वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, बिहार कमिटी की बैठक में अहम प्रस्ताव पारित

वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, बिहार कमिटी की कार्यकारिणी बैठक शनिवार को पटना के मंदिरी में संपन्न हुई। बैठक में संगठन के विस्तार, पत्रकारों की सुरक्षा, सम्मान और प्रशिक्षण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल ने कहा कि संगठन को और अधिक सशक्त बनाने के लिए सदस्यता अभियान तेज किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक ईमानदार एवं निष्पक्ष पत्रकारों को जोड़ा जा सके। श्री कौशल ने बिहार कमिटी के सभी प्रस्तावों पर सहमति जताते हुए कहा कि पत्रकारों की सुरक्षा और उनके अधिकारों के लिए संगठन पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

बैठक की अध्यक्षता संगठन के बिहार प्रदेश अध्यक्ष बालकृष्ण ने की, जबकि संचालन एवं स्वागत भाषण प्रदेश महासचिव एवं भारत लाइव के संपादक नमन मिश्रा ने दिया।

मंदिरी में प्रदेश महासचिव नमन मिश्रा के आवास पर आयोजित बैठक में वरिष्ठ पत्रकार विजय मिश्रा उर्फ बाबा का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।

इस अवसर पर संगठन के राष्ट्रीय सचिव सह बिहार प्रभारी मधुप मणि “पिक्कू”, राष्ट्रीय कार्यालय सचिव अकबर इमाम, प्रदेश उपाध्यक्ष संगीता जी, बिहार प्रदेश सचिव राजू नारायण पाठक, प्रदेश कोषाध्यक्ष कादिर खान, कार्यकारिणी सदस्य जैकी शर्मा, पंकज कुमार, रविकांत सहित कई गणमान्य पत्रकार उपस्थित रहे।

बैठक के दौरान प्रसिद्ध सूफी सिंगर अमित सिंह एमी को संगठन का ब्रांड एंबेसडर घोषित किया गया। इसके उपरांत संगत-पंगत के दौरान राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल ने अपनी शानदार गायकी से समा बांध दिया, जबकि प्रदेश महासचिव नमन मिश्रा ने “ये दोस्ती हम नहीं तोड़ेंगे” गीत गाकर माहौल को संगीतमय बना दिया।

बैठक के अंत में संगठन के सभी सदस्यों ने बिहार के प्रसिद्ध व्यंजन लिट्टी-चोखा का आनंद लिया, जिससे कार्यक्रम का समापन सौहार्दपूर्ण माहौल में हुआ।

डब्ल्यूजेएआई के तीसरे आभासी “संवाद” को संबोधित करते हुए बोले डब्ल्यूजेएसए के मानद सदस्य उदय चंद्र सिंह

वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूजेएआई) द्वारा आयोजित संवाद कार्यक्रम को कल देर शाम मुख्य वक्ता के रूप में NDTV के पूर्व आउटपुट एडिटर सह MyGov India के प्रबंधक उदय चंद्र सिंह ने संबोधित किया। वर्चुअल माध्यम से आयोजित होने वाले “संवाद” के तीसरे एपिसोड का विषय था ‘एक नई मीडिया संस्कृति का जन्म।’


संवाद को संबोधित करते हुए डब्ल्यूजेएआई के डब्ल्यूजेएसए के मानद सदस्य उदय चंद्र सिंह ने कहा कि महानगरों में पत्रकारिता के विषयों पर अक्सर सेमिनार का आयोजन किया जाता है लेकिन वेब पत्रकारिता के मामले में ऐसा कुछ नहीं होता है। दूर दराज के क्षेत्रों में आज वेब पत्रकारिता की भूमिका काफी बड़ी है ऐसे में उनके लिए ये जानना और समझना जरूरी है कि आज वेब मीडिया देश दुनिया की परिदृश्य कैसे बदल रहा है। उन्होंने कहा कि आज नई मीडिया ने एक मजबूत जगह बना ली है लेकिन फिर भी हमें खासकर कॉपीराईट जैसे कुछ कानून, अधिकार और टेक्नोलॉजी जानने की जरूरत है। आज एक ऐसा वक्त है कि हमें यह सोचना पड़ेगा कि नए पत्रकारों को यह बता सकें कि क्या और कैसे करना चाहिए।


