पटना जिले में वर्ष 2020 से अबतक कुल 48 बच्चे गोद दिए गए है

जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना के तत्वावधान में संचालित अरुणोदय विशिष्ट दत्तकग्रहण संस्थान में आवासित बालिका सृष्टि सागर को सहायक समहर्ता पटना शैलजा पांडेय द्वारा दत्तक ग्रहण पूर्व पालन देखभाल (Pre adoption Foster care) में दिया गया। पटना जिले में वर्ष 2020 से अबतक कुल 48 बच्चे गोद दिए गए है l

बालिका सृष्टि सागर को पश्चिम बंगाल के निवासी श्री सुरोजीत कुमार मंडल श्रीमती बिपाशा मंडल को महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी दत्तक ग्रहण मार्गदर्शिका 2022 के प्रावधानों के आलोक में समस्त प्रक्रिया पूर्ण कर प्रदान किया गया है। दंपत्ति के द्वारा लगभग 3 वर्ष पूर्व बच्चा गोद लेने हेतु आवेदन किया गया था ।

इस अवसर पर उदय कुमार झा, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई, बाल कल्याण समिति पटना की अध्यक्ष डॉ0 संगीता कुमारी, बाल संरक्षण पदाधिकारी मुकुल कुमार , संस्थान के समन्वयक शाईस्ता अनवर तथा अन्य कर्मी उपस्थित थे।

जानिए दत्तकग्रहण के क्या नियम हैं-

कोई भी ऐसा दंपत्ति जिसकी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति सुदृढ़ हो बच्चा गोद लेने के लिए पात्र हो सकता है, यदि उन्होंने कम से कम दो वर्ष का स्थिर वैवाहिक जीवन व्यतीत किया हो तथा दत्तक ग्रहण हेतु दोनों की आपसी सहमती जरुरी है। अलग-अलग उम्र वाले दंपत्ति को अलग – अलग उम्र के बच्चे की पात्रता होती है। बच्चा गोद लेने के लिए केन्द्रीय दत्तकग्रहण संसाधन प्राधिकरण के वेबसाइट www.cara.nic.in पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है । जांचोपरांत बच्चा गोद लेने के पात्र माता -पिता को बच्चा गोद दिया जाता है । एकल पुरूष अभिभावक को केवल लड़का गोद दिया जा सकता है जबकि एकल महिला अभिभावक लड़का एवं लड़की दोनों को गोद ले सकती है । देश में किसी अन्य माध्यम से बच्चा गोद लेना और देना कानूनी अपराध है ।

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