जिला पदाधिकारी द्वारा बच्चों से संबंधित मामले में त्वरित कार्रवाई करने का दिया गया निदेश
अध्यक्ष, जिला परिषद श्रीमती कुमारी स्तुति की अध्यक्षता एवं जिलाधिकारी, पटना डॉ चन्द्रशेखर सिंह की सह-अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला बाल संरक्षण समिति एवं चाइल्डलाइन सलाहकार बोर्ड की बैठक का आयोजन किया गया।
सर्वप्रथम सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना द्वारा बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों का स्वागत किया गया। उनके द्वारा बताया गया कि जिला बाल संरक्षण समिति का गठन जिला स्तर पर समेकित बाल संरक्षण योजना के कार्यान्वयन, मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं निगरानी हेतु किया गया है। तत्पश्चात पिछली बैठक में लिए गए निर्णयों के अनुपालन की स्थिति की समीक्षा की गई। इस संबंध में सहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि निर्णयों का अनुपालन किया गया है।
आज की इस बैठक में बाल श्रम पर रोक, बच्चों में नशा की प्रवृत्ति की रोकथाम, बाल विवाह की रोकथाम, अनाथ एवं परित्यक्त बच्चों के अवैध दत्तकग्रहण की रोकथाम, प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर बाल संरक्षण समिति को मजबूत करने पर जोर दिया गया। तत्पश्चात जिला बाल संरक्षण इकाई अंतर्गत संचालित सभी गृहों, योजनाओं एवं कार्यों की विस्तृत जानकारी दी गई।
1. पीएम केयर्स फोर चिल्ड्रेन योजना- इस योजना के संबंध में सहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि वैसे अनाथ बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गयी है, जिसमें से किसी एक की मृत्यु कोरोना से हुई है, उन्हें इस योजना का लाभ दिया जाना है। उक्त योजना में कुल 9 बच्चे पंजीकृत है। इन बच्चांे का केन्द्रीय विद्यालय में नामांकन कराने हेतु निदेश प्राप्त हुआ है। सभी बच्चों के अभिभावकों से संपर्क किया गया जिसमें तीन अभिभावकों ने अपने बच्चांे का नामांकन केन्द्रीय विद्यालय में कराने की इच्छा जाहिर की जिनका नामांकन केन्द्रीय विद्यालय में करवा दिया गया है। शेष बच्चों के अभिभावकों ने अपने बच्चों को वहीं पढ़ाने की इच्छा जताई जहाँ वो पढ़ रहे हैं।
2. मुख्यमंत्री बाल सहायता योजना – इस योजना के संबंध में सहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि वैसे अनाथ बच्चे जिनके माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गयी है, जिसमें से किसी एक की मृत्यु कोरोना से हुई है, उन्हें प्रति माह 1500 रूपये का भुगतान किया जा रहा है। उक्त योजना में कुल 10 बच्चे पंजीकृत हैं।
3. स्पांसरशिप योजना- इस योजना के संबंध में सहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि इस योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली विधवा/तलाकशुदा/परित्यक्त महिलाओं के अधिकतम दो बच्चों को अधिकतम तीन वर्ष के लिए प्रतिमाह 2000 रूपया देने का प्रावधान है। कोरोना से पिता की मृत्यु होने की स्थिति में कुल 41 बच्चों को स्पांसरशिप योजना का लाभ दिया जा रहा है।
4. मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना – मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के संबंध में सहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवार की कन्या को विवाह के उपरांत एक मुस्त 5000/- की राशि प्रदान की जाती है। 14929 लाभुकों को योजना का लाभ दिया जा चुका है।
5. परवरिश योजनाः- परवरिश योजना के संबंध में सहायक निदेशक द्वारा बताया गया कि निकटतम रिश्तेदारों के साथ रह रहे अनाथ और बेसहारा बच्चों, एच0आइ0वी0/एड्स/कुष्ठ रोग से ग्रसित माता/पिता के बच्चांे एवं एच0आइ0वी0/एड्स/कुष्ठ रोग से पीड़ित बच्चों को इस योजना का लाभ दिया जाता है। वर्त्तमान में 1015 लाभुकों को योजना का लाभ दिया जा रहा है।
6. बाल श्रम से विमुक्तिः- श्रम अधीक्षक द्वारा बताया गया कि इस वर्ष 32 बच्चों को बाल श्रम से मुक्त करवाया गया है। साथ ही सभी दोषी नियोजकों के विरूद्ध संबंधित थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी गई है।
डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि दुकानों में कार्यरत बाल श्रमिकों की मुक्ति के लिए नियमित रूप से अभियान चलाया जाए। बाल श्रमिक से संबंधित सूचना मिलने पर धावा दल द्वारा बच्चों को तुरत मुक्त कराने एवं दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए। बाल श्रमिक पुर्नवास कोष में जमा राशि का उपयोग बच्चों के कल्याण के लिए किया जाए।
डीएम डॉ. सिंह ने सरकारी अस्पताल में बच्चे को नशे की प्रवृति से मुक्ति तथा ईलाज हेतु व्यवस्था करने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि अनुमंडलीय अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों एवं अन्य अस्पतालों में आने वाले भूले-भटके बच्चों का ईलाज प्राथमिकता के आधार पर किया जाए।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिले में संचालित बाल देख-रेख संस्थानों में आवासित बालक एवं बालिकाओं का निकटतम विद्यालयों में नामांकन कराया जाए। सहायक निदेशक, बाल संरक्षण जिला शिक्षा पदाधिकारी को इसकी सूची उपलब्ध करायेंगे।
जिला शिक्षा पदाधिकारी ने बताया कि सर्वे के अनुसार विद्यालय से बाहर 912 बच्चों का विद्यालय में नामांकन कराया गया। डीएम डॉ. सिंह ने इन सभी विद्यार्थियों को सरकार की योजनाओं यथा छात्रवृति, पोशाक, साईकिल, मेधावृति आदि का लाभ उपलब्ध कराने का निदेश दिया।
जिला पदाधिकारी द्वारा बच्चों से संबंधित मामले में त्वरित कार्रवाई करने का निदेश संबंधित हितधारकों को दिया गया। साथ ही सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई को सभी गृहों का नियमित निरीक्षण करने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ सिंह ने कहा कि बाल संरक्षण के प्रति समाज को जागरूक करने की आवश्यकता है।
बैठक में उप विकास आयुक्त, असैनिक शल्य चिकित्सक-सह-मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक (रेलवे), जिला जन-संपर्क पदाधिकारी, श्रम अधीक्षक, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्यगण, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, चाइल्डलाइन पटना के पदाधिकारी एवं सदस्यगण, जिला बाल संरक्षण इकाई के सभी पदाधिकारी एवं कर्मी तथा सभी गृहों के अधीक्षक उपस्थित थे।