नौकरी देने के मामले में बिहार ने विश्व रिकॉर्ड बनाया

राजद प्रवक्ता चित्तरंजन गगन ने कहा है कि मात्र 72 दिनों के अन्दर ढाई लाख ( 2.5 लाख ) नियुक्ति पत्र देकर नीतीश कुमार और तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व वाली बिहार सरकार ने विश्व कीर्तिमान बना कर एक नया इतिहास रचने का काम किया है।
पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान भी आज फिर एक बार नये इतिहास का गवाह बना जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव जी द्वारा छब्बीस हजार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया। ज्ञातव्य है कि बीपीएससी द्वारा आयोजित प्रतियोगी परीक्षा के माध्यम से नव चयनित 1,22,323 शिक्षकों को गत 2 नवम्बर 2023 को राजधानी पटना सहित राज्य के जिला मुख्यालयों पर नियुक्ति पत्र दिया गया था। मात्र बहत्तर दिनों के अंतराल पर इतनी बड़ी संख्या में एक साथ नियुक्ति पत्र दिए जाने का अबतक कोई इतिहास नहीं है।


राजद प्रवक्ता ने कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर राज्य भर में एक प्रकार से उत्सव का माहौल है। राज्य का शायद हीं कोई गांव बचा होगा जिस गांव के किसी व्यक्ति का चयन नहीं हुआ हो। वहीं भाजपा सहित एनडीए के घटक दलों के नेता इस राज्यव्यापी खुशी के माहौल को अपने फर्जी बयानों से बिगाड़ना चाहते हैं। और लोगों को भ्रमित करने का नापाक कोशिश कर रहे हैं। राजद प्रवक्ता ने कहा कि भाजपा द्वारा 2014 में लोकसभा चुनाव के समय कहा गया था कि प्रति वर्ष दो करोड़ नौजवानों को नौकरी देंगे। पर इसके उलट केन्द्र में भाजपा की सरकार बनने पर करोड़ों लोगों की नौकरियां छीन ली गई। सबसे बड़े नियोजन संस्थान सेना और रेलवे में अघोषित रूप से बहाली पर रोक लगा दी गई है। वही स्थिति अर्धसैनिक बलों की है। राजद प्रवक्ता ने कहा कि एक ओर भाजपा के सारे वादे जहां जुमला साबित हो रहे हैं वहीं उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने 2020 में बिहार विधानसभा चुनाव के समय 10 लाख नौजवानों को सरकारी नौकरी देने का जो संकल्प लिया था आज नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में बिहार सरकार तेजी से उस दिशा में आगे बढ़ रही है और महागठबंधन की सरकार द्वारा मात्र 17 महिने के शासन काल में हीं पांच लाख से ज्यादा नौकरियां दी जा चुकी हैं और 2025 के पहले दस लाख नौकरी देने का संकल्प भी पुरा होने वाला है। भाजपा नेता सुशील मोदी जब उपमुख्यमंत्री थे तो चुनौती देते थे और तेजस्वी यादव के संकल्प का मजाक उड़ाया करते थे। आज यदि उनमें नैतिकता है तो उन्हें सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।


राजद प्रवक्ता ने कहा कि शिक्षक भर्ती की जो प्रक्रिया अपनाई गई है इससे न केवल लाखों नौजवानों को नौकरी मिली है बल्कि इससे राज्य के सरकारी विधालयों के शिक्षण व्यवस्था में भी गुणात्मक सुधार होगा और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी मिलेगी। साथ हीं सरकारी विधालयों के प्रति लोगों का विश्वास भी बढ़ेगा। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने सत्ता में आने से पहले सरकारी स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने का जो संकल्प लिया था आज नीतीश जी के नेतृत्व वाली सरकार उसे भी अमलीजामा पहनाने का काम कर रही है।जो लोग भी शिक्षक बहाली पर आधारहीन आरोप लगा रहे हैं वे नहीं चाहते कि बिहार के सरकारी विधालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।

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