‘मिशन कर्मयोगी कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन

बिहार लोक प्रशासन और ग्रामीण विकास संस्थान (BIPARD), गया ने 7 जनवरी 2025 को एक दिवसीय ‘मिशन कर्मयोगी कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह कार्यशाला क्षमता निर्माण आयोग (CBC) के तत्वाधान में आयोजित की गई, जिसमें केंद्रीय सरकार, केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों, राज्य प्रशिक्षण संस्थानों और 17 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कुल 57 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

कार्यशाला का उ‌द्घाटन और अध्यक्षता क्षमता निर्माण आयोग के अध्यक्ष श्री अदिल जैनुलभाई ने की। प्रमुख अतिथियों में डॉ. आर. बालासुब्रमण्यम, सदस्य, CBC, और डॉ. अलका मित्तल, सदस्य, CBC शामिल थे। तमिलनाडु के अपर मुख्य सचिव श्री विक्रम कपूर, बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव और BIPARD के महानिदेशक श्री के. के. पाठक, और बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव श्री बी. राजेन्द्र सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यशाला में उपस्थित थे।

कार्यशाला में विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया गया, जिसमें राज्यों और प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों के लिए मिशन कर्मयोगी, क्षमता निर्माण और नीतिगत योजना, शहरी स्थानीय निकायों और पंचायतों के साथ काम करना, कर्मयोगी दक्षता मॉडल, IGOT और डिजिटल लर्निंग के लिए पाठ्यक्रम निर्माण, और बड़े पैमाने पर नागरिक उन्मुख प्रशिक्षण कार्यक्रमों की योजना जैसे विषय शामिल थे। इसके अतिरिक्त, कई प्रशासनिक प्रशिक्षण संस्थानों ने अपने अनुभव, फीडबैंक और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को प्रभावी ढंग से लागू करने में आने वाली चुनौतियों को साझा किया।

मिशन कर्मयोगी, जो माननीय प्रधानमंत्री द्वारा कल्पित एक दूरदर्शी पहल है, का उद्देश्य सिविल सेवकों को नियम-आधारित से भूमिका आधारित सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के दृष्टिकोण में परिवर्तन करना है। यह कुशल, नागरिक केंद्रित शासन सुनिश्चित करने और निस्तर सीखने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कौशल निर्माण पर जोर देता है।

यह कार्यशाला आपसी सीख, अनुभव साझा करने, और प्रशिक्षण और विकास की बेहतर रणनीतियों की योजना बनाने के लिए एक अमूल्य मंच साबित हुई। इसने बिहार की उस प्रगति को भी उजागर किया, जिसने हाल ही में IGOT मिशन कर्मयोगी पंजीकरण में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है। यह उपलब्धि क्षमता निर्माण और नवाचारी प्रशिक्षण पहलों के माध्यम से शासन को मजबूत करने की राज्य की प्रतिबद्ध‌ता को दर्शाती है।

इस कार्यशाला के आयोजन में BIPARD की भूमिका राज्यों और प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग और ज्ञान आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

मुख्यमंत्री ने वैशाली जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में की समीक्षा बैठक

प्रगति यात्रा के दूसरे चरण में आज मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने वैशाली जिले में चल रही विकासात्मक योजनाओं के संबंध में हाजीपुर स्थित बिहार सुधारात्मक प्रशासनिक संस्थान सभागार में समीक्षात्मक बैठक की। इस समीक्षात्मक बैठक में वैशाली जिला के जिलाधिकारी श्री यशपाल मीणा ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से वैशाली जिले के विकास कार्यों की प्रगति एवं उपलब्धि के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना, कुशल युवा कार्यक्रम, हर घर नल का जल एवं उनका अनुरक्षण, हर घर तक पक्की गली-नाली, मुख्यमंत्री ग्रामीण सोलर स्ट्रीट लाइट योजना, हर खेत तक सिंचाई का पानी, कृषि फीडर का निर्माण, मुख्यमंत्री कृषि विद्युत कनेक्शन योजना, मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, उच्चतर शिक्षा हेतु महिलाओं को प्रोत्साहन, स्वास्थ्य उपकेंद्र में टेली मेडिसिन के माध्यम से चिकित्सा परामर्श, पशु चिकित्सा सेवाओं की डोर स्टेप डिलीवरी एवं पंचायत सरकार भवन के निर्माण की अद्यतन स्थिति के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। इसके अलावा हर पंचायत में 10+2 विद्यालय, ग्राम पंचायत, नगर पंचायत में खेल-कूद को बढ़ावा देने हेतु स्पोर्ट्स क्लब का गठन, प्रत्येक पंचायत में खेल का मैदान, मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना, शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों का गठन, राजस्व प्रशासन में पारदर्शिता, दाखिल खारिज / परिमार्जन / परिमार्जन प्लस एवं जल-जीवन- हरियाली के तहत जीर्णोद्धार कराए गए सार्वजनिक कुओं, पोखर तथा तालाबों की अद्यतन स्थिति के संबंध में जिलाधिकारी ने मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष जनप्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं भी रखीं।

समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां उपस्थित सभी जन प्रतिनिधियों ने अपने-अपने क्षेत्र की समस्याएं रखी है। यहां उपस्थित संबंधित विभागों के अधिकारीगण आपलोगों की समस्याओं से अवगत हो चुके हैं। जल्द ही उन समस्याओं का समाधान करेंगे। इस बैठक में मैं आप सभी का स्वागत करता हूं। हम आप सभी जन प्रतिनिधियों से यह आग्रह करेंगे कि वर्ष 2005 के बाद बिहार में जो भी विकास के काम हुए हैं उन सबसे लोगों को अवगत कराएं। साथ ही 2005 के पहले बिहार की बदहाल स्थिति के विषय में भी लोगों को बताएं। आज हमने वैशाली जिले में कई जगहों पर जाकर विकास कार्यों को देखा है, लोगों से बातचीत कर उनकी समस्याओं से भी अवगत हुआ हूं। काफी अच्छा काम हो रहा है। 24 नवंबर, 2005 से बिहार के लोगों ने हमलोगों को काम करने का मौका दिया। उस समय से हमलोग बिहार के विकास के लिए निरंतर काम कर रहे हैं, काफी बदलाव आया है। प्रदेश में अमन चैन और स‌द्भाव का माहौल कायम है। राज्य सभी क्षेत्रों और सभी वर्गों के लिए लगातार विकास का काम किया जा रहा है। वर्ष 2005 से पहले बिहार की हालत काफी खराब थी। शाम के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलने में डरते थे। अस्पतालों में इलाज का इंतजाम नहीं था, सड़कें जर्जर थीं। शिक्षा की हालत ठीक नहीं थी। प्रायः हिन्दू-मुस्लिम के बीच विवाद की खबरें आती थीं। हर क्षेत्र में निरंतर विकास के काम किए जा रहे हैं। किसी की उपेक्षा नहीं की गई है। हमलोग एकजुट रहकर बिहार को आगे बढ़ा रहे हैं। पहले बिहार में सड़कों की संख्या काफी कम थी और जो सड़कें थी उनकी स्थिति भी काफी जर्जर थी। जब हम सांसद थे तो कई किलोमीटर तक पैदल ही क्षेत्र भ्रमण करना पड़ता था। बिजली कुछ ही जगहों पर थी और कहीं भी 8 घंटे से ज्यादा बिजली की आपूर्ति नहीं होती थी। अब हर घर तक बिजली पहुंचा दी गई है। खेती के लिए भी कृषि फीडर के माध्यम से किसानों को सस्ते दर पर बिजली मुहैया कराई जा रही है। श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के सरकार में हम मंत्री रहे हैं। उन्होंने ही हमें बिहार का मुख्यमंत्री बनवाया। हम दो बार गलती से उधर चले गए थे। अब ऐसा नहीं होगा। पूरी मजबूती के साथहमलोगों एकजुट रहेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006 से हमलोगों ने कब्रिस्तानों की घेराबंदी शुरू कराई। अब तक 8 हजार से अधिक कब्रिस्तानों की घेराबंदी करा दी गई है। शेष कब्रिस्तानों की घेराबंदी का काम भी जल्द पूरा हो जाएगा। लोग वोट जिनको देना हैं दें, हमलोग समान भाव से सबकी सेवा कर रहे हैं। यह देखा गया कि हिन्दू मंदिरों से मूर्ति चोरी की घटनाएं हो रही हैं, इसको देखते हुए 60 वर्ष से अधिक पुराने मंदिरों की चहारदीवारी के निर्माण का काम शुरू कराया गया ताकि मंदिरों में चोरी की घटनाएं न हों। संपूर्ण बिहार में विकास का काम हमलोग करा रहे हैं। हमलोगों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पुल-पुलिया के निर्माण का काम बड़े पैमाने पर कराया है, जिसके कारण बिहार के किसी भी कोने से पहले 6 घंटे में लोग पटना पहुंचते थे, अब उसे घटाकर 5 घंटा किया गया है। इसके लिए हर प्रकार से काम किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2006-07 से हमलोगों ने सरकारी विद्यालयों में पढ़नेवाले बच्चों के लिए पोशाक योजना की शुरुआत कराई। उसके बाद वर्ष 2009 से लड़कियों के लिए साइकिल योजना शुरू कराई गई। बच्चियां स्कूल से लौटने के बाद शाम में अपने माता-पिता को साइकिल बाजार भी ले जाती हैं। लड़को की मांग पर वर्ष 2010 से लड़कों के लिए भी साइकिल योजना शुरू की गई। बड़े पैमाने पर सरकारी शिक्षकों एवं नियोजित शिक्षकों की बहाली की गई। स्कूल भवनों का निर्माण कराकर शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने का प्रयास किया गया है। अब नियोजित शिक्षकों को परीक्षा के माध्यम से सरकारी मान्यता प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले बिहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक माह में सिर्फ 39 मरीज इलाज कराने जाते थे। हमलोगों ने वर्ष 2006 से सरकारी अस्पतालों में निरूशुल्क जांच एवं दवा वितरण का काम शुरू कराया। अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 1 माह में औसतन 11 हजार से अधिक मरीज इलाज कराने पहुंच रहे हैं। पहले बिहार में सिर्फ 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज थे। अब उनकी संख्या बढ़कर 11 हो गई है। हमलोग हर जिले में मेडिकल कॉलेज स्थापित करा रहे हैं। सात निश्चय योजना के माध्यम से वर्ष 2020 तक हर घर नल का जल, हर घर तक पक्की गली एवं नाली का निर्माण, हर घर शौचालय, हर घर तक बिजली का कनेक्शन, हर टोले तक पक्की सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं लोगों तक पहुंचा दी गई हैं। इसके बाद जो भी नई बसावटें बनी हैं वहां इस साल विधानसभा चुनाव के पहले तक सात निश्चय योजना के तहत मूलभूत सुविधाओं को इपलब्ध करा दिया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया जिसके बाद अब तक 4 चुनाव सम्पन्न हो चुका है। बड़ी संख्या में महिलाएं चुनकर आई हैं। हमलोगों ने महिलाओं के उत्थान के लिए हर प्रकार से काम किया है। वर्ष 2013 में पुलिस की बहाली में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जिसका नतीजा है कि बिहार पुलिस बल में महिलाओं की भागीदारी काफी बढ़ी है। बिहार पुलिस में महिलाओं की संख्या 30 हजार से भी ज्यादा है। आज बिहार पुलिस में महिलाओं की जितनी संख्या है उतना देश के किसी राज्य के पुलिस बल में नहीं है। वर्ष 2016 से हमलोगों ने सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण देना शुरू किया है। पहले बिहार में स्वयं सहायता समूहों की संख्या काफी कम थी। हमलोगों ने वर्ष 2006 में विश्व बैंक से कर्ज लेकर स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का काम शुरू किया। बिहार में अब स्वयं सहायता समूहों की संख्या 10 लाख 61 हजार हो गई है जिनसे 1 करोड़ 31 लाख जीविका दीदियां जुड़ी हैं। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमलोगों ने ही दिया है, जिससे प्रेरित होकर उस समय की केंद्र सरकार ने भी इसे अपनाया और उसका नाम आजीविका दिया। बिहार के शहरी क्षेत्रों में भी स्वयं सहायता समूहों का गठन शुरू कराया गया है, जिनमें अब तक 26 हजार जीविका दीदियां जुड़ी हैं। 2005 के पहले महिलाएं घर से बाहर नहीं निकलती थीं। वहीं अब स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर महिलाएं काफी अच्छा काम कर रही हैं। इससे परिवार की न सिर्फ आमदनी बढ़ी है बल्कि समाज में महिलाओं की इज्जत भी काफी बढ़ी है। हम जगह-जगह जाकर जीविका दीदियों के काम को देखते हैं, उनसे बात करते हैं और जो भी उनकी समस्याएं हैं उन्हें दूर किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सात निश्चय योजना-2 के तहत हमलोगों ने 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का लक्ष्य निर्धारित किया था, जिसे बढ़ाकर 12 लाख किया गया है। अब तक 9 लाख लोगों को सरकारी नौकरी दे दी गई है। इसके अलावा 10 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। अब तक 24 लाख लोगों को रोजगार मुहैया कराया गया है। वर्ष 2025 में 12 लाख लोगों को सरकारी नौकरी तथा 34 लाख लोगों को रोजगार मुहैया करा दिया जाएगा। हमलोगों ने मदरसों को सरकारी मान्यता प्रदान की है। अब सरकारी शिक्षकों के समान मदरसा शिक्षकों को भी वेतन दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने सभी पार्टियों के साथ बैठक कर बिहार में जाति आधारित गणना कराने निर्णय लिया, जिसके बाद बिहार में जाति आधारित गणना कराई गई। जाति आधारित गणना में 94 लाख गरीब परिवारों को चिहिन्त किया गया है, जो हर जाति-धर्म से जुड़े हैं। ऐसे गरीब परिवारों को प्रति परिवार 2 लाख रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि वे अपना जीविकोपार्जन कर सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों की सेवा करते हैं और हमेशा राज्य के विकास के कार्यों में लगे रहते हैं। हमलोग किसी के साथ भेदभाव नहीं करते हैं। हम सब मिलकर बिहार की तरक्की के लिए काम करते रहेंगे। अधिकारियों को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां जनप्रतिनिधियों ने जो भी समस्याएं रखी हैं, उनका जल्द से जल्द निराकरण करें। उन्होंने कहा कि वैशाली जिले में सब तरह से विकास का काम कराया गया है। वैशाली जिले में भी इंजीनियरिंग कॉलेज, महुआ में मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल, पॉलिटेक्निक संस्थान, ए०एन०एम०-जी०एन०एम० कॉलेज स्थापित करने के साथ ही सड़क एवं पुल-पुलियों के निर्माण एवं हर क्षेत्र में विकास का काम कराया गया है। महात्मा गांधी सेतु का भी पुनर्निर्माण कराया गया है। हमलोगों ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार की तरह पंचायत सरकार भवन का निर्माण कराना शुरू किया है। वैशाली जिले में अब तक 48 पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है, जिन पंचायतों में पंचायत सरकार भवनों का निर्माण कार्य शेष है उन्हें इस साल के जून माह तक पूर्ण करा दिया जायेगा। वैशाली में स्वयं सहायता समूहों की संख्या 36 हजार 946 हो गई है, जिनसे 4 लाख 50 हजार महिलाएं जुड़ी हैं। राज्य सरकार लगातार बिहार के विकास के लिए काम कर रही है और हर क्षेत्र में विकास का काम हो रहा है। आप सभी जनप्रतिनिधियों का यह दायित्व है कि अपने क्षेत्र की समस्याओं से सरकार को अवगत कराएं, साथ ही जो भी विकास के कार्य किए गए हैं। उन्हें लोगों को बताएं।

वैशाली जिले के लोगों की मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणाएं-

वैशाली जिले में कुछ समस्यायें या कमी रह गयी हैं उसे ठीक किया जायेगा।

वाया नदी की वजह से कई जगह बाढ़ आती है इसलिए वाया नदी की उड़ाही करायी जायेगी। इससे आठ प्रखंडों के लोगों को सुविधा होगी। बरैला झील देश का बहुत महत्वपूर्ण पक्षी विहार है जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी आते हैं।

बरैला झील का विकास एवं सौंदर्गीकरण किया जायेगा। इससे पर्यटन एवं मत्स्य पालन को बढ़ावा मिलेगा।

वैशाली जिले के कई प्रखंडों में बिजली की समस्या को देखते हुये महुआ में ग्रिड सब-स्टेशन तथा चार प्रखंडों में नये पावर सब स्टेशन का निर्माण कराया जायेगा।

हाजीपुर शहर में जल निकासी हेतु नाला का निर्माण कराया जायेगा। इससे हाजीपुर शहर में जल जमाव से मुक्ति मिलेगी।

गोरौल में डिग्री कॉलेज की स्थापना की जायेगी जिससे आस-पास के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिए दूर नहीं जाना पड़ेगा।

गंडक नदी के हाजीपुर साईड में छूटे हुए भाग में तटबंध का निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण कराया जायेगा। इससे बाढ़ एवं जल जमाव से राहत मिलेगी।

वैशाली जिले में आमस-दरभंगा रोड के किनारे 1 हजार 293 एकड़ भूमि पर बड़ा औद्योगिक पार्क बनाया जायेगा।

इन सब कामों को करा दिया जायेगा और इसके अतिरिक्त वैशाली जिले में और कोई भी जरूरत होगी, उसको भी कराया जायेगा।

बिहार के हर क्षेत्र में काम हो रहा है, आगे और तेजी से काम होगा। इसके लिए आप सबको बधाई एवं धन्यवाद देता हूं।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री सह वैशाली जिले के प्रभारी मंत्री श्री विजेंद्र प्रसाद यादव, विधायक श्री सिद्धार्थ पटेल, विधायक श्री अवधेश सिंह, विधायक श्री संजय कुमार सिंह, विधायक श्री मुकेश कुमार रौशन, विधायक श्री लखेंद्र कुमार रौशन, जिला परिषद अध्यक्ष श्री आशुतोष कुमार, राज्य स्तरीय कार्यक्रम कार्यान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा, मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेशक श्री विनय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव, तिरहुत प्रमंडल के आयुक्त श्री सरवनन एम०, अपर पुलिस महानिदेशक सुरक्षा श्री अमृत राज, पुलिस उप महानिरीक्षक तिरहुत प्रक्षेत्र श्री चंदन कुमार कुशवाहा, जिलाधिकारी श्री यशपाल मीणा, पुलिस अधीक्षक श्री ललित मोहन शर्मा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दूसरे चरण की गोपालगंज जिले से की शुरुआत, लगभग 140 करोड़ रुपये की लागत से 72 योजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज गोपालगंज जिले से प्रगति यात्रा के दूसरे चरण की शुरुआत की। प्रगति यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने गोपालगंज जिले में लगभग 140 करोड़ रुपये की लागत से 72 योजनाओं का उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। इनमें 7169.080 लाख रुपये की लागत से 61 योजनाओं का उद्घाटन तथा 6733.670 लाख रुपये की लागत से 11 योजनाओं का शिलान्यास शामिल है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सात निश्चय के तहत 21.60 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, सिधवलिया गोपालगंज के प्रशासनिक भवन, कर्मशाला भवन, स्टाफ हॉस्टल, कैंटीन ब्लॉक, प्राचार्य आवास, उप प्राचार्य आवास, चाहरदीवारी, पहुंच पथ, स्थल विकास (वर्ष जल संचयन के साथ), फर्नीचर एवं फर्निशिंग कार्य से संबंधित शिलापट्ट का अनावरण कर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान के नवनिर्मित भवन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने वर्कशॉप का मुआयना किया। मुख्यमंत्री ने वर्कशॉप में हैंड शीयरिंग मशीन, मेटल कटर मशीन, पिलर टाइप ड्रिल मशीन, सेंटर लेथ मशीन द्वारा किए जाने वाले कार्यों के संबंध में जानकारी ली। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान गोपालगंज के प्रांगण में मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों के विकास योजनाओं के उद्घाटन एवं शिलान्यास संबंधित शिलापट्टों का अनावरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि काफी सुंदर भवन बन गया है। इसका नियमित रूप से रख-रखाव होना चाहिए। यहां स्टाफ के आवासन की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है, ताकि पठन-पाठन का कार्य स-समय होता रहे। यहां विद्यार्थियों के लिए भी हर प्रकार की व्यवस्था उपलब्ध करायी गई है। विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु नई तकनीक संबंधित मशीनें लगाई गई हैं।

इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने सिधवलिया प्रखंड के ग्राम पकड़ी के पोखरा टोला का भ्रमण कर कराए गए विकासात्मक योजनाओं का जायजा लिया। जायजा के क्रम में मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत जीर्णोद्धार कराए गए पकड़ी पोखर का मुआयना किया। मुआयना के क्रम में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पकड़ी पोखर में सीढ़ीनुमा घाट का निर्माण कराएं, ताकि आसानी से लोगों की पहुंच पोखर के जल तक हो सके। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पकड़ी पोखर के समीप पौधारोपण भी किया। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने वर्ष 2019 में जल-जीवन-हरियाली अभियान को शुरू कराया। इसके तहत सभी सार्वजनिक कुओं, तालाबों, पोखरों आदि के जीर्णोद्धार का काम प्रारंभ कराया गया। पकड़ी पोखर भी अच्छे ढंग से बन गया है। इस दौरान मुख्यमंत्री ने पकड़ी पोखर में मछली का जीरा एवं बत्तखों को छोड़ा। मुख्यमंत्री ने वार्ड संख्या-8 में स्थित आंगनबाड़ी केंद्र का भी जायजा लिया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉल का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने सतत् जीविकोपार्जन योजना के तहत गोपालगंज जिले के कुल 1431 परिवारों को 4 करोड़ 31 लाख 11 हजार 755 रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने गोपालगंज जिले में जल-जीवन-हरियाली अभियान के सतह निर्मित 3 जलाशयों को विजयीपुर प्रखंड में जीविका संपोषित ग्राम संगठनों को अगले 5 वर्षों के लिए निःशुल्क आवंटन से संबंधित स्वीकृति पत्र जीविका दीदियों को प्रदान किया। 7050 जीविका स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी 40280 जीविका दीदियों को बैंक लिंकेज के द्वारा आर्थिक सहयोग से संबंधित 141 करोड़ रुपये का सांकेतिक चेक मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों को प्रदान किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री तालाब मात्स्यिकी विशेष सहायता योजना के लाभुकों को मुख्यमंत्री ने सांकेतिक चेक प्रदान किया।

पकड़ी ग्राम में आयोजित जीविका दीदियों से संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शामिल हुए। जीविका दीदियों ने स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से हो रही आमदनी एवं मिल रही सुविधाओं से मुख्यमंत्री को अवगत कराया। जीविका दीदियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार प्रगट करते हुये कहा कि आप जीविका समूहों के माध्यम से हम सभी महिलाओं के उत्थान के लिए काम कर रहे हैं। इसके लिए हम सब आपको धन्यवाद देते हैं। जीविका से जुड़कर न सिर्फ हमारी आमदनी बढ़ी है बल्कि समाज में महिलाओं का मान-सम्मान भी बढ़ा है। मुख्यमंत्री ने पकड़ी ग्राम के वार्ड संख्या-8 में सामुदायिक भवन सह पुस्तकालय का फीता काटकर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात् मुख्यमंत्री ने सामुदायिक भवन सह पुस्तकालय का निरीक्षण कर उपलब्ध कराई गई सुविधाओं के संबंध में अधिकारियों से जानकारी ली।

प्रगति यात्रा के क्रम में स्थानीय जनप्रतिनिधियों, नेताओं एवं जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका अभिनंदन किया गया।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री श्री सुनील कुमार, सांसद डॉ० आलोक कुमार सुमन, विधान पार्षद श्री बीरेंद्र नारायण यादव, पूर्व विधायक श्री मिथिलेश तिवारी, पूर्व विधायक श्री मंजीत सिंह, विकास आयुक्त श्री प्रत्यय अमृत, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के प्रधान सचिव श्री पंकज कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक मुख्यालय श्री कुंदन कृष्णन, अपर पुलिस महानिदेशक सुरक्षा श्री अमृत राज, सारण प्रमंडल के आयुक्त श्री गोपाल मीणा, पुलिस उप महानिरीक्षक सारण प्रक्षेत्र श्री निलेश कुमार, जिलाधिकारी श्री प्रशांत कुमार सी०एच०, पुलिस अधीक्षक श्री अवधेश दीक्षित सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति एवं वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने अपनी माताश्री स्व० परमेश्वरी देवी जी की पुण्य तिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने अपनी माताश्री स्व० परमेश्वरी देवी जी की पुण्य तिथि के अवसर पर अपने पैतृक गाँव कल्याण बिगहा, हरनौत स्थित कविराज रामलखन सिंह स्मृति वाटिका जाकर स्व० परमेश्वरी देवी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने अपने पिता कविराज स्व० रामलखन सिंह जी एवं अपनी धर्मपत्नी स्व० मंजू सिन्हा जी की प्रतिमा पर भी माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री के बड़े भाई श्री सतीश कुमार, पुत्र श्री निशान्त कुमार एवं निकट परिजनों ने भी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी।

बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल श्री आरिफ मोहम्मद खान ने भी मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार की माताश्री स्व० परमेश्वरी देवी जी की पुण्य तिथि के अवसर पर कल्याण बिगहा, हरनौत स्थित कविराज रामलखन सिंह स्मृति वाटिका में स्व० परमेश्वरी देवी जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

इस अवसर पर जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, सांसद श्री कौशलेन्द्र कुमार, विधायक डॉ० जितेन्द्र कुमार, विधायक श्री कौशल किशोर, विधान पार्षद श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गांधी जी, विधान पार्षद श्री ललन सर्राफ, बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ० उदयकांत, पूर्व विधायक ई० सुनील, जदयू के राष्ट्रीय महासचिव श्री मनीष कुमार वर्मा, पूर्व विधान पार्षद श्री रणवीर नंदन, बिहार राज्य शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष श्री अफजल अब्बास, बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष मो० इरशादुल्ला, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, जिलाधिकारी पटना श्री चन्द्रशेखर सिंह, नालंदा के जिलाधिकारी श्री शशांक शुभंकर, वरीय पुलिस अधीक्षक पटना श्री अवकाश कुमार, पुलिस अधीक्षक नालंदा श्री भारत सोनी, बिहार राज्य नागरिक परिषद् के पूर्व महासचिव श्री अरविंद कुमार सहित अनेक सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता, गणमान्य व्यक्ति, शुभचिन्तक एवं अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने अपने पैतृक गाँव कल्याण बिगहा के भगवती मंदिर (देवी स्थान) में पूजा अर्चना की और राज्य की सुख, शांति एवं समृद्धि की कामना की। कल्याण बिगहा एवं आसपास के लोग मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर अत्यधिक प्रफुल्लित थे। मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से मुलाकात कर उनका कुशलक्षेम जाना और उनका अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों की समस्यायें सुनी और उसके समाधान के लिये अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।

मुख्यमंत्री को नववर्ष की बधाई एवं शुभकामना देने बड़ी संख्या में पहुँचे लोग

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार को नववर्ष की शुभकामना एवं बधाई देने के लिये सरकार के कई मंत्री, सांसद, विधायक, विधान पार्षद, राज्य सरकार के वरीय अधिकारीगण अन्य जनप्रतिनिधिगण, विशिष्ट व्यक्तिगण तथा आमजन पहुँचे। मुख्यमंत्री ने 1 अणे मार्ग स्थित अपने आवास पर लोगों की बधाइयों एवं शुभकामनायें स्वीकार की तथा उन्हें नववर्ष की बधाई एवं शुभकामनायें भी दी। लोगों द्वारा दिये गये भेंटस्वरूप पुष्प गुच्छ, अंगवस्त्र एवं माला को मुख्यमंत्री ने स्वीकार किया।

बधाई एवं शुभकामना देने वालों में बड़ी संख्या में नवयुवक, महिलायें तथा वृद्धजन भी शामिल थे। मुख्यमंत्री को बधाई देने वाले प्रमुख लोगों में उप मुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, उप मुख्यमंत्री श्री विजय कुमार सिन्हा, बिहार विधान परिषद् के सभापति श्री अवधेश नारायण सिंह, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, शिक्षा मंत्री श्री सुनील कुमार, भवन निर्माण मंत्री श्री जयंत राज, पूर्व सांसद श्री अनिल हेगड़े, पूर्व सांसद श्री चन्द्रेश्वर प्रसाद चंद्रवंशी, विधान पार्षद श्री संजय कुमार सिंह उर्फ गाँधी जी, विधान पार्षद श्री संजय सिंह, विधान पार्षद श्री ललन सर्राफ, अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेशक श्री विनय कुमार, मुख्य सूचना आयुक्त श्री ब्रजेश मेहरोत्रा, बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक श्री आलोक राज, विभिन्न विभागों के अपर मुख्य सचिव/ प्रधान सचिव / सचिव, वरीय पुलिस अधिकारी सहित बड़ी तादाद में राजनीतिक एवं सामाजिक कार्यकर्ता तथा आमजन शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने राज्यवासियों को नववर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनायें दी

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने प्रदेश एवं देशवासियों को नये वर्ष 2025 की बधाई एवं शुभकामनायें दी हैं। मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की है कि वर्ष 2025 समस्त बिहारवासियों एवं देशवासियों के लिए सुख, शान्ति, सद्भाव, समृद्धि एवं अनंत सफलताओं का वर्ष होगा।

मुख्यमंत्री ने बिहार के गौरव को पुनर्जीवित करने के साथ-साथ प्रदेश की विकास यात्रा में सहयात्री बनने का आह्वान करते हुये विश्वास व्यक्त किया है कि आनेवाले वर्ष में बिहार देश ही नहीं अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशिष्ट पहचान बना सकेगा। उन्होंने न्याय के साथ बिहार के सर्वांगीण विकास एवं सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुये विश्वास व्यक्त किया कि सबके सम्मिलित प्रयास से सुखी, समृद्ध एवं गौरवशाली बिहार का निर्माण होगा।

