बिहार के कैमूर जिले में कमरे के अभाव में खुले आसमान में पढ़ने को मजबूर हैं बच्चे
न्यूज़ डेस्क – शिक्षा व्यवस्था की बदहाल स्थिति का एक जीता जागता उदाहरण बिहार के कैमूर जिला के मोहनिया अंचल में पिपरा ग्राम का एक उत्क्रमित मध्य विद्यालय जहाँ बच्चों को खेत के किनारे खुले आसमान में बैठाकर पढ़ाया जाता है ।
खास बात है कि स्कूल में कमरे भी नहीं है । बेंच, कुर्सी, फर्नीचर भी नहीं है। मीडिया कर्मियों को देखकर पढ़ाई भी भंग हो जाती है। बच्चों को भागकर स्कूल के अंदर छुपना भी पड़ता है।
ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है , जिसमें बच्चे को बाहर बैठा कर शिक्षा दी जा रही है। सड़क से सटे स्कूल में जाने के लिए ना ही रास्ता है ना शौचालय है ।
स्कूल में कोई चार दिवारी नहीं है। यहां तक के स्कूल में बच्चों के हिसाब से बैठने के लिए कमरे तक नहीं है। यहां ना तो कोई बाथ रूम है और ना पीने का पानी ।
जबकि बिहार सरकार शिक्षा व्यवस्था पर लगातार दावे करती नजर आती है। लेकिन यहां तो शिक्षा व्यवस्था बिल्कुल चौपट है। इसका अंदाजा आप इस फोटो को देख कर लगा सकते हैं ।
स्कूल के प्रधानाध्यापक ने कहा कमरे की संख्या कम है और विद्यालय की बाउंड्री वाल भी नहीं है शौचालय भी नहीं है ,बच्चे ज्यादा है कमरे कम है और पानी की भी व्यवस्था नहीं है ,टंकी की आवश्यकता है लेकिन सरकार की ओर से व्यवस्था नहीं की गयी है जिसके वजह से बच्चों को परेशानी हो रही है |
यही वजह है कि जब शिक्षक की नजर मीडिया वालों पर पड़ी तब बच्चों को लेकर वे कमरे में जाने लगे ।