पटना डीएम ने किया डीआरसीसी का औचक निरीक्षण
जिला पदाधिकारी, पटना डॉ0 चन्द्रशेखर सिंह ने आज छज्जुबाग, पटना स्थित जिला निबंधन एवं परामर्श केन्द्र (डीआरसीसी) का औचक निरीक्षण किया। पूर्वाह्न 10.15 बजे पहुँचते ही डीएम ने सबसे पहले कर्मियों की उपस्थिति की जाँच की। तीन सिंगल विंडो ऑपरेटर-श्री विभूति नारायण सिंह, श्री घनश्याम गिरि एवं सुश्री श्रुति कुमारी- बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपस्थित पाए गए। डीएम डॉ0 सिंह ने तीनों कर्मियों का आज का वेतन अवरूद्ध करते हुए जिला योजना पदाधिकारी को उनसे कारण-पृच्छा करने का आदेश दिया।
कर्मियों की हाजिरी दर्ज करने के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करने का आदेश दिया गया था। परन्तु निरीक्षण के वक्त बायोमेट्रिक मशीन खराब पाया गया एवं पंजी में मैनुअली हाजिरी दर्ज पायी गई। डीएम डॉ0 सिंह ने प्रबंधक, डीआरसीसी से स्पष्टीकरण करते हुए तीन दिन के अंदर बायोमेट्रिक उपस्थिति शुरू करने का निदेश दिया। डीआरसीसी में सीसीटीवी के कुल 42 कैमरे लगाए गए हैं। उसका मॉनिटर टीवी खराब पाया गया। प्रबंधक के कार्यालय-कक्ष में कम्प्यूटर स्क्रीन पर कुछ ही कैमरों का फीड उपलब्ध पाया गया। डीएम डॉ0 सिंह ने प्रबंधक को मॉनिटर टीवी को तुरत बदलकर सभी 42 सीसीटीवी कैमरा को तीन दिन के अंदर क्रियाशील करने का निदेश दिया। डीएम के निरीक्षण के वक्त आधार पंजीकरण एवं परिमार्जन केन्द्र बंद पाया गया जबकि कुछ छात्र-छात्राएँ आधार कार्य के लिए उपस्थित पायी गयी। प्रबंधक द्वारा बताया गया कि आधार कार्य के लिए पूर्व में कार्यरत एजेंसी का कार्यकाल मार्च महीने में समाप्त हो गया है। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा नई एजेंसी का चयन कर लिया गया है परन्तु अभीतक नई एजेंसी द्वारा केन्द्र का संचालन शुरू नहीं किया गया है। डीएम डॉ0 सिंह ने इस पर आपत्ति व्यक्त करते हुए उप विकास आयुक्त को विभाग से समन्वय कर एक सप्ताह के अंदर केन्द्र का संचालन शुरू कराने का निदेश दिया। निरीक्षण के क्रम में डीएम को बताया गया कि विद्युत आपूर्ति बैकअप के लिए लगाये गये 30 यूपीएस बैट्री की कार्यावधि समाप्त हो चुकी है एवं इसे बदलने की आवश्यकता है। डीएम डॉ0 सिंह ने जिला योजना पदाधिकारी को निदेशित किया कि योजना एवं विकास विभाग से समन्वय स्थापित कर इसे बदलवाना सुनिश्चित करेंगे।
डीएम डॉ0 सिंह द्वारा जिला योजना पदाधिकारी, प्रबंधक एवं सहायक प्रबंधकों के साथ ’’विकसित बिहार के सात निश्चय’’ के अंतर्गत ‘आर्थिक हल, युवाओं को बल’ के तहत डीआरसीसी से संचालित तीनों योजनाओं-बिहार स्टूडेण्ड क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना एवं कुशल युवा कार्यक्रम-की समीक्षा की गई तथा लोगों से फीड बैक प्राप्त किया गया।
बिहार स्टूडेण्ड क्रेडिट कार्ड योजना के तहत बिहार राज्य शिक्षा वित्त निगम को 14,844 आवेदन भेजा गया है जिसमें 12,631 आवेदन वित्त निगम द्वारा स्वीकृत किया गया है एवं छा़त्र-छात्राओं को राशि उपलब्ध करा दी गई है। 2,158 आवेदन वित्त निगम के स्तर पर लंबित है। डीएम डॉ0 सिंह ने जिला कार्यक्रम पदाधिकारी(योजना एवं लेखा) को निदेशित किया कि वित्त निगम से समन्वय स्थापित कर लंबित आवेदनों को यथाशीघ्र निष्पादित कराएँ ताकि छात्र-छात्राओं को तुरत इसका लाभ मिल सके।
मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना के क्रियान्वयन की अच्छी स्थिति पायी गई। इसके अंतर्गत 24,993 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं तथा बैंक को भुगतान के लिए 24,326 आवेदन भेजे गये है जिसमें 23,105 लाभार्थियों के खाते में 30 करोड़, 85 लाख एवं 95 हजार रुपये की राशि हस्तांतरित कर दी गई है। शेष प्रक्रियाधीन है। डीएम डॉ0 सिंह ने जिला योजना पदाधिकारी को इसे जल्द-से-जल्द पूरा करने का निदेश दिया।
कुशल युवा कार्यक्रम के अंतर्गत 72,625 आवेदन स्वीकृत किए गए हैं। इसमें अभी तक 42,730 व्यक्तियों ने प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया है। शेष लोगों का प्रशिक्षण जारी है। कुल लोग प्रतीक्षारत हैं। डीएम डॉ0 सिंह ने जिला योजना पदाधिकारी को इसका लगातार अनुश्रवण करने का निदेश दिया ताकि सभी लोगों को ससमय प्रशिक्षण मिल सके।
जिले में कुल 96 कौशल प्रशिक्षण केन्द्र स्वीकृत हुए थे, जिसमें 88 केन्द्र कार्यरत हैं। विभिन्न कारणों से 08 प्रशिक्षण केन्द्र कार्यरत नहीं है। इन 88 प्रशिक्षण केन्द्रों में 20 प्रखण्ड परिसर में है तथा शेष 68 केन्द्र निजी भवनों में संचालित हैं। डीएम डॉ0 सिंह ने जिला नियोजन पदाधिकारी को बंद कौशल प्रशिक्षण केन्द्रों के संबंध में एक सप्ताह के अंदर प्रतिवेदन समर्पित करने तथा विभाग से समन्वय स्थापित करते हुए इसे शुरू कराने का निदेश दिया।
डीएम डॉ0 सिंह ने कहा कि वे डीआरसीसी का नियमित तौर पर निरीक्षण करते रहेंगे। उन्होंने पदाधिकारियों को योजनाओं के सफल क्रियान्वयन में प्रतिबद्धता एवं तत्परता प्रदर्शित करने का निदेश दिया।