डीएम ने विभिन्न विभागों के ज़िला-स्तरीय पदाधिकारियों को परिवार नियोजन पखवाड़ा को सफल बनाने का दिया है निदेश

जिलाधिकारी, पटना श्री शीर्षत कपिल अशोक द्वारा जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने के लिए आज समाहरणालय से ई-रिक्शा (सारथी रथ) को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर उप विकास आयुक्त पटना, श्री तनय सुल्तानिया; सिविल सर्जन, पटना श्री श्रवण कुमार; जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (स्वास्थ्य), पटना श्री विवेक कुमार सिंह तथा अन्य भी उपस्थित थे। जिलाधिकारी ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण हमारे बेहतर विकास दर एवं जीवन की भौतिक गुणवत्ता सूचकांक के लिए आवश्यक है। इस उद्देश्य से मिशन परिवार विकास अभियान अंतर्गत दिनांक 12 से 24 फरवरी तक पूरे जिला में परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा का आयोजन होगा। 21 फरवरी, 2024 को परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाएगा। इसके परिप्रेक्ष्य में आज दिनांक 05 फरवरी से 11 फरवरी, 2024 तक दम्पति सम्पर्क सप्ताह मनाया जा रहा है जिसके अन्तर्गत घर-घर सर्वे-सह-पूर्व पंजीकरण किया जाएगा तथा लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूक भी किया जाएगा। आम जन में जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रत्येक प्रखण्ड एवं शहरी क्षेत्रों में में ई-रिक्शा (सारथी रथ) के माध्यम से जागरूकता अभियान प्रारंभ किया गया है। आज से पूरे जिला में 48 ई-रिक्शा घूम-घूमकर लोगों को जनसंख्या नियंत्रण हेतु प्रेरित करेगा। 25 ई-रिक्शा शहरी क्षेत्र में तथा 23 ई-रिक्शा सभी प्रखंडों के ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रमण करेगा। सभी रथ प्रचार-प्रसार सामग्रियों (आईईसी मैटेरियल्स) यथा डिस्प्ले, हैंडबिल, लिफलेट तथा साउण्ड सिस्टम से लैस है। रथों के परिचालन के लिए रूट-चार्ट बनाया गया है। इसी के अनुसार यह 11 फरवरी तक गाँव-गाँव तथा शहरी क्षेत्रों में घूमेगा। सभी ई-रिक्शा पर आशा फैसिलिटेटर को प्रतिनियुक्त किया गया है जिनके द्वारा आशा से समन्वय स्थापित किया जाएगा तथा आमजन द्वारा गर्भनिरोधक का स्थायी उपाय यथा छाया, माला-एन, ईजी एवं कंडोम की मांग किए जाने पर उन्हें स्थल पर ही उपलब्ध कराया जाएगा। ई-रिक्शा के माध्यम से परिवार नियोजन के लाभ, उपलब्ध सेवाएं तथा देय कार्य क्षतिपूर्ति एवं प्रोत्साहन राशि की जानकारी भी आम जन को उपलब्ध करायी जा रही है।

जिलाधिकारी ने कहा कि पखवाड़ा के दौरान प्रखंड से लेकर जिला स्तर तक स्वास्थ्य केन्द्रों में हेल्थ मेला भी लगाया जाएगा।

जिलाधिकारी ने कहा कि इन सभी कार्यक्रमों का मूल प्रयोजन परिवार नियोजन के प्रति आम लोगों में जागरूकता बढ़ाकर कुल प्रजनन दर (टीएफआर) को कम करना है। पखवाड़ा के तहत इच्छुक क्लायंट का बंध्याकरण ऑपरेशन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परिवार नियोजन से संबंधित गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध है। योग्य दम्पति इसका लाभ उठाएँ। सिविल सर्जन को निेदेश दिया गया है कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में परामर्श-सह-पंजीयन केन्द्र को क्रियाशील रखें । इन केेन्द्रों पर दक्ष स्टाफ नर्स, परिवार कल्याण परामर्शी तथा एएनएम की प्रतिनियुक्ति कर इच्छुक दम्पति को सेवा प्रदान की जाए। साथ ही ओपीडी, एएनसी सर्विस प्वायंट, प्रसव कक्ष एवं टीकाकरण केन्द्र पर भी डिस्प्ले ट्रे तथा प्रचार-प्रसार सामग्रियों के माध्यम से परामर्श करते हुए इच्छुक लाभार्थियों केा परिवार नियोजन सेवा उपलब्ध कराने का निदेश दिया गया है।