मुख्यमंत्री ने ‘प्रगति यात्रा’ के क्रम में शिवहर जिले में 187 करोड़ रुपये की लागत से 231 योजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने आज प्रगति यात्रा के क्रम में शिवहर जिला में 187 करोड़ रुपये की लागत से 231 योजनाओं से संबंधित शिलापट्ट का अनावरण कर उद्घाटन एवं शिलान्यास किया। यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने पिपराही प्रखंड के मेसौढा ग्राम पंचायत में 130.33 लाख रुपये की लागत से नवनिर्मित पंचायत सरकार भवन के शिलापट्ट का अनावरण कर उद्घाटन किया। उद्घाटन के पश्चात मुख्यमंत्री ने नवनिर्मित पंचायत सरकार भवन का निरीक्षण कर महिला सभाकक्ष, पुस्तकालय, सरपंच कार्यालय आदि का जायजा लिया। निरीक्षण के क्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां बहुत सुंदर ढंग से पंचायत सरकार भवन का निर्माण हो गया है, इससे लोगों को काफी फायदा मिलेगा। ग्राम पंचायत के प्रतिनिधियों को भी सहूलियत होगी। नवनिर्मित पंचायत सरकार भवन के परिसर में मुख्यमंत्री ने पौधारोपण भी किया।

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत मनरेगा द्वारा निर्मित तालाब का मुआयना किया। मुआयना के क्रम में मुख्यमंत्री ने तालाब में जीरा (मछली का बच्चा) छोड़ा। मुख्यमंत्री ने कहा कि तालाब का निर्माण काफी अच्छे ढंग से किया गया है। इसके चारों तरफ पौधे लगाए जाने से यहां का दृश्य आकर्षक हो गया है। इस तालाब में जीविका दीदियां मछली पालन कर सकेंगी, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी। इस अवसर पर चमेली जीविका महिला ग्राम संगठन से जुड़ी दीदियों ने ताली बजाकर मुख्यमंत्री का स्वागत किया। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण), लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत अपशिष्ट पदार्थों से बनाए जा रहे जैविक खाद्य का भी मुख्यमंत्री ने निरीक्षण किया।

मुख्यमंत्री ने ग्राम पंचायत मेसौढा अंतर्गत पिपराही में 15.62 लाख रुपये की लागत से नवनिर्मित जीविका भवन के शिलापट्ट का अनावरण कर उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री ने चमेली जीविका महिला ग्राम संगठन से जुड़ी जीविका दीदियों को नवनिर्मित जीविका भवन की चाबी प्रदान की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने जीविका दीदियों से संवाद कर उनकी बातें सुनी। मुख्यमंत्री ने कहा कि जीविका के माध्यम से महिलाएं सशक्त हो रही हैं। साथ ही उन्हें आर्थिक मजबूती भी मिल रही है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से कई काम कराए जा रहे हैं। बिहार में जब हमलोगों की सरकार बनी तो हम लोगों ने स्वयं सहायता समूहों की संख्या बढ़ाने का फैसला लिया। इसके लिए वर्ष 2006 में विश्व बैंक से ऋण लेकर स्वयं सहायता समूहों को बढ़ाने का काम शुरू किया गया। स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं का नाम जीविका दीदी हमने ही दिया। बिहार में महिलाओं के उत्थान और उन्हें सशक्त बनाने के लिए कई काम किए गए हैं, उसे आप सभी याद रखियेगा। हम लोग निरंतर महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। आप सभी जीविका दीदियां काफी अच्छा काम कर रही हैं। इसी तरह मन लगाकर आप सभी काम करें। आपकी जो भी जरूरते होंगी उसे पूरा किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बुनियाद केंद्र पिपराही का भी निरीक्षण किया। यहां लोगों को फिजियोथेरेपी, एक्सरसाइज थेरेपी सहित अन्य उपलब्ध कराई जा रही सेवाओं के संबंध में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां काफी अच्छा काम हो
रहा है। इससे लोग स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होंगे। यहां लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समाज कल्याण विभाग, शिक्षा विभाग, जीविका, पर्यटन विभाग, विज्ञान प्रौद्योगिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, जिला प्रशासन सहित अन्य विभागों द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी का अवलोकन किया। अवलोकन के क्रम में मुख्यमंत्री ने 5580 जीविका स्वयं सहायता समूहों के 55709 जीविका दीदियों को बैंक लिंकेज के द्वारा 49 करोड़ 88 लाख रुपये का सांकेतिक चेक आर्थिक सहयोग के रूप में प्रदान किया। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अंतर्गत मुख्यमंत्री निजी (अन्य प्रजाति) पौधाशाला प्रोत्साहन राशि के तहत 2 लाख 18 हजार 430 रुपये का सांकेतिक चेक लाभुक श्रीमती गायत्री देवी (जीविका दीदी) को प्रदान किया। 529 सतत् जीविकोपार्जन योजना के लाभार्थियों को आर्थिक सहयोग के रूप में 1 करोड़ 61 लाख 47 हजार रुपये का सांकेतिक चेक प्रदान किया। मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना, बिहार शताब्दी असंगठित कार्य क्षेत्र, कामगार एवं शिल्पकार सुरक्षा (संशोधन) योजना, मुख्यमंत्री अन्तरजातीय विवाह प्रोत्साहन अनुदान योजना, मुख्यमंत्री निःशक्त प्रोत्साहन अनुदान योजना का सांकेतिक चेक मुख्यमंत्री ने लाभुकों को प्रदान किया।

इसके पश्चात् मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित शिवहर-मीनापुर-कांटी / कुशहर देवकुली धाम सड़क चौड़ीकरण / फोरलेन का स्थल निरीक्षण किया। अधिकारियों ने साइट प्लान के माध्यम से प्रस्तावित फोरलेन के संबंध में मुख्यमंत्री को विस्तृत जानकारी दी। वर्तमान में इस पथ की लंबाई 20.43 किलोमीटर है जबकि चौड़ाई 7 मीटर है। प्रस्तावित पथ (फोरलेन) का काम पूरा हो जाने के बाद पथ की लंबाई 20.43 किलोमीटर जबकि चौड़ाई 14 मीटर होगी। वर्तमान में शिवहर से पटना मुख्यालय जाने में 4 से 5 घंटे लगते हैं। इस पथ के बन जाने के बाद तीन घंटे में पटना मुख्यालय पहुंचा जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इस काम को यथाशीघ्र शुरू कराकर जल्द से जल्द पूरा कराएं। इस काम के पूरा हो जाने से लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों, नेताओं एवं जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ भेंट कर उनका अभिवादन किया गया।

इस अवसर उपमुख्यमंत्री श्री सम्राट चौधरी, जल संसाधन सह संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, ग्रामीण कार्य मंत्री श्री अशोक चौधरी, अल्पसंख्यक कल्याण सह शिवहर जिले के प्रभारी मंत्री श्री जमा खान, सांसद श्रीमती लवली आनंद, विधायक श्री चेतन आनंद, पूर्व सांसद श्री आनंद मोहन, विकास आयुक्त श्री प्रत्यय अमृत, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, ए०डी०जी० पुलिस मुख्यालय श्री कुंदन कृष्णन, मिथिला प्रक्षेत्र के पुलिस उप महानिरीक्षक श्री बाबू राम, जिलाधिकारी श्री विवेक रंजन मैत्रेय, पुलिस अधीक्षक श्री शैलेश कुमार सिन्हा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारी उपस्थित थे।

शिवहर से प्रस्थान करने के पश्चात् मुख्यमंत्री ने बेलसंड प्रखण्ड के मधकौल में बागमती नदी बांध के टुटान स्थल का हवाई निरीक्षण किया एवं अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये।

पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशताब्दी पर निकाली गई ‘सुशासन पदयात्रा’, हजारों लोगों ने लिया भाग

‘भारत रत्न’ से अलंकृत देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी के उपलक्ष्य में आज पटना के बांकीपुर विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत ‘ सुशासन पद यात्रा’ निकाली गई। इसमें दिग्गज नेताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा आमलोग भी बड़ी संख्या में भाग लिए।

यह पदयात्रा बोरिंग रोड चौराहा से शुरू होकर विभिन्न मार्गों से होते हुए पंचमुखी महावीर मंदिर तक गई। पदयात्रा के बाद महावीर मंदिर के समक्ष कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह बिहार के राजस्व और भूमि सुधार मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि वाजपेयी सदैव सुशासन और जनकल्याण सरकार के पैरोकार रहे। उनकी जब सरकार बनी तो उन्होंने इसे धरातल पर उतारकर भी दिखाया।

उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सही अर्थों में अजातशत्रु थे। भाजपा के नेताओं के अलावा अन्य दलों में भी उनके प्रशंसक रहे। दृढ़ निश्चय की प्रतिमूर्ति रहे अटल बिहारी के विषय में कहा जा सकता है कि वे अटल थे और सदैव अटल ही रहेंगे।

इस अवसर पर मंत्री बिहार सरकार नितिन नबीन, भाजपा प्रदेश महामंत्री मिथिलेश तिवारी जी एवं नव मनोनीत मंडल अध्यक्षगण एवं अन्य सम्मानीयजन उपस्थित रहे

मुख्यमंत्री ने पश्चिम चंपारण जिला के थारू टोला घोटवा से की ‘प्रगति यात्रा’ की शुरुआत, 172.19 करोड़ रुपये की 41 योजनाओं का किया उद्घाटन एवं शिलान्यास

मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार आज पश्चिम चंपारण जिला के बगहा-2 प्रखंड अंतर्गत संतपुर सोहरिया पंचायत स्थित थारू टोला घोटवा से ‘प्रगति यात्रा’ के प्रथम चरण की शुरुआत की। यात्रा के क्रम में मुख्यमंत्री ने थारू टोला घोटवा का भ्रमण कर विभिन्न योजनाओं के माध्यम से कराए गए विकासात्मक कार्यों का जायजा लिया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने थारू टोला घोटवा में 172.19817 करोड़ रुपये की लागत वाली 41 योजनाओं से संबंधित शिलापट्ट का अनावरण कर उद्घाटन एवं शिलान्यास किया।

