बिहार में शराबबंदी की खुली पोल, पिता ने बच्चों के किताब की जगह खरीद ली शराब ,बच्चे ने कर दी शिकायत
न्यूज़ डेस्क:-मुख्यमंत्री द्वारा आम लोगों से शराब नहीं पीने की शपथ लेने के महज चंद घंटों बाद ही उनके शराबबंदी कानून की धज्जियां उड़ गई। यह साबित हो गया कि बिहार के गांव-गांव तक अवैध शराब की पहुंच है और लोग उसे आसानी से खरीद कर पी रहे हैं । शराब की उपलब्धता इतनी आसान है कि गरीब लोग अपने बच्चे के किताब भी नहीं खरीद रहे हैं बल्कि उसके बदले शराब खरीदकर पी रहे हैं।
खबर रोहतास जिला के तिलौथू से आई है। यहां तिलौथू प्रखंड में एक फोटो वायरल हो रहा है। जिसमें एक स्कूल में एक बच्चा रो रो कर बता रहा है कि उसके पिताजी सारा पैसा शराब में खर्च कर देते हैं। इस कारण उसे पढ़ने के लिए किताब नहीं खरीद पा रहे हैं।
वायरल खबर में ये बताया गया है कि शिक्षक बच्चे से पूछ रहे हैं कि पिछले 5 दिनों से कहे जाने के उपरांत भी तुमने किताब क्यों नहीं खरीदा? तो बच्चा कहता है कि उसके पिताजी सारा पैसा शराब में खर्च कर देते हैं और उसका किताब नहीं खरीद रहे हैं। बड़ी बात है कि वायरल खबर के अनुसार बच्चे का पिता भी उस समय विद्यालय में मौजूद था , जिसके सामने बच्चा यह कबूल कर रहा था कि उसके पिता किताब खरीदने की जगह शराब में पैसा खर्च कर रहे हैं।
https://youtu.be/POSwP840Nhk
यह वायरल खबर उत्क्रमित मध्य विद्यालय, पतलूका का बताया जाता है। चूंकि इस वायरल खबर कि हम पुष्टि नहीं करते। लेकिन जिस तरह से बिहार में शराबबंदी है और एक बच्चा रो-रो कर बता रहा है कि उसके अभिभावक किताब की जगह शराब खरीद कर पी रहे हैं। जिस कारण उसे विद्यालय में शिक्षक की डांट खानी पड़ती है। सारे बच्चे किताब से पढ़ाई करते हैं, जबकि उसकी पढ़ाई किताब के बिना बाधित है। वायरल खबर में बच्चे की एक बहन भी दिख रही है। जिसने भी स्वीकार किया की सारा पैसा उसके पिताजी शराब में खर्च कर रहे हैं।
बच्चे का पिता का नाम मेवालाल बताया जाता है। वायरल खबर में पिता मेवालाल बाद में किताब खरीदने की बात स्वीकार की है। सबसे बड़ी बात पुलिस की निष्क्रियता है, जिसमें उसने फोटो वायरल होने के बाद भी अब तक दोषी अभिभावक को गिरफ्तार नहीं किया है।
शराब कहां से आती है, कहां से वह शराब खरीदता है, किस प्रकार शराब पीता है इस बात की तहकीकात भी शुरू नहीं हो सकी है। यह पुलिस की कार्यशैली का प्रत्यक्ष नमूना है।