गरीब मछुआ सरकार की ओर आशाभरी नजरों से देख रहे हैं -प्रयाग सहनी
राज्य सरकार मछली और मछु आरों का बीमा करायें। मछली उत्पादन में मछुआ समाज प्राचीन काल से लगा हुआ है लेकिन मछुआरों की आर्थिक स्थिति अत्यंत खराब है। ऐसे में सरकार को आगे आने की जरुरत है। ये बातें बिहार राज्‘य मत्स्यजीवी सहकारी संघ (कॉफ्फेड) की प्रबंध निदेशक ऋषिकेश कश्यप ने मछुआरा दिवस के अवसर पर कही।
उन्होंने कहा कि मछुआ समाज के हितों की रक्षा के लिए कॉफ्फेड संकल्पित है। वर्तमान में मछुआरों की आर्थिक स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। राज्य का उत्तरी भाग पूरी तरह से बाढ़ प्रभावित है। अब तो दक्षिण बिहार के जहानाबाद एवं औरंगाबाद में भी बाढ़ का कहर देखा जा रहा है। हर साल बाढ़ से करोड़ों रुपये की मछलियाँ नदियों की धारा में बह जाती है, जिससे मछुआरा की आर्थिक रुप से काफी नुकसान होता है। उनकी कमर ही टूट जाती है। इसके अलावा नदियों के किनारे रहने वाले गरीब मछुआरों की झोपड़ी भी बाढ़ की धारा में बह जाती है। ऐसे में सरकार की जिम्मेदारी है कि गरीब मछुआरों के आर्थिक हितों की रक्षा के लिए बीमा की व्यवस्था करें ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में उन्हें मदद की जा सके। अगर सरकार उन्हें बीमा का लाभ प्रदान करती है तो संघ सरकार का हमेशा आभारी रहेगा।
मछुआरा दिवस के अवसर पर संघ के अध्यक्ष प्रयाग सहनी ने कहा कि गरीब मछुआ सरकार की ओर आशाभरी नजरों से देख रहे हैं। सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए आगे आती है तो संघ भी दो कदम आगे बढ़कर सरकार को मदद करेगा। मछुआ समाज आज अपने हितों को लेकर काफी एकजुट है। अपनी माँगों को हर स्तर पर पहुँचाने के लिए संगठन दिन-रात काम कर रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मछली का बीमा कराती है तो इससे मछुआरा की क्षतिपूर्त्ति में काफी सुविधा होगी। सरकार की इस पहल से राज्य में मछली उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। मालूम हो कि वर्त्तमान में राज्य में काफी मात्रा में मछली आंध्रप्रदेश एवं पश्चिम बंगाल से मँगाई जा रही है। बिहार को आत्मनिर्भर बनाने के लिए जरुरी है कि राज्य में मत्स्य उत्पादन को बढ़ावा मिले। इस अवसर पर श्री मदन कुमार निषाद, श्री ब्रजेन्द्रनाथ सिन्हा, श्री लालबाबू सहनी निदेशकगण, श्री रघुनाथ मुखिया, श्री मो० मनौवर अली, श्री प्रमोद कुमार, श्रीमती गुड्डी बेगम आदि मौजूद थे।