थारू टोला घोटवा भ्रमण के क्रम में मुख्यमंत्री ने मनरेगा द्वारा निर्मित छिलका, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, अपशिष्ट प्रबंधन इकाई, जिला परिषद द्वारा निर्मित पार्क एवं ओपेन जिम, मुख्यमंत्री ग्रामीण स्ट्रीट लाइट योजना, नली-गली योजना, नल जल योजना, मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास योजना आदि का मुआयना किया। थारू समुदाय एवं जीविका दीदियों के द्वारा मुख्यमंत्री के स्वागत में पुष्प वर्षा किया गया। भ्रमण के दौरान मुख्यमंत्री ने स्थानीय लोगों से बातचीत कर उनकी समस्यायें सुनी और उसके यथाशीघ्र समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देश दिया।

मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग अंतर्गत 139.04 करोड़ रुपए की लागत से थरुहट क्षेत्र के 25 गांवों के 11798 घरों को ऑफ ग्रिड से ऑन ग्रिड विद्युतीकरण के क्षेत्र में संरचना निर्माण कार्य का शिलान्यास किया।

थारू टोला घोटवा में कराए गए विकास कार्यों से पूर्व की स्थिति के संबंध में अधिकारियों ने जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री को बताया कि थारू टोला घोटवा दोन नहर के किनारे बसा हुआ है, जो वाल्मीकिनगर जंगल के निकट स्थित है। वर्षा के दिन में जलस्तर बढ़ने से न केवल आवागमन बंद हो जाता था बल्कि इस गांव का सम्पर्क अन्य ग्रामों से भी टूट जाता था। बीमारों को इलाज कराने के लिए बाहर जाने तक में कठिनाई होती थी। छिलका के निर्माण से सुचारू आवागमन के साथ ही गांव में सम्पर्कता बनी रहेगी। उसी प्रकार से थारू क्षेत्र के 25 पंचायतों में ऑफ ग्रिड से बिजली आपूर्ति होने के कारण इन क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति कम समय के लिए होती थी। ऑन ग्रिड विद्युतीकरण होने से इन क्षेत्रों में निर्बाध रूप से पर्याप्त एवं गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति की जाएगी।

थारू टोला घोटवा में थारू समुदाय एवं जीविका दीदियों के द्वारा स्थानीय स्तर पर निर्मित किए जा रहे विभिन्न उत्पादों के संबंधित लगाए गए स्टॉल का मुख्यमंत्री ने अवलोकन किया। ओपेन जीम प्रांगण में मुख्यमंत्री ने पौधारोपण किया। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री के आगमन पर अपने-अपने घरों के सामने रंगोली बनाकर उनके विकास कार्यों को लेकर आभार प्रकट किया।

स्थानीय जनप्रतिनिधियों, नेताओं एवं जिला प्रशासन द्वारा मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर तथा फूलों की बड़ी माला पहनाकर अभिनंदन किया गया।

इस अवसर पर जल संसाधन एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, सांसद श्री सुशील कुमार कुशवाहा, विधायक श्री धीरेंद्र प्रताप सिंह उर्फ रिंकू सिंह, विधान पार्षद श्री भीष्म सहनी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्य सचिव श्री अमृत लाल मीणा, पुलिस महानिदेशक श्री विनय कुमार, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री मिहिर कुमार सिंह, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रधान सचिव श्री बी० राजेंदर, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, ऊर्जा विभाग के सचिव श्री पंकज कुमार पाल, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जिलाधिकारी श्री दिनेश कुमार राय, पुलिस उप महानिरीक्षक बेतिया प्रक्षेत्र श्री जयंत कांत, पुलिस अधीक्षक बगहा श्री सुशांत सरोज सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति, वरीय अधिकारी एवं आमजन उपस्थित थे।

प्रगति यात्रा पर निकलने के क्रम में पटना हवाई अड्डा पर बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों एवं लोगों ने मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार का अभिवादन किया। मुख्यमंत्री ने पटना हवाई अड्‌डा पर नवनिर्मित विशिष्ट अतिथि कक्ष (लाउंज) का उद्घाटन एवं निरीक्षण किया।

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री श्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव श्री अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव श्री कुमार रवि, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी श्री गोपाल सिंह, जिलाधिकारी पटना श्री चन्द्रशेखर सिंह, वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना श्री राजीव मिश्रा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

सूचना भवन में सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग द्वारा आयोजित गृह विभाग के संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए गृह विभाग के प्रधान सचिव, श्री अरविन्द कुमार चौधरी ने बताया कि राज्य में पारदर्शी और उत्तरदायी प्रशासन के माध्यम से विधि-व्यवस्था सुदृढ़ कर कानून का शासन स्थापित करना तथा लोगों को भयमुक्त समाज एवं विकास प्रदान करना, राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। आगे गृह विभाग के कार्यों एवं उपलब्धियों की जानकारी उन्होंने बिन्दुवार निम्न प्रकार दीः-

पराध नियंत्रण

वर्ष-2024 में नवम्बर माह तक कुल 3,00,526 अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गयी है। 92 नियमित हथियार, 4861 अवैध हथियार, 165 देशी बम, 22,632 कारतूस, 604 डेटोनेटर की बरामदगी की गयी तथा 83 अवैध लघु बंदूक कारखाना का उद्भेदन किया गया है।

अपराधिक घटनाओं पर त्वरित कार्रवाई के फलस्वरूप राज्य स्तर पर गत वर्ष की तुलना में डकैती के मामलों में 15.36 प्रतिशत, चोरी में 5.93 प्रतिशत एवं दंगा में 15.82 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी है।

वर्ष 2024 में राज्य सरकार की धर्म निरपेक्ष एवं सुदृढ़ नीति के परिप्रेक्ष्य में तत्परता से आसूचना/सूचना संग्रह एवं त्वरित कार्रवाई के परिणामस्वरूप राज्य में साम्प्रदायिक तनाव की घटनाओं में उत्तरोत्तर कमी हुई है।

वर्ष 2022-24 में साम्प्रदायिक घटनाओं से संबंधित कुल 1025 मामलों में अभियोजन की स्वीकृति दी गई है और सभी जिलों को आरोप पत्र समर्पित करने हेतु निदेशित किया गया है।

> धारा 156 (3) भा०द०वि० अंतर्गत राज्य के माननीय न्यायालयों द्वारा पारित आदेश के तहत थानों में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए लंबित 14,956 मामलों में से 14,078 (94%) मामलों में प्राथमिकी दर्ज हो चुकी है।
बिहार लोक सुरक्षा (उपाय) प्रवर्तन अधिनियम-2024 अधिसूचित किया गया है, जो दिनांक- 14.03.2024 से प्रभावी है।

राज्य में अपराध पर प्रभावी नियंत्रण हेतु बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम, 1981 को निरस्त करते हुए बिहार अपराध नियंत्रण अधिनियम, 2024 अधिसूचित किया गया है, जो दिनांक- 14.03.2024 से प्रभावी है।

बिहार विशेष कार्यबल द्वारा नक्सलरोधी / अपराध नियंत्रण अभियान

पूर्व में बिहार राज्य के 10 जिले नक्सली गतिविधियों से प्रभावित थे, जो वर्त्तमान में घटकर 08 जिले यथा-गया, औरंगाबाद, नवादा, रोहतास, कैमूर, जमुई, मुंगेर एवं लखीसराय रह गये हैं। नक्सली गतिविधियाँ भी मुख्यतः बिहार-झारखण्ड सीमा से लगे पहाड़ी-जंगली क्षेत्रों तक सीमित हो गये हैं।

वर्ष-2024 में नवम्बर माह तक 120 नक्सली गिरफ्तार किये गये हैं तथा 24 हथियार, 246 कारतूस, 134 किलोग्राम विस्फोटक, 554 डेटोनेटर, 146 बारूदी सुरंगें / केन बम बरामद किये गये है।

STF द्वारा वर्ष-2024 में 05 (04 ईनामी) अपराधियों को इनकाउन्टर में मारा गया।

STF द्वारा विभिन्न जिलों के मोस्ट वान्टेड कुल 53 नक्सलियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 11 ईनामी नक्सली थे।

वर्ष-2024 में STF द्वारा कुल 787 उग्रवादी / अपराधियों को गिरफ्तार किया गया, जिसमें 171 ईनामी अपराधी थे।

विशेष आधारभूत संरचना योजना के अन्तर्गत विषेष कार्य बल, विषेष आसूचना शाखा एवं उग्रवाद प्रभावित जिलों के जिला पुलिस बल के उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण हेतु ₹37,83,17,657 की प्रषासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी है। चालू वित्तीय वर्ष में योजना पूर्ण होने की संभावना है।

वर्ष-2024 में विधि विरूद्ध क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम, 1967 के अन्तर्गत 40 थाना कांडों में कुल 120 अभियुक्तों के विरूद्ध अभियोजन स्वीकृति प्रदान किया गया है।

आर्थिक अपराध एवं साईबर अपराध नियंत्रण

> बिहार सरकार द्वारा सभी पुलिस जिलों (रेल जिला सहित) में कुल 44 साईबर थाना की स्थापना की गयी है, जो पुलिस उपाधीक्षक स्तर के पदाधिकारी के नियंत्रणाधीन क्रियाशील है।
माह-अक्टूबर, 2024 तक 5187 कांड प्रतिवेदित हुआ है तथा 571 अभियुक्तों की गिरफ्तारी की गई है।

आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना स्थित National Cyber Crime Reporting Portal 1930 के कॉल सेंटर में कॉल का उत्तर देने में कई माह से बिहार राज्य प्रथम स्थान पर है। साथ ही, साइबर फ्रॉड से संबंधित रकम को होल्ड कराने में जुलाई, 2024 में देश के सभी राज्यों में बिहार पाँचवे स्थान पर है।

साइबर फ्रॉड में संदिग्ध 13,403 मोबाईल नंबरों एवं 4,804 IMEI को ब्लॉक कराया गया है।

आर्थिक अपराध इकाई में गठित सोशल मीडिया मॉनिटरिंग एवं पेट्रोलिंग यूनिट द्वारा सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर निगरानी रखते हुए अबतक कुल 419 विवादित / भ्रामक / आपत्तिजनक पोस्ट/फरजी प्रोफाईल पर विधि सम्मत् कार्रवाई करते हुए आई०टी० एक्ट-2000 के तहत् संबंधित सेवाप्रदाता को नोटिस दिया गया है जिसमें 319 मामलें अबतक निष्पादित हो चुके हैं।

