सीवान में प्रशांत किशोर का लालू-नीतीश पर हमला, बोले – 32 साल से लालू-नीतीश बिहार के लोगों को ठग रहे हैं, लेकिन आपका आंख ही नहीं खुल रहा
जन सुराज पदयात्रा के 150वें दिन की शुरुआत सिवान के हसनपुरा नगर पंचायत स्थित हसनपुरा मैदान में सर्वधर्म प्रार्थना से हुई। इसके बाद प्रशांत किशोर सैकड़ों पदयात्रियों के साथ पदयात्रा के लिए निकले। आज जन सुराज पदयात्रा हसनपुरा नगर पंचायत, पियाऊर, साहुली, गोपालपुर नगर पंचायत, पूर्वी हरिहांस, पश्चिम हरिहांस, खानपुर खैराटी, होते हुए हुसैनगंज प्रखंड अंतर्गत खरसंडा पंचायत के बाली मैदान में जन सुराज पदयात्रा शिविर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची। प्रशांत किशोर की पदयात्रा का सिवान में आज 23वां दिन है। वे जिले में 04 से 08 दिन और रुकेंगे और इस दौरान वे अलग-अलग गांवों और प्रखंडों में पदयात्रा के माध्यम से जनता के बीच जाएंगे। उनकी समस्याओं को समझ कर उसका संकलन कर उसके समाधान के लिए ब्लू प्रिंट तैयार करेंगे। दिनभर की पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर 4 आमसभाओं को संबोधित किया और 8 पंचायत के 14 गांवों से गुजरते हुए 17 किमी की पदयात्रा तय की।
32 साल से लालू-नीतीश बिहार के लोगों को ठग रहे हैं, लेकिन आपका आंख ही नहीं खुल रहा
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आप लोग ये सोचते हैं कि बिहार को सुधारने के लिए कोई मगल ग्रह से आएगा और बिहार सुधर जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं होगा क्योंकि पिछले 32 सालों से हम लालू नीतीश, को वोट देकर जीता रहे हैं और इन दोनों से अच्छा कोई नेता नहीं है क्या? एक आदमी को 32 सालों से वोट भी दे रहे हैं और उसी आदमी को दोष भी दे रहे हैं। जब कोई दुकान पर कपड़े खरीदने जाता है और वो दुकान वाला आपको ठग लेता है तो क्या आप फिर उस दुकान पर जाते हैं? नहीं जाते हैं, और यदि जाते हैं तो दूसरा आप से पूछता है कि जब वो दुकान वाला ठगता है तो उस दुकान पर क्यों गए थे, जब आपको पता है नेता आपको ठगता है, तो आप उसी नेता को वोट क्यों दे रहे है? और यदि उसी नेता को वोट देते हैं तो दुखी क्यों होते हैं कि नेता ने ठग लिया।
आपके वोट की कीमत आपके बच्चों का भविष्य होना चाहिए, जाति-धर्म या भारत-पाकिस्तान नहीं
जन सुराज पदयात्रा के दौरान सिवान में बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था पर हमला करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि आपको क्या लगता है? बिहार के कॉलेज में पढाई होती है? पढाई नहीं होती है। यदि पढ़ाई होगी ही नहीं तो नौकरी कहाँ से लगेगी? आगे अपने बारे में बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि हम भी बिहार के सरकारी स्कूल में पढ़े हैं, जब हम पढ़े है तभी हम यहाँ पहुंचे हैं। अगर नहीं पढ़ते तो यहाँ नहीं पहुंच पाते। यदि हमारी बात समझ आ रही है तो जगिए और संकल्प लीजिये की भारत पाकिस्तान पर नहीं, 5 किलो अनाज पर नहीं, जाति धर्म पर नहीं, वोट की कीमत है आपके बच्चे का भविष्य। जो हमारे बच्चों की पढ़ने और रोजगार की व्यवस्था करवाएगा उसी को वोट दिया जाएगी और यदि आपको ये समझ आता है तो ठीक, नहीं तो आप जिस दशा में है उसी दशा में रहेंगे।