डीएम की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग की जिला-स्तरीय समीक्षात्मक बैठक हुई
अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति-सह-जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि जिलेवासियों को सुदृढ़, विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। जरूरतमंदों के इलाज के प्रति सभी को संवेदनशीलता प्रदर्शित करनी पड़ेगी। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की समीक्षात्मक बैठक में चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को लक्ष्य के अनुरूप तत्परता से कार्य सम्पन्न करना होगा।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिला स्वास्थ्य समिति की प्रत्येक बैठक में 2 प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा विगत एक माह में अपने यहां स्वास्थ्य सुविधा में किए गए सुधार के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। डीएम डॉ. सिंह ने चिकित्सकों द्वारा नागरिकों के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास की सराहना की तथा कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित सभी मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले चिकित्सा पदाधिकारियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को नियमित तौर पर सम्मानित किया जाएगा।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जब कोई जरूरतमंद व्यक्ति इलाज हेतु अस्पताल जाए तो यह सुनिश्चित करें कि उन्हें समुचित सुविधा मिले। समय पर उनका उपचार हो। अस्पतालों में चिकित्सक ऑन ड्यूटी रहें। रोगियों को प्रावधानों के अनुसार निःशुल्क दवा एवं जाँच प्राप्त हो। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ गरीबों तक ससमय पहुँचे यह सुनिश्चित करें।
इस बैठक में डीएम डॉ. सिंह ने स्वास्थ्य क्षेत्र की गतिविधियों की समीक्षा की तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पतालों, अनुमंडल अस्पतालों तथा जिला अस्पताल में ओपीडी एवं आईपीडी संचालन, परिवार नियोजन, संस्थागत प्रसव, प्रसवपूर्व देखभाल (एंटी नेटल केयर, एएनसी), नियमित टीकाकरण, प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य, मातृ स्वास्थ्य आच्छादन, ई-संजीवनी के माध्यम से टेली कंसल्टेशन सेवा, वेक्टर बॉर्न रोगों का नियंत्रण, आशा का मानदेय भुगतान सहित विभिन्न बिन्दुओं पर जिला पदाधिकारी ने लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि तथा प्रगति प्रतिवेदन की तुलनात्मक विवरणी की विस्तृत समीक्षा की तथा आवश्यक निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने छः मुख्य मानकों (इन्डिकेटर्स) पर प्रखंडों के प्रदर्शन की समीक्षा की। ये इन्डिकेटर्स हैंः-ओपीडी, आईपीडी, एएनसी रजिस्ट्रेशन, प्रथम तिमाही में एएनसी, 4 एएनसी एवं संस्थागत प्रसव।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि संस्थागत प्रसव राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है। इसे प्रोत्साहित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए, सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाए। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव के दौरान सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा के हर मानक का ध्यान रखा जाए। लेबर रूम और मेटरनिटी ऑपरेशन थिएटर में देख-भाल की गुणवत्ता में सुधार लाएँ। प्रशिक्षित एवं सक्षम स्वास्थ्यकर्मियों की समग्र देख-रेख में प्रसव कराया जाए।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। जन-जागरूकता अभियान चलाकर भी इसमें सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने प्रसव पूर्व देखभाल एवं संस्थागत प्रसव में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को आशा कार्यकर्त्ताओं तथा प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरकों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसीन से चिकित्सकीय परामर्श का विधिवत प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों, अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्रों में नियमित रूप से चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। पदस्थापित/प्रतिनियुक्त चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ अपने-अपने ड्यूटी पर मुस्तैद रहें।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए हम सबको नियमित तौर पर तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना पड़ेगा।
इस बैठक में जिलाधिकारी के साथ सिविल सर्जन, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (प्रतिरक्षण, संचारी, गैर संचारी, वेक्टर बॉर्न रोग नियंत्रण), सभी उपाधीक्षक (अनुमंडल अस्पताल एवं गर्दनीबाग अस्पताल), प्रभारी जिला शहरी स्वास्थ्य सलाहकार एनयूएचएम, एसएमओ विश्व स्वास्थ्य संगठन, एसएमसी यूनिसेफ, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (रेफरल अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र), सभी अस्पताल प्रबंधक/प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं अन्य भी उपस्थित थे।