बिहार सरकार के ऐतिहासिक उपलब्धियों से ध्यान भटकाने के लिए अफवाहों और तथ्यहीन खबरों को हवा दी जा रही है
राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि बिहार की इंडिया गठबंधन सरकार के ऐतिहासिक उपलब्धियों से ध्यान भटकाने के लिए एक सुनियोजित साजिश के तहत तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही है और तथ्यहीन खबरों को हवा दी जा रही है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार ने पिछले सत्रह महीने में जिस प्रकार लगभग पांच लाख लोगों को नौकरी देकर, चार लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देकर और राज्य में जातीय गणना कराकर उसके आधार पर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के साथ हीं सभी जाति , धर्मों और वर्गों के गरीब परिवारों को स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता देकर जो ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है वह भाजपा को पच नहीं रहा है। इसलिए इन उपलब्धियों से ध्यान भटकाने के लिए प्लांटेड स्टोरी के माध्यम से तरह-तरह की अफवाहें फैलाई जा रही है और तथ्यहीन खबरों को हवा दी जा रही है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने बिहार के नौजवानों को नौकरी और रोजगार देने का जो संकल्प लिया था उसे मूर्त रूप देने की दिशा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में गठबंधन सरकार तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में पिछले दिनों पटना में हुए इंवेस्टर मीट में देश और विदेश के बड़े-बड़े औद्योगिक समूहों द्वारा बिहार में उद्योग लगाने के लिए सरकार के साथ समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए गए हैं। नई टूरिज्म पौलिसी बनाई गई है। बिहार के सर्वांगीण विकास के लिए निर्माण, कृषि, सिंचाई एवं आइटी सेक्टर में तेजी से काम हो रहा है।
प्रति वर्ष दो करोड़ नौकरी देने का वादा करने वाली केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा सबसे ज्यादा नौकरी देने वाली रेलवे और सेना में बहाली पर रोक लगा दी गई है वहीं तेजस्वी जी के वादे के अनुरूप चार लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देकर नीतीश जी के नेतृत्व वाली सरकार ने एक नया इतिहास रचने का काम किया है।
राजद प्रवक्ता ने कहा कि नितिश जी के नेतृत्व में जिस प्रकार बिहार सरकार ने एक मॉडल स्थापित किया है और राष्ट्रीय स्तर पर ‘इंडिया गठबंधन’ के रूप में एक सशक्त विकल्प खड़ा करने में अग्रणी भूमिका निभाई है उससे भाजपा काफी घबराई और बौखलाई हुई है। इसीलिए बिहार सरकार और इसके घटक दलों के बारे में अफवाह फैला कर भ्रम की स्थिति पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है जो कभी कारगर होने वाला नहीं है और 2024 में उसे भारी पराजय का सामना करना पड़ेगा।