डेंगू पर रोक के लिए सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग एवं तत्पर: डीएम

जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह द्वारा आज सिविल सर्जन, अनुमंडल पदाधिकारियों, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी, अनुमण्डलीय अस्पताल उपाधीक्षकों, नगर कार्यपालक पदाधिकारियों तथा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों के साथ डेंगू ज्वर की स्थिति एवं प्रसार पर नियंत्रण हेतु की जा रही कार्रवाइयों की समीक्षा की गई। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा प्रावधानों के अनुरूप सभी तरह की निरोधात्मक तथा सतर्कतामूलक कार्रवाई की जा रही है। पैनिक जैसी कोई स्थिति नहीं है। अस्पतालों में इलाज की पर्याप्त व्यवस्था है। मरीज़ों को प्लेटलेट्स की आवश्यकता नहीं के बराबर पड़ रही है।सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग एवं तत्पर है।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा अधिकारियों को निदेश दिया गया किः-

1. सभी संबंधित पदाधिकारी अलर्ट रहें तथा डेंगू पर नियंत्रण के लिए हरसंभव कदम उठाएँ।

2. डेंगू के हॉट स्पॉट में विशेष नजर रखते हुए त्वरित कार्रवाई करें।

3. अन्य राज्यों में भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। आने वाले त्योहारों के दौरान काफी बड़ी संख्या में लोगों के बिहार आने की संभावना है। अतः सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, सिविल सर्जन, नगर कार्यपालक पदाधिकारियों तथा अन्य सम्बद्ध विभागों के पदाधिकारियों को अपेक्षित सतर्कता बरतने की जरूरत है।

4. एडिज मच्छर पर नियंत्रण के लिए हर तरह की निरोधात्मक कार्रवाई करें। वृहत स्तर पर फॉगिंग तथा एन्टी-लार्वा रसायन (टेमीफॉस) का छिड़काव करें।

5. स्वास्थ्य प्रशिक्षकों द्वारा नगर निकायों में फॉगिंग का निरंतर पर्यवेक्षण सुनिश्चित कराएँ।

6. डेंगू को नियंत्रित करने के लिए संदिग्ध मरीजों की निगरानी रखना आवश्यक है। डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज के घरों के आस-पास आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से एक्टिव सर्विलेंस कराएँ ताकि नये मरीजों की पहचान हो सके।

7. निरोधात्मक कार्रवाई के तहत लाईन लिस्ट प्राप्त होने पर सूक्ष्म कार्य योजना के अनुसार डेंगू के सम्पुष्ट मरीज के आस-पास 500 मीटर रेडियस में तुरंत टेक्निकल मालाथियोन की फॉगिंग कराएँ।

8. अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध है। आवश्यकता पड़ने पर सिविल सर्जन इसे बढ़ाएँ।

9. अस्पतालों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता हमेशा सुनिश्चित रखें।

10. विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में हेल्थ एडवायजरी के अनुसार विद्यार्थियों को पूरे शरीर को ढँकने वाले कपड़े/ड्रेस का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें।

11. सभी भागीदार (स्टेकहोल्डर्स) यथा जिला प्रशासन, नगर निकाय, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, पीएचईडी एवं अन्य आपस में समन्वय स्थापित कर सभी आवश्यक कार्रवाई करें। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी विभागीय दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें। डेंगू बुखार के क्लिनिकल प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशा-निदेशों के अनुरूप प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें। आशा/आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा डेंगू-प्रवण क्षेत्र में सघन अभियान चलायें। जनसमुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करें। त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों के जन-प्रतिनिधियों सहित सभी जन-प्रतिनिधियों से अनुरोध कर अभियान में उनका बहुमूल्य सहयोग प्राप्त करें।

12. ज़िला में डेंगू को मात देने के लिए नियमित तौर पर आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) एवं बीसीसी (व्यवहार परिवर्तन संचार) अभियान चलाएँ।

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जिला प्रशासन द्वारा की गई तैयारियाँः-
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1. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पतालों तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम सतत सक्रिय है। गाइडलाइन्स के अनुसार फॉगिंग तथा टेमीफॉस का नियमित छिड़काव किया जा रहा है। नगर निकायों द्वारा अर्द्ध निर्मित, खाली सरकारी एवं निजी प्लॉट पर भी एंटीलार्वा का छिड़काव किया जा रहा है।

2. जिला प्रशासन के पास पर्याप्त मात्रा में केमिकल एवं फॉगिंग संसाधन उपलब्ध है। आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त फॉगिंग मशीन का क्रय भी किया जाएगा। इसके लिए सिविल सर्जन को निदेशित किया गया है। लार्वानाशी कार्रवाई के तहत पटना नगर निगम अंतर्गत डेंगू प्रतिवेदित मुहल्लों में टेमीफॉस का छिड़काव सघन रूप से फाइलेरिया कर्मी तथा नगर निगम कर्मी संयुक्त रूप से कर रहे हैं। 28 फाइलेरिया कर्मी की प्रतिनियुक्ति नगर निगम के विभिन्न अंचलों में की गयी है।

