डीएम की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक हुई; स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियों की समीक्षा की गई
जिला पदाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला स्वास्थ्य समिति, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने कहा है कि सुदृढ़, विश्वसनीय एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। जरूरतमंदों के इलाज के प्रति सभी को संवेदनशीलता प्रदर्शित करनी पड़ेगी। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की मासिक समीक्षात्मक बैठक में चिकित्सा पदाधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी पदाधिकारियों को कोविड दौर से बाहर आकर तत्परता से नियमित कार्य सम्पन्न करने की आवश्यकता है।
इस बैठक में डीएम डॉ. सिंह ने स्वास्थ्य क्षेत्र की गतिविधियों की समीक्षा की तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, रेफरल अस्पतालों, अनुमंडल अस्पतालों तथा जिला अस्पताल में ओपीडी एवं आईपीडी संचालन, परिवार नियोजन, संस्थागत प्रसव, प्रसवपूर्व देखभाल (एंटी नेटल केयर, एएनसी), नियमित टीकाकरण, कोविड टीकाकरण, जापानी इन्सेफ्लाइटिश टीकाकरण, प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य, मातृ स्वास्थ्य आच्छादन, ई-संजीवनी के माध्यम से टेली कंसल्टेशन सेवा, वेक्टर बॉर्न रोगों का नियंत्रण, आशा का मानदेय भुगतान सहित विभिन्न बिन्दुओं पर जिला पदाधिकारी ने लक्ष्य के विरूद्ध उपलब्धि तथा विगत बैठक के बाद प्रगति प्रतिवेदन की तुलनात्मक विवरणी की विस्तृत समीक्षा की तथा आवश्यक निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित छः मुख्य मानकों (इन्डिकेटर्स) पर प्रखंडों के प्रदर्शन की समीक्षा की। ये इन्डिकेटर्स हैंः-ओपीडी, आईपीडी, एएनसी रजिस्ट्रेशन, प्रथम तिमाही में एएनसी, 4 एएनसी एवं संस्थागत प्रस्तव। सबसे अच्छा एवं सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले पाँच प्रखंडों की गतिविधियों का जायजा लिया गया।
प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून), 2022 में रोगियों हेतु ओपीडी संचालन में अथमलगोला, मनेर, पंडारक, पटना सदर एवं मोकामा; आईपीडी संचालन में दुल्हिनबाजार, बिहटा, मनेर, बाढ़ एवं पंडारक; कुल एएनसी निबंधन में फुलवारी, दानापुर, बाढ़, घोसवरी एवं फतुहा; प्रथम तिमाही में एएनसी में बाढ़ खुशरूपुर, घोसवरी, दानापुर एवं फतुहा़; पूर्ण चार एएनसी में बाढ़, मनेर, दनियावॉ, पालीगंज एवं बेलछी तथा संस्थागत प्रसव में बाढ़, दनियावॉ, सम्पतचक, मोकामा एवं बेलछी ने अच्छा प्रदर्शन किया है।
प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून), 2022 में ओपीडी संचालन में दुल्हिनबाजार, नौबतपुर, बिहटा, पालीगंज एवं फुलवारीशरीफ; आईपीडी संचालन में मसौढ़ी, धनरूआ, पटना सदर, दानापुर एवं बख्तियारपुर; कुल एएनसी निबंधन में नौबतपुर, मोकामा, धनरूआ, पुनपुन एवं बेलछी; प्रथम तिमाही में एएनसी में दुल्हिनबाजार, पटना सदर, मसौढ़ी, धनरूआ एवं नौबतपुर; पूर्ण चार एएनसी में पटना सदर, घोसवारी, फतुहा, दुल्हिनबाजार एवं सम्पतचक तथा संस्थागत प्रसव में धनरूआ, पटना सदर, घोसवरी, दानापुर एवं फुलवारी प्रखण्ड खराब प्रदर्शन करने वालों में शामिल है।
डीएम डॉ. सिंह ने सिविल सर्जन को स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित सभी छः मुख्य मानकों (इन्डिकेटर्स) पर खराब प्रदर्शन करने वाले प्रखण्डों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को कारण-पृच्छा करते हुए उनका स्पष्टीकरण प्राप्त कर उपस्थापित करने का निदेश दिया। उन्होंने इन प्रखण्डों के कार्यकलापों का नियमित अनुश्रवण करने को कहा।
डीएम डॉ. सिंह ने मातृत्व देखभाल के लिए सतत प्रयत्नशील रहने का निदेश दिया। उन्होंने प्रसवपूर्व देखभाल में गुणवत्ता सुनिश्चित करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने एएनसी निबंधन के आलोक में गर्भवती महिलाओं की हीमोग्लोबीन जांच सुनिश्चित करने का निदेश दिया। उन्होंने सिविल सर्जन को इसका अनुश्रवण करने को कहा।
प्रथम तिमाही (अप्रैल-जून), 2022 में जिला का प्रसवपूर्व सेवा (प्रथम चेकअप) में लक्ष्य 39,105 के विरूद्ध उपलब्धि 45,031 है। यह लक्ष्य का 115 प्रतिशत है।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि सभी प्रखण्ड प्रथम तिमाही में एएनसी में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करें।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि संस्थागत प्रसव राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने कहा कि सुरक्षित प्रसव के लिए संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। जन-जागरूकता अभियान चलाकर भी इसमें सुधार लाया जा सकता है। उन्होंने प्रसव पूर्व देखभाल एवं संस्थागत प्रसव में सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को आशा कार्यकर्त्ताओं तथा प्रखण्ड सामुदायिक उत्प्रेरकों की सक्रिय सहभागिता सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
