यन्त लाभदायक है। वैज्ञानिक आँकड़ों पर आधारित विश्लेषण एवं तदनुरूप कार्य करने से पर्यावरण सुरक्षा के अभियान को काफी बल मिलेगा। वर्तमान परिदृश्य, अवसंरचना (इन्फ्रास्ट्रक्चर) में अन्तर, ठोस एवं द्रव अपशिष्ट प्रबंधन, सिवरेज ट्रीटमेंट, पर्यावरण गुणवत्ता इत्यादि मानदंडों पर नियमित कार्य करने की आवश्यकता है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी संबद्ध पदाधिकारियों को पर्यावरण संरक्षण हेतु मिशन मोड में काम करना होगा।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि पर्यावरण सुरक्षा हेतु अल्पकालीन एवं दीर्घकालीन उपायों को लागू करना जनहित में आवश्यक है। हम सभी को पर्यावरण सुरक्षा हेतु संवेदनशीलता प्रदर्शित करनी पड़ेगी।
इस बैठक में उप विकास आयुक्त, पटना श्री तनय सुल्तानिया, ज़िला वन पदाधिकारी श्री अम्बरीश कुमार मल्ल, ज़िला वन पदाधिकारी पार्क डिवीज़न श्री शशिकांत, पुलिस अधीक्षक यातायात श्री पूरन कुमार झा, अपर ज़िला दंडाधिकारी सामान्य श्री अमिताभ सिन्हा, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के प्रतिनिधि, जिला कृषि पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता पथ निर्माण विभाग, नगर कार्यपालक पदाधिकारीगण एवं अन्य भी उपस्थित थे।