3. आईईसी एवं बीसीसी गतिविधियों का नियमित तौर पर संचालन किया जा रहा है। जन-जागरूकता के लिए पटना स्मार्ट सिटी के वीएमडी एवं पीएस सिस्टम के द्वारा भी आम जन को जागरूक किया जा रहा है। ग्राफिक्स तथा जिंगल के माध्यम से जागरूकता संदेश प्रसारित किया जा रहा है।

4. डेंगू के प्रति जागरूकता के लिए पटना नगर निगम द्वारा स्वास्थ्य पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति सभी अंचलों में की गई है।

5. निरोधात्मक कार्रवाई के तहत एसएसएच (पीएमसीएच, एनएमसीएच, एम्स, आरएमआरआई) लाईन लिस्ट प्राप्त होने पर सूक्ष्म कार्य योजना बनाकर मरीज के घर के 500 मीटर के रेडियस में टेक्निकल मालाथियॉन की फॉगिंग कराई जाती है। अबतक लाईन लिस्ट में प्रतिवेदित मरीजों के विरूद्ध लगभग 2,324 मरीजों के घर एवं उनके घरों के आसपास फॉगिंग कराया जा चुका है तथा यह लगातार जारी है।

6. 24×7 डेंगू नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है। इसमें तीन पालियों में कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसकी दूरभाष संख्या 0612-2951964 पर आम जनता किसी भी सहायता के लिए सम्पर्क कर सकती है। हॉस्पीटलाईजेशन, बेड की उपलब्धता, ब्लड की आवश्यकता, ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की उपलब्धता आदि से संबंधित जानकारी इसपर प्राप्त की जा सकती है।

7. डेंगू के उपचार हेतु सभी सरकारी अस्पतालों में दवा, ब्लड आदि की व्यवस्था पर्याप्त है।

8. प्लेटलेट्स की व्यवस्था भी पर्याप्त मात्रा में है तथा आवश्यकता होने पर रोगियों को उपलब्ध करायी जा रही है। प्लेटलेट्स, रक्त एवं प्लाज़्मा इत्यादि की उपलब्धता की जानकारी ई-रक्त कोष वेबसाइट और मोबाइल ऐप पर उपलब्ध है। सभी ब्लड बैंकों द्वारा यह सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है कि ई-रक्त कोष पोर्टल पर ब्लड/प्लेटलेट्स की उपलब्धता प्रतिदिन पोर्टल पर ससमय अपडेट की जाय। सरकारी तथा निजी रक्त केन्द्रों में प्लेटलेट्स की सुविधा इत्यादि की सूचना समाचार पत्रों के माध्यम से नियमित तौर पर दी जा रही है। सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए राज्य के सरकारी रक्त केन्द्रों में प्लेटलेट्स (RDP) एवं Apheresis (SDP) निःशुल्क उपलब्ध है। सरकारी रक्त केन्द्रों द्वारा निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए प्रोसेसिंग शुल्क निर्धारित है। प्राइवेट रक्त केन्द्रों द्वारा अधिकतम प्रोसेसिंग शुल्क भी निर्धारित है। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित राशि से अधिक की राशि लिए जाने की शिकायत आने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। आम जनता से भी अपील किया गया है कि दलालों तथा बिचौलियों से सावधान रहें, उनके चंगुल में न पड़ें।

9. अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध है। पीएमसीएच में 42 बेड, एनएमसीएच में 40 बेड और गुरु गोबिन्द सिंह अस्पताल पटना सिटी में 10 बेड डेडिकेटेड रखा गया है। सभी अनुमंडल अस्पतालों में 05-05 बेड तथा सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 02-02 बेड सुरक्षित रखा गया है। सभी बेडों को मच्छरदानीयुक्त एवं डेंगू नियंत्रण हेतु सभी व्यवस्था किया गया है। जरूरत के अनुसार अस्पतालों में बेड की संख्या बढ़ायी जाएगी। डेंगू के रोकथाम के लिए प्रत्येक प्रखंड में ’रोगी कल्याण समिति के माध्यम से रैपिड टेस्ट किट की सदैव उपलब्धता सुनिश्चित की गई है। सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में भी रैपिड टेस्ट किट से डेंगू की स्क्रीनिंग सुविधा उपलब्ध है।

10. निम्नलिखित चिन्हित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों तथा हॉस्पिटल में ELISA based NS1 एवं IgM कीट से निःशुल्क जाँच की व्यवस्था उपलब्ध हैः

✓ पटना चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, अशोक राजपथ, पटना

✓ नालन्दा चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल, पटना

✓ इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, नेहरू पथ, पटना

✓ अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, फुलवारीशरीफ, पटना

✓ राजेन्द्र स्मारक चिकित्सा विज्ञान अनुसंधान संस्थान (RIRIM), अगमकुआं पटना

✓ न्यू गार्डिनर रोड हॉस्पिटल, आयकर चौराहा, पटना

11. सभी विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में हेल्थ एडवायजरी भेजा गया है।