उन्होंने कहा कि आज वेब मीडिया ने एक नई मीडिया संस्कृति को जन्म दिया है। आज के समय में टीवी जर्नलिज्म के लोग वेब जर्नलिज्म को पचा नहीं पा रहे हैं। आज के समय में भी वेब के पत्रकारों को तीसरे दर्जे का पत्रकारिता माना जा रहा है। प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता की जमी जमाई जमीन के बीच वेब पत्रकारिता का आना और अपनी पहचान बनाना आसान नहीं था। पहले हम सिर्फ अखबार पढ़ते थे या टीवी पर अपनी मनपसंद शो देखते थे। पहले खबर सिर्फ टीवी तक उपलब्ध था जबकि अब आपके हाथों में है। वेब मीडिया ने पाठकों को खबर पर अपना रिएक्शन देने का भी अवसर प्रदान किया है।
भारत में वेब पत्रकारिता
मुख्य वक्ता उदय चंद्र सिंह ने भारत में वेब पत्रकारिता की शुरुआत के लिए एन राम को धन्यवाद देते हुए कहा कि 1995 में पहली बार अपने अखबार का ई संस्करण लाया। उसके बाद बड़े मीडिया हाउस भी इस तरफ आए। देखते देखते टाइम्स ऑफ इंडिया को पता चला कि हमारा सर्कुलेशन जो कम हुआ है उसका 20 प्रतिशत ग्राहक इंटरनेट की तरफ चले गए। इसी का नतीजा है कि आज कई बड़े मीडिया हाउस अपने ई संस्करण के लिए भी आपसे पैसे लेते हैं।
आम आदमी भी है पत्रकार
अक्सर देखा जाता रहा है कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कई बार एक पक्षीय खबरें चलाता है तो वेब मीडिया से उम्मीदें जगी हैं कि दोनों पक्षों की बात करेगा। आज आम आदमी भी पत्रकार है। कुछ चीजें रिकॉर्ड कर सोशल मीडिया पर डालते हैं और आसानी से आम जनमानस तक पहुंच जाते हैं। डिजिटल मीडिया ने कोरोना जैसे महामारी के समय एक अहम भूमिका निभाई और जनमानस तक हर जरूरी सूचनाएं पहुंचाई।

वेब पत्रकारिता में अफवाह
वेब मीडिया में भी धीरे धीरे वह तत्व आए जो अफवाह भी फैलाने लगी। सरकार को यह समझना होगा कि वेब पत्रकारिता आज मेन स्ट्रीम की पत्रकारिता बन चुकी है। सरकार को वेब मीडिया के लिए नियम और कानून लाना चाहिए। उन्होंने सूचना प्रसारण मंत्रालय को धन्यवाद देते हुए कहा कि डब्ल्यूजेएआई जैसे संगठन को मान्यता देने के लिए सामने आई और आज वेब जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया आज इस दिशा में अहम भूमिका निभा रहा है। नई मीडिया संस्कृति के सामने सबसे बड़ी चुनौती कानूनन सुरक्षा की है।

कानून और टेक्नोलॉजी की जानकारी
आज इस नई मीडिया ने एक मजबूत जगह बना ली है लेकिन फिर भी हमें जानने की जरूरत है कुछ अधिकार, कानून और टेक्नोलॉजी की। आज एक ऐसा वक्त है कि हमें यह सोचना पड़ेगा कि नए पत्रकारों को यह बता सकें कि क्या और कैसे करना चाहिए। आज डिजिटल मीडिया में कई बड़े मीडिया हाउस हैं।

वेब पत्रकारिता की सफलता
मुख्य वक्ता उदय चंद्र सिंह ने कहा कि आज के समय में कई ऐसे मामले हैं जिन्हें टीवी और प्रिंट मीडिया नहीं दिखा पाती हैं जबकि वेब मीडिया ने उसे सबके सामने लाया और वह एक बड़ी खबर के रूप में उभर कर सामने आई। उन्होंने वेब मीडिया की जिम्मेवारी बताते हुए कहा कि आपके साथ मीडिया हाउस जैसी लंबी प्रक्रियाएं नहीं हैं, सब कुछ खुद से करना है ऐसे में आपकी जिम्मेवारी भी बड़ी है कि क्या कैसे दिखाना है और क्या नहीं दिखाना है, यह भी समझना होगा। हमें क्या दिखाना है यह तो पता है लेकिन सबसे जरूरी है कि हमें क्या नहीं दिखाना है।

