पटना के स्कूल कॉलेज में सरस्वती पूजा की अनुमति नहीं होगी
न्यूज़ डेस्क – जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक मानवजोत सिंह ढिल्लों द्वारा सरस्वती पूजा का आयोजन सरकारी दिशा निर्देश के अनुरूप संपादित करने तथा विधि व्यवस्था बनाए रखने हेतु सभी एसडीओ एसडीपीओ बीडीओ सीओ थाना प्रभारी के साथ समाहरणालय सभागार में बैठक की गई। बैठक में अवगत कराया गया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए गृह विभाग द्वारा प्रदत्त दिशा निर्देश के अनुरूप 6 फरवरी तक धार्मिक स्थल तथा स्कूल कॉलेज बंद हैं। इसलिए धार्मिक स्थल पर सार्वजनिक रूप से पूजा की अनुमति नहीं होगी। धार्मिक स्थल पर मात्र आंतरिक पूजा ही पुजारी द्वारा किए जा सकते हैं।
स्कूल कॉलेज 6 फरवरी तक बंद है तथा इंटर का परीक्षा भी जारी रहेगा। इसलिए स्कूल कॉलेज में भी पूजा की अनुमति नहीं होगी। किंतु प्रशासन की पूर्वानुमति प्राप्त कर छोटे स्तर पर सशर्त पूजा करने की अनुमति दी जा सकती है । किंतु जुलूस नहीं निकाले जाएंगे/ अधिकतम 50 व्यक्ति ही शामिल हो सकते हैं/ डीजे का प्रयोग प्रतिबंधित रहेगा/ कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना होगा/ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशा निर्देश का पालन करना होगा,/ कृत्रिम तालाबों में ही वाहन के माध्यम से विसर्जन करना है, आदि का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। उल्लंघन करने वाले आयोजक के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी। जिलाधिकारी ने जिला वासियों से यथासंभव अपने अपने घरों में ही पूजा करने तथा सामूहिक पूजा एवं भीड़ भाड़ नहीं करने की अपील की है।
इसके लिए शांति समिति की बैठक करने ,पंचायत प्रतिनिधियों के साथ बैठक करने तथा निजी स्कूल /कोचिंग संस्थानों के साथ बैठक करने एवं प्रतिबंधों के बारे में अवगत कराने का निर्देश दिया गया है ।
सभी अनुमंडल पदाधिकारी/ अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी थानाध्यक्ष को आदेश का अनुपालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया गया है। सरस्वती पूजा के अवसर पर शांति व्यवस्था तथा विधि व्यवस्था बनाए रखने हेतु पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारी पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की तैनाती की जाएगी।
बैठक में पुलिस अधीक्षक मध्य श्री अमरकेश डी, अपर समाहर्ता विधि व्यवस्था श्री के के सिंह अपर समाहर्ता सामान्य श्री विनायक मिश्रा अपर समाहर्ता आपूर्ति श्री निर्मल कुमार अपर समाहर्ता राजस्व श्री राजीव श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी अनुमंडल पदाधिकारी अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी अंचलाधिकारी थानाध्यक्ष आदि संबद्ध थे।