आर्थिक अपराध इकाई अंतर्गत अबतक लोक सेवकों के विरूद्ध अप्रत्यानुपातिक धर्नाजन के कुल 85 कांड प्रतिवेदित हुआ है जिनमें से 37 कांडों में माननीय न्यायालय में आरोप पत्र समर्पित किये गये हैं।

आर्थिक अपराध थाना द्वारा दर्ज काण्डों में अभियुक्तों के विरूद्ध बिहार विषेष न्यायालय अधिनियम, 2009 के अन्तर्गत आय से अधिक सम्पत्ति की जब्ती के लिए कुल 26 मामलों में घोषणा पत्र एवं आदेश निर्गत किया गया है।

PMLA के तहत् 339.3952 करोड़ की परिसम्पत्तियों को समपहृत करने हेतु कुल 204 प्रस्ताव प्रवर्तन निदेशालय को प्रेषित किया गया है जिसमें कुल 51.919 करोड़ रूपये की अपराध जनित सम्पति जब्त किया गया है।

वर्ष-2024 में माह अक्टूबर तक बिहार पुलिस द्वारा राज्य में कुल 13024.13 कि०ग्रा० गांजा, 303.045 कि0ग्रा0 चरस, 19.528 कि०ग्रा० हेरोइन / स्मैक / ब्राउन सुगर, 10.257 कि०ग्रा० अफीम, 5004.67 कि०ग्राम डोडा, 63071 पीस इंजेक्शन, 108398 बोतल कोडिन बेस्ड सिरप
एवं 50321 पीस टैबलेट की बरामदगी की गई है। इस संदर्भ में 1534 अभियुक्तों के विरूद्ध 932 कांड दर्ज किया गया है जिसमें 1333 अभियुक्तों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया है।

वर्ष-2023-24 में 2525.32 एकड़ में लगे अवैध अफीम के फसल को नष्ट किया गया है।

अक्टूबर, 2024 तक रू0 52,77,800 की जाली भारतीय नोटों की बरामदगी की गई है।

भर्ती/प्र भर्ती / प्रवेश परीक्षा संबंधित अपराधों की विवरणी

 

नये वृहद अपराध अधिनियम-2023 का बिहार राज्य में क्रियान्वयन

दिनांक-01.07.2024 से वृहत् अपराध अधिनियमों को लागू करने के लिए गृह विभाग, बिहार, द्वारा अधिसूचना निर्गत किया गया है।

माननीय मुख्य न्यायाधीश, पटना उच्च न्यायालय, पटना की अध्यक्षता में पटना उच्च न्यायालय, पटना के सभी माननीय न्यायाधीश, मुख्य सचिव, बिहार, पुलिस महानिदेशक, बिहार, सभी जिलों के जिला सत्र न्यायाधीश, सभी जिला पदाधिकारी, सभी वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक, सभी जिला अभियोजन पदाधिकारी एवं सभी सी० जे०एम० के साथ दिनांक-16.03.2024 को एक दिवसीय कार्यशाला एवं दिनांक-27 एवं 28.07.2024 को दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।

भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा-37 के प्रावधानों के तहत् राज्य पुलिस मुख्यालय एवं प्रत्येक पुलिस जिला में एक पुलिस नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। गिरफ्तार किये गये व्यक्तियों का नाम एवं पता तथा उनके द्वारा किये गये अपराध की प्रकृति. लगाए गये आरोप को प्रत्येक पुलिस थाना एवं जिला मुख्यालय में भौतिक रूप से एवं डिजीटल माध्यम से प्रदर्शित करने का प्रावधान किया गया है।

01 जुलाई, 2024 से लागू 03 नये अपराधिक कानून के अधिसूचित होने के बाद सारण जिला में रसुलपूर थाना क्षेत्र का हत्या के मामले में मात्र 50 दिनों में आजीवन कारावास की सजा दिलाने वाला सम्पूर्ण भारत में बिहार पहला राज्य बना।

दिनांक-30.06.2024 तक बिहार अभियोजन सेवा के राज्य के अन्दर कुल 1040 अभियोजन पदाधिकारियों एवं राज्य के बाहर 76 अभियोजन पदाधिकारियों को संस्थागत प्रषिक्षण केसाथ नये अपराधिक कानून का प्रशिक्षण दिलाया गया है। दिनांक-01.07.2024 से लागू तीन नये कानूनों के संबंध में 25000 पुलिस पदाधिकारियों (पी०टी०सी० उत्तीर्ण से लेकर पुलिस उप-महानिरीक्षक) का प्रशिक्षण कराया गया है।

दिनांक-01.07.2024 से लागू तीन नये कानूनों के संबंध में विधि-विज्ञान प्रयोगषाला के सभी निदेषक/उप-निदेषक / सहायक निदेषक/वरीय वैज्ञानिक सहायकों का प्रषिक्षण National Forensic Science University, नई दिल्ली एवं Central Detective Training Institute, गाजियाबाद में कराया गया है।

आपराधिक मामलों के प्रदर्षों की जाँच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगषाला, पटना के डी०एन०ए० यूनिट को सुदृढ़ किया गया है। क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगषाला, भागलपुर एवं मुजफ्फरपुर में एक-एक डी०एन०ए० यूनिट की स्थापना की गयी है।

Criminal Justice System के पाँचों स्तंभ (Pillars) यथा-CCTNS (For Police), e-Forensic (For Forensic Labs), e-Courts (For Courts), e-Prosecution (For Public Prosecutors) एवं e-Prison (For Prisons) के बीच डाटा का निर्बाध आदान-प्रदान किए जाने हेतु Inter-Operable Criminal Justice System 2.0 (ICJS 2.0) की परिकल्पना की गयी है।

भू-समाधान पोर्टल

भूमि विवादों के प्रभावी निष्पादन एवं अनुश्रवण तथा इसके नियंत्रण को गम्भीरता से लेते हुए गृह विभाग द्वारा भूमि विवाद जनित मामलों की विस्तृत समीक्षा एवं विश्लेषण हेतु आवश्यक डाटा बेस तैयार कराने के लिए “भू-समाधान पोर्टल” का निर्माण गृह विभाग द्वारा किया गया है।

अंचल एवं थाना स्तर पर भूमि विवादों के निष्पादन हेतु अंचल पदाधिकारी/राजस्व पदाधिकारी तथा थानाध्यक्ष की सहध्यक्षता में प्रत्येक थानों में साप्ताहिक शनिवारीय बैठक आयोजित की जाती है। विगत तीन माह में राज्य में थाना स्तर पर इस प्रकार की 16,010 बैठके आयोजित की गई है, जिसमें 11,365 मामलों का निष्पादन किया गया है। इसी प्रकार अनुमंडल स्तर पर 660 पाक्षिक बैठके आयोजित की गई है। जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी तथा वरीय पुलिस अधीक्षक / पुलिस अधीक्षक की सहध्यक्षता में इस प्रकार की 142 बैठकें आयोजित की गई है।

राज्य के सभी 38 जिलों द्वारा अभी तक भू-समाधान पोर्टल पर कुल 65,804 आवेदनों में से 63,345 भूमि विवाद संबंधी आवेदनों की पूर्ण प्रविष्टि की गयी है, शेष 2,459 आवेदनों की आंशिक प्रविष्टि की गयी है। इनमें से 51,789 मामलों का अंतिम निष्पादन एवं 5751 मामलों का प्रारंभिक निष्पादन किया गया है। 242 मामलों को मापी के

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लिए निर्धारित किया गया है, 373 आवेदनों को विभिन्न कारणों से अस्वीकृत किया गया है। इनमें से 207 मामले माननीय न्यायालयों में लंबित हैं। शेष 4,983 मामले निष्पादन हेतु प्रक्रियाधीन हैं।

NCRB Report के अनुसार राज्य में वर्ष 2021 में कुल हत्याओं में भूमि विवाद के कारण हुई हत्या का प्रतिशत जहाँ लगभग 60 प्रतिशत था, वहीं यह आँकड़ा वर्ष, 2023 में घटकर 46.69 प्रतिशत रह गया है।

मद्य निषेध

बिहार में शराबबंदी कानून लागू होने के उपरान्त दिनांक-01.04.2016 से 30.11.2024 तक कुल 4,89,033 दर्ज अभियोग एवं 1,02,648 वाहनों को जब्त करते हुए 7.70,250
व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है तथा कुल 95,45,873 ली० देशी शराब एवं 1,62,38,755 ली० विदेशी शराब जब्त किये गये हैं।

ERSS परियोजना

मुख्य रूप से महिलाओं के विरूद्ध हिंसा, अपराधिक घटना, अग्निकांड, सड़क दुर्घटना एवं ट्रैफिक समस्या एवं मद्य निषेध के मामलों में ERSS परियोजना के तहत् डायल-112 के माध्यम से सेवा दी जाती है।

माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के द्वारा दिनांक-29.02.2024 को द्वितीय चरण हेतु अतिरिक्त 883 चार पहिया एवं 550 दो पहिया वाहनों का लोकार्पण किया गया है। अब डायल-112 आपातकालीन सेवा ग्रामीण क्षेत्रों सहित सम्पूर्ण राज्य में उपलब्ध हो गयी है। वर्त्तमान में कुल 1,833 वाहन उपलब्ध है।

दो पहिया वाहन की सहायता से अब शहर की तंग गलियों में भी आपातकालीन सेवा पहुँचायी जा रही है। द्वितीय चरण में 1586 एम्बुलेन्स सेवा एवं 805 अग्निशमन सेवा के वाहनों को भी इस व्यवस्था में एकीकृत किया गया है, जो 24 घंटे नागरिकों की सेवा में कार्यरत है।

सम्पूर्ण राज्य के नागरिक अब आपातकालीन स्थिति में 112 डायल कर पुलिस, एम्बुलेन्स, अग्निशमन सेवा एवं अपराध नियंत्रण हेतु एकीकृत सेवा ले रहे हैं।

