धरती मां को सुंदर सजाकर हरा भरा कर पूजा करें जिससे हमारी सनातनी संस्कृति भी बच सकें- डॉ एन पी प्रियदर्शी
5 मई को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर डॉ नरेश प्रसाद प्रियदर्शी पर्यावरणविद एवं वरिष्ठ चिकित्सक श्री राज ट्रस्ट हॉस्पिटल के द्वारा पटना के कई जगहों पर समाज एवं मानवीय हित के लिए उपयोगी पेड़ को लगाया गया और यह सुनिश्चित किया कि यह पेड़ जहां भी लगा रहे है इसकी देखभाल की जानकारी आने वाले समय में वह खुद जाकर करेंगे इन्होंने आज समाज को संबोधित करते हुए कहा कि हम लोगों को अब सचेत हो जाने की जरूरत है अगर हम अपने इस धरती को और आने वाले भविष्य को सुंदर और उनके जीने लायक बनाना चाहते हैं तो आज जागरूक होना होगा और पर्यावरण को ठीक रखने के लिए निरंतर गतिशील रहना होगा |
डॉक्टर साहब ने आगे बोलते हुए कहा कि पर्यावरण शब्द का निर्माण दो शब्दों से मिलकर हुआ है “परि”जो हमारे चारों ओर है “आवरण”जो हमें चारों ओर से घिरे हुए हैं अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ होता है चारों ओर से घेरे हुए |पर्यावरण सभी भौतिक रासायनिक जैविक कारकों की एक इकाई है जो किसी पारितंत्रिय को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप ,जीवन और जीविता को तय करते हैं |
डॉ नरेश प्रसाद प्रियदर्शी पटना जिले के कई प्रखंडों मे जाकर पौधा रोपण किया और सैकड़ो पेड़ लगाए और ये संदेश दिया कि पर्यावरण की शुद्धता मानव जीवन के अस्तित्व के लिए जरूरी है पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़ पौधे का होना आवश्यक है अगर आप भी आज से भारत को प्रदूषण मुक्त नैसर्गिक भारत के कल्पना करते हैं तो आज से क्यों, अभी से क्यों नहीं अपनी रक्त रंजित रोती बिलखती भारत मां को हरा भरा बनाने का संकल्प लेते हुए पीपल बरगद बेल नीम सहजन अमला आम आदि से आच्छादित करें और धरती मां को सुंदर सजाकर हरा भरा कर पूजा करें जिससे हमारी सनातनी संस्कृति भी बच सकें ताकि हम आने वाली पीढ़ी को भी एक सुरक्षित वातावरण दे सकें यही सच्चे अर्थ में पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य है