12. मेडिकल, पारा मेडिकल एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मियों यथा डॉक्टर, एएनएम, जीएनएम, आशा का उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित कर डेंगू बुखार के संबंध में जागरूक किया गया है ताकि मरीजों की पहचान कर ससमय उपचार सुनिश्चित किया जा सके।

13. जिला प्रशासन डेंगू के रोकथाम हेतु शुरू से तैयारी कर रही है। जुलाई माह को एन्टी डेंगू माह (एडीएम) के रूप मनाया गया था। सभी संबंधित पदाधिकारियों को निम्नलिखित गतिविधियों का लगातार वृहत स्तर पर संचालन करने का निदेश दिया गया हैः

✓ योजनाबद्ध ढ़ंग से डेंगू रोकथाम गतिविधियों में जनसमुदाय की सहभागिता।

✓ मच्छर प्रजनन स्थलों को चिन्हित कर मच्छर प्रजनन रोकने के उपायों के बारे में आम जनता को जागरूक करना।

✓ पानी टंकी तथा घरों के अंदर साफ पानी जमा करने के बर्तनों को ढ़ककर रखने के लिए आम जनता को प्रेरित करना।

✓ दिन में भी मच्छर काटने से बचने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए आम जनता में जागरूकता बढ़ाना।

✓ विभिन्न माध्यमों यथा प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक तथा सोशल मीडिया के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना।

✓ विद्यालयों में डेंगू पर आधारित विशेष गतिविधियों तथा क्विज, निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना।

✓ इन्टर-सेक्टोरल कन्वर्जेन्स गतिविधि के अंतर्गत सरकारी विभाग, एनजीओ, स्थानीय जन-प्रतिनिधियों एवं अन्य स्टेकहोल्डर्स को शामिल करते हुए बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन किया जाना जिसमें आईईसी/बीसीसी पर विस्तार से चर्चा की जाए।

✓ डेंगू एवं चिकनगुनिया विषयक फ्लेक्स/बैनर एवं पैम्फ्लेट्स का सभी प्रखंडों में वितरण।

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डेंगूः कारण एवं लक्षण
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डेंगू बीमारी एडिज नामक मच्छर के काटने से होती है, एडिज मच्छर दिन के समय काटता है।

डेंगू के लक्षणः
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अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार,
मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना,
आँखों के पीछे दर्द होना, जो कि आँखों को घुमाने से बढ़ता है,
जी मिचलाना एवं उल्टी होना,
गंभीर मामलों में नाक, मुँह, मसूड़ों से खून आना,
त्वचा पर चकत्ते उभरना

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बचाव के उपाय
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एडिज का मच्छर स्थिर साफ पानी में पनपता है,
कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें व धूप में सुखाकर प्रयोग करें,
नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरों में पानी जमा न होने दें,
घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली/परदे लगायें।

प्रायः डेंगू का उपचार सामान्य विधि से होता है। इसके लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा है। मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या 10 हजार से कम होने अथवा रक्तश्राव के लक्षण दिखने पर ही विशेष परिस्थिति में प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है।

डीएम डॉ सिंह ने कहा कि डेंगू से बचाव हेतु जन-सहभागिता आवश्यक है। आशा, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं पंचायती राज प्रतिनिधियों की बैठक में नियमित कार्रवाई की जाय। आम जनता में डेंगू बुखार के बारे में जागरूकता अभियान के तहत आशा, ए.एन.एम. तथा जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर चर्चा एवं गोष्ठी का आयोजन करने का निदेश दिया गया है।

याद रहे हर बुखार डेंगू नहीं होता है
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डीएम डॉ सिंह ने कहा कि कतिपय निजी जाँच घरों एवं अस्पतालों द्वारा डेंगू की जाँच रैपिड डायग्नोस्टिक कीट (RDT Kit) से कर Ns1 Positive परिणाम परिदर्शित होने पर उसे डेंगू बुखार घोषित कर दिया जाता है जिससे लोगों में भय एवं भ्रांति की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना रहती है। रैपिड डायग्नोस्टिक कीट जाँच से संदिग्ध डेंगू चिन्हित किए जा सकते हैं किन्तु यह जाँच रोग को सम्पुष्ट (Confirm) नहीं करता है।

भारत सरकार के निर्देशानुसार डेंगू बुखार की सम्पुष्ट जाँच (Confirmation test) सिर्फ ELISA based NS1 एवं IgM कीट से ही किया जाना है।

डीएम डॉ सिंह ने आम जनता से आह्वान करते हुए कहा है कि रैपिड डायग्नोस्टिक कीट (RDT Kit) से यदि Ns1 Positive हो तो उसकी सम्पुष्टि (Confirmation) निःशुल्क रूप से मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में अवश्य करायें।

‘‘असामाजिक तत्वों के बहकावे में न आयें, सरकारी अस्पतालों में डेंगू की निःशुल्क जाँच एवं उपचार कराएँ’’

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