राज्य में महिलाओं के लिए सुरक्षित सफर सुविधा” का शुभारंभ दिनांक-05.09.2024 से बिहार के छः जिलों में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में किया गया। दिनांक-15.09.2024 से इसका विस्तार राज्य के सभी जिलों में किया गया है।

वर्तमान में डायल-112 के साथ हाईवे पेट्रोलिंग के 61 वाहनों को भी मशीनी स्तर पर एकीकृत किया गया है।

ERSS परियोजना के तहत् विगत् 02 वर्षों में 20 लाख से अधिक लोगों को आपातकालीन सेवायें पहुँचायी जा चुकी हैं। प्रतिदिन करीब 72000 हजार कॉल प्राप्त हो रहा है जिसका निष्पादन किया जा रहा है। कॉल वाल्युम के अनुसार बिहार देश में दूसरा स्थान पर है। इसमें से लगभग 5500 इवेन्ट जेनरेटेड मामलों में ई०आर०वी० द्वारा घटना स्थल पर पहुँचकर आवष्यक कार्रवाई की जा रही है। 2024-25 में 15 लाख से अधिक लोगों को सेवा पहुँचाने का लक्ष्य है।

वर्त्तमान में ई०आर०वी० का औसत रिस्पान्स टाईम 15 मिनट है एवं बिहार राज्य रिस्पान्स टाईम के मामले में पूरे देश में सातवें स्थान पर है।

इस मौके पर पुलिस महानिदेशक, बिहार श्री विनय कुमार, ने पुलिस व्यवस्था पर प्रकाश डालते हुए बताया कि पुलिस प्रशासन की सुदृढ़ता हेतु आधारभूत संरचना एवं नवाचार भी प्रयोग किए जा रहे हैं। आगे उन्होंने बिन्दुवार निम्नवत् जानकारी दीः-

राज्य सरकार द्वारा बिहार पुलिस को आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है, जिसमें पुलिस थाना भवन / पुलिस केन्द्र का निर्माण एवं अन्य कार्य सम्मिलित है।

बिहार राज्य में कुल 968 CCTNS आच्छादित थानों में स्टेषन डायरी, FIR एवं अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों को CCTNS पोर्टल पर Real time में डिजिटल प्रारूप में प्रविष्टियों की जा रही है।

NCRB नई दिल्ली के द्वारा CCTNS परियोजना हेतु दिनांक-01.11.2024 को प्रकाषित प्रगति डैषबोर्ड रिपोर्ट में विभिन्न मापदंडों में प्रदर्शन के आधार पर बिहार राज्य को 84.27% अंक दिया गया है, जबकि गत वर्ष इस माह में 54.90% था।

CCTNS से आच्छादित सभी थानों के द्वारा 01 जुलाई, 2024 से प्रभावी तीन नये
आपराधिक कानूनों के तहत FIR दर्ज तथा जीरो FIR दर्ज करने की भी सुविधा दी गयी है।

e-sakshya पोर्टल पर कार्य करने हेतु राज्य के सभी थानों / ओ०पी०/ उच्च कार्यालयों को VC के माध्यम से प्रशिक्षण दिया गया है। अबतक 2077 पुलिस पदाधिकारियों को उक्त पोर्टल में पंजीकृत किया गया है।

ITSSO (Investigation Tracking System for Sexual Offences) के अंतर्गत आई०पी०सी० की धारा 376 (नये BNS की धारा-64) एवं POCSO की धारा 4 एवं 6 अंतर्गत दर्ज कांडों से संबंधित मॉनिटरिंग की जा रही है।

राज्य के कुल 1357 पुलिस थानों / ओ०पी० का ई-मेल आई०डी० एवं मोबाईल नम्बर सहित बिहार पुलिस वेबसाईट पर अपलोड किया जा चुका है।
राज्य के 1212 पुलिस थाना/ओ०पी० में सी०सी०टी०वी० कैमरों के अधिष्ठापन का कार्य पूर्ण कर लिया गया है एवं शेष पुलिस थाना/ओ०पी० में कार्य प्रगति पर है।

> वर्ष 2024 में राज्य सरकार द्वारा अब तक कुल 284 ओ०पी० को थाना में उत्क्रमित किया गया है। राज्य में अब तक सभी 38 जिलों में यातायात थानों का सृजन किया गया है, जिसका उद्देष्य यातायात नियंत्रण एवं सड़क दुर्घटना में कमी लाना है।

मोटर यान अधिनियम, 1988 एवं इसके अधीन बने नियमों को भंग / उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों अथवा वाहन मालिकों के द्वारा किए गए आरोपित अपराध हेतु स्मार्ट सिटी परियोजना के माध्यम से Automatic e-Challan एवं HHD (Hand Held Device) के माध्यम से ई-चालान काटे जाने के व्यवस्था के अन्तर्गत सभी जिला पुलिस / यातायात पुलिस द्वारा समन की कार्रवाई की जाती है।

बिहार पुलिस में सिपाही के कुल 21,391 रिक्त पदों पर केन्द्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती), बिहार, पटना के माध्यम से नियुक्ति की कार्रवाई प्रक्रियाधीन है।

पुलिस भवन निर्माण निगम की उपलब्धियाँ

एस०सी० / एस०टी० थाना, नक्सल थाना, मॉडल थाना, ग्रेड-4 थाना, ग्रेड-3 थाना, ग्रेड-2 थाना, पर्यटक थाना, ग्रामीण थाना, नदी थाना सहित कुल 664 थाना भवनों का निर्माण किया गया है। रोहतास एवं बगहा में जिला वितंतु भवन का निर्माण पूरा किया गया है।

एस०टी०एफ० ऑपरेशन सिस्टम, डॉग कैनेल, नियंत्रण कक्ष, क्षेत्रीय एफ०एस०एल०, जिला संचार केन्द्र, कारा विभाग, बिहार अग्निशमन, गृह रक्षा वाहिनी आदि के कुल 340 मुख्य भवनों का निर्माण किया गया।

बांका पुलिस लाईन, लखीसराय पुलिस लाईन, सुपौल पुलिस केन्द्र में नये भवनों का निर्माण, गया जिले के बी०एम०पी०-3 बोधगया परिसर में विशेष कार्यबल के प्रशिक्षण केन्द्र तथा आवासीय भवन एवं नवगछिया पुलिस केन्द्र में नये भवनों का निर्माण कार्य कराया गया है।

पुलिस पदाधिकारियों/कर्मियों के आवासन हेतु कुल 3701 युनिट एवं कुल 33761 सिपाहियों के आवासन हेतु सभी सुविधाओं सहित बैरक का निर्माण कार्य पूरा किया गया है।

विशेष शाखा हेतु उच्चस्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र, पटना का निर्माण पूर्ण किया गया है।

राज्य के 277 थाना/ओ०पी० के परिसर में 20 महिला सिपाही क्षमता का बैरक, 246 थानों / ओ०पी० के परिसर में 10 महिला सिपाही क्षमता का बैरक एवं 22
थानों / ओ०पी० के परिसर में 05 महिला सिपाही क्षमता का बैरक के निर्माण हेतु प्रषासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

राज्य के 14 पुलिस लाईन के परिसर में 300 महिला सिपाही क्षमता का बैरक, 6 पुलिस लाईन के परिसर में 200 महिला सिपाही क्षमता का बैरक, 2 पुलिस लाईन के परिसर में 150 महिला सिपाही क्षमता का बैरक एवं 2 पुलिस लाईन के परिसर में 100 महिला सिपाही क्षमता का बैरक के निर्माण हेतु प्रषासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

> पुलिस केन्द्र, डिहरी के परिसर में 500 महिला सिपाही क्षमता का बैरक (G+5) के निर्माण हेतु प्रषासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

राज्य के सभी 38 जिलों को विधि विज्ञान प्रयोगशाला से सम्बद्ध करने के लिए 9 क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला हेतु भवन का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया गया है।

अभियोजन

राज्य में सषक्त अभियोजन के माध्यम से दोषियों को सजा दिलाने के प्रयास के कम में माह जनवरी 2024 से माह अक्टूबर, 2024 तक कुल 1,20,903 अपराधिक कांडों में कुल 1,62,803 अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है, जिसमें जघन्य अपराध से सम्बन्धित 836 काण्डों में 1687 अभियुक्तों को, अनुसूचित जाति एवं जनजाति से सम्बन्धित 232 काण्डों में 527 अभियुक्तों को, एन०डी०पी०एस० से सम्बन्धित 298 काण्डों में 410 अभियुक्तों को, पॉक्सो से सम्बन्धित 539 काण्डों में 724 अभियुक्तों को, उत्पाद से सम्बन्धित 1.12.252 काण्डों में 1.49.177 अभियुक्तों को, आर्म्स एक्ट से सम्बन्धित 361 काण्डों में 466 अभियुक्तों को तथा अन्य अपराध से सम्बन्धित 6,385 काण्डों में 9,839 अभियुक्तों की सजा दिलायी गयी है।

India Crime Record द्वारा जारी वर्ष, 2022 के रिपोर्ट के अनुसार अनु० जाति एवं अनु०जनजाति (अत्याचार निवारण अधिनियम) में सबसे अधिक सजा कराने में बिहार का स्थान तीसरा है।

ICJS के अन्तर्गत e-prosecution में DUTR Case Registration में बिहार का स्थान तीसरा रहा एवं Over all छठा स्थान रहा।

राज्य में गवाहों को निर्भीक होकर गवाही देने के उद्देश्य से “बिहार गवाह सुरक्षा योजना, 2018” को क्रियान्वित हेतु खर्च का वहन करने के लिए गवाह सुरक्षा निधि गठित किया गया है। जनवरी, 2024 से सितम्बर, 2024 तक कुल 107 गवाहों को इस योजना के तहत् सुरक्षा प्रदान की गयी है।

एक साथ 541 सहायक अभियोजन पदाधिकारियों की नियुक्ति करने वाला बिहार देश का पहला राज्य बना, जिसमें 211 महिला सहायक अभियोजन पदाधिकारियों की नियुक्ति की गयी है।

दिनांक-30.06.2024 तक बिहार अभियोजन सेवा के राज्य के अन्दर कुल 1040 अभियोजन पदाधिकारियों एवं राज्य के बाहर 76 अभियोजन पदाधिकारियों को प्रशिक्षण दिलाया गया है।

