पटना डीएम और एसएसपी ने बाढ़-प्रभावित दीघा पाटीपुल घाट, कुर्जी बिंद टोली घाट सहित आस-पास के क्षेत्रों का दौरा किया
जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना श्री राजीव मिश्रा द्वारा आज बाढ़-प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया गया। अधिकारीद्वय ने दीघा पाटीपुल घाट, कुर्जी बिंद टोली घाट सहित आस-पास के क्षेत्रों का दौरा किया; सामुदायिक रसोईघर का संचालन, मेडिकल कैंप, आवागमन के लिए नाव की व्यवस्था, पशु शेड, चारा व्यवस्था, पशु चिकित्सा जांच, सुरक्षा व्यवस्था, अस्थायी शौचालय, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सहित अन्य प्रबंध का निरीक्षण किया तथा प्रभावित लोगों एवं बच्चों से बातचीत किया।जिलाधिकारी एवं वरीय पुलिस अधीक्षक द्वारा अधिकारियों को सरकार द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार सभी व्यवस्था सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया।
जिलाधिकारी के निदेश पर इस इलाक़े में बाढ़-प्रभावित व्यक्तियों के आवागमन के लिए 17 नाव की व्यवस्था की गई है। अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर; अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी एवं अंचल अधिकारी, पटना सदर को नावों के परिचालन में निर्धारित मानकों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया ताकि लोगों की सुरक्षा हर-हाल में सुनिश्चित रहे।
जिलाधिकारी के निदेश पर दीघा पाटीपुल घाट पर सामुदायिक रसोईघर का संचालन किया जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधा के लिए मेडिकल कैंप लगाया गया है। पशु शेड, चारा व्यवस्था, पशु चिकित्सा जांच, अस्थायी शौचालय, शुद्ध पेयजल की व्यवस्था सहित सभी प्रबंध किया गया है। कुर्जी बिंद टोली घाट पर भी सामुदायिक रसोईघर का संचालन किया जा रहा है। स्वास्थ्य सुविधा, पशु चारा व्यवस्था एवं चिकित्सा जांच आदि की भी व्यवस्था है। ज़िलाधिकारी द्वारा अंचल अधिकारी को यहाँ डिवाइडर के दक्षिण तरफ़ शाम तक एक पतला एवं लंबा शेड बनाने का निर्देश दिया गया ताकि लोगों को कोई समस्या न हो।
जिलाधिकारी ने कहा कि पटना ज़िला में गंगा नदी एवं उसकी सहायक नदियों के जल-स्तर में वृद्धि को देखते हुए सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, अंचल अधिकारियों एवं प्रखंड विकास पदाधिकारियों को स्थिति सामान्य होने तक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का प्रतिदिन भ्रमण करने, घाटों एवं ऐसे इलाक़ों में नियमित निगरानी करने तथा आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा निर्धारित मानक संचालन प्रक्रिया के अनुसार सभी आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन तंत्र पूर्णतः एलर्ट है। अधिकारियों द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का लगातार भ्रमण किया जा रहा है। इनके द्वारा निर्धारित क्षेत्रों में जाकर लोगों से बात की जा रही है । नदियों के जल-स्तर में वृद्धि के कारण रास्ता में पानी आ गया है तथा टोलों के बीच सम्पर्क भंग हो गया है। आवगमन हेतु नाव ही एकमात्र साधन के रूप में उपयोग किया जा रहा है। प्रशासन द्वारा एसओपी के अनुसार सामुदायिक रसोईघर, शेड सहित सभी प्रबंध किया गया है। आम जनता को परेशान होने की कोई आवश्यकता नहीं है। किसी भी प्रकार की सूचना जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र में क्रियाशील नियंत्रण कक्ष (0612-2210118) में दी जा सकती है।