अंचल अधिकारी, फुलवारीशरीफ पर 5,000 रूपये का डीएम ने लगाया दंड

जिलाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह द्वारा आज अपने कार्यालय-कक्ष में बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के तहत द्वितीय अपील में तथा बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 के तहत प्रथम अपील में शिकायतों की सुनवाई की गयी और उसका निवारण किया गया। लोक शिकायत निवारण में लापरवाही बरतने के आरोप में लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, फुलवारीशरीफ के विरूद्ध 5,000 रूपया का अर्थदंड लगाया गया।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा आज लोक शिकायत एवं सेवा शिकायत के कुल 12 मामलों की सुनवाई की गई एवं उसका समाधान किया गया।

दरअसल परिवादी श्री गौरी शंकर पंडित, पताः मेन रोड, उत्तरी संगत, फुलवारी शरीफ द्वारा जिलाधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील में परिवाद दायर किया गया था। अपीलार्थी की शिकायत दाखिल-खारिज पुनरीक्षण वाद के न्याय निर्णय के आलोक में जमाबंदी बहाल करने तथा भू-लगान रसीद निर्गत करने के संबंध में है। आवेदक द्वारा अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण कार्यालय, पटना सदर में दिनांक 20.09.2022 को ही परिवाद दायर किया गया था। जिलाधिकारी ने सुनवाई में पाया कि लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, फुलवारी शरीफ द्वारा 300 से अधिक दिनों में भी आवेदक के परिवाद के निवारण हेतु कोई ईमानदार एवं सार्थक प्रयास नहीं किया गया है। उनका प्रतिवेदन भी असंतोषजनक एवं भ्रामक है। अपर समाहर्ता के न्यायालय द्वारा भी परिवादी के पक्ष में निर्णय दिया गया है। फिर भी अंचल कार्यालय द्वारा परिवादी के जमीन की जमाबंदी बहाल करते हुए भू-लगान रसीद निर्गत नहीं किया जा रहा है।अनुमंडलीय लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी द्वारा भी लोक प्राधिकार के विरूद्ध प्रतिकूल टिप्पणी की गयी है। जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी अधिकारी का यह व्यवहार लोक शिकायत निवारण की मूल भावना के प्रतिकूल है। लोक प्राधिकार के इस कार्यशैली से आवेदक की समस्या का इतने दिनों में भी समाधान नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि यह उनकी स्वेच्छाचारिता, शिथिलता तथा संवेदनहीनता को प्रदर्शित करता है। जिलाधिकारी द्वारा इन आरोपों के कारण लोक प्राधिकार अंचल अधिकारी, फुलवारी शरीफ के विरूद्ध 5,000 रूपये का अर्थदंड लगाया गया। साथ ही भूमि सुधार उप समाहर्त्ता, पटना सदर को अपर समाहर्ता न्यायालय के आदेश के आलोक में परिवादी का पक्ष सुनते हुए स्थल निरीक्षण कर सारगर्भित प्रतिवेदन देने का निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि लोक शिकायतों एवं सेवा शिकायतों का ससमय तथा गुणवत्तापूर्ण निवारण अत्यावश्यक है। लोक प्राधिकारों को तत्परता प्रदर्शित करनी होगी।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 एवं बिहार सरकारी सेवक शिकायत निवारण नियमावली, 2019 का सफल क्रियान्वयन प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। सभी पदाधिकारी इसके लिए सजग, संवेदनशील तथा सक्रिय रहें।

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