राज्य की काराओं का सुदृढीकरण

राज्य की 08 केन्द्रीय काराओं एवं 02 मंडल काराओं में कारा उद्योग संचालित है। बंदियों द्वारा निर्मित सामग्रियों को मुक्ति ब्राण्ड के नाम से पहचान दी गई है, जिसमें लगभग 100 प्रकार की उच्च गुणवत्ता युक्त सामग्रियों का उत्पादन किया जा रहा है।
राज्य की 08 केन्द्रीय काराओं एवं 33 मंडल काराओं में “जेल रेडियो” का अधिष्ठापन किया गया है।

राज्य की काराओं में संसीमित बंदियों द्वारा अनाधिकृत रूप से उपयोग होने वाले मोबाईल कॉल को रोकने हेतु Tower of Harmonious Call Blocking System (T-HCBS) के अधिष्ठापन की कार्रवाई संप्रति प्रक्रियाधीन है।

राज्य की 16 काराओं में 34 अद्द अतिरिक्त बंदी कक्ष के निर्माण हेतु ₹104,73,62,638 की स्वीकृति प्रदान की गई है और 15 काराओं में अधीक्षक आवास के निर्माण की स्वीकृति दी गई है। निर्माण कार्य प्रगति पर है।

राज्य के 52 काराओं में पुरूष कक्षपाल बैरक एवं महिला कक्षपाल बैरक के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है और निर्माण कार्य प्रगति पर है।

राज्य के 30 काराओं में संसीमित बंदियों के लिए शौचालय-सह-स्नानागार निर्माण हेतु ₹19,58,35,000 स्कीम की स्वीकृति प्रदान करते हुए निर्माण कार्य कराया जा रहा है।

41 काराओं में Frisking Room का निर्माण एवं सुरक्षात्मक उपकरणों के अधिष्ठापन की स्वीकृति प्रदान की गई है।

आदर्श केन्द्रीय कारा, बेऊर, पटना, केन्द्रीय कारा, मोतिहारी, पूर्णियां, बक्सर, शहीद जुब्बा सहनी केन्द्रीय कारा, भागलपुर, शहीद खुदीराम बोस केन्द्रीय कारा, मुजफ्फरपुर, महिला मंडल कारा, भागलपुर एवं बक्सर में नये उद्योगों के अधिष्ठापन हेतु विभिन्न प्रकार के मशीनों का क्रय किये जाने के लिए कुल राशि ₹4,84,76,700 स्कीम की स्वीकृति प्रदान की गई है।

भागलपुर जिला में कहलगांव अनुमंडल में उपकारा के निर्माण हेतु ₹42,37,49,000 की स्वीकृति दी गई है।

राज्य के 08 केन्द्रीय काराओं में संसीमित बंदियों को अस्पताल या मेडिकल कॉलेज लाने ले जाने हेतु अतिरिक्त 08 Ambulance का ₹1,56,73,851 की लागत पर क्रय किया गया है।

राज्य स्कीम वित्तीय वर्ष-2023-24 अन्तर्गत जेल कोर्ट VC परियोजना के वार्षिक रख-रखाव, मैन पावर की सेवा विस्तारित करने एवं परियोजना परामर्शी की सेवा हेतु कुल ₹4,12,15,313 की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गई है।

सैनिक कल्याण निदेशालय

वर्तमान में राज्य में 13 जिला सैनिक कल्याण कार्यालय कार्यरत है। इसके अतिरिक्त 12 नये जिला सैनिक कल्याण कार्यालयों की स्थापना हेतु अग्रेत्तर कार्रवाई की जा रही है।

भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों को दिये जाने वाले विधवा पुनर्विवाह अनुदान राशि ₹1,00,000 से बढ़ा कर ₹2,00,000 की गई है।

शहिद सैनिकों के माता-पिता को दिये जाने वाले आर्थिक सहायता राशि ₹1,00,000 से बढ़ा कर ₹2,00,000 की गई है।

भूतपूर्व सैनिकों एवं उनके आश्रितों तथा वीर नारियों के समस्याओं के निराकरण हेतु राज्य के 31 जिलों में अनुश्रवण समिति का गठन किया जा चुका है एवं 07 जिलों में अनुश्रवण समिति के गठन की कार्रवाई की जा रही है।

द्वितीय विश्व युद्ध के विसज्जित सैनिकों के विधवाओं को वर्ष 2024-25 में ₹8,27,500 की आर्थिक सहायता राशि दी गई है।

बिहार निवासी शौर्य पुरस्कार विजेताओं को दिये जा रहे नगद राशि में निम्नवत् बढ़ोतरी की गर्न है

लिस्ट मिला लें पीडीएफ से

गृह रक्षा वाहिनी

वर्ष-2023 में राज्य में कुल 3273 गृहरक्षकों का एवं वर्ष 2024 में कुल 875 गृह रक्षकों का नामांकन किया गया है, जिन्हें बुनियादी प्रशिक्षण दिया गया है।

गृह रक्षकों के गुणवत्तापूर्वक प्रषिक्षण देने के लिए सेना के सेवानिवृत्त 13 प्रषिक्षक कार्यरत हैं।

इस वर्ष 11,180 गृह रक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया है।

बिहार गृह रक्षा वाहिनी के सभी जिला इकाई के कार्यालयों के बुनियादी ढाँचा का विकास किये जाने का लक्ष्य है। इसके लिए 05 जिला इकाई यथा-औरंगाबाद, छपरा, कटिहार, मुंगेर, जहानाबाद में कार्यालय भवन के निर्माण हेतु ₹44,39,99,000 की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की गयी है।

प्रशिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से बिहार गृह रक्षा वाहिनी, केन्द्रीय प्रशिक्षण संस्थान, बिहटा को एक आदर्श प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।

2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 15 सहित गृह रक्षकों के परिवारों को 15-15 लाख कुल 2.25 करोड़ रूपये का भुगतान किया गया है। इसके अलावा 72 घायल / बीमार गृहरक्षकों को बड़े अस्पतालों में ईलाज की सुविधा दी गयी।

जनवरी 2024 से अबतक कर्तव्य के दौरान 228 मृत गृहरक्षकों के आश्रितों को अनुकम्पा के आधार पर नवनामांकित किया गया है। साथ ही 195 मृत गृहरक्षकों के आश्रितों को 4-4 लाख रूपये की दर से रू0 7.80 करोड़ का भुगतान किया गया है।

जनवरी 2024 से अबतक 2,995 सेवानिवृत्त गृहरक्षकों को 1.5 लाख रूपये की दर से कुल 44.93 करोड़ रूपये का सेवानिवृत्ति अनुदान का भुगतान किया जा चुका है।

अग्निशमन सेवा

वर्तमान में बिहार अग्निषमन सेवा के 4,991 पदाधिकारी/कर्मी कार्यरत हैं। कुल 798 (255 वाटर टेंडर, 15 वाटर बाउजर, 26 फोम टेंडर, 07 हाईड्रोलिक प्लेटफार्म, 475 M.T अग्निषामक वाहन, 12 मिस्ट मोटर साईकिल) अग्निषामक वाहन उपलब्ध है।

वर्तमान में 120 अ०ष० स्वीकृत है, जिसमें 46 अग्निषामालय भवन अपने परिसर में अवस्थि है। 16 अ०ष० भवन निर्माणाधीन है, 21 निविदा प्रक्रिया में है, 10 के लिए भूमि हस्तांतरित है।

बिहार अग्निशमन सेवा द्वारा अग्निक के कुल 2300 पदों पर सीधी भर्ती द्वारा नियुक्ति की गई है।

अग्निशमन प्रशिक्षण अकादमी बिहटा, पटना के लिए आवश्यक अग्निशमन उपकरण के क्रय हेतु ₹338.6764 लाख, 122 नये अग्निशामक वाहनों के क्रय हेतु ₹78 करोड़, 2380 अद्द फायरमैन हेमलेट के क्रय हेतु ₹35.70 लाख एवं 62 मीटर ऊचाई के हाईड्रोलिक प्लेटफॉर्म-सह-टर्म टेबुल एरियल लैडर कि क्रय हेतु ₹12.95 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है।

इस वर्ष कुल 4024 अग्निशमन कर्मियों को विभिन्न प्रषिक्षण संस्थानों (NFSC Nagpur,
बिहार अग्नि प्रषिक्षण अकादमी, बिहटा, IDTR, औरंगाबाद एवं FSTI, NISA हैदराबाद) में प्रषिक्षण दिया गया।

आम लोगों को अग्नि सुरक्षा के संबंध में जागरूक करने हेतु इस वर्ष माह नवम्बर तक कुल 3,15,318 मॉकड्रिल, 32,019 स्थानों पर LED वैन से प्रचारण, 17,015 स्थानों पर नुक्कड़ नाटक तथा 47,610 बैनर होर्डिंग्स के माध्यम से जन-जागरूकता कार्यक्रम किये गये हैं।

जीविका दीदीयों के साथ कुल 45,447 बैठक एवं कुल 68,49,573 पैम्फलेट का वितरण एवं महत्वपूर्ण स्थानों पर बैनर होर्डिंग्स सूचना एवं जन-सम्पर्क विभाग के माध्यम से लगवाये गये हैं।

सोषल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बिहार अग्निशमन सेवा का पेज जेनरेट कर व्यापक स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।

वर्ष 2024 (नवम्बर तक) कुल 18211 सरकारी एवं निजी भवनों यथा-वैक्षणिक भवनों, अस्पतालों, होटलों, पेट्रोल पम्पों गैस एजेंसियों आदि का अंकेक्षण कराया गया है।

बिहार अग्निषमन सेवा नियमावली, 2021 के आलोक में नवसृजित राजपत्रित / अरापत्रित कोटि के पदों के लिए Uniform, Formation Sign (Insignia) Badges of Rank, Peak cap, Collar Patches आदि का निर्धारण किया गया है।

संवाददाता सम्मेलन के दौरान गृह विभाग के सचिव श्री प्रणव कुमार, विशेष सचिव, श्रीमती के० सुहिता अनुपम, अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) श्री कुन्दन कृष्णन् तथा श्री सुनील नायक, पुलिस महानिरीक्षक (गृह रक्षा वाहिनी एवं अग्निशाम सेवाएँ) भी उपस्थित थे।