सनसनी से अधिक जरूरी सत्यता
उदय चंद्र सिंह ने कहा कि जैसे जैसे इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ेगी वैसे ही वेब मीडिया में तेजी आएगी। एक आंकड़ों के अनुसार आज 5 से 11 वर्ष उम्र के करीब 7 करोड़ बच्चे इंटरनेट उपयोग कर रहे हैं। 12 वर्ष के ऊपर के 43 करोड़ लोग हमारी खबरों से आकर्षित हो रहे हैं। 35 वर्ष से अधिक के 25 प्रतिशत लोग हमारी तरफ आकर्षित हो रहे हैं जो कि 2025 के अंत तक 40 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इंटरनेट उपभोक्ताओं के साथ ही वेब पत्रकारिता करने वालों की संख्या भी बढ़ेगी। जिसकी सत्यता बनी रहेगी वह आगे बढ़ेंगे। सनसनी से अधिक जरूरी है सत्यता। इसके साथ ही उन्होंने वेब मीडिया के बढ़ते स्वरूप को देखते हुए आधुनिक टूल्स के उपयोग पर भी जोर दिया और कहा कि आज के समय में जरूरी है कि हमें अपने तकनीकों को विकसित करना चाहिए।
संवाद कार्यक्रम के दौरान स्वागत भाषण राष्ट्रीय अध्यक्ष आनंद कौशल ने दिया जबकि धन्यवाद ज्ञापन राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ लीना और संचालन राष्ट्रीय महासचिव अमित रंजन ने किया। संवाद कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम से WJAI के राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के पदाधिकारी, सदस्य समेत देश भर से पत्रकारों ने हिस्सा लिया।

बिहार कैबिनेट फेरबदल के बीच PK का भाजपा पर तंज, बोले – बिहार में BJP के पास कोई स्पष्ट नेतृत्व नहीं है, यहां के भाजपा अध्यक्ष को 10 लोग गांव में नहीं जानते

जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बीजेपी पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि अगर बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल को किसी गांव में खड़ा कर दिया जाए, तो उन्हें 10 लोग भी नहीं पहचान पाएंगे। यह वही बीजेपी है, जो खुद को दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है, लेकिन बिहार में उसकी स्थिति दयनीय है। उन्होंने कहा कि बिहार में बीजेपी के पास खुद का कोई मजबूत चेहरा नहीं है। नीतीश कुमार के साथ सरकार बनाकर बीजेपी खुद को डुबो रही है। आज बीजेपी के पास बिहार में कोई स्पष्ट नेतृत्व नहीं है, और इसीलिए उन्होंने 43 विधायकों के साथ नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री बनाए रखा है। प्रशांत किशोर ने इसे बीजेपी की बड़ी रणनीतिक गलती बताया और दावा किया कि इसका खामियाजा पार्टी को अगले चुनावों में भुगतना पड़ेगा।

मुख्यमंत्री ने महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर बधाई एवं शुभकामनायें दी

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने महाशिवरात्रि के अवसर पर प्रदेश एवं देशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा है कि महाशिवरात्रि पर्व में लोग पूरे उत्साह एवं श्रद्धा के साथ भगवान शिव की उपासना करते हैं। इस पर्व की अपनी अलग महत्ता एवं विशिष्टता है। यह पर्व हमारी संस्कृति को और मजबूत बनाता है।

मुख्यमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि वे आपसी प्रेम, पारस्परिक सौहार्द्र एवं सामाजिक सद्भाव के साथ महाशिवरात्रि का पर्व मनायें। उन्होंने आशा व्यक्त की है कि यह पर्व समस्त प्रदेशवासियों के लिए सुख, शान्ति और समृद्धि लेकर आयेगा।

