रजिस्टर्ड डीलर ही कर सकेंगे पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री का कारोबार

पुराने वाहनों (दोपहिया, कार या अन्य वाहनों) की खरीद-बिक्री का कारोबार करने के लिए अब वाहन डीलर को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। जिला परिवहन कार्यालय से रजिस्टर्ड डीलर ही पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री कर सकेंगे। पुराने वाहनों का कारोबार करने वाले डीलरों को रेगुलराइज करने के लिए परिवहन विभाग तैयारी कर रहा है। परिवहन सचिव श्री संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इससे आम लोगों को पुरानी गाड़ी खरीदने के दौरान किसी भी तरह की धोखाधड़ी से बचने में मदद मिलेगी। पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री करने के व्यापार में आसानी होगी एवं पारदर्शिता भी आयेगी।

वाहन मालिक ऑनलाइन सूचना निधारित प्रपत्र में जरूर दें

मोटर वाहन नियमावली में परिवर्तन हो जाने से 1 अप्रैल 2023 से अब यह कानून जरूरी हो गया है कि ऐसे सभी डीलर अपना रजिस्ट्रेशन करवाए तथा वाहनों की खरीद बिक्री अधिकृत रूप से करें । कोई भी वाहन मालिक यदि अपना वाहन बेचते हैं तो वह इसकी ऑनलाइन सूचना निधारित प्रपत्र में जरूर दें और जैसे ही डीलर उस वाहन को अपने पास रखते हैं तो उसकी सूचना ऑनलाइन परिवहन विभाग को दे । इससे ऐसे वाहनों से यदि कोई अपराध की घटनाएं घटित होती है या एक्सीडेंट होता है तो वाहन मलिक की जवाबदेही नहीं रहेगी बल्कि डीलर इसके लिए जवाबदेह होंगे ।

डीलर को रखना होगा मूवमेंट रजिस्टर

डीलर के द्वारा ऐसे वाहन का उपयोग जब भी किया जाएगा या ट्रायल के लिए भेजा जाएगा तो उसका मूवमेंट रजिस्टर भी उन्हें रखना होगा । उनके यहां कितने गाड़ियां हैं इसका हिसाब भी उन्हें हमेशा रखना पड़ेगा । पुरानी गाड़ी खरीदने वालों के लिए भी अब काफी आसान होगा क्योंकि पहले डीलर की कोई जवाबदेही नहीं रहती थी अब डीलर की भी जवाबदेही रहेगी।

वर्तमान में अनधिकृत रुप से संचालित है यह कारोबार

राजधानी सहित विभिन्न जिलों में पुराने वाहनों के खरीद-बिक्री का करोबार व्यापक तौर पर फैला है। मुख्य सड़क से लेकर गली-मुहल्लों में पुरानी बाइक-स्कूटी व कार बाजार सजते हैं। वर्तमान में यह अनधिकृत रुप से संचालित है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री कर रहे वाहन डीलरों की प्रामाणिकता को लेकर प्राधिकार प्रमाण-पत्र बनाने की अधिसूचना जारी की गई थी। इसी के आलोक में कार्रवाई की जा रही है।

चोरी के वाहनों की बिक्री पर भी लगेगा अंकुश

पुराने वाहनों की खरीद-बिक्री करने वाले डीलरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य करने का नियम लागू करने का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी नहीं होगी। वाहनों का रिकॉर्ड समय पर अपडेट रहने के कारण चोरी के वाहनों की बिक्री पर भी अंकुश लगेगा। वाहनों को तस्करी, आपराधिक गतिविधियों में उपयोग लिए जाने जैसी घटनाओं पर अंकुश लगेगा।

डीलर को वाहन का रिन्यूवल के लिए आवेदन करने का होगा अधिकार

वाहन डीलरों को अपने कब्जे वाले वाहनों के पंजीयन प्रमाण-पत्र का नवीकरण कराने, फिटनेस प्रमाण-पत्र के नवीकरण, डुप्लीकेट पंजीयन प्रमाण-पत्र बनाने, एनओसी व स्वामित्व के हस्तांतरण के लिए आवेदन का अधिकार होगा। वाहन स्वामी को संबंधित डीलर को वाहन देने के बाद फार्म-29 (ग) जिसमें वाहन स्वामी व डीलर के हस्ताक्षर होंगे, को यह फार्म पोर्टल के माध्यम से वाहन पंजीयन अधिकारी को भेजना होगा। वाहन लेने और बेचने के बाद डीलर को इसकी जानकारी परिवहन विभाग को देनी होगी।

कैसे मिलेगा प्राधिकार प्रमाण-पत्र
वाहन डीलर को प्राधिकार प्रमाण-पत्र लेने के लिए परिवहन विभाग से जुड़े वाहन पोर्टल पर प्रारूप-29 (क) में आवेदन करना होगा। इसमें डीलर को अपना नाम, पता, कारोबार का स्थान, मोबाइल नंबर, पैन नंबर, जीएसटी नंबर व ईमेल-आइडी उपलब्ध करानी होगी।

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