जिलाधिकारी ने निदेश दिया कि परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत प्रदत्त निःशुल्क सेवाएँ एवं लाभार्थियों तथा उत्प्रेरकों को प्रदान की जाने वाली राशि का भुगतान तत्परता से करें।

जिलाधिकारी ने सभी से आह्वान करते हुए कहा कि पखवाड़ा के दौरान प्रत्येक योग्य दम्पति तक पहुँच तथा जनसंख्या स्थिरीकरण के सपने को साकार करने का संकल्प लें।

जिलाधिकारी श्री शीर्षत कपिल अशोक ने सिविल सर्जन, अनुमंडल अस्पतालों के उपाधीक्षकों, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (आईसीडीएस), जिला कल्याण पदाधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक (जीविका), प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों एवं अन्य संबंधित पदाधिकारियों को निदेश दिया है कि जनसंख्या स्थिरीकरण के प्रति नियमित तौर पर जागरूकता अभियान चलाएँ। लोगों को परिवार नियोजन की आवश्यकता के बारे में बताएँ। उन्हें इस तथ्य के प्रति जागरूक करें कि उच्च जनसंख्या घनत्व के कारण संसाधनों के उपयोग पर किस तरह प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। परिवार नियोजन कार्यक्रम अंतर्गत उपलब्ध सेवाओं की जानकारी आमजन तक पहुँचाएँ तथा योग्य दम्पतियों को इच्छित सेवा प्रदान करें। गाँव-गाँव तक लोगों को जागरूक करें।

डीएम श्री शीर्षत कपिल अशोक ने कहा कि पखवाड़ा के सफल आयोजन हेतु सभी संबंधित पदाधिकारी अन्तर्विभागीय समन्वय सुनिश्चित करेंगे। स्वास्थ्य के साथ-साथ त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं, आईसीडीएस, जीविका, कल्याण विभाग, सिविल सोसाईटी के बीच सार्थक समन्वय एवं सुदृढ़ संवाद रखेंगे। उन्होंने कहा कि माननीय जन- प्रतिनिधियों से अनुरोध कर उनकी इस अभियान में सहभागिता सुनिश्चित करें। इस अभियान में विकास मित्रों की महत्वपूर्ण भूमिका है। माइक्रोप्लान के अनुसार प्रखण्ड स्तर पर सभी सम्बद्ध विभागों के पदाधिकारियों के बीच को-ओर्डिनेशन बैठक करें। लक्ष्य के अनुसार उपलब्धि प्राप्त करने के लिए तत्परता से कार्य करें। लोगों के बीच संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन करें। पीएचसी-वार रूट चार्ट के अनुसार जागरूकता रथ से वृहत स्तर पर प्रचार-प्रसार करें। एएनएम को डेडिकेटेड काउंसेलिंग के लिए तैनात रखें। स्वास्थ्य संस्थानों तथा सार्वजनिक जगहों पर सूचना, शिक्षा एवं संचार (आईईसी) समग्रियों का प्रदर्शन करें। शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, स्वास्थ्य उप केन्द्रों तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों पर वीएचएसएनडी कार्यक्रमों में सास-बहू-बेटी सम्मेलन को निदेशित करें। आवश्यकतानुसार तीन से पाँच पीएचसी को पुरूष बंध्याकरण सेवाओं के लिए फर्स्ट रेफरल यूनिट के साथ सम्बद्ध करें। पीएचसी स्तर तक स्वास्थ्य संस्थावार सूचीबद्ध (इम्पैनल्ड) सर्जन रखें।
==========================

जिला कार्यक्रम प्रबंधक (स्वास्थ्य), पटना श्री विवेक कुमार सिंह द्वारा बताया गया कि पखवाड़ा के दौरान प्रति ब्लॉक 75 महिला बंध्याकरण तथा 5 पुरूष नसबंदी का लक्ष्य है। मेडिकल कॉलेज अस्पताल, अनुमंडल अस्पताल तथा शहरी पीएचसी रेफरल द्वारा महिला बंध्याकरण का लक्ष्य 100 तथा पुरूष नसबंदी का लक्ष्य 30 है। इस प्रकार महिला बंध्याकरण का कुल लक्ष्य 1,825 तथा पुरूष नसबंदी का कुल लक्ष्य 145 है। इस तरह पखवाड़ा के दौरान जिले में बंध्याकरण तथा नसबंदी का कुल लक्ष्य 1,970 है। डीएम ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को लक्ष्य के अनुसार उपलब्धि सुनिश्चित करने का निदेश दिया।
==========================