इंडिया ब्लॉक ‘ब्लैक हॉल’ में चला गया: भूपेंद्र यादव

केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने हाल ही में पेश केंद्रीय बजट 2025-2026 की तारीफ करते हुए इसे एक ऐतिहासिक बजट कहा । उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2047 के विकसित भारत की संकल्पना को आगे बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक बजट प्रस्तुत किया गया है।
बिहार भाजपा और बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा केंद्रीय बजट पर आयोजित एक परिचर्चा में भाग लेने के बाद बिहार इन्डस्ट्रीज एसोसिएशन के सभागार में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि इस बजट के माध्यम से किसान अन्न धन योजना के तहत काम उपज वाले जिलों पर ध्यान दिया गया, वहीं दूसरी ओर एमएसएमई सेक्टर के विशेष विकास का भी ध्यान रखा गया। हमारे देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को देखते हुए 200 जिलों में इसी वर्ष और आने वाले तीन वर्षों में देश के सभी जिलों में डे केयर कैंसर अस्पताल के प्रावधान किए गए हैं, जिसके दूरगामी प्रभाव पड़ने वाले हैं।
इस प्रेस वार्ता में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल, उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा भी उपस्थित रहे।
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव देश में फ्यूचर तकनीक और मेडिकल के विकास को देखते हुए नए आईआईटी में 6500 सीटें बढ़ाना, मेडिकल के यूजी और पीजी के 10 हजार सीटें बढ़ाना और आने वाले पांच सालों में 75 हजार सीटें बढ़ाना, यह इस बात को प्रदर्शित करता है कि यह सरकार लंबे विजन के साथ काम कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस बजट में विशेष रूप से जहां कृषि के लिए दलहन, कपास के क्षेत्र में तथा फलों और फूलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए जहां विशेष प्रावधान किए गए हैं, वहीं बिहार में सेंटर फॉर एक्सीलेंस की बात की गई है और मखाना बोर्ड की भी बात की गई है। बिहार में आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के विस्तार की बात की गई है और पिछले 10 सालों में जो बढ़िया कनेक्टिविटी देखते हैं, वह मोदी सरकार में किए गए कार्यों का परिणाम है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 80 के दशक में कंप्यूटर क्रांति, 2000 में डिजिटल क्रांति आई, लेकिन आने वाले 20 वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की क्रांति आने वाली है। मनुष्य विकास की संभावनाओं को और आगे ले जाने वाला है। मशीन लर्निंग जैसी व्यवस्था से हम सभी क्षेत्रों में विकास के नए आयामों को छूने वाले हैं। इस बजट में भारत के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्रांति के भविष्य रूपी संभावनाओं का सूत्रपात किया गया है। एमएसएमई क्षेत्र में आगे बढ़े इसके लिए निवेश की व्यवस्था की गई है। बजट में सीमांत इलाकों के लिए भी स्वनिधि योजना की भी बात कही गई है।
इस मौके पर उन्होंने जननायक कर्पूरी ठाकुर को भी याद किया। उन्होंने उनकी पुण्यतिथि के मौके पर नमन करते हुए कहा कि मोदी के विजन में पिछड़े वर्ग के लिए भी कई प्रावधान किए गए हैं। यह बजट कृषि क्षेत्र की उत्पादकता की वृद्धि के लिए है, यह बजट एमएसएमई की योजनाओं को बूस्ट देने के लिए, यह बजट स्वास्थ्य की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए, देश के नए नवाचारों को लाने के लिए है। यह बजट मध्यम वर्ग को 12 लाख तक इनकम टैक्स में रिबेट दी गई है, यह बड़ी क्रांति है। यह बजट एक मील का पत्थर साबित होगा।
इस बीच, एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि अब बजट में बिहार को कई सौगात दी गई हैं और जब विपक्ष को नहीं दिखता है तो जनता भी उन्हें नहीं देखेगी। बजट को लेकर इंडिया गठबंधन की आलोचना से जुड़े एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक ‘ब्लैक हॉल’ में चला गया है।
इस मौके पर पूर्व विधायक और प्रवक्ता मनोज शर्मा, प्रदेश मीडिया सह प्रभारी अमित प्रकाश बबलु , प्रभात कुमार, प्रदेश प्रवक्ता प्रभाकर मिश्रा,अनामिका पासवान उपस्थित रहे।

अंजान जी फाउंडेशन ने अंतरज्योति ब्लाइंड स्कूल के लिए की विशेष पहल

अंजान जी फाउंडेशन के सचिव श्रीमती शिल्पी ने आज अंतरज्योति ब्लाइंड स्कूल की वार्डन श्रीमती रेनू से मुलाकात की। इस बैठक में 28 फरवरी को आयोजित किए जाने वाले भोजन कार्यक्रम की योजना बनाई गई। वार्डन श्रीमती रेनू ने फाउंडेशन से अनुरोध किया कि वे नेत्रहीन बच्चों के लिए स्लेट उपलब्ध कराएं, जिससे उनकी शिक्षा में सुधार हो सके।


इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा करते हुए, अंजान जी फाउंडेशन के संस्थापक श्री संतोष श्रीवास्तव “अंजान जी” ने इस प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य इन बच्चों को सिर्फ स्वादिष्ट भोजन करना ही नहीं है बल्कि शिक्षा और विकास में मदद करना भी है। हम इन्हें स्वादिष्ट भोजन के साथ-साथ स्लेट भी प्रदान करेंगे।”