समीक्षा में यह पाया गया कि अप्रैल-जून, 2022 में चार एएनसी के विरूद्ध संस्थागत प्रसव में मनेर, पाजीगंज, धनरूआ, पुनपुन एवं फुलवारी का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं है। इन प्रखण्डों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को इसमें तुरत सुधार लाने का निदेश दिया गया।
डीएम डॉ. सिंह ने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों को संस्थागत प्रसव में शीघ्र सुधार लाने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि इसे प्रोत्साहित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए, सरकारी अस्पतालों में बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाए। सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव के दौरान सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सुरक्षा के हर मानक का ध्यान रखा जाए। लेबर रूम और मेटरनिटी ऑपरेशन थिएटर में देख-भाल की गुणवत्ता में सुधार लाएँ। प्रशिक्षित एवं सक्षम स्वास्थ्यकर्मियों की समग्र देख-रेख में प्रसव कराया जाए। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि संस्थागत प्रसव की रिपोर्टिंग सही से नहीं हो रही है। मानक के अनुसार निजी अस्पतालों में प्रसव को भी संस्थागत प्रसव में शामिल किया जाना है। सार्वजनिक अस्पतालों में चार एएनसी के विरूद्ध संस्थागत प्रसवों की संख्या संतोषजनक नहीं है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि चार एएनसी कराने के बावजूद क्यों संस्थागत प्रसव कम है इसकी जाँच की जाए। उन्होंने कहा कि चार एएनसी की संख्या के समतुल्य संस्थागत प्रसव की उपलब्धि के लिए विशेष प्रयास किया जाए।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि ऐसी आशा कार्यकर्त्ताओं तथा स्वास्थ्य कर्मचारियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी जो गर्भवती माताओं के परिजनों को बहला-फुसलाकर या अन्य तरीके से निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराते हैं, संस्थागत प्रसव को हतोत्साहित करते हैं एवं जरूरतमंदों तक सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं पहुँचने देते हैं।
परिवार नियोजन में पटना सदर, सम्पतचक, फतुहा, घोसवरी एवं मसौढ़ी का अच्छा प्रदर्शन है। अथमलगोला, बख्तियारपुर, बेलछी, खुशरूपुर एवं मनेर का प्रदर्शन अच्छा नहीं है। डीएम डॉ. सिंह ने इसमें योजनाबद्ध ढंग से सुधार लाने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने विधिवत रूप से आशा चयन प्रक्रिया पूर्ण करने का निदेश दिया। वर्तमान में 3,461 लक्ष्य के विरूद्ध 3,109 आशा (90 प्रतिशत) कार्यरत है। 352 आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया जाना है। जून माह में 18 आशा कार्यकर्ताओं का चयन किया गया। डीएम डॉ. सिंह ने उप विकास आयुक्त को निदेश दिया कि जिला पंचायत राज पदाधिकारी की सहायता से आशा कार्यकर्ताओं की चयन प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाए। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय अद्यतन करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने ई-संजीवनी के माध्यम से टेलीमेडिसीन से चिकित्सकीय परामर्श का विधिवत प्रचार-प्रसार करने का निदेश दिया। सभी हेल्थ एवं वेलनेस केन्द्रों तथा वीएचएसएनडी दिवस को सत्र स्थलों पर भी यह सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
डीएम डॉ. सिंह ने पूर्ण टीकाकरण आच्छादन की समीक्षा। अप्रैल-जून, 2022 में पटना जिला में यह 89 प्रतिशत है जबकि पूरे बिहार में यह 84 प्रतिशत है। जून, 2022 में पटना जिला में पूर्ण टीकाकरण का आच्छादन 93 प्रतिशत है जबकि पूरे राज्य में यह 89 प्रतिशत है। डीएम डॉ. सिंह ने पूर्ण टीकाकरण आच्छादन पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि शत-प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण आच्छादन हासिल करने के लिए विशेष प्रयास करें।
डीएम डॉ. सिंह ने जापानी इंसेफ्लाइटिस आच्छादन 95 प्रतिशत करने के लिए तत्पर रहने का निदेश दिया।
