दाखिल-खारिज आवेदनों के निष्पादन में स्वेच्छाचारिता बर्दाशत नहीं की जाएगी – डीएम,पटना
समाहर्ता-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने जिलान्तर्गत सभी अंचल अधिकारियों को राजस्व संबंधी कार्यों का तत्परतापूर्वक निष्पादन सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। साथ ही उन्होंने सभी भूमि सुधार उप समाहर्ताओं को अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत सभी अंचलों के कार्यों का गहन पर्यवेक्षण करने को कहा है। अपर समाहर्ता को नियमित तौर पर राजस्व संबंधी कार्यों की समीक्षा करने का निदेश दिया गया है।
राजस्व से संबंधित पदाधिकारियों को दिए गए निदेश में जिलाधिकारी ने कहा कि दाखिल-खारिज आवेदनों के निष्पादन में स्वेच्छाचारिता बर्दाशत नहीं की जाएगी। फीफो का अनुपालन सुनिश्चित करें। जनहित के कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता दें। कार्य-शैली इस तरह विकसित करें कि आम जनता को अपने कार्यों से आपके कार्यालयों का चक्कर न लगाना पड़े। उनकी शिकायतों का नियमानुसार त्वरित गति से समाधान करें। सरकार के निदेशों का अक्षरशः अनुपालन करें। म्यूटेशन, परिमार्जन, भूमि विवाद निराकरण, अतिक्रमणवाद, नापीवाद, सीमांकन सहित सभी मानकों पर तत्परता प्रदर्शित करें। पारदर्शिता एवं उतरदायित्व सुनिश्चित करते हुए आम जनता के कार्यों का संवेदनशीलता के साथ निष्पादन करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि जनता के साथ साक्षात्कार, लोक शिकायतों की सुनवाई एवं मीडिया सहित विभिन्न माध्यमों से यह संज्ञान में आता है कि दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन से संबंधित आवेदनों का ससमय निष्पादन नहीं किया जाता है एवं बिना उचित कारण के आवेदनों को अस्वीकृति कर दिया जाता है। यह अत्यंत आपत्तिजनक है। बिहार लोक सेवाओं का अधिकार अधिनियम, 2011, बिहार भूमि दाखिल- खारिज अधिनियम, 2011 एवं बिहार भूमि दाखिल-खारिज (संशोधन) नियमावली, 2020 में दाखिल-खारिज आवेदनों के निष्पादन की अवधि एवं विधि का स्पष्ट उल्लेख किया गया है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि दाखिल-खारिज आवेदनों को प्रत्येक स्तर पर यथा दाखिल खारिज आवेदनों के निष्पादन की कार्रवाई करने वाले प्रत्येक कर्मी/पदाधिकारी द्वारा तय अवधि एवं विधि द्वारा निष्पादित किया जाएगा तथा बिना स्पष्ट/उचित कारण के आवेदनों को अस्वीकृत नहीं किया जाएगा। सभी अंचल अधिकारी एवं राजस्व अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि दाखिल खारिज आवेदनों को निष्पादित करने के क्रम में फीफो (फर्स्ट इन, फर्स्ट आउट) एवं निर्धारित समय-सीमा का सख्ती से अनुपालन करें। साथ ही आवेदनों को निष्पादित करने के क्रम में किसी कर्मी/पदाधिकारी द्वारा बिना स्पष्ट कारण के यदि अस्वीकृत किया जाता है तथा तय समय-सीमा से अधिक समय लिया जाता है तो ऐसी स्थिति में अविलंब इस संबंध में जिम्मेदार कर्मी एवं पदाधिकारी को चिन्हित करते हुए उनसे स्पष्टीकरण प्राप्त कर उपस्थापित करें। दोषी पाए जाने की स्थिति में आरोप-पत्र गठित कर भेजें ताकि इसे विभाग को उपलब्ध कराया जाए।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि दाखिल-खारिज एवं परिमार्जन में आवेदनों के निष्पादन की स्थिति यद्यपि संतोषजनक है फिर भी किसी भी आवेदन को मनमाने ढ़ंग से लंबित रखना अक्षम्य है। ऑनलाइन म्यूटेशन की समीक्षा में पाया गया है कि दिनांक 27 जून, 2024 तक दाखिल-खारिज के प्राप्त 8,75,580 आवेदनों में से 7,94,643 आवेदनों को निष्पादित किया गया है। यह प्राप्त आवेदनों का 90.76 प्रतिशत है। 