28 फरवरी का कार्यक्रम अब न केवल भोजन वितरण का अवसर होगा, बल्कि यह नेत्रहीन बच्चों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन उपलब्ध कराने का भी अवसर है। फाउंडेशन की इस पहल से बच्चों की शैक्षणिक क्षमता में वृद्धि होगी और उन्हें एक नई दिशा मिलेगी।
फाउंडेशन सभी सदस्यों और समुदाय से इस कार्यक्रम में सहयोग की अपील करता है, ताकि हम मिलकर इन बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकें।

एक ऐसा फाउंडेशन जो नेत्रहीन बच्चों की करता है भरपूर मदद

कंकड़बाग में अंजान जी फाउंडेशन की कार्यकारिणी समिति की बैठक आयोजित की गई। इस फाउंडेशन के संस्थापक संतोष श्रीवास्तव, जिन्हें “अंजान जी” के नाम से जाना जाता है, ने नेत्रहीन बच्चों के लिए भोजन और स्वास्थ्य के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने इन बच्चों को सहायता प्रदान करने के साथ ही फाउंडेशन के वित्तीय प्रबंधन को सुधारने और नए सदस्यों को जोड़ने का प्रस्ताव भी रखा।

बैठक का संचालन फाउंडेशन के मीडिया प्रभारी श्री प्रभात कुमार ने किया। उन्होंने बैठक की अध्यक्षता के लिए पटना उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और फाउंडेशन के कानूनी सलाहकार श्री राजोदय सत्यजीत को आमंत्रित किया। श्री सत्यजीत ने बैठक की शुरुआत में सभी सदस्यों का परिचय कराया। इसके बाद, उन्होंने सुझाव दिया कि फाउंडेशन को बेरोजगारों के लिए तकनीकी प्रशिक्षण और स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने चाहिए, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशिक्षण के लिए सामान्य राशि ली जाए और इससे प्राप्त आय का उपयोग सामाजिक कार्यों के लिए किया जाए।

फाउंडेशन की सचिव श्रीमती शिल्पी ने आगामी 28 फरवरी को होने वाले कार्यक्रम की महत्वपूर्ण चर्चा की। उन्होंने कहा कि हमें शुभ कार्यों के माध्यम से इसकी शुरुआत करनी चाहिए, जिससे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सके।

बैठक में उपस्थित अन्य सदस्य जैसे प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी के अभियंता, समाज सेवक और फाउंडेशन के वित्तीय सलाहकार श्री मनीष कुमार वर्मा, अध्यक्ष माननीय आले हसन, उपाध्यक्ष डॉक्टर ज्योति प्रकाश, सह सचिव श्री रवि शेखर, संयुक्त सचिव श्री बिपुल पंकज, अभिनव श्रीवास्तव और निशांत कुमार ने भी अपनी शुभकामनाएं प्रकट कीं और इस अभियान के लिए अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया।

इस बैठक का उद्देश्य केवल योजनाओं की चर्चा करना नहीं था, बल्कि वास्तविक कदम उठाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाना भी था। सभी सदस्यों ने एकजुट होकर समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को निभाने का संकल्प लिया।

फाउंडेशन का लक्ष्य न केवल नेत्रहीन बच्चों की सहायता करना है, बल्कि समाज के अन्य कमजोर वर्गों के लिए भी सहायता के रास्ते खोलना है। सभी सदस्यों ने इस दिशा में कार्य करने के लिए एकजुटता का संकल्प लिया और अगले कार्यक्रम की योजना बनाने का निर्णय लिया।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा, दिल्ली में अहंकारी नेतृत्व और कुशासन का हुआ अंत

दिल्ली में भाजपा की अभूतपूर्व और ऐतिहासिक जीत के बाद बिहार भाजपा प्रदेश कार्यालय में जमकर जश्न मनाया गया। इस जीत की खुशी में मिठाइयां बांटी गई और लोगों ने एक-दूसरे को जीत की बधाई दी। भाजपा की जीत पर भाजपा कार्यालय में होली और दिवाली का नजारा एक साथ नजर आया। कार्यकर्ताओं ने इस मौके पर जमकर आतिशबाजी की।

इस खुशी के मौके पर प्रदेश कार्यालय पहुंचे उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और मंत्री मंगल पांडेय भी इस जश्न में शामिल हुए और एक-दूसरे को लड्डू खिलाकर बधाई दी। इस दौरान कार्यकर्ताओं के बीच भी मिठाइयां बांटी गईं। इस मौके पर प्रदेश के सभी पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे। महिला मोर्चा की अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद धर्मशीला गुप्ता सहित बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ता भी इस जश्न में शामिल रहीं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने इस जीत को लेकर दिल्ली के लोगों और कार्यकर्ताओं को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने दिल्ली जीत लिया और अब बिहार की बारी है।

