‘एक स्टेशन, एक उत्पाद‘ के अन्तर्गत पटना जंक्शन पर मधुबनी पेंटिंग युक्त प्रदर्शनी सह बिक्री केंद्र प्रारंभ
पारंपरिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण एवं अधिक से अधिक रोजगार सृजन हेतु भारतीय रेल द्वारा ‘एक स्टेशन एक उत्पाद‘ योजना कार्यान्वित की जा रही है । इसी कड़ी में इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत् आज से अगले 15 दिनों के लिए पटना जं. पर मधुबनी पेंटिंग एवं इसके उत्पाद की प्रदर्शनी सह बिक्री केंद्र प्रारंभ हुआ ।
विदित हो कि बजट 2022-23 में ‘एक स्टेशन, एक उत्पाद‘ से संबंधित की गई घोषणा के अनुरूप स्थानीय कारीगरों, शिल्पकारों, कुम्हारों, बुनकरों एवं जन-जातियों के बेहतर जीविकोपार्जन एवं कल्याण हेतु रेलवे स्टेशनों के प्लेटफार्म पर स्थानीय उत्पादों कीे मार्केटिंग हेतु निर्धारित स्थान पर ‘स्टाल‘ उपलब्ध कराया जा रहा है । इसी कड़ी में आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत् स्थानीय हस्तशिल्प व उद्योगों को बढ़ावा देने की पहल के तहत् स्थानीय उत्पादों जैसे कि खाद्य पदार्थ, हस्त शिल्प उत्पाद, कलाकृतियां, हथकरघा इत्यादि क्षेत्र विशेष के अनुसार रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म पर प्रदर्शनी सह बिक्री केंद्र खोला गया है । यह स्थानीय लोगों के लिए स्वरोजगार का एक नया अवसर भी पैदा करेगा ।
‘एक स्टेशन, एक उत्पाद‘ के अन्तर्गत पटना जंक्शन के प्लेटफार्म नं. 01 पर मधुबनी पेंटिंग एवं इससे संबंधित उत्पादों यथा हैंड पेंटेड सिल्क एवं कॉटन की साड़ियां, दुपट्टा, फाइल फोल्डर, बैग, पर्स, मोबाईल कवर, पेन होल्डर, वाल पेंटिंग, हेंगिंग लैंप, टेबल लैंप, मास्क, कुर्ता, जैकेट, बंडी, की-रिंग होल्डर, टी ग्लास, नोट पैड बॉक्स, नोट बुक, बेड कवर सहित अन्य चीजों के प्रदर्शनी सह बिक्री हेतु एक संस्था को स्टाल लगाने के लिये स्थान उपलब्ध कराया गया है । रेलवे स्टेशन पर इसका स्टाल लगाये जाने से यहाँ के हस्तशिल्पियों का उत्साहबर्धन होगा तथा उत्पाद को एक बेहतर बाजार मिलेगा ।
इसके पहले भी पूर्व मध्य रेल द्वारा ट्रेनों एवं स्टेशनों पर मधुबनी पेंटिंग का प्रयोग कर इस कला को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलायी गयी है । पूर्व मध्य रेल के लिए यह गौरव की बात है कि मधुबनी पेंटिंग से युक्त सामग्रियों को एक लोकप्रिय कला शैली के एक आदर्श प्रतिबिंब के रूप में देखा जा रहा है जिसका सीधा लाभ स्थानीय कलाकारों को नई पहचान एवं उनके उत्पादों को नए बाजार उपलब्ध कराने में मील का पत्थर साबित होगा ।