कोविड टीकाकरण में प्रथम डोज में पटना जिला की उपलब्धि 84 प्रतिशत है, जबकि राज्य की उपलब्धि 82 प्रतिशत है। द्वितीय डोज में पटना जिला की उपलब्धि 89 प्रतिशत है, जबकि राज्य की उपलब्धि 88 प्रतिशत है। प्रिकॉसन डोज में उपलब्धि 17 प्रतिशत है। 18 प्लस आयु वर्ग में प्रथम डोज में पटना जिला ने 89 प्रतिशत एवं द्वितीय डोज में 91 प्रतिशत की उपलब्धि हासिल की है। 15 प्लस आयु वर्ग में प्रथम डोज में पटना जिला ने 58 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है। 15 प्लस आयु वर्ग में ही द्वितीय डोज में पटना जिला की उपलब्धि 71 प्रतिशत है। 12 प्लस आयु वर्ग में प्रथम डोज में पटना जिला ने 52 प्रतिशत उपलब्धि हासिल की है। 12 प्लस आयु वर्ग में द्वितीय डोज में राज्य की उपलब्धि 66 प्रतिशत के विरूद्ध पटना जिला की उपलब्धि 72 प्रतिशत है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि प्रिकॉसन डोज बढ़ाने के लिए काम करने की आवश्यकता है। द्वितीय डोज एवं प्रीकॉसन डोज की बीच की अवधि को नौ महीना से घटाकर छः महीना कर दिया गया है। अतः द्वितीय डोज लेने के छः महीना के बाद भी प्रिकॉसन डोज लिया जा सकता है। सिविल सर्जन डॉ. कमल किशोर राय ने बताया कि कोविड टीकाकरण को प्रोत्साहित करने के लिए सप्ताह में दो दिन- वृहस्पतिवार एवं शनिवार- को महाभियान चलाया जाता है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि वर्तमान में कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए कोविड-19 टीकाकरण महाभियान का सघन अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण करना सुनिश्चित किया जाए।
डीएम डॉ. सिंह ने डेंगू एवं चिकुनगुनिया की रोकथाम के लिए नियमित तौर पर फा़गिंग कराने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में आंगनबाड़ी केन्द्रों, सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों को बंद कर दिया गया था, जिसके कारण आरबीएसके के तहत स्वास्थ्य जांच गतिविधियां बाधित थीं। वर्तमान परिदृश्य में ये सभी आंगनबाड़ी केन्द्र सरकारी तथा सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालय पुनः क्रियाशील हैं। उन्होंने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को चलंत चिकित्सा दलों द्वारा आरबीएसके गतिविधियों को प्राथमिकता से संचालित करने का निदेश दिया।
डीएम डॉ. सिंह ने निदेश दिया कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों, अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्रों में नियमित रूप से चिकित्सकों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। पदस्थापित/प्रतिनियुक्त चिकित्सक एवं पैरामेडिकल स्टाफ अपने-अपने ड्यूटी पर मुस्तैद रहें।
विदित हो कि जिला स्वास्थ्य समिति की प्रत्येक बैठक में अब 2 प्रखंडों के चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा विगत एक माह में अपने यहां स्वास्थ्य सुविधा में किए गए सुधार के बारे में प्रस्तुतीकरण दिया जाएगा। आज की बैठक में रेफरल अस्पताल, मोकामा एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, दानापुर के चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधक द्वारा विगत एक माह में अपने यहाँ स्वास्थ्य सुविधा में की गई सुधार के बारे में प्रस्तुतिकरण दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने नागरिकों के लिए उत्तम स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के प्रयास की सराहना की तथा कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा निर्धारित सभी मानकों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रखण्डों के चिकित्सा पदाधिकारियों एवं स्वास्थ्यकर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा। डीएम द्वारा इसके लिए एक त्रि-सदस्यीय समिति का निर्माण किया गया जिसके अध्यक्ष उप विकास आयुक्त रहेंगे। सिविल सर्जन एवं जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी इसके सदस्य रहेंगे। यह समिति स्वास्थ्य सुविधा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रखंडों का चयन करेगी।
डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए हम सबको प्रतिबद्ध एवं तत्पर रहना पड़ेगा।
इस बैठक में जिलाधिकारी के साथ उप विकास आयुक्त, सिविल सर्जन, अधीक्षक गुरू गोविंद सिंह अस्पताल पटना सिटी, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, सभी जिला प्रोग्राम पदाधिकारी (प्रतिरक्षण, संचारी, गैर संचारी, वेक्टर बॉर्न रोग नियंत्रण), सभी उपाधीक्षक (अनुमंडल अस्पताल एवं गर्दनीबाग अस्पताल), प्रभारी जिला शहरी स्वास्थ्य सलाहकार एनयूएचएम, एसएमओ विश्व स्वास्थ्य संगठन, एसएमसी यूनिसेफ,, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (रेफरल अस्पताल एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र), सभी अस्पताल प्रबंधक/प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक एवं अन्य भी उपस्थित थे।