उन्होंने कहा कि दिल्ली की जीत वहां की जनता और पीएम नरेंद्र मोदी के गारंटी पर विश्वास की जीत है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में अहंकारी नेतृत्व और कुशासन का अंत हुआ है।

उन्होंने जोर देकर कहा कि कोरोना काल के दौरान जब लोगों को सरकार की मदद की जरूरत थी तब केजरीवाल सरकार ने पूर्वांचल के लोगों को बस में ठूंसकर दिल्ली से बाहर करवा दिया था। उन्होंने कहा कि दिल्ली का यह जनादेश एनडीए पर विश्वास पर मुहर है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मतदाताओं ने परिवारवादी पार्टियों और भ्रष्टाचारी पार्टियों को पूरी तरह नकार दिया।

दिल्ली की जीत के बाद कार्यकर्ता पूरी तरह जोश में नजर आए।

दिल्ली की जीत पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी, राजेश वर्मा, शिवेश राम, ललन मंडल, जगन्नाथ ठाकुर ने भी वहां के मतदाताओं और कार्यकर्ताओं को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।

मुख्यमंत्री ने आई०जी०आई०एम०एस० स्थित प्रांगण में चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल भवन के ब्लॉक (ए एवं डी) का किया उद्घाटन

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान शेखपुरा, पटना के स्थित प्रांगण में चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल भवन में 280 करोड़ रूपये लागत की 200 बेड वाले ब्लॉक ए एवं ब्लॉक डी का फीता काटकर एवं शिलापट्ट अनावरण कर उद्घाटन किया।

इस भवन के ग्राउंड फ्लोर के ब्लॉक ए में रेडियोलॉजी विभाग तथा ब्लॉक डी में किचन, एम०जी०पी०एस० सर्विस ब्लॉक है। फर्स्ट फ्लोर के ब्लॉक ए में गायनेकोलॉजी कंपलेक्स तथा ब्लॉक डी में गायनेकोलॉजी वार्ड के लिए 60 बेड उपलब्ध है। सेकेंड फ्लोर के ब्लॉक ए में पेडियाट्रिक तथा एन०आई०सी०यू० एवं पी०आई०सी०यू० में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 10 बेड उपलब्ध है जबकि ब्लॉक डी में पेडियाट्रिक वार्ड के लिए 60 बेड उपलब्ध है। थर्ड फ्लोर के ब्लॉक ए में मेडिसीन डिपार्टमेंट तथा आई०सी०यू० एवं एम०आई०सी०यू० में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 10 बेड उपलब्ध है। ब्लॉक डी में मेडिसीन वार्ड के लिए 10 बेड उपलब्ध है। फोर्थ फ्लोर के ब्लॉक ए में सर्जरी डिपार्टमेंट तथा बी०आई०सी०यू० एवं एस०आई०सी०यू० के लिए 10 बेड उपलब्ध है जबकि ब्लॉक डी में प्रशासनिक विभाग तथा लेक्चरर थियेटर है। फिफ्थ फ्लोर के ब्लॉक ए में ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट तथा आर०आई०सी०यू० एवं डायलिसिस के लिए 10 बेड उपलब्ध है। ब्लॉक डी में प्राइवेट रूम के लिए 20 बेड उपलब्ध है। सिक्थ फ्लोर के ब्लॉक ए में मेडिकल रिकॉर्ड एवं ब्लड बैंक की सुविधा उपलब्ध है। ब्लॉक डी में प्राइवेट रूम के लिए 20 बेड उपलब्ध है।

उद्घाटन करने के पश्चात् मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित भवन के ग्राउंड फ्लोर, फर्स्ट फ्लोर, सिक्थ फ्लोर एवं छत का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने अस्पताल के विभिन्न भागों की व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत पर सोलर प्लेट लगायें ताकि यहां पर सौर ऊर्जा का उपयोग हो सके। उन्होंने कहा कि यह भवन अच्छा बना है, यहां चिकित्सा की आधुनिक सुविधायें उपलब्ध होंगी। हमलोगों ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण कदम उठाये है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों से लेकर जिला अस्पतालों तथा चिकित्सा महाविद्यालयों एवं अस्पतालों में इलाज की बेहतर व्यवस्था की गई है। मुफ्त दवा का वितरण किया जा रहा है। लोगों के हित के लिए हमलोग लगातार काम कर रहे है।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, स्वास्थ्य-सह-कृषि मंत्री श्री मंगल पांडे, विधायक श्री संजीव चौरसिया, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, विकास आयुक्त सह स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जिलाधिकारी श्री चन्द्रशेखर सिंह, आई०जी०आई०एम०एस० के निदेशक श्री बिंदे कुमार सहित अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना द्वारा बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित

जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना द्वारा आज नया समाहरणालय में जिले के सभी बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किशोर न्याय अधिनियम, 2015 (यथा संशोधित 2021), लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम, 2012 (पॉक्सो अधिनियम) तथा बाल संरक्षण से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण कानूनी प्रावधानों की जानकारी प्रदान करना था, जिससे सभी पुलिस पदाधिकारी बाल संरक्षण मामलों को अधिक संवेदनशीलता एवं प्रभावी रूप से निष्पादित कर सकें ।]

कार्यक्रम में जिलाधिकारी पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों को बच्चों से संबंधित कानूनों को आत्मसात करने और उनके प्रभावी अनुपालन की आवश्यकता पर बल दिया । उन्होंने कहा कि बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा पुलिस प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है और पुलिस अधिकारियों को बाल-अनुकूल दृष्टिकोण अपनाना चाहिए। उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार, पुलिस थाने में बच्चों से पूछताछ के लिए एक बाल-अनुकूल वातावरण तैयार करने की आवश्यकता बताई, जिससे बच्चों को यह अनुभव न हो कि वे हिरासत में हैं। उन्होंने सभी थानों में चाइल्ड फ्रेंडली कॉर्नर स्थापित करने का निर्देश दिया । उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि वैसे बच्चे जो विधि विवादित हैं, उन्हें इस व्यवस्था का गलत फायदा उठाने से रोका जाए। हाल के वर्षों में यह देखा गया है कि कुछ वयस्कों द्वारा किशोर न्याय अधिनियम का दुरुपयोग किया गया है, जिससे न्याय प्रक्रिया प्रभावित हुई है। ऐसे मामलों में सावधानीपूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है।

प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को विशेष रूप से बच्चों एवं वयस्कों से जुड़े प्रावधानों की जानकारी दी गयी, ताकि वे देखरेख एवं संरक्षण वाले बच्चों तथा विधि विरुद्ध बच्चों को स्पष्ट रूप से अलग पहचान सकें और उनके मामलों को संवेदनशीलता के साथ निपटाया जा सके। जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि बच्चों के मामलों को अन्य मामलों से अलग रखते हुए कार्य किया जाए और पूर्ण रूप से नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

प्रशिक्षण कार्यशाला को संवादात्मक बनाए रखने पर जोर देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि यह वन-वे कम्युनिकेशन तक सीमित न रहे, बल्कि सभी प्रतिभागी अपने अनुभव, चुनौतियाँ और सवाल खुलकर साझा करें। उन्होंने फील्ड में काम करने वाले अधिकारियों से कहा कि यदि उन्हें किसी प्रकार की देरी या समस्या का सामना करना पड़ता है, तो वे इसे प्रशिक्षण सत्र के दौरान रखें, ताकि उसका समाधान निकाला जा सके।
इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य सभी कर्मियों को संवेदनशील बनाना और बच्चों से जुड़े मामलों में न्यायसंगत एवं प्रभावी निर्णय लेने के लिए सक्षम बनाना है। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे पूरे समर्पण और संवेदनशीलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें, जिससे बच्चों को न्याय एवं संरक्षण मिल सके।

सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पटना ने बताया कि बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों को मामलों की प्रकृति के अनुसार प्राथमिकी दर्ज करने, सोशल बैकग्राउंड रिपोर्ट (SBR) तैयार करने और बच्चों का चरित्र प्रमाण पत्र नियमानुसार जारी करने की प्रक्रिया को भली-भांति समझना आवश्यक है । जिलाधिकारी, पटना ने सभी प्रशिक्षुओं को निर्देश दिया है कि किशोर न्याय अधिनियम (Juvenile Justice Act) एवं पोक्सो एक्ट (POCSO Act) से संबंधित विशेष शब्दावली, नियमावली एवं न्यायायिक प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी जाए। इसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर काम करने वाले कर्मियों को सक्षम बनाना और कानूनी अनुपालन को सुगम बनाना है।