21 दिन से अधिक 32,799 तथा 63 दिन से अधिक 39,605 आवेदन लंबित है। यह खेदजनक है। बिहटा में 5,067, पटना सदर में 4,713, सम्पतचक में 3,913, फुलवारीशरीफ में 3,911, दानापुर में 2,935, फतुहा में 2,566 तथा धनरूआ में 2,283 आवेदन 63 दिनों से अधिक समय से लंबित है। इसका तुरंत निष्पादन किया जाए। 63 दिनों से अधिक लंबित दाखिल-खारिज के मानक पर अपेक्षाकृत अच्छा प्रदर्शन करने वाले अंचलों में बेलछी में 118, घोसवरी में 134, दनियावाँ में 145, मोकामा में 260 तथा खुशरूपुर में 279 मामले लंबित हैं। डीएम डॉ. सिंह ने 63 दिनों से अधिक समय से दाखिल-खारिज आवेदनों को लंबित रखने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए दाखिल-खारिज में खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलों के अंचलाधिकारियों को स्थिति में तुरत सुधार लाने का निदेश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि म्यूटेशन के 3,10,353 आवेदनों को अस्वीकृत किया गया है जो प्राप्त आवेदनों का 35.45 प्रतिशत है। अस्वीकृत करने से पहले आवेदनों की समुचित जाँच कर लें। स्वेच्छाचारितापूर्वक अस्वीकृत न करें। विभाग द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार ही अस्वीकृत करें। डीएम डॉ. सिंह ने सभी आवेदनों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने अपर समाहर्ता को दाखिल-खारिज के 75 दिन से अधिक लंबित मामलों का प्रतिवेदन उपस्थापित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि भूमि सुधार एवं राजस्व विभाग के प्रावधानों के अनुसार निर्धारित समय सीमा के अंदर दाखिल खारिज नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ज़िलाधिकारी ने कहा कि समीक्षा में पाया गया है कि दिनांक 27 जून, 2024 तक परिमार्जन के 2,99,757 आवेदनों में से 2,89,305 आवेदनों (96.51 प्रतिशत) को निष्पादित किया गया है। फुलवारीशरीफ, पंडारक, खुशरूपुर, दुल्हिनबाजार एवं बख्तियारपुर में परिमार्जन के 100 प्रतिशत आवेदनों को निष्पादित कर दिया गया है जबकि पटना सदर, सम्पतचक, बिहटा, बाढ़ एवं मोकामा में यह 95 प्रतिशत से कम है। डीएम डॉ. सिंह ने सभी आवेदनों का ससमय एवं गुणवत्तापूर्ण निष्पादन करने का आदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने ऑनलाइन दाखिल खारिज की प्रक्रिया को निष्पादित करने में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा निर्धारित ऑड-इवेन प्रणाली का दृढ़ता से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि खारिज-दाखिल एवं परिमार्जन में शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विभिन्न मानकों पर खराब प्रदर्शन करने वाले अंचलाधिकारी 15 दिन में अपेक्षित सुधार ले आएँ। उन्होंने कहा कि अच्छे प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को प्रशस्ति-पत्र दिया जाएगा।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक सेवा का अधिकार अधिनियम, 2011 के तहत समयपार (एक्सपायर्ड) आवेदनों की संख्या हर हाल में शून्य रहनी चाहिए।
डीएम डॉ. सिंह ने भूमि स्वामित्व प्रमाण पत्र, नापीवाद, सार्वजनिक भूमि पर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, भूमि विवाद निराकरण के लंबित मामलों का त्वरित गति से निष्पादन करने का निर्देश दिया है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी अंचलाधिकारी राजस्व कर्मचारीवार नियमित समीक्षा करें। साथ ही सभी भूमि-सुधार उप समाहर्ता अंचलाधिकारियों के कार्यों का लगातार अनुश्रवण करें।