फिल्मों में लोक गीत शामिल करने से उसके हिट होने की गारंटी हो जाती हैः शारदा सिन्हा

प्रसिद्ध लोक गायिका पद्मश्री शादा सिन्हा ने कहा है कि फिल्मों में लोक गीतों को शामिल किए जाने के फिल्मों का हिट होने निश्चित हो जाता है इसके कई उदाहरण देखने को मिलते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ नए कलाकर गीतों में नया प्रयोग कर रहे हैं लेकिन वे संस्कृति एवं धरोहर की मूलता का ख्याल नहीं रखते हैं। उन्होंने कहा कि कलाकर संस्कृति एवं धरोहर की मूलता को बरकरार रखते हुए नये प्रयोग करें।

श्रीमति शारदा सिन्हा नेश्नल स्कूल आफ ड्रामा के तत्वाधान में भारत रंग महोत्सव के अंतर्गत कालीदास रंगालय में आयोजित ‘अलाइड इवेंट, लीविंग लीजेंड श्रीमति शरदा सिन्हा’ कार्यक्रम में अपने विचार रख रही थीं। उन्होंने कहा कि आज कल अच्छी आवाजें सुनने को मिल रहीं हैं लेकिन उनके शब्दों को नहीं सुन पाएंगे। अच्छी अवाजें आज बर्बाद हो रही हैं। आटो ट्यून के कारण दिशाहिन्ता आ गई है। बिना इंट्रूमेंट के लोग गा भी नहीं सकते हैं।

उन्होंने कहा कि नाटक और ड्रामा को और भी आगे बढ़ना चाहिए। इसकी अच्छी पढ़ाई होनी चाहिए। पटना में इसके कई संेटर्स होने चाहिए। युवा अपने संस्कार को न भूलें और जिस भी क्षेत्र में विशेष कर जो कला के क्षेत्र में हैं स्वस्थ्य परम्परा को कायम रखें। आगे बढ़ने के लिए मेहनत करें। कम मेहनत में हम आगे बढ़ जाएं इस धारणा को छोड़ कर मेहनत करना सीखें। लग्न और निष्ठा ही अस्त्र है। इसके द्वारा ही जीवन में सफलता मिलेगी।

‘अलाइड इवेंट, लीविंग लीजेंड श्रीमति शरदा सिन्हा’ कार्यक्रम में उन्होंने बचपन से लेकर अब तक की अपने जीवन यात्रा से उपस्थित कलाकारों को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि उन्हें आगे बढ़ने में पिता जी का काफी योगदान रहा। विवाह के बाद सासु जी इसके लिए राजी नहीं थीं कि मैं सार्वजनिक मंच पर अपनी कला का प्रदर्शन करूं लेकिन मेरे पति ने मेरा काफी साथ दिया।

इस अवसर पर उन्होंने कई लोक गीत एवं मैंने प्यार किया, हम आपके हैं कौन एवं गैंग्स आॅफ वासेपुर के गीतों के सााथ छठ के गीत की भी प्रस्तुति की।

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