उप विकास आयुक्त पटना, श्री समीर सौरभ द्वारा बताया गया कि प्रोफेशनल विशेषज्ञों के माध्यम से सभी जिलों के थाना प्रभारी एवं बाल विकास, बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य माननीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित विभिन्न आदेशों एवं जेजे एक्ट (Juvenile Justice Act) व पोक्सो एक्ट (POCSO Act) से संबंधित जानकारी को विस्तारपूर्वक साझा करना है। उन्होंने बताया कि जब बच्चों के अधिकारों एवं कानूनी प्रावधानों की पूरी जानकारी नहीं होती, तो कई जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

इस प्रशिक्षण का उद्देश्य मामलों की केस-आधारित हैंडलिंग को सरल बनाना एवं अधिकारियों को व्यवहारिक ज्ञान प्रदान करना है, ताकि वे जमीनी स्तर पर बेहतर कार्य कर सकें। प्रशिक्षण सत्र के उपरांत सभी प्रतिभागियों को फीडबैक फॉर्म उपलब्ध कराया गया है, जिसके माध्यम से यह आकलन किया जाएगा कि प्रशिक्षण कितना प्रभावी रहा और भविष्य में इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए किन सुधारों की आवश्यकता है।

यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बाल संरक्षण प्रणाली को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बाल अधिकारों की सुरक्षा एवं न्याय सुनिश्चित करने में सहायक सिद्ध होगा।
कार्यक्रम में सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना ने कहा कि बच्चों के प्रति पुलिस अधिकारियों को अभिभावक की भूमिका निभानी चाहिए और संवेदनशीलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए।

कार्यक्रम में डॉ. संगीता कुमारी, सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड (JJB) ने कहा कि विधि संघर्षरत एवं देखरेख एवं संरक्षण वाले बच्चों के समुचित देखरेख, पुनर्वास, संरक्षण, उपचार एवं विकास को सुनिश्चित करना हम सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से आह्वान किया कि वे विधि संघर्षरत बच्चों को अपराध की ओर बढ़ने से रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।

यूनिसेफ के परामर्शी, श्री राकेश कुमार ने किशोर न्याय अधिनियम, पॉक्सो अधिनियम, बाल विवाह अधिनियम एवं अन्य कानूनों के विभिन्न प्रावधानों को समझाने के साथ-साथ जमीनी स्तर पर कार्य के दौरान आने वाली चुनौतियों और उनके समाधान पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि चाइल्ड वेलफेयर पुलिस ऑफिसर (CWPO) की भूमिका को प्रभावी बनाने के लिए पुलिस को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाना आवश्यक है ।

इस प्रशिक्षण में जिले के कुल 120 से ज्यादा प्रतिभागियों ने प्रशिक्षण प्राप्त किया। कार्यक्रम के माध्यम से बाल संरक्षण से जुड़े कानूनों की गहन जानकारी प्रदान कर बाल अपराध निवारण एवं पीड़ित बच्चों के पुनर्वास को अधिक प्रभावी बनाने का प्रयास किया गया। प्रशिक्षण में पुलिस अधिकारियों को बाल-अनुकूल दृष्टिकोण, संवेदनशील व्यवहार तथा कानूनी प्रक्रियाओं के समुचित अनुपालन की विस्तृत जानकारी दी गई, जिससे वे बाल संरक्षण मामलों को अधिक कुशलता एवं संवेदनशीलता से निष्पादित कर सकें। साथ ही उन सभी प्रशिक्षुओ का फीडबैक प्राप्त किया गया ताकि भविष्य में इस कार्यशाला को और बेहतर बनाया जा सके ।

इस अवसर पर डॉ० चंद्रशेखर सिंह, जिला पदाधिकारी, पटना, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, पटना, वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना, श्री समीर सौरभ, उप विकास आयुक्त, पटना, सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना, यूनिसेफ एवं मिरेकल फाउंडेशन इंडिया से आए विशेषज्ञ श्री राकेश कुमार एवं दीपक कुमार सहित जिला बाल संरक्षण इकाई एवं चाइल्ड हेल्पलाइन के कर्मी ,सभी बाल देख रेख संस्थान के अधीक्षक/अधिक्षिका ,किशोर न्याय परिषद के सदस्य ,बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष , सभी सदस्य तथा जिले के सभी थानों के थाना प्रभारी/बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारी उपस्थित रहे ।

प्रशिक्षण उपरांत धन्यवाद व्यापित करते हुए सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई, पटना ने कहा कि बच्चों के प्रति पुलिस अधिकारियों को अभिभावक की भूमिका निभानी चाहिए और संवेदनशीलता के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करना चाहिए।