पटना मेट्रो रेल परियोजना का त्वरित गति से क्रियान्वयन करने का डीएम ने दिया निदेश
जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने पटना मेट्रो रेल परियोजना का त्वरित गति से क्रियान्वयन करने का निदेश दिया है। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में परियोजना में प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। इस बैठक में पटना मेट्रो निर्माण से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया तथा डीएम द्वारा आवश्यक निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी ने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना में प्रगति काफी अच्छी है। सभी व्यवधान को दूर कर दिया गया है। कभी-कभी जो छोटे-छोटे मुद्दे आते हैं उसे संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी तथा अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सजगतापूर्वक दूर कर रहे हैं।
बैठक में पटना मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन हेतु भू-अर्जन, भू-हस्तांतरण एवं अन्यान्य मामलों की समीक्षा की गयी तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया गया। मौजा पहाड़ी एवं रानीपुर, न्यू आईएसबीटी, जगनपुरा, रामकृष्णा नगर, मीठापुर बायोडक्ट, आकाशवाणी, गाँधी मैदान, पीएमसीएच, पटना यूनिवर्सिटी, मोईनुलहक स्टेशन, राजेन्द्र नगर स्टेशन, डिपो साईट, खेमनीचक, भूतनाथ, पटना मेट्रो यार्ड, राजाबाजार, पटना जंक्शन, रूकनपुरा, पटना जू सहित विभिन्न मेट्रो कार्य में प्रगति का जायजा लिया गया। डीएम ने भू-अर्जन एवं भू-हस्तांतरण के लंबित मामलों का त्वरित गति से निष्पादन करने का निदेश दिया। उन्होंने जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को रैयतों के मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया में तेजी लाने का निदेश दिया।
पटना मेट्रो रेल डिपो निर्माण हेतु रानीपुर तथा पहाड़ी मौजा में कुल 82 खेसरा में अर्जित रकवा 75.945 एकड़ है। कुल 413 रैयतों के बीच 239.52 करोड़ रूपया का भुगतान किया गया है तथा प्रावधानों के अनुसार 84.24 करोड़ रूपया की राशि प्राधिकार में जमा की गई है। पंचाटियों को आंशिक भुगतान हुआ है। जिलाधिकारी द्वारा कैम्प लगाकर त्वरित गति से मुआवजा भुगतान करने का निदेश दिया गया। पूर्व से निर्मित लगभग 36 भवनों/संरचनाओं को हटाया जाना बाकी है। जिलाधिकारी द्वारा अगले सप्ताह इसे हटाने का निदेश दिया गया।
मीठापुर बायोडक्ट स्टेशन निर्माण में कोई समस्या नहीं है। 29 जुलाई, 2024 को अर्जित भूमि पर अवस्थित संरचना को हटा दिया गया है।
खेमनीचक स्टेशन परियोजना का कार्य सुचारू रूप से करने हेतु स्थायी/अस्थायी अतिक्रमण हटाया जाना आवश्यक है। खेमनीचक के पास एनएचएआई द्वारा पूर्व में अधिग्रहित भूमि की मापी कर सीमांकन कार्य हेतु अभिलेख/अधिग्रहित नक्शा प्राप्त नहीं हुआ है। जिलाधिकारी द्वारा अंचल अधिकारी, फुलवारीशरीफ एवं जिला भू-अर्जन पदाधिकारी को निदेश दिया गया कि जिला राजस्व अभिलेखागार में अधियाची नक्शा की खोजबीन कराना सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए संबंधित कार्यालयों से पत्राचार करने का निदेश दिया गया। अपर समाहर्ता, पटना को इसका अनुश्रवण करने का निदेश दिया गया।
पीएमसीएच स्टेशन के लिए राधाकृष्ण मंदिर को शिफ्ट करने की आवश्यकता है। जिलाधिकारी द्वारा अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी तथा अंचल अधिकारी पटना सदर को मानक प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए आवश्यक कार्य करने का निदेश दिया गया।
न्यू आईएसबीटी मेट्रो स्टेशन के पहाड़ी मौजा के लिए रैयतों को शत प्रतिशत भुगतान हो गया है। अधियाची विभाग को दखल-कब्जा पूर्व में ही दे दिया गया है। जगनपुरा मेट्रो स्टेशन, रामकृष्णा मेट्रो स्टेशन, पटना यूनिवर्सिटी, पीएमसीएच तथा मीठापुर बायोडक्ट का भी दखल कब्जा अधियाची विभाग को पहले ही प्राप्त हो गया है।
दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) द्वारा पटना मेट्रो रेल परियोजना (पीसी-03) के क्रियान्वयन पैकेज के तहत छः अंडरग्राउण्ड मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जा रहा है। ये स्टेशन्स हैं- आकाशवाणी, गाँधी मैदान, पीएमसीएच, पटना यूनिवर्सिटी, मोईनुलहक स्टेशन, राजेन्द्र नगर स्टेशन। जिलाधिकारी द्वारा मार्ग में आने वाले संरचना का आवश्यकतानुसार रिलोकेशन एवं अन्य कार्य त्वरित गति से सम्पन्न करने का निदेश दिया गया।
डीएम ने अधिकारियों को मानक प्रक्रिया का अनुपालन करते हुए मेट्रो निर्माण हेतु मार्ग में आ रहे संरचनाओं का रिलोकेशन करने का निदेश दिया।
डीएम ने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना के क्रियान्वयन में सभी हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) को विश्वास में लिया जाए। मास्टर प्लान के अनुसार काम किया जाए।
डीएम ने कहा कि आवश्यकतानुसार ट्रैफिक डायवर्सन के लिए समाचार पत्रों एवं विभिन्न माध्यमों से आम जनता को सूचना दिया जाए ताकि नागरिकों को कोई समस्या न हो।
जिलाधिकारी ने कहा कि नागरिकों को उत्तम सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला प्रशासन प्रतिबद्ध है। राजधानी पटना में काफी तेजी से मेट्रो निर्माण का काम हो रहा है। उन्होंने अधिकारियों को तत्पर रहकर सभी कार्य ससमय सम्पन्न करने का निदेश दिया।
डीएम ने कहा कि पटना मेट्रो रेल परियोजना से नागरिकों को लोक परिवहन सुविधा का उत्तम माध्यम उपलब्ध होगा। वाहन जाम की समस्या दूर हो जाएगी तथा वर्तमान में उपलब्ध अवसंरचनाओं पर भी बोझ कम हो जाएगा।