जिलाधिकारी ने पखवाड़ा के दौरान परिवार नियोजन सेवाओं के तहत प्रदान की जाने वाली सेवा यथा कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सूई(एमपीए), बंध्याकरण एवं नसबंदी की सेवा प्रदान करने पर विशेष रूप से ध्यान देने का निदेश दिया। जनसंख्या स्थिरीकरण की आवश्यकता, सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, बच्चों के बीच सही अंतर तथा छोटा परिवार के लाभ के बारे में आमजन के मध्य चर्चा कर, माँ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने तथा गर्भनिरोधक उपायों को अपनाने हेतु परामर्श दिया जाए।

डीएम ने स्वयंसेवी संस्थानों के माध्यम से सामुदायिक जागरूकता अभियान चलाने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि जिला मुख्यालय तथा प्रखंड मुख्यालय में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हेल्थ मेला का सफल आयोजन करें। जागरूकता उत्पन्न करने के लिए साईकिल रैली तथा सेमिनार का आयोजन करें। ओपीडी, प्रतिरक्षण केन्द्रों तथा काउंसिलिंग सेन्टर पर गर्भ निरोधक दवाओं का वितरण करें। इच्छुक लाभार्थियों को परिवार नियोजन की सेवा अवश्य उपलब्ध कराएँ। 21 फरवरी, 2024 को परिवार नियोजन दिवस का आयोजन किया जाएगा। पखवाड़ा के दौरान बंध्याकरण/नसबंदी से संबंधित गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध कराएँ।

डीएम ने निदेश दिया कि पखवाड़ा के दौरान

✓ मानक के अनुसार बंध्याकरण/नसबंदी से संबंधित गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध कराएँ।
✓ परिवार नियोजन सेवाओं के तहत प्रदान की जाने वाली सेवा यथा कॉपर-टी, गर्भनिरोधक सूई (एमपीए), बंध्याकरण एवं नसबंदी की सेवा प्रदान करने पर विशेष रूप से ध्यान दें।
✓ प्री-ऑपरेटिव (परामर्श, चिकित्सीय जाँच, पैथोलोजी जाँच इत्यादि) एवं पोस्ट-ऑपरेटिव केयर के लिए गठित मेडिकल टीम द्वारा निःशुल्क सेवा सुनिश्चित करें।
✓ शिविरों में मूलभूत सुविधाएँ जैसे बेड, पेयजल, पंखा इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रहनी चाहिए।
✓ डेडिकेटेड टीम द्वारा ऑपरेशन के बाद की सुविधाएँ सुनिश्चित की जानी चाहिए।
✓ बंध्याकरण एवं नसबंदी कराए गए व्यक्तियों को उनके घर तक एम्बुलेंस से पहुँचाना सुनिश्चित करें।
✓ सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ‘‘अंतरा एवं छाया’’ सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें।
✓ शहरी पीएचसी, अतिरिक्त पीएचसी एवं हेल्थ एवं वेलनेस सेन्टर में आईयूसीडी सुविधाओं की उपलब्धता प्रशिक्षित सेवा प्रदाता द्वारा नियमानुसार सुनिश्चित करें।
✓ कंडोम बॉक्सेज के द्वारा कंडोम का वितरण सुनिश्चित कराएँ।
✓ सभी सम्बद्ध स्वास्थ्य संस्थानों में सेल्फ हेल्प किट उपलब्ध रहना चाहिए।
✓ जनसंख्या स्थिरीकरण की आवश्यकता, सही उम्र में शादी, पहले बच्चे में देरी, बच्चों के बीच सही अंतर तथा छोटा परिवार के लाभ के बारे में आमजन के मध्य चर्चा कर, माँ और शिशु स्वास्थ्य को बेहतर करने तथा गर्भनिरोधक उपायों को अपनाने हेतु परामर्श दिया जाए।

जिलाधिकारी ने सिविल सर्जन, पटना को रथों के परिचालन तथा परिवार नियोजन पखवाड़ा के आयोजन का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया।

You may have missed