पटना में अब विश्व की अत्याधुनिक मशीन एलकोन सेंचूरियन से किया जाएगा मोतियाबिंद का इलाज : डॉ. अभिषेक कुमार
आधुनिक सुविधाओं से परिपूर्ण लक्ष्मी नेत्रालय ने रविवार को जमाल रोड में अपने पटना शाखा का शुभारंभ किया | इस शाखा का उद्घाटन मुख्य अतिथि ललन कुमार सर्राफ, सदस्य बिहार विधान परिषद ( जनता दल यूनाइटेड ) के कर कमलो द्वारा किया गया | इस अवसर पर पी. एम. सी. एच न्यूरो सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. डॉ. अरुण कुमार सम्मानित अतिथि रूप में उपस्थित थे |
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए संस्था के प्रमुख एवं भोजपुर के प्रख्यात नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. एस. के केडिया ने अतिथियों का स्वागत किया एवं संस्था के द्वारा विगत 35 वर्षो से किये गये कार्यो के बारे में बताया | संस्था के मेडिकल निदेशक डॉ. अभिषेक कुमार ने संस्था में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में उल्लेख करते हुए कहा कि यहां मोतियाबिंद का इलाज विश्व की अत्याधुनिक मशीन एलकोन सेंचूरियन के द्वारा किया जाएगा तथा देशी और विदेशी सभी तरह के लेंस लगाये जायेंगे | इसके अलावा ग्लूकोमा, कॉर्निया, रेटिना (आंखों के पर्दे) एवं चश्मे से छुटकारा पाने के लिए कॉनटुरा लेसिक लेजर जैसी अत्याधुनिक मशीने उपचार के लिए लगाई गयी है | उन्होंने स्पष्ट तरीके से बताया कि बिहार के लोगों को अब आँख से सम्बंधित किसी भी तरह के इलाज के लिये बाहर जाने की जरुरत नही है | इस नेत्रालय में सभी तरीके की सुविधा मुकम्मल कराई जाएगी | यहां मरीजों का इलाज विदेश से प्रशिक्षित डाक्टरों द्वारा किया जायेगा | जहाँ कॉर्निया एवं रेफ्राक्टिव सर्जरी के स्पेशलिस्ट डॉ. आशीष केडिया ने बताया की कॉर्निया ट्रांसप्लांट अब पहले से बहुत एडवांस हो गया है | एक दान की गयी आँख से तीन मरीजो की रौशनी वापस लायी जा सकती है | उन्होंने बताया की इस शाखा में कॉनटुरा लेसिक लेजर जैसी अत्याधुनिक मशीने लगाई गयी है जिससे ब्लेडलेस लेसिक संभव है और चश्मे का पवार पूर्ण रूप से हटाया जा सकता है | इस मौके पर उपस्थित मुख्य अतिथि ललन कुमार सर्राफ ने लोगों को संबोधित करते हुए लक्ष्मी नेत्रालय के किये गये कार्यो की सराहना की और बिहार में तेजी से बढ़ रहे अंधापन से लोगों को अवगत कराया और कहा की इसका मुख्य कारण लोगों में इसके प्रति जागरूकता का आभाव है | धन्यवाद ज्ञापन डॉ. शिल्पी अग्रवाल केडिया ने दिया एवं उन्होंने ग्लूकोमा अर्थात कालामोतियाबिंद के लिये लोगो को जागरूक किया और कहा अगर की समय रहते इस बीमारी को पहचाना जाये तो इसका इलाज संभव है और मरीज को अंधेपन से बचाया जा सकता है | इस अवसर पर डॉ. सुनील सिंह, डॉ. सुभाष प्रसाद, डॉ. विभूति, डॉ. सुधीर, अमर अग्रवाल, पी. के. अग्रवाल, रोटरी क्लब के सदस्य और कई गणमान्य लोग उपस्थित थे |