संयुक्त परिवार से एकाकी परिवार की ओर बढ़ते युग में हमने बुजुर्गों का ध्यान रखना बंद कर दिया
आज बुजुर्गों की समस्या अकल्पनीय है। वृद्धावस्था अभिशाप होती जा रही है। उनका जीवनयापन बहुत कठिन होता जा रहा है। कोई चलने में असमर्थ है तो कोई अपाहिज बिस्तर को ही अपनी नियति मानकर जीवन निर्वाह कर रहा है। यदि वे उच्चवर्गीय हैं तो उनकी संतान ने नर्स, अटेंडेंट या बहुत सारे पैसों की व्यवस्था कर दी है, ताकि उन लोगों का जीवन भौतिक सुख-सुविधा से परिपूर्ण हो। लेकिन गरीब और लाचार व्यक्ति के लिए वृद्धाश्रम ही एक सहारा बचता है। यह बातें उद्योग मंत्री समीर माहासेठ ने अक्षत सेवा सदन में लायंस उर्मिला वृद्धा आश्रम की ओर से प्रख्यात चिकित्सक शिक्षाविद एवं समाजसेवी स्वर्गीय डॉ हरि राम सिंह की स्मृति में लायंस उर्मिला वृद्धाश्रम के तत्वावधान में असहाय रोगियों के सेवार्थ नि:शुल्क एंबुलेस यातायात सेवा की शुरूआत और पांच प्रतिष्ठित चिकित्सकों को संजीवनी अवार्ड से सम्मानित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने के लिए हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अमूल्य कुमार सिंह की प्रशंसा की। इस मौके पर डॉ कहा कि बुजुर्ग हमारी धरोहर है, आओ इनकी सेवा करें। उन्होंने बताया कि वृद्धआश्रम में 208 वृद्ध मरीजों को सेवा का लाभ मिला है। करोना काल में 36 मरीजों को ठीक कर के खुशी-खुशी घर भेजा गया है। वहीं विधायक डॉ संजीव कुमार कहा कि दुख:द यह है कि संयुक्त परिवार से एकाकी परिवार की ओर बढ़ते युग में हमने बुजुर्गों का ध्यान रखना बंद कर दिया है। विधायक डॉ मुकेश कुमार रौशन कहा कि हिंदुस्तान में यहां की जनसंख्या के हिसाब से ज्यादा वृद्धाश्रम नहीं है। अगर हम भविष्य में सम्मान चाहते हैं तो हमें आज बुजुगों को सम्मान देना सीखना होगा।